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रविवार, 24 अप्रैल 2016

सदा साथ


   बचपन का मेरा एक बहुत पसन्दीदा खेल था घर के निकट के एक पार्क में सीसौ पर खेलना। एक बच्चा, बीच में घिरनी लगे लंबे से लकड़ी के तख्ते के एक किनारे पर बैठता, और दूसरा बच्चा दूसरे किनारे पर, और दोनों एक दूसरे को बारी-बारी ऊपर उछालते। कभी-कभी जो नीचे होता वह तख्ते के अपने छोर नीचे ही रखे रहता और दूसरे छोर पर जो ऊपर होता वह नीचे लाए जाने के लिए चिल्लाता रहता। लेकिन इससे भी क्रूर तब होता था जब नीचे के छोर वाल तख्ते से एकदम हट जाता और ऊपर के छोर वाला धड़ाम से नीचे आकर धरती से टकराता, चोटिल हो जाता था।

   कभी-कभी हमें लगता है कि प्रभु यीशु ने भी हमारे साथ ऐसा ही किया है। हमने उसपर विश्वास किया कि वह सदा हमारे साथ बना रहेगा, जीवन के उतार-चढ़ाव में हमारा साथ देता रहेगा; लेकिन ऐसा भी होता है कि जीवन अनायास ही कोई अनेपक्षित मोड़ ले लेता है और हम दुःखी तथा चोटिल हो कर रह जाते हैं; हमें लगता है कि प्रभु हमारे जीवनों को छोड़कर चला गया है और हम धड़ाम से नीचे गिर गए हैं।

   लेकिन परमेश्वर के वचन बाइबल में विलापगीत का तीसरा अध्याय हमें स्मरण दिलाता है, "हम मिट नहीं गए; यह यहोवा की महाकरुणा का फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है" (विलापगीत 3:22); अर्थात, परमेश्वर हमारे प्रति हर बात में हर समय विश्वासयोग्य है, चाहे हमें लगे कि सब कुछ समाप्त होता जा रहा है। चाहे हम अपने आप को अकेला अनुभव करें, दुःख में पाएं, तो भी हम अकेले कभी नहीं हैं। चाहे हम उसकी उपस्थिति को अनुभव ना भी करें, तो भी हमारा प्रभु परमेश्वर हमारे साथ बना रहता है, वह हमारा परमविश्वासयोग्य साथी है जो हमें छोड़ कर कभी नहीं जाता, जो कभी हमें नीचे गिरने नहीं देता। - जो स्टोवैल


चाहे सभी साथ छोड़ दें, किंतु प्रभु यीशु कभी साथ नहीं छोड़ता।

तू हियाव बान्ध और दृढ़ हो, उन से न डर और न भयभीत हो; क्योंकि तेरे संग चलने वाला तेरा परमेश्वर यहोवा है; वह तुझ को धोखा न देगा और न छोड़ेगा। व्यवस्थाविवरण 31:6

बाइबल पाठ: विलापगीत 3:13-26
Lamentations 3:13 उसने अपनी तीरों से मेरे हृदय को बेध दिया है; 
Lamentations 3:14 सब लोग मुझ पर हंसते हैं और दिन भर मुझ पर ढालकर गीत गाते हैं, 
Lamentations 3:15 उसने मुझे कठिन दु:ख से भर दिया, और नागदौना पिलाकर तृप्त किया है। 
Lamentations 3:16 उसने मेरे दांतों को कंकरी से तोड़ डाला, और मुझे राख से ढांप दिया है; 
Lamentations 3:17 और मुझ को मन से उतार कर कुशल से रहित किया है; मैं कल्याण भूल गया हूँ; 
Lamentations 3:18 इसलिऐ मैं ने कहा, मेरा बल नाश हुआ, और मेरी आश जो यहोवा पर थी, वह टूट गई है। 
Lamentations 3:19 मेरा दु:ख और मारा मारा फिरना, मेरा नागदौने और-और विष का पीना स्मरण कर! 
Lamentations 3:20 मैं उन्हीं पर सोचता रहता हूँ, इस से मेरा प्राण ढला जाता है। 
Lamentations 3:21 परन्तु मैं यह स्मरण करता हूँ, इसीलिये मुझे आाशा है: 
Lamentations 3:22 हम मिट नहीं गए; यह यहोवा की महाकरुणा का फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है। 
Lamentations 3:23 प्रति भोर वह नई होती रहती है; तेरी सच्चाई महान है। 
Lamentations 3:24 मेरे मन ने कहा, यहोवा मेरा भाग है, इस कारण मैं उस में आशा रखूंगा। 
Lamentations 3:25 जो यहोवा की बाट जोहते और उसके पास जाते हैं, उनके लिये यहोवा भला है। 
Lamentations 3:26 यहोवा से उद्धार पाने की आशा रख कर चुपचाप रहना भला है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 19-20
  • लूका 18:1-23


शनिवार, 23 अप्रैल 2016

आशा और आनन्द


   कुछ दिन पहले मैंने अपने बुज़ुर्ग मित्र बॉब को निकट की एक व्यायामशाला में अपनी ऊँगली पर लगे रक्तचाप मापक यंत्र पर नज़रें गड़ाए हुए, पूरी ताकत से साईकिल चलाते देखा। मैंने उससे पूछा, "यह तुम क्या कर रहे हो?" उसने चढ़ी हुई साँस से भारी हो रखी आवाज़ में व्यंग्य किया, "देख रहा हूँ कि मैं ज़िंदा हूँ या नहीं!" मैंने भी उसी अंदाज़ में एक और प्रश्न पूछा, "और यदि तुम्हें पता चले कि तुम मर चुके हो, तो क्या करोगे?" तो उसने एक बड़ी सी मुस्कुराहट के साथ कहा, "मैं ज़ोर से चिल्लाऊँगा "हालेलुईया" (अर्थात, प्रभु की स्तुति हो)!"

   अनेक वर्षों से उसके साथ रहते हुए मैंने बॉब में एक अद्भुत भीतरी सामर्थ के अनेक चिन्ह देखे हैं: उस की शारीरिक शक्ति के कम होते, और परेशानियों के बढ़ते जाने पर भी उसमें बड़े धैर्य से सहने की सामर्थ है; और अब जब वह अपनी शारीरिक जीवन यात्रा की समाप्ति की ओर बढ़ रहा है उसमें आशा और विश्वास की कोई घटी नज़र नहीं आती। ना केवल उसके पास अद्भुत आशा है, वरन उसे मृत्यु से भी कोई भय नहीं लगता; मृत्यु की संभावना उस के जोश को दबा नहीं पाती।

   मृत्यु के सामने भी आशा और शान्ति, तथा आनन्द को भी भला कौन बनाए रख सकता है? केवल वे जो विश्वास द्वारा अनन्तकाल के परमेश्वर से जुड़ चुके हैं और जानते हैं कि उनके पास अनन्तकाल की आशा है (1 कुरिन्थियों 15:52, 54)। जिनके पास यह आश्वासन है, उनके लिए भी, मेरे मित्र बॉब के समान ही, मृत्यु का कोई भय बाकी नहीं है, वरन वे मृत्योप्रांत तुरंत ही प्रभु यीशु मसीह को साक्षात देखने के आनन्द के बारे में बता सकते हैं।

   मृत्यु से भयभीत क्यों हों, या रहें? इसके विपरीत आनन्दित क्यों ना हों? जैसा के कवि जौन डौन (1572-1631) ने लिखा, "नींद का एक छोटा सा पल और फिर हम अनन्तकाल के लिए जागृत रहेंगे।" - डेविड रोपर


एक मसीही विश्वासी के लिए, स्वर्ग की प्रातः से पूर्व, मृत्यु संसार रात की अन्तिम छाया है।

इसलिये जब कि लड़के मांस और लोहू के भागी हैं, तो वह आप भी उन के समान उन का सहभागी हो गया; ताकि मृत्यु के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली थी, अर्थात शैतान को निकम्मा कर दे। और जितने मृत्यु के भय के मारे जीवन भर दासत्‍व में फंसे थे, उन्हें छुड़ा ले। इब्रानियों 2:14-15

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 15:50-58
1 Corinthians 15:50 हे भाइयों, मैं यह कहता हूं कि मांस और लोहू परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं हो सकते, और न विनाश अविनाशी का अधिकारी हो सकता है। 
1 Corinthians 15:51 देखे, मैं तुम से भेद की बात कहता हूं: कि हम सब तो नहीं सोएंगे, परन्तु सब बदल जाएंगे। 
1 Corinthians 15:52 और यह क्षण भर में, पलक मारते ही पिछली तुरही फूंकते ही होगा: क्योंकि तुरही फूंकी जाएगी और मुर्दे अविनाशी दशा में उठाए जांएगे, और हम बदल जाएंगे। 
1 Corinthians 15:53 क्योंकि अवश्य है, कि यह नाशमान देह अविनाश को पहिन ले, और यह मरनहार देह अमरता को पहिन ले। 
1 Corinthians 15:54 और जब यह नाशमान अविनाश को पहिन लेगा, और यह मरनहार अमरता को पहिन लेगा, तक वह वचन जो लिखा है, पूरा हो जाएगा, कि जय ने मृत्यु को निगल लिया। 
1 Corinthians 15:55 हे मृत्यु तेरी जय कहां रही? 
1 Corinthians 15:56 हे मृत्यु तेरा डंक कहां रहा? मृत्यु का डंक पाप है; और पाप का बल व्यवस्था है। 
1 Corinthians 15:57 परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमें जयवन्‍त करता है। 
1 Corinthians 15:58 सो हे मेरे प्रिय भाइयो, दृढ़ और अटल रहो, और प्रभु के काम में सर्वदा बढ़ते जाओ, क्योंकि यह जानते हो, कि तुम्हारा परिश्रम प्रभु में व्यर्थ नहीं है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 16-18
  • लूका 17:20-37


शुक्रवार, 22 अप्रैल 2016

कृपा


   कुछ मित्रों के साथ यात्रा करते हुए हमने मार्ग के किनारे एक परिवार को बेबस सा खड़ा हुआ देखा। मेरे मित्रों ने तुरंत सड़क के किनारे होकर अपनी गाड़ी रोकी और उस परिवार की सहायता के लिए उनके पास पहुँचे। उन्होंने उस परिवार की गाड़ी की जांच-पड़ताल करी, उसे पुनः चालू किया और उन लोगों को पैट्रोल भरवाने के लिए कुछ पैसे भी दिए। जब परिवार की माँ बारंबार उनका धन्यवाद करने लगी, तो मेरे मित्रों ने उत्तर दिया, "आपकी सहायाता करके हमें आनन्द मिला है, और हम यह सब प्रभु यीशु के नाम में कर रहे हैं।" जब हम अपनी गाड़ी में बैठकर आगे बढ़े तो मैं विचार करने लागा कि मेरे उन मित्रों के लिए ज़रूरतमन्दों की सहायता करना और अपनी उदारता का स्त्रोत प्रभु यीशु मसीह को बताना कितना स्वाभाविक था।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के दो पात्र, प्रभु यीशु के चेले, पतरस और यूहन्ना ने भी आनन्दपूर्वक यरूशालेम के मन्दिर के बाहर बैठे जन्म के लंगड़े भिखारी के प्रति ऐसे ही उदारता दिखाई, और उसे चंगाई दी (प्रेरितों 3:1-10)। इस कारण उन्हें पकड़ कर अधिकारियों के सामने प्रस्तुत किया गया जिन्होंने उनसे पूछा, "...तुम ने यह काम किस सामर्थ से और किस नाम से किया है" (प्रेरितों 4:7)? इस पर पतरस ने उत्तर दिया, "हे लोगों के सरदारों और पुरनियों, इस दुर्बल मनुष्य के साथ जो भलाई की गई है, यदि आज हम से उसके विषय में पूछ पाछ की जाती है, कि वह क्योंकर अच्छा हुआ। तो तुम सब और सारे इस्त्राएली लोग जान लें कि यीशु मसीह नासरी के नाम से जिसे तुम ने क्रूस पर चढ़ाया, और परमेश्वर ने मरे हुओं में से जिलाया, यह मनुष्य तुम्हारे साम्हने भला चंगा खड़ा है" (प्रेरितों 4:9-10)।

   कृपा परमेश्वर के पवित्र आत्मा से मिलने वाले फलों में से एक फल है (गलतियों 5:23), और हम मसीही विश्वासियों के लिए औरों के साथ प्रभु यीशु मसीह के बारे में बाँटने का एक बहुत सामर्थी संदर्भ बना कर देती है। - डेविड मैक्कैसलैंड


कृपा का एक कार्य परमेश्वर के प्रेम के बारे में अनेकों उपदेशों से कहीं अधिक सिखा सकता है।

पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं। - गलतियों 5:22-23

बाइबल पाठ: प्रेरितों 4:1-13
Acts 4:1 जब वे लोगों से यह कह रहे थे, तो याजक और मन्दिर के सरदार और सदूकी उन पर चढ़ आए। 
Acts 4:2 क्योंकि वे बहुत क्रोधित हुए कि वे लोगों को सिखाते थे और यीशु का उदाहरण दे देकर मरे हुओं के जी उठने का प्रचार करते थे। 
Acts 4:3 और उन्होंने उन्हें पकड़कर दूसरे दिन तक हवालात में रखा क्योंकि सन्‍धया हो गई थी। 
Acts 4:4 परन्तु वचन के सुनने वालों में से बहुतों ने विश्वास किया, और उन की गिनती पांच हजार पुरूषों के लगभग हो गई।
Acts 4:5 दूसरे दिन ऐसा हुआ कि उन के सरदार और पुरिनये और शास्त्री। 
Acts 4:6 और महायाजक हन्ना और कैफा और यूहन्ना और सिकन्‍दर और जितने महायाजक के घराने के थे, सब यरूशलेम में इकट्ठे हुए। 
Acts 4:7 और उन्हें बीच में खड़ा कर के पूछने लगे, कि तुम ने यह काम किस सामर्थ से और किस नाम से किया है? 
Acts 4:8 तब पतरस ने पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो कर उन से कहा। 
Acts 4:9 हे लोगों के सरदारों और पुरनियों, इस दुर्बल मनुष्य के साथ जो भलाई की गई है, यदि आज हम से उसके विषय में पूछ पाछ की जाती है, कि वह क्योंकर अच्छा हुआ। 
Acts 4:10 तो तुम सब और सारे इस्त्राएली लोग जान लें कि यीशु मसीह नासरी के नाम से जिसे तुम ने क्रूस पर चढ़ाया, और परमेश्वर ने मरे हुओं में से जिलाया, यह मनुष्य तुम्हारे साम्हने भला चंगा खड़ा है। 
Acts 4:11 यह वही पत्थर है जिसे तुम राजमिस्त्रियों ने तुच्‍छ जाना और वह कोने के सिरे का पत्थर हो गया। 
Acts 4:12 और किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं; क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिस के द्वारा हम उद्धार पा सकें।
Acts 4:13 जब उन्होंने पतरस और यूहन्ना का हियाव देखा, ओर यह जाना कि ये अनपढ़ और साधारण मनुष्य हैं, तो अचम्भा किया; फिर उन को पहचाना, कि ये यीशु के साथ रहे हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 14-15
  • लूका 17:1-19



गुरुवार, 21 अप्रैल 2016

प्रतीक्षा और संगति


   दिन प्रति दिन, कई वर्षों तक हैरी अपने दामाद जौन के लिए, जो परमेश्वर से दूर चला गया था, प्रार्थनाएं करता रहा; फिर हैरी का देहांत हो गया। इसके कुछ महीने पश्चात जौन परमेश्वर के पास वापस लौट आया। जब जौन की सास मार्शा ने उसे बताया कि हैरी अपने जीवन के अन्तिम दिन तक उसके लिए प्रार्थना करता रहा था, तो जौन ने उत्तर दिया, "मैंने बहुत देर कर दी।" लेकिन मार्शा ने सहर्ष उससे कहा, "लेकिन प्रभु हैरी की उन प्रार्थानाओं का उत्तर आज भी दे रहा है!"

   हैरी की यह कहानी हमारे लिए, जो प्रार्थना करते और उनके उत्तरों की प्रतीक्षा करते हैं, एक प्रोत्साहन की बात है। परमेश्वर के वचन बाइबल की भी हमारे लिए यही शिक्षा है: "प्रयत्न करने में आलसी न हो; आत्मिक उन्माद में भरो रहो; प्रभु की सेवा करते रहो। आशा में आनन्दित रहो; क्लेश में स्थिर रहो; प्रार्थना में नित्य लगे रहो" (रोमियों 12:11-12)।

   भजन 130 के लेखक को भी प्रार्थना में प्रतीक्षा करने का अनुभव था। उसने कहा: "मैं यहोवा की बाट जोहता हूं, मैं जी से उसकी बाट जोहता हूं, और मेरी आशा उसके वचन पर है" (पद 5); लेखक ने परमेश्वर में आशा पाई क्योंकि वह जानता था कि, "...क्योंकि यहोवा करूणा करने वाला और पूरा छुटकारा देने वाला है" (पद 7)।

   लेखक सैमुएल एनिया ने परमेश्वर के समय-काल के विषय में लिखते हुए कहा: "परमेश्वर हमारे समय पर निर्भर नहीं है। हमारा समय तो क्रमिक और एक आयामी है किंतु परमेश्वर....समय की सीमाओं से परे है। वह अपने समयानुसार कार्य करता है। हमारी प्रार्थनाएं....परमेश्वर को कार्य करने पर विवश नहीं करतीं....वरन वे हमें उसके साथ संगति में ले आती हैं।"

   एक मसीही विश्वासी होने के नाते हमारे लिए यह कैसा महान सौभाग्य है कि हम परमेश्वर से उसके समयानुसार उत्तर पाएं और उत्तर की प्रतीक्षा करते हुए उसके साथ संगति भी करें। - एनी सेटास


परमेश्वर हमारी प्रार्थना का उत्तर देने में विलंब कर सकता है, 
परन्तु वह हमारे विश्वास को कभी निराश नहीं करेगा।

किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी। - फिलिप्पियों 4:6-7

बाइबल पाठ: भजन 130
Psalms 130:1 हे यहोवा, मैं ने गहिरे स्थानों में से तुझ को पुकारा है! 
Psalms 130:2 हे प्रभु, मेरी सुन! तेरे कान मेरे गिड़गिड़ाने की ओर ध्यान से लगे रहें! 
Psalms 130:3 हे याह, यदि तू अधर्म के कामों का लेखा ले, तो हे प्रभु कौन खड़ा रह सकेगा? 
Psalms 130:4 परन्तु तू क्षमा करने वाला है? जिस से तेरा भय माना जाए। 
Psalms 130:5 मैं यहोवा की बाट जोहता हूं, मैं जी से उसकी बाट जोहता हूं, और मेरी आशा उसके वचन पर है; 
Psalms 130:6 पहरूए जितना भोर को चाहते हैं, हां, पहरूए जितना भोर को चाहते हैं, उस से भी अधिक मैं यहोवा को अपने प्राणों से चाहता हूं।
Psalms 130:7 इस्राएल यहोवा पर आशा लगाए रहे! क्योंकि यहोवा करूणा करने वाला और पूरा छुटकारा देने वाला है। 
Psalms 130:8 इस्राएल को उसके सारे अधर्म के कामों से वही छुटकारा देगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 12-13
  • लूका 16



बुधवार, 20 अप्रैल 2016

सहायक


   16 वर्ष की आयु तक आते-आते मॉरिस फ्रैंक (1908-1980) की दोनों आंखों की दृष्टि जाती रही थी। इसके कई वर्ष पश्चात वह स्विटज़रलैंड गया, जहाँ उसकी मुलाकात एक विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कुत्ते बड्डी से हुई, जिससे फ्रैंक की रुचि Seeing Eye Guide - Dog School में हुई। बड्डी की सहायता से फ्रैंक के लिए व्यस्त मार्गों और चौराहों पर चलना और उन्हें पार करना सहज हो गया। बड्डी की सहायता से फ्रैंक को अपने आस-पास के संसार में एक नया प्रवेश और सुगमता मिल गई। इस सहायक से मिली अपनी इस स्वतंत्रता का वर्णन करते हुए फ्रैंक ने कहा, "यह अद्भुत था: केवल बड्डी और मेरे तथा उसके मध्य एक चमड़े का पट्टे ने मुझे जीवन से जोड़ दिया।"

   परमेश्वर का पवित्र आत्मा भी मसीह यीशु में मिलने वाले आत्मिक जीवन में हमें एक सुगमता और सहजता देता है। जब हम प्रभु यीशु मसीह को अपना उद्धारकर्ता स्वीकार करते हैं, उससे अपने पापों की क्षमा मांग कर अपना जीवन उसे समर्पित कर देते हैं, तो परमेश्वर हमारे जीवन से पाप के दाग़ धो कर साफ कर देता है और अपने पवित्र आत्मा के द्वारा हमें एक नूतन सृष्टि बना देता है (तीतुस 3:5-6)। एक बार हम मसीह यीशु के हो जाते हैं तो परमेश्वर का पवित्र आत्मा हमारा सहायक हो जाता है जिससे हम परमेश्वर के प्रेम को अनुभव कर सकें (रोमियों 5:5), परमेश्वर के वचन बाइबल को समझ सकें (यूहन्ना 14:26), प्रार्थना कर सकें (रोमियों 8:26) और आशा से परिपूर्ण रहें (रोमियों 15:13)।

   आज जब आप परमेश्वर के साथ अपने जीवन के बारे में विचार करें तो स्मरण रखें कि मसीही विश्वास के जीवन में परमेश्वर पवित्र आत्मा आपका सदैव उपलब्ध सहायक और मार्गदर्शक है; केवल उसी की सहायता से आप मसीही विश्वास का जीवन जी सकते हैं (रोमियों 8:14)। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


परमेश्वर पवित्र आत्मा आत्मिक ज्ञान और उन्नति में हमारी सहायता और मार्गदर्शन करता है।

इसलिये कि जितने लोग परमेश्वर के आत्मा के चलाए चलते हैं, वे ही परमेश्वर के पुत्र हैं। - रोमियों 8:14

बाइबल पाठ: तीतुस 3:1-11
Titus 3:1 लोगों को सुधि दिला, कि हाकिमों और अधिकारियों के आधीन रहें, और उन की आज्ञा मानें, और हर एक अच्‍छे काम के लिये तैयार रहें। 
Titus 3:2 किसी को बदनाम न करें; झगडालू न हों: पर कोमल स्‍वभाव के हों, और सब मनुष्यों के साथ बड़ी नम्रता के साथ रहें। 
Titus 3:3 क्योंकि हम भी पहिले, निर्बुद्धि, और आज्ञा न मानने वाले, और भ्रम में पड़े हुए, और रंग रंग के अभिलाषाओं और सुखविलास के दासत्‍व में थे, और बैरभाव, और डाह करने में जीवन निर्वाह करते थे, और घृणित थे, और एक दूसरे से बैर रखते थे। 
Titus 3:4 पर जब हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर की कृपा, और मनुष्यों पर उसकी प्रीति प्रगट हुई। 
Titus 3:5 तो उसने हमारा उद्धार किया: और यह धर्म के कामों के कारण नहीं, जो हम ने आप किए, पर अपनी दया के अनुसार, नए जन्म के स्‍नान, और पवित्र आत्मा के हमें नया बनाने के द्वारा हुआ। 
Titus 3:6 जिसे उसने हमारे उद्धारकर्ता यीशु मसीह के द्वारा हम पर अधिकाई से उंडेला। 
Titus 3:7 जिस से हम उसके अनुग्रह से धर्मी ठहरकर, अनन्त जीवन की आशा के अनुसार वारिस बनें। 
Titus 3:8 यह बात सच है, और मैं चाहता हूं, कि तू इन बातों के विषय में दृढ़ता से बोले इसलिये कि जिन्हों ने परमेश्वर की प्रतीति की है, वे भले-भले कामों में लगे रहने का ध्यान रखें: ये बातें भली, और मनुष्यों के लाभ की हैं। 
Titus 3:9 पर मूर्खता के विवादों, और वंशावलियों, और बैर विरोध, और उन झगड़ों से, जो व्यवस्था के विषय में हों बचा रह; क्योंकि वे निष्‍फल और व्यर्थ हैं। 
Titus 3:10 किसी पाखंडी को एक दो बार समझा बुझाकर उस से अलग रह। 
Titus 3:11 यह जानकर कि ऐसा मनुष्य भटक गया है, और अपने आप को दोषी ठहराकर पाप करता रहता है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 9-11
  • लूका 15:11-32


मंगलवार, 19 अप्रैल 2016

व्यवस्थित


   जिस भी बात पर मैं ध्यान करती हूँ, वही मेरी इस धारणा की पुष्टि करती है कि व्यवस्थित होना स्वाभाविक नहीं है। उदाहरण के लिए चाहे मेरे कार्यस्थल को ही ले लीजिए, मैं चकित हूँ कि कितनी शीघ्रता से, बिना किसी प्रयास के भी, मेरा दफतर अव्यवस्थित हो जाता है; लेकिन उसे पुनः व्यवस्थित करने के लिए प्रयास और समय लगता है। व्यवस्था लाने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ता है; व्यवस्था स्वतः नहीं आ जाती।

   लेकिन इस बात को लेकर मुझे चकित नहीं होना चाहिए; आखिरकर परमेश्वर का वचन बाइबल भी तो बारंबार यही बात दिखाती है; और यह भी कि अव्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए परमेश्वर को प्रयास और हस्तक्षेप करना ही पड़ता है। इसका एक प्रमुख उदाहरण हमें परमेश्वर द्वारा इस्त्राएल को मिस्त्र की ग़ुलाम प्रजा से एक स्वाधीन राष्ट्र के रूप में स्थापित किए जाने के समय की घटनाओं में देखते हैं (निर्गमन 7-14 अध्याय)। जब परमेश्वर ने मिस्त्र के राजा फिरौन के पास इस्त्राएल को मुक्त कर देने का सन्देश मूसा और हारून के द्वारा भेजा तो फिरौन ने इसका विरोध किया। मिस्त्र की अर्थव्यवस्था और समृद्धि इस्त्राएली गुलामों द्वारा किए जा रहे कठिन श्रम पर निर्भर थी, इसलिए फिरौन उन्हें जाने नहीं देना चाहता था। फिरौन की मनशा बदलने के लिए परमेश्वर ने दस विपत्तियाँ मिस्त्र पर भेजीं। फिरौन के जादूगर पहली दो विपत्तियों की नकल तो करने पाए किंतु शेष आठ की नकल कर पाने में वे असमर्थ रहे; लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि उन दस विपत्तियों में से किसी एक को भी वे जादूगर पलट नहीं सके। वे दो बार अव्यवस्था तो लाने पाए किंतु पुनः व्यवस्था बहाल करना उनके बस की बात नहीं थी; हर बार केवल परमेश्वर ने ही उन विपत्तियों को पलटा और व्यवस्था को बहाल किया। केवल परमेश्वर ही अव्यवस्था को व्यवस्थित कर सकता है।

   एक बात और है, प्रयास करके हम अपने निवास या कार्य स्थान को व्यवस्थित तो कर सकते हैं, उसे कुछ समय तक व्यवस्थित बनाए भी रख सकते हैं; लेकिन अपने आत्मिक और भावनात्मक जीवन की अव्यवस्था को हम कभी स्वयं व्यवस्थित नहीं कर सकते या रख सकते। यह कार्य भी केवल परमेश्वर ही कर सकता है। जब हम परमेश्वर की इच्छानुसार भले कार्यों में लगे रहते हैं, आज्ञाकारिता का जीवन व्यतीत करते हैं, किसी से बुरा नहीं बोलते, नम्र और शांतिप्रीय होकर रहते हैं, सबके साथ कोमलता दिखाते हैं (तीतुस 3:1-2) इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं कि परमेश्वर ने हमारे जीवनों की अव्यवस्था को व्यवस्थित कर दिया है। - जूली ऐकैअरमैन लिंक


जब हम अपनी समस्याएं परमेश्वर के हाथों में डाल देते हैं तो वह भी अपनी शांति हमारे हृदयों में डाल देता है।

लोगों को सुधि दिला, कि हाकिमों और अधिकारियों के आधीन रहें, और उन की आज्ञा मानें, और हर एक अच्‍छे काम के लिये तैयार रहें। किसी को बदनाम न करें; झगडालू न हों: पर कोमल स्‍वभाव के हों, और सब मनुष्यों के साथ बड़ी नम्रता के साथ रहें। - तीतुस 3:1-2

बाइबल पाठ: निर्गमन 8:1-15
Exodus 8:1 और तब यहोवा ने फिर मूसा से कहा, फिरौन के पास जा कर कह, यहोवा तुझ से इस प्रकार कहता है, कि मेरी प्रजा के लोगों को जाने दे जिस से वे मेरी उपासना करें। 
Exodus 8:2 और यदि उन्हें जाने न देगा तो सुन, मैं मेंढ़क भेज कर तेरे सारे देश को हानि पहुंचाने वाला हूं। 
Exodus 8:3 और नील नदी मेंढ़कों से भर जाएगी, और वे तेरे भवन में, और तेरे बिछौने पर, और तेरे कर्मचारियों के घरों में, और तेरी प्रजा पर, वरन तेरे तन्दूरों और कठौतियों में भी चढ़ जाएंगे। 
Exodus 8:4 और तुझ पर, और तेरी प्रजा, और तेरे कर्मचारियों, सभों पर मेंढ़क चढ़ जाएंगे। 
Exodus 8:5 फिर यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी, कि हारून से कह दे, कि नदियों, नहरों, और झीलों के ऊपर लाठी के साथ अपना हाथ बढ़ाकर मेंढकों को मिस्र देश पर चढ़ा ले आए। 
Exodus 8:6 तब हारून ने मिस्र के जलाशयों के ऊपर अपना हाथ बढ़ाया; और मेंढ़कों ने मिस्र देश पर चढ़कर उसे छा लिया। 
Exodus 8:7 और जादूगर भी अपने तंत्र-मंत्रों से उसी प्रकार मिस्र देश पर मेंढक चढ़ा ले आए। 
Exodus 8:8 तब फिरौन ने मूसा और हारून को बुलवाकर कहा, यहोवा से बिनती करो कि वह मेंढ़कों को मुझ से और मेरी प्रजा से दूर करे; और मैं इस्राएली लोगों को जाने दूंगा जिस से वे यहोवा के लिये बलिदान करें। 
Exodus 8:9 तब मूसा ने फिरौन से कहा, इतनी बात पर तो मुझ पर तेरा घमंड रहे, अब मैं तेरे, और तेरे कर्मचारियों, और प्रजा के निमित्त कब बिनती करूं, कि यहोवा तेरे पास से और तेरे घरों में से मेंढकों को दूर करे, और वे केवल नील नदी में पाए जाएं? 
Exodus 8:10 उसने कहा, कल। उसने कहा, तेरे वचन के अनुसार होगा, जिस से तुझे यह ज्ञात हो जाए कि हमारे परमेश्वर यहोवा के तुल्य कोई दूसरा नहीं है। 
Exodus 8:11 और मेंढक तेरे पास से, और तेरे घरों में से, और तेरे कर्मचारियों और प्रजा के पास से दूर हो कर केवल नील नदी में रहेंगे। 
Exodus 8:12 तब मूसा और हारून फिरौन के पास से निकल गए; और मूसा ने उन मेंढकों के विषय यहोवा की दोहाई दी जो उसने फिरौन पर भेजे थे। 
Exodus 8:13 और यहोवा ने मूसा के कहने के अनुसार किया; और मेंढक घरों, आंगनों, और खेतों में मर गए। 
Exodus 8:14 और लोगों ने इकट्ठे कर के उनके ढेर लगा दिए, और सारा देश दुर्गन्ध से भर गया। 
Exodus 8:15 परन्तु जब फिरोन ने देखा कि अब आराम मिला है तक यहोवा के कहने के अनुसार उसने फिर अपने मन को कठोर किया, और उनकी न सुनी।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 6-8
  • लूका 15:1-10


सोमवार, 18 अप्रैल 2016

केंद्र


   हाल ही मुझे "कोपरनिकन पल" का अनुभव हुआ; अर्थात मुझे यह एहसास हुआ कि मैं सृष्टि का केंद्र नहीं हूँ; संसार मेरे चारों ओर नहीं चलता; और ना ही संसार मेरी गति, मेरी दिशा, मेरी इच्छाओं और मेरी योजनाओं के अनुरूप अथवा अनुसार चलता और कार्य करता है। चाहे हम इसे स्वीकार करना ना भी चाहें तो भी सत्य यही है कि जीवन केवल हमारी ही लालसाओं और पसन्द के अनुसार संचालित तथा कार्यकारी नहीं होता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 33 में हम पाते हैं कि सारी सृष्टि का केंद्र और संचालन केवल परमेश्वर के पास है; उसी ने समुद्र की सीमाएं बांधी हैं और वही सागर के भण्डारों को तय करता है। सृष्टि की हर बात, हर भाग उसके नियमों के अनुसार चलते और कार्य करते हैं। जाति-जाति के लोग भी परमेश्वर द्वारा ही संचालित और नियंत्रित होते हैं। किसी की कोई भी युक्ति या योजना परमेश्वर की युक्ति या योजना के सामने टिक नहीं सकती। अन्ततः परमेश्वर ही की हर योजना सर्वोपरी तथा कार्यन्वित होगी और उसके सभी उद्देश्य सदा ही अटल बने रहेंगे।

   परमेश्वर संसार के सभी मनुष्यों पर सर्वदा नज़र बनाए रखता है। हमारे जीवन स्वयं हम पर नहीं वरन परमेश्वर पर केंद्रित रहने के लिए रचे गए हैं। उसने ही हमें और हमारे हृदयों को बनाया है, और हमारे मन की हर बात को वह भली-भांति जानता-समझता है। हमारे जीवनों में हस्तक्षेप करने की सामर्थ और अधिकार उसके पास है और जब भी परिस्थितियाँ हमारे बूते से बाहर होने लगती हैं वह हमें उन से बाहर निकालना जानता है।

   हमें उस महान और सर्वशक्तिमान परमेश्वर का कितना धन्यवादी और आभारी होना चाहिए जो सारी सृष्टि का केंद्र है, परन्तु फिर भी हमें व्यक्तिगत रीति से जानता है, हमारे साथ संबंध बनाए रखता है और हमारे जीवन की हर बात को नियंत्रित तथा संचालित करता है, हमें हर बात और हर परिस्थिति में सामर्थ तथा सहायता प्रदान करता है। - पो फैंग चिया


जब हम हमारे चारों ओर की संसार की बातों के लिए अपने आप को मरा हुआ मान लेते हैं, 
तब हम ऊपर रहने वाले परमेश्वार के लिए जीना आरंभ कर देते हैं।

तो प्रभु के भक्तों को परीक्षा में से निकाल लेना और अधर्मियों को न्याय के दिन तक दण्‍ड की दशा में रखना भी जानता है। - 2 पतरस 2:9

बाइबल पाठ: भजन 33:6-19
Psalms 33:6 आकाशमण्डल यहोवा के वचन से, और उसके सारे गण उसके मुंह ही श्वास से बने। 
Psalms 33:7 वह समुद्र का जल ढेर की नाईं इकट्ठा करता; वह गहिरे सागर को अपने भण्डार में रखता है।
Psalms 33:8 सारी पृथ्वी के लोग यहोवा से डरें, जगत के सब निवासी उसका भय मानें! 
Psalms 33:9 क्योंकि जब उसने कहा, तब हो गया; जब उसने आज्ञा दी, तब वास्तव में वैसा ही हो गया।
Psalms 33:10 यहोवा अन्य अन्य जातियों की युक्ति को व्यर्थ कर देता है; वह देश देश के लोगों की कल्पनाओं को निष्फल करता है। 
Psalms 33:11 यहोवा की युक्ति सर्वदा स्थिर रहेगी, उसके मन की कल्पनाएं पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहेंगी। 
Psalms 33:12 क्या ही धन्य है वह जाति जिसका परमेश्वर यहोवा है, और वह समाज जिसे उसने अपना निज भाग होने के लिये चुन लिया हो! 
Psalms 33:13 यहोवा स्वर्ग से दृष्टि करता है, वह सब मनुष्यों को निहारता है; 
Psalms 33:14 अपने निवास के स्थान से वह पृथ्वी के सब रहने वालों को देखता है, 
Psalms 33:15 वही जो उन सभों के हृदयों को गढ़ता, और उनके सब कामों का विचार करता है। 
Psalms 33:16 कोई ऐसा राजा नहीं, जो सेना की बहुतायत के कारण बच सके; वीर अपनी बड़ी शक्ति के कारण छूट नहीं जाता। 
Psalms 33:17 बच निकलने के लिये घोड़ा व्यर्थ है, वह अपने बड़े बल के द्वारा किसी को नहीं बचा सकता है।
Psalms 33:18 देखो, यहोवा की दृष्टि उसके डरवैयों पर और उन पर जो उसकी करूणा की आशा रखते हैं बनी रहती है, 
Psalms 33:19 कि वह उनके प्राण को मृत्यु से बचाए, और अकाल के समय उन को जीवित रखे।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 3-5
  • लूका 14:25-35