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मंगलवार, 10 नवंबर 2015

स्मरण


   जिम डेविडसन रेनियर पहाड़ से नीचे उतर रहा था जब वह बर्फ से ढकी दरार में से बर्फ में बनी एक गहरी अंधेरी खाई में जा गिरा। उस खाई के तले पर जिम लहु-लुहान खड़ा होकर अपने बचपन की बातों को और उसके पिता द्वारा उससे कही गई बातों को स्मरण कर रहा था। जिम को स्मरण आया कैसे उसके पिता उससे कहा करते थे कि यदि वह विपरीत परिस्थितियों में हिम्मत ना हारे और प्रयास करता रहे तो बड़े बड़े कार्य कर सकता है। पिता की बातों को स्मरण करने से उसकी हिम्मत बंधी और बिना किसी विशेष सामान या किसी बाहरी सहायता के पांच घंटों के कड़े परिश्रम के बाद जिम उस बर्फीली खाई से चढ़कर बाहर निकल पाया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार भी जीवन के दुख और कष्ट की खाई से अपने परमेश्वर पिता के वचनों को स्मरण करके बाहर निकल सका। भजनकार ने माना कि यदि परमेश्वर और परमेश्वर का वचन उसका सहारा ना बनते, उसे आनन्द नहीं देते तो वह अपने क्लेष में ही नाश हो जाता (भजन 119:92)। भजनकार ने परमेश्वर के वचन में और परमेश्वर के चरित्र में अपना पूरा भरोसा व्यक्त किया (भजन 119:89-90)। परमेश्वर की इस विश्वासयोग्यता के कारण भजनकार ने यह निर्णय लिया कि वह कभी परमेश्वर के वचनों को नहीं भूलेगा क्योंकि उसे बचाने और सामर्थ देने में वही वचन कारगर हुआ था।

   अपने जीवन में आने वाले दुखों, क्लेषों, सताव और विपरीत परिस्थितियों की खाई में पड़े होने पर भी हमारे प्राण परमेश्वर के वचन और उसके चरित्र को स्मरण करने के द्वारा तरोताज़ा हो सकते हैं, हमें निराशाओं से बाहर निकालकर स्थिर खड़ा कर सकते हैं। परमेश्वर के वचन को सदा स्मरण रखें, वही सदा आपका सही मार्गदर्शक रहेगा। - मार्विन विलियम्स


परमेश्वर के वचन को स्मरण रखना आत्मा को हर्षित रखता है।

तेरी व्यवस्था से प्रीति रखने वालों को बड़ी शान्ति होती है; और उन को कुछ ठोकर नहीं लगती। - भजन 119:165

बाइबल पाठ: भजन 119:89-93
Psalms 119:89 हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है। 
Psalms 119:90 तेरी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है; तू ने पृथ्वी को स्थिर किया, इसलिये वह बनी है। 
Psalms 119:91 वे आज के दिन तक तेरे नियमों के अनुसार ठहरे हैं; क्योंकि सारी सृष्टि तेरे आधीन है। 
Psalms 119:92 यदि मैं तेरी व्यवस्था से सुखी न होता, तो मैं दु:ख के समय नाश हो जाता। 
Psalms 119:93 मैं तेरे उपदेशों को कभी न भूलूंगा; क्योंकि उन्हीं के द्वारा तू ने मुझे जिलाया है।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 48-49
  • इब्रानियों 7


सोमवार, 9 नवंबर 2015

चट्टान


   मैं अपने पति के साथ मैसाचूसेट्स के दौरे पर थी और हम अमेरिका के प्रतिष्ठित प्रतीक प्लेमाउथ रॉक (चट्टान) को देखने गए। परंपरा के अनुसार यह माना जाता है कि सन 1620 में मेफ्लावर नामक जहाज़ से, इंगलैंड से अमेरिका आने वाले यात्रियों ने सबसे पहला कदम इसी चट्टान पर रखा था। हम उस चट्टान के ऐतिहासिक महत्व से प्रभावित तो हुए, लेकिन उस चट्टान के छोटे से आकार को देखकर कुछ निराश भी थे। हमें यह भी जानकारी मिली कि पहले यह चट्टान काफी बड़ी थी किंतु वर्षों के भूक्षरण और सैलिनियों द्वारा चट्टान के छोटे छोटे टुकड़े काट कर ले जाने के कारण अब वह चट्टान अपने मूल आकार की केवल एक-तिहाई मात्र ही रह गई है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु मसीह को भी चट्टान कहकर संबोधित किया गया है (1 कुरिन्थियों 10:4), एक ऐसी चट्टान जो कभी बदलती नहीं है (इब्रानियों 13:8)। प्रभु यीशु एक ऐसी चट्टान है जिस पर बाइबल हमें अपने जीवनों का निर्माण करने को कहती है: "और प्रेरितों और भविष्यद्वक्ताओं की नेव पर जिसके कोने का पत्थर मसीह यीशु आप ही है, बनाए गए हो" (इफिसियों 2:20)। प्रभु यीशु की शिक्षाओं का पालन करना, अपना जीवन चट्टान पर स्थापित करना और बनाना है जहाँ से वह कभी गिर नहीं सकता, क्षय नहीं हो सकता: "इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्हें मानता है वह उस बुद्धिमान मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिसने अपना घर चट्टान पर बनाया। और मेंह बरसा और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं, परन्तु वह नहीं गिरा, क्योंकि उस की नेव चट्टान पर डाली गई थी" (मत्ती 7:24-25)।

   लेखिका मैडलीनी ल-इंगल कहती हैं कि "कभी कभी अच्छा रहता जब हमारे सभी आधार और सहारे हमारे नीचे से हटा लिए जाते हैं। ऐसी परिस्थितियों में ही हमें पता चलता है कि हमने अपने जीवन की नींव चट्टान पर डाली है या रेत पर।" प्लेमाउथ रॉक ऐतिहासिक महत्व की रोचक चट्टान हो सकती है, लेकिन वह अक्षय नहीं है। लेकिन प्रभु यीशु वह आत्मिक चट्टान है जो अक्षय, अटल और चिरस्थाई है। जितनों ने प्रभु यीशु पर विश्वास कर के उसे अपने जीवन का आधार बनाया है वे कभी हानि में नहीं जाएंगे, उनका आधार हमेशा स्थिर और दृढ़ रहेगा। - सिंडी हैस कैसपर


चट्टान मसीह यीशु हमारी कभी ना बदलने, कभी ना टूटने वाली अनन्त्काल तक चिरस्थाई आशा है।

यीशु मसीह कल और आज और युगानुयुग एकसा है। - इब्रानियों 13:8

बाइबल पाठ: मत्ती 7:24-27; इफिसियों 2:18-22
Matthew 7:24 इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्हें मानता है वह उस बुद्धिमान मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिसने अपना घर चट्टान पर बनाया। 
Matthew 7:25 और मेंह बरसा और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं, परन्तु वह नहीं गिरा, क्योंकि उस की नेव चट्टान पर डाली गई थी। 
Matthew 7:26 परन्तु जो कोई मेरी ये बातें सुनता है और उन पर नहीं चलता वह उस निर्बुद्धि मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिसने अपना घर बालू पर बनाया। 
Matthew 7:27 और मेंह बरसा, और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं और वह गिरकर सत्यानाश हो गया।

Ephesians 2:18 क्योंकि उस ही के द्वारा हम दोनों की एक आत्मा में पिता के पास पंहुच होती है। 
Ephesians 2:19 इसलिये तुम अब विदेशी और मुसाफिर नहीं रहे, परन्तु पवित्र लोगों के संगी स्‍वदेशी और परमेश्वर के घराने के हो गए। 
Ephesians 2:20 और प्रेरितों और भविष्यद्वक्ताओं की नेव पर जिसके कोने का पत्थर मसीह यीशु आप ही है, बनाए गए हो। 
Ephesians 2:21 जिस में सारी रचना एक साथ मिलकर प्रभु में एक पवित्र मन्दिर बनती जाती है। 
Ephesians 2:22 जिस में तुम भी आत्मा के द्वारा परमेश्वर का निवास स्थान होने के लिये एक साथ बनाए जाते हो।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 46-47
  • इब्रानियों 6


रविवार, 8 नवंबर 2015

दान


   उस विधवा का अपने आखिरी कुछ सिक्कों को भी भ्रष्ट धार्मिक संस्थान में दाना कर देना उचित प्रतीत नहीं हो रहा था। यरुशलेम के उस मन्दिर से वे धर्माधिकारी आमदनी पाते थे जो वहाँ आई भेंट और दान पर निर्भर होने के बावजूद "...वे विधवाओं के घरों को खा जाते हैं, और दिखाने के लिये बड़ी देर तक प्रार्थना करते रहते हैं..." (मरकुस 12:40)। लेकिन उस गरीब विधवा द्वारा दिए गए उस दान से प्रभु यीशु को अपने चेलों को धन के प्रति सही रवैये की शिक्षा देने का अवसर मिला, जो आज हमारे लिए भी है।

   गौर्डन कौसबी अपने वॉशिंगटन डी. सी. के चर्च ऑफ सेवियर में पास्टर होने के समय की एक घटना का उल्लेख करते हैं; उस चर्च में एक विधवा आया करती थी जिसके छः बच्चे थे। उस विधवा की आमदानी से बड़ी कठिनाई से बच्चों का पालन-पोषण और घर चलाने का खर्चा निकल पाता था; लेकिन वह विधवा नियमित रूप से हर सप्ताह चर्च में 4 डॉलर दान-पात्र में डाला करती थी। चर्च के एक अगुवे ने कौसबी से कहा कि वह जाकर उस विधवा से बात करे कि हालात को देखते हुए दान-पात्र में डालने की बजाए वह अपने घर के खर्चे के लिए उस पैसे का प्रयोग कर ले। कौसबी ने उस अगुवे की सलाह मान ली और उस विधवा के पास बात करने को चला तो गया, लेकिन ऐसा करके उसे शर्मिंदगी ही उठानी पड़ी। कौसबी की बात सुनकर विधवा का प्रत्युत्तर था, "आप मुझसे वह अन्तिम अवसर भी छीन लेना चाहते हैं जो मुझे सर उठा कर जीने तथा जीवन को सार्थक बनाने में सहायता करता है!" उस विधवा ने दान देने के रहस्य को जान लिया था - दान, लेने वाले से अधिक देने वाले के लिए लाभदायक होता है।

   अवश्य ही गरीबों को आर्थिक सहायता की आवश्यकता होती है, लेकिन जितना आवश्यक दान लेना हो सकता है, दान देना उससे कम महत्वपूर्ण नहीं होता। दान देना हमें स्मरण दिलाता है कि हम भी, आकाश के पक्षियों और धरती के फूलों के समान, परमेश्वर के अनुग्रह पर आधारित होकर ही जीते हैं। आकाश के पक्षी और धरती की वनस्पति अपने भविष्य को लेकर चिंतित नहीं रहते; ऐसे ही हम मनुष्यों को भी अपने भविष्य को लेकर चिंतित नहीं रहना चाहिए। समय और आवश्यकतानुसार परमेश्वर सब को देता है। दान देना हमें एक अवसर प्रदान करता है कि हम परमेश्वर में अपने भरोसे को प्रगट कर सकें कि परमेश्वर हमारे लिए भी वैसे ही उपलब्ध करवाएगा जैसे वह सृष्टि के लिए उपलब्ध करवाता है (मत्ती 6:25-34)। - फिलिप यैन्सी


धन दान करके हम अपने ऊपर धन के दुषप्रभाव की संभावनाओं का अन्त करते हैं।

मैं ने तुम्हें सब कुछ कर के दिखाया, कि इस रीति से परिश्रम करते हुए निर्बलों को सम्भालना, और प्रभु यीशु की बातें स्मरण रखना अवश्य है, कि उसने आप ही कहा है; कि लेने से देना धन्य है। - प्रेरितों 20:35

बाइबल पाठ: मरकुस 12:38-44
Mark 12:38 उसने अपने उपदेश में उन से कहा, शस्‍त्रियों से चौकस रहो, जो लम्बे वस्‍त्र पहिने हुए फिरना। 
Mark 12:39 और बाजारों में नमस्‍कार, और आराधनालयों में मुख्य मुख्य आसन और जेवनारों में मुख्य मुख्य स्थान भी चाहते हैं। 
Mark 12:40 वे विधवाओं के घरों को खा जाते हैं, और दिखाने के लिये बड़ी देर तक प्रार्थना करते रहते हैं, ये अधिक दण्‍ड पाएंगे।
Mark 12:41 और वह मन्दिर के भण्‍डार के साम्हने बैठकर देख रहा था, कि लोग मन्दिर के भण्‍डार में किस प्रकार पैसे डालते हैं, और बहुत धनवानों ने बहुत कुछ डाला। 
Mark 12:42 इतने में एक कंगाल विधवा ने आकर दो दमडिय़ां, जो एक अधेले के बराबर होती है, डालीं। 
Mark 12:43 तब उसने अपने चेलों को पास बुलाकर उन से कहा; मैं तुम से सच कहता हूं, कि मन्दिर के भण्‍डार में डालने वालों में से इस कंगाल विधवा ने सब से बढ़कर डाला है। 
Mark 12:44 क्योंकि सब ने अपने धन की बढ़ती में से डाला है, परन्तु इस ने अपनी घटी में से जो कुछ उसका था, अर्थात अपनी सारी जीविका डाल दी है।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 43-45
  • इब्रानियों 5


शनिवार, 7 नवंबर 2015

विजयी


   परमेश्वर के वचन बाइबल के एक नायक, दाऊद, के सामने उसका एक पुराना प्रतिद्वन्दी था। कई वर्ष पहले, दाऊद के लड़कपन और चरवाहा होने के समय, उसका सामना पलिश्तियों के शूरवीर और दैत्याकार योद्धा गोलियत से हुआ, और दाऊद ने अपने गोफन द्वारा चलाए गए एक ही पत्थर के प्रहार से गोलियत का काम तमाम कर दिया था (1 शमूएल 17)। अब दाऊद इस्त्राएल का राजा था, और पलिश्ति सेना अब उस पर हमला करने के लिए चढ़ आई थी (2 शमूएल 5:17)।

   जब हम किसी विपरीत परिस्थिति में पड़े हों, कोई परेशानी हम पर आई हो तो हमारी प्रतिक्रीया क्या होती है? हम घबरा सकते हैं; या फिर हम कोई योजना बना सकते हैं; या फिर हम वह कर सकते हैं जो दाऊद ने किया - परमेश्वर से मार्गदर्शन और सहायता के लिए प्रार्थना, और परमेश्वर ने दाऊद का मार्गदर्शन तथा सहायता करी: "तब दाऊद ने यहावा से पूछा, क्या मैं पलिश्तियों पर चढ़ाई करूं? क्या तू उन्हें मेरे हाथ कर देगा? यहोवा ने दाऊद से कहा, चढ़ाई कर; क्योंकि मैं निश्चय पलिश्तियों को तेरे हाथ कर दूंगा" (2 शमूएल 5:19)।

   आज का बाइबल पाठ हमें दिखाता है कि दाऊद को पलिश्तियों से दो युद्ध लड़ने पड़े - एक बाल परासीम में और दूसरा रपाईम की तराई में। दोनों में ही उसने परमेश्वर से मार्गदर्शन तथा सहायता माँगी, जो उसके लिए भला हुआ, क्योंकि दोनों युद्धों में उसे अलग-अलग रीति से विजय मिली। पहले युद्ध में दाऊद केवल परमेश्वर की सामर्थ से विजयी हुआ, इसीलिए उसने कहा, "...यहोवा मेरे साम्हने हो कर मेरे शत्रुओं पर जल की धारा की नाईं टूट पड़ा है..." (2 शमूएल 5:20)। इससे अगले युद्ध में परमेश्वर ने दाऊद को योजना दी, और उस योजना को कार्यान्वित करके दाऊद और इस्त्राएली सेना ने फिर पलिश्तियों को हरा दिया (2 शमूएल 5:23-25)।

   हमें अपने दैनिक जीवन में अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हर चुनौती पर विजय का एक ही रीति से नहीं होती, लेकिन एक कार्य है जो हर चुनौती पर हमें विजयी बनाए रख सकता है - दाऊद के समान हर बात को प्रार्थना में परमेश्वर के सामने लाना और उसके मार्गदर्शन के अनुसार कार्य करना। जब हम परमेश्वर पर विश्वास करके, उसकी आज्ञाकारिता में बने रहकर आगे बढ़ते हैं तो फिर परमेश्वर विजय चाहे किसी आश्चर्यजनक हस्तक्षेप से प्रदान करे अथवा किसी मार्गदर्शन या योजना के द्वारा, सफलता की सारी महिमा और आदर परमेश्वर का होता है और हमारा विश्वास और भी दृढ़ होता जाता है।

   विजयी जीवन के लिए परमेश्वर को समर्पित रहें; आपकी हानि कभी नहीं होगी। - डेव ब्रैनन


किसी भी चुनौती के सामने खड़े रह पाने के लिए परमेश्वर के सामने घुटनों पर बने रहें।

परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। - यशायाह 40:31

बाइबल पाठ: 2 शमूएल 5:17-25
2 Samuel 5:17 जब पलिश्तियों ने यह सुना कि इस्राएल का राजा होने के लिये दाऊद का अभिषेक हुआ, तब सब पलिश्ती दाऊद की खोज में निकले; यह सुनकर दाऊद गढ़ में चला गया। 
2 Samuel 5:18 तब पलिश्ती आकर रपाईम नाम तराई में फैल गए। 
2 Samuel 5:19 तब दाऊद ने यहावा से पूछा, क्या मैं पलिश्तियों पर चढ़ाई करूं? क्या तू उन्हें मेरे हाथ कर देगा? यहोवा ने दाऊद से कहा, चढ़ाई कर; क्योंकि मैं निश्चय पलिश्तियों को तेरे हाथ कर दूंगा। 
2 Samuel 5:20 तब दाऊद बालपरासीम को गया, और दाऊद ने उन्हें वहीं मारा; तब उसने कहा, यहोवा मेरे साम्हने हो कर मेरे शत्रुओं पर जल की धारा की नाईं टूट पड़ा है। इस कारण उसने उसका नाम बालपरासीम रखा। 
2 Samuel 5:21 वहां उन्होंने अपनी मूरतों को छोड़ दिया, और दाऊद और उसके जन उन्हें उठा ले गए। 
2 Samuel 5:22 फिर दूसरी बार पलिश्ती चढ़ाई कर के रपाईम नाम तराई में फैल गए। 
2 Samuel 5:23 जब दाऊद ने यहोवा से पूछा, तब उसने कहा, चढ़ाई न कर; उनके पीछे से घूमकर तूत वृक्षों के साम्हने से उन पर छापा मार। 
2 Samuel 5:24 और जब तूत वृक्षों की फुनगियों में से सेना के चलने की सी आहट तुझे सुनाईं पड़े, तब यह जानकर फुर्ती करना, कि यहोवा पलिश्तियों की सेना को मारने को मेरे आगे अभी पधारा है। 
2 Samuel 5:25 यहोवा की इस आज्ञा के अनुसार दाऊद गेबा से ले कर गेजेर तक पलिश्तियों को मारता गया।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 40-42
  • इब्रानियों 4


शुक्रवार, 6 नवंबर 2015

समय और परिस्थिति


   1960 के दशक में लोक संगीत बैन्ड दि बायर्ड्स का एक गाना, टर्न! टर्न! टर्न! बहुत पसन्द किया गया। यह गाना बिलबोर्ड के सर्वोच्च 100 गानों में सम्मिलित हुआ और संसार भर में लोकप्रीय हो गया। इस गाने के शब्द लोगों को बहुत पसन्द आए। रोचक बात यह है कि इस गाने की अन्तिम पंक्ति को छोड़ बाकी सारा गाना परमेश्वर के वचन बाइबल में सभोपदेशक नामक पुस्तक से लिया गया है।

   सभोपदेशक के लेखक ने लिखा, "हर एक बात का एक अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होता है, एक समय है" (सभोपदेशक 3:1)। लेखक आगे मानव अनुभव की कुछ बातों की सूचि देता है: जन्म और मरण, लाभ और हानि, रोना और हंसना, जश्न और मातम, आदि। जैसे प्रकृति में मौसम बदलते हैं वैसे ही मानव जीवन में अनुभव बदलते हैं; हमारी परिस्थितियाँ सदा एक सी नहीं रहतीं।

   कभी हम अपने जीवन के परिवर्तनों का स्वागत करते हैं, किंतु यदि परिवर्तन हानि या दुख के साथ आए तो उसे स्वीकार करना कष्टदायी होता है। लेकिन समय या परिस्थिति कोई भी हो, परमेश्वर ही है जो कभी नहीं बदलता, और ना ही उसके उद्देश्य अथवा योजनाएं बदलती हैं (मलाकी 3:6)।

   क्योंकि परमेश्वर, उसकी बातों, उसकी शिक्षाओं, उसकी योजनाओं, उसके उद्देश्यों में कभी परिवर्तन नहीं आता इसलिए हम जीवन की बदलती परिस्थितियों और समयों में उस पर अटूट भरोसा बनाए रख सकते हैं। हम सदा आश्वस्त रह सकते हैं कि उसकी उपस्थिति सदा हमारे साथ बनी रहती है (भजन 46:1), उसकी शान्ति हमारे हृदयों को विचलित नहीं होने देती (फिलिप्पियों 4:7) और उसका प्रेम हमारे मनों को सुरक्षित रखता है (रोमियों 8:39)। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


परमेश्वर का अपरिवर्तनीय स्वभाव जीवन की बदलती परिस्थितियों में हमारी सुरक्षा है।

क्योंकि मैं यहोवा बदलता नहीं; इसी कारण, हे याकूब की सन्तान तुम नाश नहीं हुए। - मलाकी 3:6

बाइबल पाठ: सभोपदेशक 3:1-8
Ecclesiastes 3:1 हर एक बात का एक अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होता है, एक समय है। 
Ecclesiastes 3:2 जन्म का समय, और मरन का भी समय; बोने का समय; और बोए हुए को उखाड़ने का भी समय है; 
Ecclesiastes 3:3 घात करने का समय, और चंगा करने का भी समय; ढा देने का समय, और बनाने का भी समय है; 
Ecclesiastes 3:4 रोने का समय, और हंसने का भी समय; छाती पीटने का समय, और नाचने का भी समय है; 
Ecclesiastes 3:5 पत्थर फेंकने का समय, और पत्थर बटोरने का भी समय; गले लगाने का समय, और गले लगाने से रूकने का भी समय है; 
Ecclesiastes 3:6 ढूंढ़ने का समय, और खो देने का भी समय; बचा रखने का समय, और फेंक देने का भी समय है; 
Ecclesiastes 3:7 फाड़ने का समय, और सीने का भी समय; चुप रहने का समय, और बोलने का भी समय है; 
Ecclesiastes 3:8 प्रेम का समय, और बैर करने का भी समय; लड़ाई का समय, और मेल का भी समय है।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 37-39
  • इब्रानियों 3


गुरुवार, 5 नवंबर 2015

पुरुस्कार


   हमारे चर्च में बच्चों के लिए मसीही सेवकाई में हम जब बच्चों को कोई अच्छा व्यवहार करते देखते हैं तो उन्हें एक कार्ड देते हैं। बच्चे उन कार्डों को जमा करते रहते हैं और फिर उन कार्डों के बदले में, अपने अच्छे आचरण और व्यवहार के लिए पुरुस्कार ले लेते हैं। इसका उद्देश्य है किसी बुरे आचरण अथवा दुर्व्यवहार की बजाए, अच्छे आचरण और व्यवहार पर उनका ध्यान केंद्रित रखना। इस सेवकाई के अन्तर्गत जब चर्च के एक अगुवे ने 11 वर्षीय टायरी को एक कार्ड देना चाहा तो उसने कहा, "जी नहीं; धन्यवाद, मुझे कार्ड नहीं चाहिए। मैं केवल अच्छा व्यवहार बनाए रखना चाहता हूँ, चाहे उसके लिए मुझे कोई पुरुस्कार मिले या ना मिले।" उसके लिए सही कार्य करना ही अपने आप में एक पुरुस्कार था। उसका चरित्र अच्छा है और वह अच्छी बातों के साथ जीना चाहता है, चाहे उसे इसके लिए पुरुस्कार मिले या नहीं मिले।

   हम मसीही विश्वासियों को भी एक दिन पुरुस्कार मिलेंगे। परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा है, "क्योंकि अवश्य है, कि हम सब का हाल मसीह के न्याय आसन के साम्हने खुल जाए, कि हर एक व्यक्ति अपने अपने भले बुरे कामों का बदला जो उसने देह के द्वारा किए हों पाए" (2 कुरिन्थियों 5:10)। लेकिन यह प्रतिफल या पुरुस्कार प्राप्त करना ही हमारे लिए अच्छे आचरण को करने का कारण नहीं होना चाहिए; और ना ही हमारा अच्छा आचरण और अच्छे कार्य हमें उद्धार दिला सकते हैं, जो केवल पापों से पश्चाताप और मसीह यीशु पर लाए गए विश्वास से है। हमारे अच्छे आचर्फ़ण एवं व्यवहार का आधार है परमेश्वर के प्रति हमारा प्रेम। परमेश्वर के प्रति हमारे प्रेम के कारण, उसकी प्रसन्नता के लिए, हमें वह आचरण और व्यवहार प्रदर्शित करना चाहिए जो हमारे मसीही विश्वास के अनुरूप है, उसकी इच्छा के अनुसार है, हमारे मसीही विश्वास की प्रत्यक्ष गवाही है।

   यदि हम परमेश्वर से प्रेम करते हैं तो उसे, जिसने हम से हमारे पापों की दशा में भी हम से प्रेम किया (रोमियों 5:8), उसकी प्रसन्नता के लिए हमें वही करना चाहिए जो उसे पसन्द है, और पवित्र मन तथा शुद्ध ध्येय से उसकी आज्ञाकारिता में बने रहना चाहिए। हमारा सर्वोत्त्म पुरुस्कार होगा अनन्तकाल तक स्वर्ग में अपने परमेश्वर पिता के साथ बने रहना। - ऐनी सेटास


परमेश्वर को प्रसन्न करना ही हमारा उसके आज्ञाकारी रहने का मुख्य कारण है।

परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। - रोमियों 5:8

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 5:1-11
2 Corinthians 5:1 क्योंकि हम जानते हैं, कि जब हमारा पृथ्वी पर का डेरा सरीखा घर गिराया जाएगा तो हमें परमेश्वर की ओर से स्वर्ग पर एक ऐसा भवन मिलेगा, जो हाथों से बना हुआ घर नहीं परन्तु चिरस्थाई है। 
2 Corinthians 5:2 इस में तो हम कराहते, और बड़ी लालसा रखते हैं; कि अपने स्‍वर्गीय घर को पहिन लें। 
2 Corinthians 5:3 कि इस के पहिनने से हम नंगे न पाए जाएं। 
2 Corinthians 5:4 और हम इस डेरे में रहते हुए बोझ से दबे कराहते रहते हैं; क्योंकि हम उतारना नहीं, वरन और पहिनना चाहते हैं, ताकि वह जो मरनहार है जीवन में डूब जाए। 
2 Corinthians 5:5 और जिसने हमें इसी बात के लिये तैयार किया है वह परमेश्वर है, जिसने हमें बयाने में आत्मा भी दिया है। 
2 Corinthians 5:6 सो हम सदा ढाढ़स बान्‍धे रहते हैं और यह जानते हैं; कि जब तक हम देह में रहते हैं, तब तक प्रभु से अलग हैं। 
2 Corinthians 5:7 क्योंकि हम रूप को देखकर नहीं, पर विश्वास से चलते हैं। 
2 Corinthians 5:8 इसलिये हम ढाढ़स बान्‍धे रहते हैं, और देह से अलग हो कर प्रभु के साथ रहना और भी उत्तम समझते हैं। 
2 Corinthians 5:9 इस कारण हमारे मन की उमंग यह है, कि चाहे साथ रहें, चाहे अलग रहें पर हम उसे भाते रहें। 
2 Corinthians 5:10 क्योंकि अवश्य है, कि हम सब का हाल मसीह के न्याय आसन के साम्हने खुल जाए, कि हर एक व्यक्ति अपने अपने भले बुरे कामों का बदला जो उसने देह के द्वारा किए हों पाए। 
2 Corinthians 5:11 सो प्रभु का भय मानकर हम लोगों को समझाते हैं और परमेश्वर पर हमारा हाल प्रगट है; और मेरी आशा यह है, कि तुम्हारे विवेक पर भी प्रगट हुआ होगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 34-36
  • इब्रानियों 2



बुधवार, 4 नवंबर 2015

अनुकंपा


   अमेरिका के गृह युद्ध (1861-1865) में रिचर्ड कर्कलैंड सेना में सार्जेंट थे। फ्रड्रिकबर्ग के युद्ध में मेरीज़ हाईट्स नामक स्थान पर विरोधी पक्ष के अनेक घायल सैनिकों को युद्ध भूमि पर छोड़ शेष सेना पीछे हट गई थी। रिचर्ड ने उन घायल सैनिकों की सहायता के लिए अनुमति ली, खाने-पीने की वस्तुएं जमा करीं और सुरक्षा के लिए बनाई गई दीवार को लांघ कर दूसरी ओर पहुँच गया और दुश्मन की सेना के घायल सैनिकों की सेवा करने लगा। अपनी जान को जोखिम में डाल कर मेरीज़ हाईट्स का यह फरिश्ता मसीह यीशु की अपने चेलों को दी गई आज्ञा, अपने दुश्मनों से भी प्रेम करो (मत्ती 5:44) को पूरा करता रहा, प्रभु यीशु की अनुकंपा दुश्मन सैनिकों में बाँटता रहा।

   हम में से बहुत कम के पास रिचर्ड के समान दुश्मन सैनिकों के बीच अनुकंपा दिखाने का अवसर होगा, लेकिन हमारे चारों ओर ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो दुखों, निराशाओं और परेशानियों में जीवन व्यतित कर रहे हैं; कोई अकेला रह गया है, किसी को हानि उठानी पड़ी है, कोई बीमार है; लेकिन एक व्याधि है जिसने सबको परेशान किया हुआ है - पाप का रोग और उसके दुषपरिणाम। हमारी अपनी व्यस्तताओं और अन्य बातों में लगे ध्यान के कारण शान्ति और अनुकंपा के लिए उनकी पुकार चाहे हमें सुनाई नहीं देती लेकिन वे इस प्रतीक्षा में हैं कि कोई उनके पास आए, उन्हें शान्ति दे, उनके दुख को बाँटे।

   प्रेरित पौलुस ने रोम के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में, परमेश्वर के वचन की नीतिवचन 25:21-22 में कही बात को दोहराया: "परन्तु यदि तेरा बैरी भूखा हो तो उसे खाना खिला; यदि प्यासा हो, तो उसे पानी पिला; क्योंकि ऐसा करने से तू उसके सिर पर आग के अंगारों का ढेर लगाएगा" (रोमियों 12:20)। पौलुस ने उन्हें आगे समझाया, "बुराई से न हारो परन्तु भलाई से बुराई का जीत लो" (रोमियों 12:21)। पौलुस द्वारा कही गई यह बात हमें रिचर्ड कर्कलैंड का अनुकरण करने को प्रेरित करती है।
   
   आज हमारे लिए भी समय है कि हम अपनी सुरक्षा की दीवार को लांघ कर प्रभु यीशु की वह अनुकंपा दुखी लोगों के साथ बाँटें जो उसने हमारे साथ बाँटी है। - रैंडी किल्गोर


चाहे अनुराग करना हमारे वश में ना हो, अनुकंपा दिखाना सदा हमारे वश में रहता है। - सैमुएल जौनसन

यदि तेरा बैरी भूखा हो तो उसको रोटी खिलाना; और यदि वह प्यासा हो तो उसे पानी पिलाना; क्योंकि इस रीति तू उसके सिर पर अंगारे डालेगा, और यहोवा तुझे इसका फल देगा। - नीतिवचन 25:21-22

बाइबल पाठ: रोमियों 12:14-21
Romans 12:14 अपने सताने वालों को आशीष दो; आशीष दो श्राप न दो। 
Romans 12:15 आनन्द करने वालों के साथ आनन्द करो; और रोने वालों के साथ रोओ। 
Romans 12:16 आपस में एक सा मन रखो; अभिमानी न हो; परन्तु दीनों के साथ संगति रखो; अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न हो। 
Romans 12:17 बुराई के बदले किसी से बुराई न करो; जो बातें सब लोगों के निकट भली हैं, उन की चिन्ता किया करो। 
Romans 12:18 जहां तक हो सके, तुम अपने भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो। 
Romans 12:19 हे प्रियो अपना पलटा न लेना; परन्तु क्रोध को अवसर दो, क्योंकि लिखा है, पलटा लेना मेरा काम है, प्रभु कहता है मैं ही बदला दूंगा। 
Romans 12:20 परन्तु यदि तेरा बैरी भूखा हो तो उसे खाना खिला; यदि प्यासा हो, तो उसे पानी पिला; क्योंकि ऐसा करने से तू उसके सिर पर आग के अंगारों का ढेर लगाएगा। 
Romans 12:21 बुराई से न हारो परन्तु भलाई से बुराई का जीत लो।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 32-33
  • इब्रानियों 1