ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

रविवार, 30 दिसंबर 2018

एकांत



      मैं चर्च के जिस कमरे में सहायता कर रही थी वहाँ बहुत कार्य और चहल-पहल थी। लगभग एक दर्जन बच्चे बातचीत कर रहे थे, खेल रहे थे। वहाँ इतनी अधिक गतिविधि हो रही थी कि कमरा गर्म होने लगा और मैंने दरवाज़े को थोड़ा सा खोल दिया। एक छोटे लड़के ने इसमें अपने बच निकलने का अवसर देखा, और जैसे ही उसे लगा कि उसे कोई नहीं देख रहा है, वह चुपचाप, दबे पाँव, दरवाज़े से बाहर निकल गया। मैं भी उसके पीछे-पीछे गई, और मुझे कोई अचरज नहीं हुआ यह देखकर कि वह सीधा अपने पिता की ओर जा रहा था।

      उस छोटे लड़के ने वह किया जो हमें करना चाहिए जब जीवन व्यस्त और अभिभूत करने वाला हो जाता है – अलग निकल कर पिता के पास चले जाएँ। प्रभु यीशु अपने स्वर्गीय पिता के साथ प्रार्थना में समय बिताने के अवसर ढूँढा करते थे। कोई यह कह सकता है कि उनकी शारीरिक ऊर्जा को कम करने वाली बातों का सामना और पूर्ति करने के लिए यही उनका तरीका था। परमेश्वर के वचन बाइबल में, मत्ती रचित सुसमाचार में, लिखा है कि प्रभु यीशु किसी एकांत स्थान की ओर जा रहे थे कि लोगों की भीड़ उनके पीछे हो ली। उनकी आवश्यकताओं को देखकर प्रभु ने चमत्कारिक रीति से उन्हें चंगाइयां दीं और उन्हें खिलाया भी। परन्तु यह सब करने के पश्चात वे “प्रार्थना करने को अलग पहाड़ पर चला गया” (पद 23)।

      प्रभु यीशु ने अनेकों बार बहुतेरे लोगों की सहायता की, परन्तु उन्होंने अपने आप को थका हुआ और जल्दबाज़ी में पड़ा हुआ नहीं होने दिया। वे परमेश्वर के साथ अपने संबंध को प्रार्थना द्वारा पोषित करते थे। आप की क्या स्थिति है? क्या आप परमेश्वर के सामर्थ्य और भरपूरी का अनुभव करने के लिए उसके साथ एकांत में समय बिताएंगे? – जेनिफर बेन्सन शुल्ट


हम जब परमेश्वर के निकट आते हैं तो हमारे मन तार-ओ-ताज़ा और हमारा बल नया हो जाता है।

परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। - यशायाह  40:31

बाइबल पाठ: मत्ती 14:13-23
Matthew 14:13 जब यीशु ने यह सुना, तो नाव पर चढ़कर वहां से किसी सुनसान जगह एकान्‍त में चला गया; और लोग यह सुनकर नगर नगर से पैदल उसके पीछे हो लिए।
Matthew 14:14 उसने निकलकर बड़ी भीड़ देखी; और उन पर तरस खाया; और उसने उन के बीमारों को चंगा किया।
Matthew 14:15 जब सांझ हुई, तो उसके चेलों ने उसके पास आकर कहा; यह तो सुनसान जगह है और देर हो रही है, लोगों को विदा किया जाए कि वे बस्‍तियों में जा कर अपने लिये भोजन मोल लें।
Matthew 14:16 यीशु ने उन से कहा उन का जाना आवश्यक नहीं! तुम ही इन्हें खाने को दो।
Matthew 14:17 उन्होंने उस से कहा; यहां हमारे पास पांच रोटी और दो मछिलयों को छोड़ और कुछ नहीं है।
Matthew 14:18 उसने कहा, उन को यहां मेरे पास ले आओ।
Matthew 14:19 तब उसने लोगों को घास पर बैठने को कहा, और उन पांच रोटियों और दो मछिलयों को लिया; और स्वर्ग की ओर देखकर धन्यवाद किया और रोटियां तोड़ तोड़कर चेलों को दीं, और चेलों ने लोगों को।
Matthew 14:20 और सब खाकर तृप्‍त हो गए, और उन्होंने बचे हुए टुकड़ों से भरी हुई बारह टोकिरयां उठाईं।
Matthew 14:21 और खाने वाले स्‍त्रियों और बालकों को छोड़कर पांच हजार पुरूषों के अटकल थे।
Matthew 14:22 और उसने तुरन्त अपने चेलों को बरबस नाव पर चढ़ाया, कि वे उस से पहिले पार चले जाएं, जब तक कि वह लोगों को विदा करे।
Matthew 14:23 वह लोगों को विदा कर के, प्रार्थना करने को अलग पहाड़ पर चढ़ गया; और सांझ को वहां अकेला था।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 13-14
  • प्रकाशितवाक्य 21



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें