परमेश्वर के बारे में सही जानकारी रखना हम सब के लिए अति आवश्यक है। अधूरी जानकारी गलत धारणाओं को और गलत व्यवहार को जन्म देती है और हमें परमेश्वर की आज्ञाकारिता में बने रहने नहीं देती, हमारी आशीषों के मार्ग में रुकावट बन जाती है। यर्मियाह नबी के समय में धर्म के अगुवे लोगों को मन-गढ़ंत बातों से भरमा रहे थे और लोगों को गलत मार्ग पर डाल रहे थे। उनके इस असत्य के कारण लोग परमेश्वर के सही स्वरूप को नहीं जान पा रहे थे (यर्मियाह 25:25-32)।
इसी प्रकार परमेश्वर के नाम पर लोगों को मन-गढ़ंत बातें सुनाने वाले आज भी बहुतेरे हैं। कुछ लोग परमेश्वर को एक क्रोधी, प्रतिशोधी और गलतीयों के लिए दण्ड देने को तत्पर परमेश्वर के रूप में प्रस्तुत करते हैं जिससे लोगों को डरा कर, परमेश्वर के क्रोध को शांत करने तथा उसको प्रसन्न करने के बहाने से लोगों से अच्छी कमाई कर सकें। परन्तु परमेश्वर ने अपने नाम को जब मूसा पर प्रकट किया तो कहा: "और यहोवा उसके साम्हने हो कर यों प्रचार करता हुआ चला, कि यहोवा, यहोवा, ईश्वर दयालु और अनुग्रहकारी, कोप करने में धीरजवन्त, और अति करूणामय और सत्य, हजारों पीढिय़ों तक निरन्तर करूणा करने वाला, अधर्म और अपराध और पाप का क्षमा करने वाला है,..." (निर्गमन 34:6)।
कुछ अन्य हैं जो अपनी मन-मानी करने और असत्य का जीवन व्यतीत करके संसार मे समृद्धि प्राप्त करने के लिए परमेश्वर के न्याय से मुँह मोड़ कर रहना चाहते हैं और दुसरों को भी यही सिखाते हैं। वे इस बात को लेकर चलते हैं कि परमेश्वर तो दयालु और प्रेमी परमेश्वर है, वह ऐसे ही सब क्षमा कर देगा, सब व्यवहार को अनदेखा कर देगा। लेकिन अपने नाम की इसी व्याख्या में परमेश्वर ने मूसा से यह भी कहा "...परन्तु दोषी को वह किसी प्रकार निर्दोष न ठहराएगा, वह पितरों के अधर्म का दण्ड उनके बेटों वरन पोतों और परपोतों को भी देने वाला है" (निर्गमन 34:6)। परमेश्वर ने मूसा को यह भी चिताया: "झूठे मुकद्दमे से दूर रहना, और निर्दोष और धर्मी को घात न करना, क्योंकि मैं दुष्ट को निर्दोष न ठहराऊंगा" (निर्गमन 23:7)।
परमेश्वर खरा न्यायी और प्रेमी पिता दोनों ही है। जो उसकी चेतावनियों को अनसुना करके अपनी मन-मरज़ी में और पापों मे बने रहते हैं उन्हें उसके न्याय का सामना करना पड़ेगा, परन्तु जो उस की बात मानकर पापों से पश्चाताप कर लेते हैं अपने जीवन उसे समर्पित कर देते हैं वे पाप क्षमा की आशीष और उसके प्रेमी पिता होने की करुणा को अनुभव करते हैं। दोनों में से केवल एक ही बात पर ज़ोर देना और दूसरी को नज़रंदाज़ करना परमेश्वर के विषय में अधूरा सच बयान करना है।
परमेश्वर नहीं चाहता कि कोई भी व्यक्ति नाश हो, वह सबको मन फिराव, पाप क्षमा और उद्धार का अवसर देता रहता है: "प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले" (2 पतरस 3:9)। लेकिन उसका यह धैर्य और विलंब से कोप करना हमारे लिए मनमानी करने और उसकी चेतावनीयों को नज़रंदाज़ करने का बहाना नहीं होना चाहिए, क्योंकि उसका न्याय कभी भी अनपेक्षित रूप में आ जाएगा और जब आएगा तब किसी को कोई अवसर नहीं रहेगा (2 पतरस 3:10)। किसी अधूरे सच पर नहीं वरन सच्चे परमेश्वर के सच्चे स्वरूप प्रभु यीशु और उसके जीवते वचन बाइबल पर ही विश्वास रखिए।
क्या आप अभी उसके सामने खड़े होने के लिए तैयार हैं? - जूली ऐकैरमैन लिंक
परमेश्वर का सामना सबको करना ही है; यह आपके हाथ में है कि आप उससे न्यायी के रूप में मिलना चाहते हैं या पिता के।
यहोवा की यह भी वाणी है कि जो बिना मेरे भेजे वा बिना मेरी आज्ञा पाए स्वप्न देखने का झूठा दावा कर के भविष्यद्वाणी करते हैं, और उसका वर्णन कर के मेरी प्रजा को झूठे घमण्ड में आकर भरमाते हैं, उनके भी मैं विरुद्ध हूँ; और उन से मेरी प्रजा के लोगों का कुछ लाभ न हेगा। - यर्मियाह 25:32
बाइबल पाठ: 2 पतरस 3:9-18
2 Peter 3:9 प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले।
2 Peter 3:10 परन्तु प्रभु का दिन चोर की नाईं आ जाएगा, उस दिन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट के शब्द से जाता रहेगा, और तत्व बहुत ही तप्त हो कर पिघल जाएंगे, और पृथ्वी और उस पर के काम जल जाऐंगे।
2 Peter 3:11 तो जब कि ये सब वस्तुएं, इस रीति से पिघलने वाली हैं, तो तुम्हें पवित्र चाल चलन और भक्ति में कैसे मनुष्य होना चाहिए।
2 Peter 3:12 और परमेश्वर के उस दिन की बाट किस रीति से जोहना चाहिए और उसके जल्द आने के लिये कैसा यत्न करना चाहिए; जिस के कारण आकाश आग से पिघल जाएंगे, और आकाश के गण बहुत ही तप्त हो कर गल जाएंगे।
2 Peter 3:13 पर उस की प्रतिज्ञा के अनुसार हम एक नए आकाश और नई पृथ्वी की आस देखते हैं जिन में धामिर्कता वास करेगी।।
2 Peter 3:14 इसलिये, हे प्रियो, जब कि तुम इन बातों की आस देखते हो तो यत्न करो कि तुम शान्ति से उसके साम्हने निष्कलंक और निर्दोष ठहरो।
2 Peter 3:15 और हमारे प्रभु के धीरज को उद्धार समझो, जैसे हमारे प्रिय भाई पौलुस न भी उस ज्ञान के अनुसार जो उसे मिला, तुम्हें लिखा है।
2 Peter 3:16 वैसे ही उसने अपनी सब पत्रियों में भी इन बातों की चर्चा की है जिन में कितनी बातें ऐसी है, जिनका समझना कठिन है, और अनपढ़ और चंचल लोग उन के अर्थों को भी पवित्र शास्त्र की और बातों की नाईं खींच तान कर अपने ही नाश का कारण बनाते हैं।
2 Peter 3:17 इसलिये हे प्रियो तुम लोग पहिले ही से इन बातों को जान कर चौकस रहो, ताकि अधर्मियों के भ्रम में फंस कर अपनी स्थिरता को हाथ से कहीं खो न दो।
2 Peter 3:18 पर हमारे प्रभु, और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनुग्रह और पहचान में बढ़ते जाओ। उसी की महिमा अब भी हो, और युगानुयुग होती रहे। आमीन।
एक साल में बाइबल:
- न्यायीयों 1-3
- लूका 4:1-30
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