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गुरुवार, 28 मार्च 2013

महिमा


   कैन्सस प्रांत की २००९ प्रांतीय हाई-स्कूल स्पर्धाओं में एक बड़ी विचित्र घटना घटी। जिस टीम ने 3,200 मीटर महिला रिले दौड़ में जीत पाई उसे अयोग्य ठहराकर पदक लेने से रोक दिया गया। जो इसके बाद हुआ वह और भी विचित्र था, जिस टीम को विजयी घोषित करके स्वर्ण पदक दिया गया, उन्होंने अपने पदक जाकर अयोग्य ठहराई गई टीम को दे दिए।

   हुआ यूँ था कि पहले विजय पाने वाली सेन्ट मेरीस कोलगन स्कूल की टीम को नीरिक्षण करने वाले अम्पायरों ने इसलिए अयोग्य ठहराया क्योंकि रिले का डंडा थमाते हुए एक लड़की ने अपना ट्रैक छोड़ दिया था। इस कारण दूसरे नंबर पर आने वाली मरानथा एकैडमी कि टीम को प्रथम स्थान पर घोषित किया गया और उन्हें स्वर्ण पदक का हकदार माना गया। जब मरानथा एकैडमी की लड़कियों ने सेन्ट मेरीस कोलगन की लड़कियों के उतरे हुए उदास चेहरे देखे तो उन्होंने वे पदक जाकर उन्हें दे दिए।

   उन लड़कीयों ने ऐसा क्यों किया? मरानथा एकैडमी की प्रशिक्षिका ने बताया, इस वर्ष हमारा उद्देश्य था कि हम अपनी नहीं परमेश्वर की महिमा के लिए स्पर्धाओं में भाग लेंगे। और उनके इस कार्य से उनका यह ध्येय पूरा भी हुआ क्योंकि इस घटना की चर्चा सारे प्रांत में दूर दूर तक हुई और परमेश्वर के नाम को महिमा मिली।

   जब हम अपने स्वार्थ और उपलब्धियों की नहीं वरन दूसरों के हित की चिन्ता करके कार्य करते हैं तो परमेश्वर के नाम को महिमा मिलने के अवसर बनते हैं। दूसरों के साथ प्रेम और करुणा में होकर व्यवहार करना हमारे प्रेमी और करुणामय परमेश्वर पिता के बारे में उनकी रुचि जागृत करने का एक अच्छा तरीका है। - डेव ब्रैनन


यदि हम परमेश्वर से प्रेम करते हैं तो लोगों की सेवा भी करेंगे।

और तुम इसी के लिये बुलाए भी गए हो क्योंकि मसीह भी तुम्हारे लिये दुख उठा कर, तुम्हें एक आदर्श दे गया है, कि तुम भी उसके चिन्ह पर चलो। - 1 पतरस 2:21

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 2:4-11
Philippians 2:4 हर एक अपनी ही हित की नहीं, वरन दूसरों की हित की भी चिन्‍ता करे।
Philippians 2:5 जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो।
Philippians 2:6 जिसने परमेश्वर के स्‍वरूप में हो कर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्तु न समझा।
Philippians 2:7 वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्‍वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया।
Philippians 2:8 और मनुष्य के रूप में प्रगट हो कर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली।
Philippians 2:9 इस कारण परमेश्वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्ठ है।
Philippians 2:10 कि जो स्वर्ग में और पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे है; वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें।
Philippians 2:11 और परमेश्वर पिता की महिमा के लिये हर एक जीभ अंगीकार कर ले कि यीशु मसीह ही प्रभु है।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायीयों 4-6 
  • लूका 4:31-44


बुधवार, 27 मार्च 2013

अधूरा सच


   परमेश्वर के बारे में सही जानकारी रखना हम सब के लिए अति आवश्यक है। अधूरी जानकारी गलत धारणाओं को और गलत व्यवहार को जन्म देती है और हमें परमेश्वर की आज्ञाकारिता में बने रहने नहीं देती, हमारी आशीषों के मार्ग में रुकावट बन जाती है। यर्मियाह नबी के समय में धर्म के अगुवे लोगों को मन-गढ़ंत बातों से भरमा रहे थे और लोगों को गलत मार्ग पर डाल रहे थे। उनके इस असत्य के कारण लोग परमेश्वर के सही स्वरूप को नहीं जान पा रहे थे (यर्मियाह 25:25-32)।

   इसी प्रकार परमेश्वर के नाम पर लोगों को मन-गढ़ंत बातें सुनाने वाले आज भी बहुतेरे हैं। कुछ लोग परमेश्वर को एक क्रोधी, प्रतिशोधी और गलतीयों के लिए दण्ड देने को तत्पर परमेश्वर के रूप में प्रस्तुत करते हैं जिससे लोगों को डरा कर, परमेश्वर के क्रोध को शांत करने तथा उसको प्रसन्न करने के बहाने से लोगों से अच्छी कमाई कर सकें। परन्तु परमेश्वर ने अपने नाम को जब मूसा पर प्रकट किया तो कहा: "और यहोवा उसके साम्हने हो कर यों प्रचार करता हुआ चला, कि यहोवा, यहोवा, ईश्वर दयालु और अनुग्रहकारी, कोप करने में धीरजवन्त, और अति करूणामय और सत्य, हजारों पीढिय़ों तक निरन्तर करूणा करने वाला, अधर्म और अपराध और पाप का क्षमा करने वाला है,..." (निर्गमन 34:6)।

   कुछ अन्य हैं जो अपनी मन-मानी करने और असत्य का जीवन व्यतीत करके संसार मे समृद्धि प्राप्त करने के लिए परमेश्वर के न्याय से मुँह मोड़ कर रहना चाहते हैं और दुसरों को भी यही सिखाते हैं। वे इस बात को लेकर चलते हैं कि परमेश्वर तो दयालु और प्रेमी परमेश्वर है, वह ऐसे ही सब क्षमा कर देगा, सब व्यवहार को अनदेखा कर देगा। लेकिन अपने नाम की इसी व्याख्या में परमेश्वर ने मूसा से यह भी कहा "...परन्तु दोषी को वह किसी प्रकार निर्दोष न ठहराएगा, वह पितरों के अधर्म का दण्ड उनके बेटों वरन पोतों और परपोतों को भी देने वाला है" (निर्गमन 34:6)। परमेश्वर ने मूसा को यह भी चिताया: "झूठे मुकद्दमे से दूर रहना, और निर्दोष और धर्मी को घात न करना, क्योंकि मैं दुष्ट को निर्दोष न ठहराऊंगा" (निर्गमन 23:7)।

   परमेश्वर खरा न्यायी और प्रेमी पिता दोनों ही है। जो उसकी चेतावनियों को अनसुना करके अपनी मन-मरज़ी में और पापों मे बने रहते हैं उन्हें उसके न्याय का सामना करना पड़ेगा, परन्तु जो उस की बात मानकर पापों से पश्चाताप कर लेते हैं अपने जीवन उसे समर्पित कर देते हैं वे पाप क्षमा की आशीष और उसके प्रेमी पिता होने की करुणा को अनुभव करते हैं। दोनों में से केवल एक ही बात पर ज़ोर देना और दूसरी को नज़रंदाज़ करना परमेश्वर के विषय में अधूरा सच बयान करना है।

   परमेश्वर नहीं चाहता कि कोई भी व्यक्ति नाश हो, वह सबको मन फिराव, पाप क्षमा और उद्धार का अवसर देता रहता है: "प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले" (2 पतरस 3:9)। लेकिन उसका यह धैर्य और विलंब से कोप करना हमारे लिए मनमानी करने और उसकी चेतावनीयों को नज़रंदाज़ करने का बहाना नहीं होना चाहिए, क्योंकि उसका न्याय कभी भी अनपेक्षित रूप में आ जाएगा और जब आएगा तब किसी को कोई अवसर नहीं रहेगा (2 पतरस 3:10)। किसी अधूरे सच पर नहीं वरन सच्चे परमेश्वर के सच्चे स्वरूप प्रभु यीशु और उसके जीवते वचन बाइबल पर ही विश्वास रखिए।

   क्या आप अभी उसके सामने खड़े होने के लिए तैयार हैं? - जूली ऐकैरमैन लिंक


परमेश्वर का सामना सबको करना ही है; यह आपके हाथ में है कि आप उससे न्यायी के रूप में मिलना चाहते हैं या पिता के।

यहोवा की यह भी वाणी है कि जो बिना मेरे भेजे वा बिना मेरी आज्ञा पाए स्वप्न देखने का झूठा दावा कर के भविष्यद्वाणी करते हैं, और उसका वर्णन कर के मेरी प्रजा को झूठे घमण्ड में आकर भरमाते हैं, उनके भी मैं विरुद्ध हूँ; और उन से मेरी प्रजा के लोगों का कुछ लाभ न हेगा। - यर्मियाह 25:32

बाइबल पाठ: 2 पतरस 3:9-18
2 Peter 3:9 प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले।
2 Peter 3:10 परन्तु प्रभु का दिन चोर की नाईं आ जाएगा, उस दिन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट के शब्द से जाता रहेगा, और तत्‍व बहुत ही तप्‍त हो कर पिघल जाएंगे, और पृथ्वी और उस पर के काम जल जाऐंगे।
2 Peter 3:11 तो जब कि ये सब वस्तुएं, इस रीति से पिघलने वाली हैं, तो तुम्हें पवित्र चाल चलन और भक्ति में कैसे मनुष्य होना चाहिए।
2 Peter 3:12 और परमेश्वर के उस दिन की बाट किस रीति से जोहना चाहिए और उसके जल्द आने के लिये कैसा यत्‍न करना चाहिए; जिस के कारण आकाश आग से पिघल जाएंगे, और आकाश के गण बहुत ही तप्‍त हो कर गल जाएंगे।
2 Peter 3:13 पर उस की प्रतिज्ञा के अनुसार हम एक नए आकाश और नई पृथ्वी की आस देखते हैं जिन में धामिर्कता वास करेगी।।
2 Peter 3:14 इसलिये, हे प्रियो, जब कि तुम इन बातों की आस देखते हो तो यत्‍न करो कि तुम शान्‍ति से उसके साम्हने निष्‍कलंक और निर्दोष ठहरो।
2 Peter 3:15 और हमारे प्रभु के धीरज को उद्धार समझो, जैसे हमारे प्रिय भाई पौलुस न भी उस ज्ञान के अनुसार जो उसे मिला, तुम्हें लिखा है।
2 Peter 3:16 वैसे ही उसने अपनी सब पत्रियों में भी इन बातों की चर्चा की है जिन में कितनी बातें ऐसी है, जिनका समझना कठिन है, और अनपढ़ और चंचल लोग उन के अर्थों को भी पवित्र शास्त्र की और बातों की नाईं खींच तान कर अपने ही नाश का कारण बनाते हैं।
2 Peter 3:17 इसलिये हे प्रियो तुम लोग पहिले ही से इन बातों को जान कर चौकस रहो, ताकि अधर्मियों के भ्रम में फंस कर अपनी स्थिरता को हाथ से कहीं खो न दो।
2 Peter 3:18 पर हमारे प्रभु, और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनुग्रह और पहचान में बढ़ते जाओ। उसी की महिमा अब भी हो, और युगानुयुग होती रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायीयों 1-3 
  • लूका 4:1-30


मंगलवार, 26 मार्च 2013

सही पहचान


   प्रसिद्ध समुद्री यात्री क्रिस्टोफर कोलम्बस की यात्राओं के बारे में सभी ने पढ़ा होगा। उनकी एक यात्रा से संबंधित कहानी है कि जब उनके पोत जैमिका के तट के पास लंगर डाल कर खड़े हुए थे तो उनकी भोजन सामग्री लगभग समाप्त हो चली। ऐसे में वहाँ के मूल निवासीयों ने उन्हें भोजन उपलब्ध कराया, लेकिन धीरे धीरे यह भी घटने लगा और भोजन के आभाव में नाविकों को परेशानी होने लगी। खगोल विद्या की पुस्तकों के द्वारा कोलम्बस जानता था कि शीघ्र ही चन्द्रग्रहण आने वाला है। उसने द्वीप निवासीयों के अगुवों को बुलाया और उन से कहा कि परमेश्वर उनके इस स्वार्थी बर्ताव से खिन्न है और चेतावनी के रूप में शीघ्र ही चन्द्रमा को अंधेरा कर देगा। पहले तो द्वीप के निवासी कोलम्बस का उपहास करने लगे, परन्तु जब चन्द्र-ग्रहण लगा तो वे डर गए और उन्हें तुरंत भोजन वस्तुएं दे दीं। तब कोलम्बस ने उन से कहा कि वह परमेश्वर से प्रार्थना करेगा और परमेश्वर चन्द्रमा को फिर से रौशन कर देगा। चाहे कोलम्बस की परिस्थिति को देखते हुए उसकी इस कुटिलता के लिए हम उसके साथ सहानुभूति रख सकते हैं, परन्तु सत्य तो यही है कि उसने परमेश्वर के नाम को अपनी स्वार्थ सिद्धी के लिए प्रयोग किया, भोले और अनजान लोगों को परमेश्वर के नाम से धोखा दिया, जो सर्वथा अनुचित था।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में इस प्रकार के व्यवहार का कोई समर्थन नहीं है। प्रेरित पौलुस ने कुरिन्थुस की मण्डली को लिखी अपनी दूसरी पत्री में परमेश्वर के नाम द्वारा छलने वाले धूर्त लोगों के संबंध में लिखा: "क्योंकि हम उन बहुतों के समान नहीं, जो परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं; परन्तु मन की सच्चाई से, और परमेश्वर की ओर से परमेश्वर को उपस्थित जानकर मसीह में बोलते हैं" (2 कुरिन्थियों 2:17)। अपनी अन्य पत्रियों में भी पौलुस ने इस बात के बारे में चिताया है।

   हम मसीही विश्वासियों को बहुत चौंकन्ना रहना है कि हम अपनी मनसा को ऊपर रखने के लिए परमेश्वर के वचन का दुरूपयोग नहीं करें, और ना ही इस पवित्र वचन की व्याख्या स्वार्थ-सिद्धी के लिए करें वरन परमेश्वर को समर्पित मन और जीवन के अनुरूप परमेश्वर के वचन के सत्य लोगों के साथ ईमानदारी और खराई के साथ बाँटें। अपने वचन और व्यवहार, दोनो के द्वारा संसार को जगत के उद्धारकर्ता मसीह यीशु की सही पहचान देना हमारा कर्तव्य है। - डेनिस फिशर


परमेश्वर के वचन को लोगों के साथ बाँटने का उद्देश्य अपनी समृद्धि नहीं लोगों की उन्नति है।

और मैं तुम से कहता हूं, कि जो जो निकम्मी बातें मनुष्य कहेंगे, न्याय के दिन हर एक बात का लेखा देंगे। - मत्ती 12:36

बाइबल पाठ: रोमियों 16:17-18; फिलिप्पियों 3:17-19
Romans 16:17 अब हे भाइयो, मैं तुम से बिनती करता हूं, कि जो लोग उस शिक्षा के विपरीत जो तुम ने पाई है, फूट पड़ने, और ठोकर खाने के कारण होते हैं, उन्हें ताड़ लिया करो; और उन से दूर रहो।
Romans 16:18 क्योंकि ऐसे लोग हमारे प्रभु मसीह की नहीं, परन्तु अपने पेट की सेवा करते है; और चिकनी चुपड़ी बातों से सीधे सादे मन के लोगों को बहका देते हैं।

Philippians 3:17 हे भाइयो, तुम सब मिलकर मेरी सी चाल चलो, और उन्हें पहिचान रखो, जो इस रीति पर चलते हैं जिस का उदाहरण तुम हम में पाते हो।
Philippians 3:18 क्योंकि बहुतेरे ऐसी चाल चलते हैं, जिन की चर्चा मैं ने तुम से बार बार किया है और अब भी रो रोकर कहता हूं, कि वे अपनी चालचलन से मसीह के क्रूस के बैरी हैं।
Philippians 3:19 उन का अन्‍त विनाश है, उन का ईश्वर पेट है, वे अपनी लज्ज़ा की बातों पर घमण्‍ड करते हैं, और पृथ्वी की वस्‍तुओं पर मन लगाए रहते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 22-24 
  • लूका 3


सोमवार, 25 मार्च 2013

असफल और अविश्वासयोग्य?


   जब कभी मेरी पत्नि को कुछ ऐसा खाना बनाना होता है जिसका कोई भाग कोयले की आँच पर सेक कर या तंदूर में डाल कर पकाया जाय तो यह सेकना और तंदूर का काम करना मेरी जिम्मेवारी होती है। यद्यपि मैं कोई बहुत अच्छा बावर्ची नहीं हूँ लेकिन कोयलों पर या तंदूर में सिकते हुए भोजन से उठने वाली गन्ध मुझे बहुत अच्छी लगती है, और यह करते हुए कुछ बीती बातें भी स्मरण हो आती हैं। इसलिए परमेश्वर के वचन बाइबल में यूहन्ना २१:९ में "कोयले की आग" के उल्लेख ने मेरा ध्यान खींचा, और मैं सोचने लगा कि क्यों अविश्वासयोग्य रहे पतरस की प्रभु यीशु द्वारा पुनःबुलाहट के इस वृतांत में यूहन्ना ने इस आग का भी ज़िक्र किया?

   इस अध्याय के पहले तीन पद पढ़ने से यह स्पष्ट है कि पतरस मछली पकड़ने के अपने पुराने व्यवसाय की ओर फिर से लौट रहा था। इससे कुछ दिन पहले पतरस बड़े बड़े दावे करने के बावजूद भी प्रभु यीशु का तीन बार इन्कार कर चुका था, और तीनों बार यह कार्य आग पर हाथ सेकते हुए प्रभु के विरोधियों के साथ मिल-बैठकर पतरस द्वारा भी आग पर हाथ सेकने समय हुआ (यूहन्ना 18:17-18)। तो अब जब पतरस प्रभु का इन्कार कर लोगों की नज़रों से गिर चुका, तो फिर वापस अपने पुराने धंधे में लौट जाने में क्या बुरा हो सकता था?

   जब पतरस और उसके साथी रात भर झील में जाल डालते रहे, तो उनके जाने बिना किनारे पर प्रभु यीशु आया और वहाँ पर उनके लिए आग जलाई और नाश्ता तैयार कर दिया। क्या यह आग जलाना केवल संयोग था? मैं ऐसा नहीं सोचता। उस जलती हुई आग और प्रभु यीशु की वहाँ उपस्थिति ने अवश्य ही पतरस के मन में कुछ ही दिन पहले की वे शर्मनाक यादें जगा दी होंगी जब अपनी जान के जोखिम से बचने के लिए उसने एक और आग के पास प्रभु का तीन बार इन्कार किया था। लेकिन प्रभु यीशु ने उससे किसी दुर्भावना में होकर व्यवहार नहीं किया। उसने पतरस को प्रेम से बुलाया, उसे नाश्ता कराया और फिर से उसे अपने लिए सेवकाई करने की ज़िम्मेदारी सौंप दी।

   ज़रा विचार कीजिए, हमारी असफलताओं और अविश्वासयोग्यता के बावजूद भी प्रभु यीशु हमें त्यागता नहीं, ना ही हमें लज्जित करता है; वरन वह अपने बड़े प्रेम में होकर हमें फिर से खड़ा करता है, सामर्थ देता है, और फिर से अपनी सेवकाई के लिए तैयार करके उसके लिए भेजता है। यदि केवल सिद्ध और योग्य लोग उसके लिए कार्य कर सकते तो क्या प्रभु यीशु को कार्य करने के लिए संसार में से कोई मिलता? यह प्रभु यीशु की महिमा और महानता है कि वह संसार के पापी, पराजित और अयोग्य लोगों को ले लेता है, ऐसों को जो जिनके लिए वह जानता है कि वे उसके प्रति वफादार भी नहीं रह पाएंगे, लेकिन फिर भी उन्हें स्वर्गीय सामर्थ और योग्यता से भरकर स्वर्गीय सेवकाई के लिए संसार में भेजता है, उनकी कमज़ोरीयों और असफलताओं में उनके प्रति धैर्यवान और सहिषुण रहता है, उनके गिरने पर भी उन्हें दुत्कारता नहीं, त्यागता नहीं वरन फिर से प्रेम सहित उठाकर खड़ा करता है और फिर से तैयार कर के फिर से उसी सेवकाई के लिए भेजता है।

   जो अपना हाथ एक बार प्रभु के हाथों में दे देता है, वह सदा सदा के लिए प्रभु का जन हो जाता है; प्रभु उसे फिर कभी नहीं छोड़ता, कभी नहीं त्यागता, और सदा उससे प्रेम करता है, सदा उसकी भलाई ही करता है। क्या आपने प्रभु यीशु के प्रेम को स्वीकार कर के अपना हाथ प्रभु यीशु के हाथों में दे दिया है? - जो स्टोवैल


सिद्ध ना होना हमें परमेश्वर की सेवकाई के अयोग्य नहीं करता; यह केवल उसकी करुणा पर हमारी निर्भरता को और दृढ़ कर देता है।

मनुष्य की गति यहोवा की ओर से दृढ़ होती है, और उसके चलन से वह प्रसन्न रहता है; चाहे वह गिरे तौभी पड़ा न रह जाएगा, क्योंकि यहोवा उसका हाथ थामे रहता है। - भजन 37:23-24

बाइबल पाठ: यूहन्ना 21:3-17
John 21:3 शमौन पतरस ने उन से कहा, मैं मछली पकड़ने को जाता हूं: उन्होंने उस से कहा, हम भी तेरे साथ चलते हैं: सो वे निकलकर नाव पर चढ़े, परन्तु उस रात कुछ न पकड़ा।
John 21:4 भोर होते ही यीशु किनारे पर खड़ा हुआ; तौभी चेलों ने न पहचाना कि यह यीशु है।
John 21:5 तब यीशु ने उन से कहा, हे बालकों, क्या तुम्हारे पास कुछ खाने को है? उन्होंने उत्तर दिया कि नहीं।
John 21:6 उसने उन से कहा, नाव की दाहनी ओर जाल डालो, तो पाओगे, तब उन्होंने जाल डाला, और अब मछिलयों की बहुतायत के कारण उसे खींच न सके।
John 21:7 इसलिये उस चेले ने जिस से यीशु प्रेम रखता था पतरस से कहा, यह तो प्रभु है: शमौन पतरस ने यह सुनकर कि प्रभु है, कमर में अंगरखा कस लिया, क्योंकि वह नंगा था, और झील में कूद पड़ा।
John 21:8 परन्तु और चेले डोंगी पर मछिलयों से भरा हुआ जाल खींचते हुए आए, क्योंकि वे किनारे से अधिक दूर नहीं, कोई दो सौ हाथ पर थे।
John 21:9 जब किनारे पर उतरे, तो उन्होंने कोएले की आग, और उस पर मछली रखी हुई, और रोटी देखी।
John 21:10 यीशु ने उन से कहा, जो मछिलयां तुम ने अभी पकड़ी हैं, उन में से कुछ लाओ।
John 21:11 शमौन पतरस ने डोंगी पर चढ़कर एक सौ तिर्पन बड़ी मछिलयों से भरा हुआ जाल किनारे पर खींचा, और इतनी मछिलयां होने से भी जाल न फटा।
John 21:12 यीशु ने उन से कहा, कि आओ, भोजन करो और चेलों में से किसी को हियाव न हुआ, कि उस से पूछे, कि तू कौन है? क्योंकि वे जानते थे, कि हो न हो यह प्रभु ही है।
John 21:13 यीशु आया, और रोटी ले कर उन्हें दी, और वैसे ही मछली भी।
John 21:14 यह तीसरी बार है, कि यीशु ने मरे हुओं में से जी उठने के बाद चेलों को दर्शन दिए।
John 21:15 भोजन करने के बाद यीशु ने शमौन पतरस से कहा, हे शमौन, यूहन्ना के पुत्र, क्या तू इन से बढ़कर मुझ से प्रेम रखता है? उसने उस से कहा, हां प्रभु तू तो जानता है, कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं: उसने उस से कहा, मेरे मेमनों को चरा।
John 21:16 उसने फिर दूसरी बार उस से कहा, हे शमौन यूहन्ना के पुत्र, क्या तू मुझ से प्रेम रखता है? उसने उन से कहा, हां, प्रभु तू जानता है, कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं: उसने उस से कहा, मेरी भेड़ों की रखवाली कर।
John 21:17 उसने तीसरी बार उस से कहा, हे शमौन, यूहन्ना के पुत्र, क्या तू मुझ से प्रीति रखता है? पतरस उदास हुआ, कि उसने उसे तीसरी बार ऐसा कहा; कि क्या तू मुझ से प्रीति रखता है? और उस से कहा, हे प्रभु, तू तो सब कुछ जानता है: तू यह जानता है कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं: यीशु ने उस से कहा, मेरी भेड़ों को चरा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 19-21 
  • लूका 2:25-52


रविवार, 24 मार्च 2013

कौन है?


   ज़रा कलपना करें, आप शहर में प्रवेश के मुख्य मार्ग के किनारे एक बड़ी भीड़ के साथ खड़े हैं। चारों ओर से भीड़ का दबाव है, लोग मार्ग पर आ रहे एक व्यक्ति की एक झलक देखने को आतुर है, जो गधे पर बैठा चला आ रहा है। जैसे जैसे वह निकट आता है लोग अपने वस्त्र उसके सामने मार्ग पर बिछा देते हैं, या पेड़ों से डालियां काटकर अथवा खजुर के पत्तों की टहनियाँ काटकर उसके आगे बिछाते जा रहे हैं। वे बड़े आदर के साथ उसका यरुशालेम में स्वागत कर रहे हैं।

   प्रभु यीशु को चाहने वाले लोगों ने, समस्त संसार के पापों के लिए प्रभु के क्रूस पर चढ़ाए जाने से कुछ ही दिन पहले, बड़े उत्साह के साथ यरुशालेम में उसका स्वागत किया था। उसके महान कार्यों और आश्चर्यकर्मों को याद करते हुए वे कह रहे थे "कि धन्य है वह राजा, जो प्रभु के नाम से आता है; स्वर्ग में शान्‍ति और आकाश मण्‍डल में महिमा हो" (लूका 19:38)। यह सब देखकर कुछ ऐसे भी थे जो पूछ रहे थे "...यह कौन है?" (मत्ती 21:10)।

   आज भी अनेक लोग प्रभु यीशु के बारे में जानने को उत्सुक हैं। लोग आज भी प्रभु यीशु की वासत्वविकता से अनभिज्ञ हैं, उनके मनों में प्रभु यीशु के बारे में अनेक धारणाएं हैं, किंतु सत्य का पता नहीं है; उनके अन्दर उसे जानने का कौतुहल है। यह हम मसीही विश्वासियों का अपने प्रभु के प्रति कर्तव्य है कि हम लोगों को प्रभु यीशु के बारे में बताएं, उसके कार्यों का वर्णन करें। उसके यरुशालेम प्रवेश के समय की भीड़ के समान चाहे हम मार्ग के किनारे यह ना करने पाएं, परन्तु व्यक्तिगत बातचीत में उसके जीवन, उद्देश्य और कार्यों के वर्णन के द्वारा, आपसी प्रेम (यूहन्ना 13:34-35) और दूसरों की सहायता (गलतियों 6:2) और अपने जीवनों के उदाहरणों के द्वारा (कुलुस्सियों 1:10), अपने मसीही विश्वास को जी कर दिखाने के द्वारा हम यह कर सकते हैं, चाहे इसके लिए हमें दुख भी उठाने पड़ें (1 पतरस 4:14-16)।

   आज भी लोग जानना चाहते हैं कि प्रभु यीशु मसीह कौन है। मसीही विश्वासी होने के नाते क्या आप लोगों को उसके बारे में बता रहे हैं? - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


जब हम परमेश्वर का नाम लेते हैं और उसके पुत्र के समान जीवन जीते हैं, तब हम परमेश्वर को आदर देते हैं।

धन्य है वह राजा, जो प्रभु के नाम से आता है; स्वर्ग में शान्‍ति और आकाश मण्‍डल में महिमा हो। - लूका 19:38

बाइबल पाठ: लूका 19:28-40
Luke 19:28 ये बातें कहकर वह यरूशलेम की ओर उन के आगे आगे चला।
Luke 19:29 और जब वह जैतून नाम पहाड़ पर बैतफगे और बैतनियाह के पास पहुंचा, तो उसने अपने चेलों में से दो को यह कहके भेजा।
Luke 19:30 कि साम्हने के गांव में जाओ, और उस में पहुंचते ही एक गदही का बच्‍चा जिस पर कभी कोई सवार नहीं हुआ, बन्‍धा हुआ तुम्हें मिलेगा, उसे खोल कर लाओ।
Luke 19:31 और यदि कोई तुम से पूछे, कि क्यों खोलते हो, तो यह कह देना, कि प्रभु को इस का प्रयोजन है।
Luke 19:32 जो भेजे गए थे; उन्होंने जा कर जैसा उसने उन से कहा था, वैसा ही पाया।
Luke 19:33 जब वे गदहे के बच्‍चे को खोल रहे थे, तो उसके मालिकों ने उन से पूछा; इस बच्‍चे को क्यों खोलते हो?
Luke 19:34 उन्होंने कहा, प्रभु को इस का प्रयोजन है।
Luke 19:35 वे उसको यीशु के पास ले आए और अपने कपड़े उस बच्‍चे पर डालकर यीशु को उस पर सवार किया।
Luke 19:36 जब वह जा रहा था, तो वे अपने कपड़े मार्ग में बिछाते जाते थे।
Luke 19:37 और निकट आते हुए जब वह जैतून पहाड़ की ढलान पर पहुंचा, तो चेलों की सारी मण्‍डली उन सब सामर्थ के कामों के कारण जो उन्होंने देखे थे, आनन्‍दित हो कर बड़े शब्द से परमेश्वर की स्‍तुति करने लगी।
Luke 19:38 कि धन्य है वह राजा, जो प्रभु के नाम से आता है; स्वर्ग में शान्‍ति और आकाश मण्‍डल में महिमा हो।
Luke 19:39 तब भीड़ में से कितने फरीसी उस से कहने लगे, हे गुरू अपने चेलों को डांट।
Luke 19:40 उसने उत्तर दिया, कि तुम से कहता हूं, यदि ये चुप रहें, तो पत्थर चिल्ला उठेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 16-18 
  • लूका 2:1-24

शनिवार, 23 मार्च 2013

धन्यवाद


   जब हम मैक्सिको देश गए तो मेरी इच्छा थी कि मैं भी स्पैनिश भाषा बोल पाती। मुझे स्पैनिश के बस तीन शब्द ही आते थे - ग्रासियास (धन्यवाद), मुए बिन (बहुत अच्छा) और होला (हैलो)। कुछ ही समय में मैं अपने मिलने वाले लोगों से या यदि कोई मेरी सहायातार्थ कुछ करता उससे बस "ग्रासियास" कहते कहते उबा गई। लेकिन एक है जिसे हम चाहे जितना भी धन्यवाद दें वह उसके द्वारा हम मसीही विश्वासियों के जीवन में किए गए और हो रहे कार्यों के लिए कम ही रहेगा - परमेश्वर प्रभु यीशु मसीह।

   राजा दाऊद इस बात को और परमेश्वर के प्रति धन्यवादी होने के महत्व को भली-भांति समझता था। इस्त्राएल का राजा होने के बाद उसने परमेश्वर की वाचा के सन्दूक, जहाँ परमेश्वर की उपस्थिति इस्त्राएलियों के मध्य रहती थी, और आराधना स्थल के लिए तम्बू बनवाया। दाऊद की इच्छा तो मन्दिर बनवाने कि थी परन्तु परमेश्वर ने उसे यह कहकर मना किया कि मन्दिर उसका पुत्र सुलेमान बनवाएगा। दाऊद ने कुछ लेवियों को नियुक्त किया कि वे "इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की चर्चा और उसका धन्यवाद और स्तुति किया करें" (1 इतिहास 16:4) और अन्य लोगों को नियुक्त किया कि "प्रतिदिन के प्रयोजन के अनुसार वे सन्दूक के साम्हने नित्य सेवा टहल किया करें" (1 इतिहास 16:37-38)।

   दाऊद ने परमेश्वर की स्तुति गाने वाले आसाप और उसके भाईयों को धन्यवाद का भजन भी लिख कर दिया जिसमें उसने परमेश्वर के कार्यों, चम्तकारों, न्याय के कार्यों, उद्धार और परमेश्वर के भला, करुणामय और पवित्र होने के गुणों का वर्णन किया।

   दाऊद के समान ही आज हमें भी परमेश्वर को सदा धन्यवादी रहना चाहिए, उस सब के लिए जो वह है और जो उसने किया है। अपने धन्यवाद की भेंट उसे अर्पित करने के लिए प्रतिदिन समय अवश्य निकालें। - ऐनी सेटास


परमेश्वर की प्रशंसा और धन्यवाद से भरा हृदय परमेश्वर को प्रसन्नता और जीवन में आशीष देता रहेगा।

यहोवा का धन्यवाद करो, उस से प्रार्थना करो; देश देश में उसके कामों का प्रचार करो। - 1 इतिहास 16:8

बाइबल पाठ: 1 इतिहास 16:7-10, 23-29
1 Chronicles 16:7 तब उसी दिन दाऊद ने यहोवा का धन्यवाद करने का काम आसाप और उसके भाइयों को सौंप दिया।
1 Chronicles 16:8 यहोवा का धन्यवाद करो, उस से प्रार्थना करो; देश देश में उसके कामों का प्रचार करो।
1 Chronicles 16:9 उसका गीत गाओ, उसका भजन करो, उसके सब आश्चर्य-कर्मों का ध्यान करो।
1 Chronicles 16:10 उसके पवित्र नाम पर घमंड करो; यहोवा के खोजियों का हृदय आनन्दित हो।
1 Chronicles 16:23 हे समस्त पृथ्वी के लोगो यहोवा का गीत गाओ। प्रतिदिन उसके किए हुए उद्धार का शुभ समाचार सुनाते रहो।
1 Chronicles 16:24 अन्यजातियों में उसकी महिमा का, और देश देश के लोगों में उसके आश्चर्य-कर्मों का वर्णन करो।
1 Chronicles 16:25 क्योंकि यहोवा महान और स्तुति के अति योग्य है, वह तो सब देवताओं से अधिक भययोग्य है।
1 Chronicles 16:26 क्योंकि देश देश के सब देवता मूतिर्यां ही हैं; परन्तु यहोवा ही ने स्वर्ग को बनाया है।
1 Chronicles 16:27 उसके चारों ओर वैभव और ऐश्वर्य है; उसके स्थान में सामर्थ और आनन्द है।
1 Chronicles 16:28 हे देश देश के कुलो, यहोवा का गुणानुवाद करो, ।
1 Chronicles 16:29 यहोवा की महिमा और सामर्थ को मानो। यहोवा के नाम की महिमा ऐसी मानो जो उसके नाम के योग्य है। भेंट ले कर उसके सम्मुख आाओ, पवित्रता से शोभायमान हो कर यहोवा को दण्डवत करो।

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 13-15 
  • लूका 1:57-80

शुक्रवार, 22 मार्च 2013

फलवंत और आनन्दित


   मैं और मेरा परिवार एक बहुमंज़िली इमारत में रहते हैं इसलिए हमारा बग़ीचा गमलों में लगे फूलों के पौधों तक ही सीमित है। बहुत समय तक हमारे पौधों में फूल नहीं आ रहे थे, जबकि हम नियमित रूप से उन्हें पानी और खाद देते थे। फिर हमें मालूम हुआ कि गमले की मिट्टी की गुड़ाई करना और उसे उलट-पुलट करना भी आवश्यक है। हमने यह भी करना आरंभ कर दिया और अब हमारे घर में फूलों की छट्टा देखते ही बनती है।

   कभी कभी हमारे जीवनों में भी यह आवश्यक होता है कि जीवन कुछ उलट-पुलट हो। परेशानीयों से होकर निकल रहे अपने समय के मसीही विश्वासीयों को लिखी अपनी पत्री में प्रेरित पतरस ने उन्हें समझाया: "हे प्रियों, जो दुख रूपी अग्‍नि तुम्हारे परखने के लिये तुम में भड़की है, इस से यह समझ कर अचम्भा न करो कि कोई अनोखी बात तुम पर बीत रही है। पर जैसे जैसे मसीह के दुखों में सहभागी होते हो, आनन्द करो, जिस से उसकी महिमा के प्रगट होते समय भी तुम आनन्‍दित और मगन हो" (1 पतरस 4:12-13)।

   हमारे गमलों के पौधों की मिट्टी के समान, इन मसीही विश्वासीयों के जीवन भी "उलट-पुलट" किए जा रहे थे। उनके जीवनों में परेशानीयों का यह समय आने देने के द्वारा परमेश्वर का उद्देश्य उनके जीवनों को और कारगर बनाना था जो परमेश्वर की महिमा और प्रशंसा को प्रगट करता (1 पतरस 1:7)।

   परमेश्वर हमारे जीवनों को घोट कर रखने और हमें उसके लिए फलवंत होने से रोकने वाली बातों से हमें निकालने के लिए हमारे जीवनों में उथल-पुथल आने देता है। यह उथल-पुथल अपने साथ परीक्षा और दुख भी लाती है, लेकिन हमारे लिए अन्ततः इससे भलाई ही उत्पन्न होती है। मसीही विश्वासी होने पर भी यदि आप जीवन के ऐसे दौर से गुज़र रहें हैं तो निराश नहीं वरन आनन्दित हों, परमेश्वर आपको अपनी महिमा के लिए तैयार कर रहा है और उपयोग भी करेगा। उसके हाथों में अपने आप को छोड़ दीजिए और कुछ ही समय में आप अपनी कलपना से भी अधिक फलवंत और आनन्दित होंगे। - सी. पी. हिया


जो अपने क्लेषों में भी परमेश्वर को धन्य कहते हैं वे परमेश्वर द्वारा क्लेषों में भी धन्य बन जाते हैं।

पर जैसे जैसे मसीह के दुखों में सहभागी होते हो, आनन्द करो, जिस से उसकी महिमा के प्रगट होते समय भी तुम आनन्‍दित और मगन हो। - 1 पतरस 4:13

बाइबल पाठ: 1 पतरस 1:1-9
1 Peter 1:1 पतरस की ओर से जो यीशु मसीह का प्रेरित है, उन परदेशियों के नाम, जो पुन्‍तुस, गलतिया, कप्‍पदुकिया, आसिया, और बिथुनिया में तित्तर बित्तर हो कर रहते हैं।
1 Peter 1:2 और परमेश्वर पिता के भविष्य ज्ञान के अनुसार, आत्मा के पवित्र करने के द्वारा आज्ञा मानने, और यीशु मसीह के लोहू के छिड़के जाने के लिये चुने गए हैं। तुम्हें अत्यन्‍त अनुग्रह और शान्‍ति मिलती रहे।
1 Peter 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद दो, जिसने यीशु मसीह के हुओं में से जी उठने के द्वारा, अपनी बड़ी दया से हमें जीवित आशा के लिये नया जन्म दिया।
1 Peter 1:4 अर्थात एक अविनाशी और निर्मल, और अजर मीरास के लिये।
1 Peter 1:5 जो तुम्हारे लिये स्वर्ग में रखी है, जिन की रक्षा परमेश्वर की सामर्थ से, विश्वास के द्वारा उस उद्धार के लिये, जो आने वाले समय में प्रगट होने वाली है, की जाती है।
1 Peter 1:6 और इस कारण तुम मगन होते हो, यद्यपि अवश्य है कि अब कुछ दिन तक नाना प्रकार की परीक्षाओं के कारण उदास हो।
1 Peter 1:7 और यह इसलिये है कि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास, जो आग से ताए हुए नाशमान सोने से भी कहीं, अधिक बहुमूल्य है, यीशु मसीह के प्रगट होने पर प्रशंसा, और महिमा, और आदर का कारण ठहरे।
1 Peter 1:8 उस से तुम बिन देखे प्रेम रखते हो, और अब तो उस पर बिन देखे भी विश्वास कर के ऐसे आनन्‍दित और मगन होते हो, जो वर्णन से बाहर और महिमा से भरा हुआ है।
1 Peter 1:9 और अपने विश्वास का प्रतिफल अर्थात आत्माओं का उद्धार प्राप्त करते हो।

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 10-12 
  • लूका 1:39-56