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सोमवार, 31 दिसंबर 2018

अभी



      हमारी नातिन मैगी, और उसकी छोटी बहन केटी, दोनों छोटी बच्चियाँ, घर के पीछे आँगन में खेल रही थीं। खेलते हुए कुछ समय बीता था कि मैगी ने माँ को पुकारा, “माँ जल्दी से यहाँ आओ! मैं यीशु को अपने हृदय में बुलाना चाहती हूँ और इसके लिए मुझे आपकी सहायता की आवश्यकता है!” लगता है कि उस समय पर उसे यीशु की अपनी आवश्यकता का बोध हुआ, और वह यीशु में विश्वास करने के लिए तैयार थी।

      मैगी द्वारा यीशु में विश्वास करने में सहायता के लिए अपनी माँ को पुकारना, परमेश्वर के वचन बाइबल में पौलुस द्वारा उद्धार के विषय 2 कुरिन्थियों 6 में लिखे गए शब्दों को स्मरण दिलाता है। पौलुस उस वास्तविकता की चर्चा कर रहा था कि यीशु मसीह पुनः आने वाला है – साथ ही उसके मारे जाने और पुनरुत्थान को – और बता रहा था कि यह समय “परमेश्वर की प्रसन्नता का समय” है। हम उस समय में रहते हैं जब परमेश्वर का अनुग्रह और उद्धार सँसार के सभी लोगों को उपलब्ध है। उसने कहा, “क्योंकि वह तो कहता है, कि अपनी प्रसन्नता के समय मैं ने तेरी सुन ली, और उद्धार के दिन मैं ने तेरी सहायता की: देखो, अभी वह प्रसन्नता का समय है; देखो, अभी उद्धार का दिन है” (पद 2)। उन सब के लिए, जिन्होंने अभी तक यीशु से सेंत-मेंत में मिलने वाली पापों की क्षमा और उद्धार में विश्वास नहीं किया है, उन सब के लिए यह करने का समय अभी है; और यह अत्यावश्यक है।

      हो सकता है कि पवित्र आत्मा ने आपको आपकी इस आवश्यकत के विषय सचेत किया है, कि आप प्रभु यीशु में विश्वास ले आएँ। इसे टालें नहीं वरन तुरंत इस पर कार्यवाही करें, जैसे कि मैगी ने किया। अभी समय है; यीशु के पास आ जाएँ। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर के परिवार का सदस्य बनने के लिए आज और अभी  से बेहतर कोई अन्य समय नहीं है।

वरन जिस दिन तक आज का दिन कहा जाता है, हर दिन एक दूसरे को समझाते रहो, ऐसा न हो, कि तुम में से कोई जन पाप के छल में आकर कठोर हो जाए। - इब्रानियों 3:13

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 5:18-6:2
2 Corinthians 5:18 और सब बातें परमेश्वर की ओर से हैं, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेल-मिलाप कर लिया, और मेल-मिलाप की सेवा हमें सौंप दी है।
2 Corinthians 5:19 अर्थात परमेश्वर ने मसीह में हो कर अपने साथ संसार का मेल मिलाप कर लिया, और उन के अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया और उसने मेल मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है।
2 Corinthians 5:20 सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो।
2 Corinthians 5:21 जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में हो कर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं।
2 Corinthians 6:1 और हम जो उसके सहकर्मी हैं यह भी समझाते हैं, कि परमेश्वर का अनुग्रह जो तुम पर हुआ, व्यर्थ न रहने दो।
2 Corinthians 6:2 क्योंकि वह तो कहता है, कि अपनी प्रसन्नता के समय मैं ने तेरी सुन ली, और उद्धार के दिन मैं ने तेरी सहायता की: देखो, अभी वह प्रसन्नता का समय है; देखो, अभी उद्धार का दिन है।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • मलाकी 1-4
  • प्रकाशितवाक्य 22



रविवार, 30 दिसंबर 2018

एकांत



      मैं चर्च के जिस कमरे में सहायता कर रही थी वहाँ बहुत कार्य और चहल-पहल थी। लगभग एक दर्जन बच्चे बातचीत कर रहे थे, खेल रहे थे। वहाँ इतनी अधिक गतिविधि हो रही थी कि कमरा गर्म होने लगा और मैंने दरवाज़े को थोड़ा सा खोल दिया। एक छोटे लड़के ने इसमें अपने बच निकलने का अवसर देखा, और जैसे ही उसे लगा कि उसे कोई नहीं देख रहा है, वह चुपचाप, दबे पाँव, दरवाज़े से बाहर निकल गया। मैं भी उसके पीछे-पीछे गई, और मुझे कोई अचरज नहीं हुआ यह देखकर कि वह सीधा अपने पिता की ओर जा रहा था।

      उस छोटे लड़के ने वह किया जो हमें करना चाहिए जब जीवन व्यस्त और अभिभूत करने वाला हो जाता है – अलग निकल कर पिता के पास चले जाएँ। प्रभु यीशु अपने स्वर्गीय पिता के साथ प्रार्थना में समय बिताने के अवसर ढूँढा करते थे। कोई यह कह सकता है कि उनकी शारीरिक ऊर्जा को कम करने वाली बातों का सामना और पूर्ति करने के लिए यही उनका तरीका था। परमेश्वर के वचन बाइबल में, मत्ती रचित सुसमाचार में, लिखा है कि प्रभु यीशु किसी एकांत स्थान की ओर जा रहे थे कि लोगों की भीड़ उनके पीछे हो ली। उनकी आवश्यकताओं को देखकर प्रभु ने चमत्कारिक रीति से उन्हें चंगाइयां दीं और उन्हें खिलाया भी। परन्तु यह सब करने के पश्चात वे “प्रार्थना करने को अलग पहाड़ पर चला गया” (पद 23)।

      प्रभु यीशु ने अनेकों बार बहुतेरे लोगों की सहायता की, परन्तु उन्होंने अपने आप को थका हुआ और जल्दबाज़ी में पड़ा हुआ नहीं होने दिया। वे परमेश्वर के साथ अपने संबंध को प्रार्थना द्वारा पोषित करते थे। आप की क्या स्थिति है? क्या आप परमेश्वर के सामर्थ्य और भरपूरी का अनुभव करने के लिए उसके साथ एकांत में समय बिताएंगे? – जेनिफर बेन्सन शुल्ट


हम जब परमेश्वर के निकट आते हैं तो हमारे मन तार-ओ-ताज़ा और हमारा बल नया हो जाता है।

परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे। - यशायाह  40:31

बाइबल पाठ: मत्ती 14:13-23
Matthew 14:13 जब यीशु ने यह सुना, तो नाव पर चढ़कर वहां से किसी सुनसान जगह एकान्‍त में चला गया; और लोग यह सुनकर नगर नगर से पैदल उसके पीछे हो लिए।
Matthew 14:14 उसने निकलकर बड़ी भीड़ देखी; और उन पर तरस खाया; और उसने उन के बीमारों को चंगा किया।
Matthew 14:15 जब सांझ हुई, तो उसके चेलों ने उसके पास आकर कहा; यह तो सुनसान जगह है और देर हो रही है, लोगों को विदा किया जाए कि वे बस्‍तियों में जा कर अपने लिये भोजन मोल लें।
Matthew 14:16 यीशु ने उन से कहा उन का जाना आवश्यक नहीं! तुम ही इन्हें खाने को दो।
Matthew 14:17 उन्होंने उस से कहा; यहां हमारे पास पांच रोटी और दो मछिलयों को छोड़ और कुछ नहीं है।
Matthew 14:18 उसने कहा, उन को यहां मेरे पास ले आओ।
Matthew 14:19 तब उसने लोगों को घास पर बैठने को कहा, और उन पांच रोटियों और दो मछिलयों को लिया; और स्वर्ग की ओर देखकर धन्यवाद किया और रोटियां तोड़ तोड़कर चेलों को दीं, और चेलों ने लोगों को।
Matthew 14:20 और सब खाकर तृप्‍त हो गए, और उन्होंने बचे हुए टुकड़ों से भरी हुई बारह टोकिरयां उठाईं।
Matthew 14:21 और खाने वाले स्‍त्रियों और बालकों को छोड़कर पांच हजार पुरूषों के अटकल थे।
Matthew 14:22 और उसने तुरन्त अपने चेलों को बरबस नाव पर चढ़ाया, कि वे उस से पहिले पार चले जाएं, जब तक कि वह लोगों को विदा करे।
Matthew 14:23 वह लोगों को विदा कर के, प्रार्थना करने को अलग पहाड़ पर चढ़ गया; और सांझ को वहां अकेला था।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 13-14
  • प्रकाशितवाक्य 21



शनिवार, 29 दिसंबर 2018

मुद्रिका



      जब विदेश से आए एक व्यक्ति से मेरी जान-पहचान हुई तो मेरा ध्यान उसके विशिष्ट अंग्रेज़ी उच्चारण और छोटे ऊंगली में पहनी हुई मुद्रिका पर गया। बाद में मुझे पता चला कि वह मुद्रिका मात्र आभूषण नहीं था, वह उसके परिवार के इतिहास का भी सूचक है, उस मुद्रिका पर बने पारिवारिक चिन्ह के द्वारा।

      यह परमेश्वर के वचन बाइबल में, हाग्गै की पुस्तक में उल्लेखित मुद्रिका के समान था। पुराने नियम के इस भविष्यद्वक्ता की इस संक्षिप्त सी पुस्तक में हाग्गै लोगों से परमेश्वर के मंदिर के पुनःनिर्माण को फिर से आरंभ करने का आह्वान करता है। उन लोगों को देश से निष्कासित कर दिया गया था, फिर वे लौट कर अपने देश आए और उन्होंने मंदिर के निर्माण का कार्य आरंभ किया। परन्तु शत्रुओं के विरोध के कारण मंदिर निर्माण का कार्य रुक गया था। हाग्गै के सन्देश में यहूदा के अगुवे जरूब्बाबेल के लिए भी प्रतिज्ञा थी कि उसे एक मुद्रिका के समान चुनकर अगुवा नियुक्त किया गया था।

      प्राचीन समय में मुद्रिका को पहचान के माध्यम के समान भी प्रयोग किया जाता था। अपने नाम का हस्ताक्षर करने के स्थान पर लोग अपनी मुद्रिका को गर्म मोम या नर्म मिट्टी पर दबाकर अपना चिन्ह बना देते थे। परमेश्वर की सन्तान होने के नाते हम मसीही भी सँसार पर अपनी छाप छोड़ते हैं – अपने कार्यों, व्यवहार, सुसमाचार प्रचार, आस-पास के लोगों के साथ प्रेम के व्यवहार, सँसार में शोषण की समाप्ति के लिए कार्य करने, आदि के द्वारा।

      हम में से प्रत्येक की अपने विशिष्ट छाप है जो दिखाती है कि हम कैसे परमेश्वर के स्वरूप में सृजे गए हैं और हमें परमेश्वर ने, उसके कार्यों के लिए, क्या-क्या वरदान, इच्छाएँ और बुद्धिमता प्रदान की है। अब यह हम पर है कि अपनी बुलाहट के अनुसार परमेश्वर के लिए इस सँसार में उसकी मुद्रिका का कार्य करें – लोगों पर उसके प्रेम और उद्धार की छाप छोडें। - एमी बाउचर पाई


हम परमेश्वर के वारिस और राजदूत हैं, संसार पर उसके प्रेम की छाप छोड़ने के लिए।

सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो। - 2 कुरिन्थियों 5:20

बाइबल पाठ: हाग्गै 2:15-23
Haggai 2:15 अब सोच-विचार करो कि आज से पहिले अर्थात जब यहोवा के मन्दिर में पत्थर पर पत्थर रखा ही नहीं गया था,
Haggai 2:16 उन दिनों में जब कोई अन्न के बीस नपुओं की आशा से जाता, तब दास ही पाता था, और जब कोई दाखरस के कुण्ड के पास इस आशा से जाता कि पचास बर्तन भर निकालें, तब बीस ही निकलते थे।
Haggai 2:17 मैं ने तुम्हारी सारी खेती को लू और गरूई और ओलों से मारा, तौभी तुम मेरी ओर न फिरे, यहोवा की यही वाणी है।
Haggai 2:18 अब सोच-विचार करो, कि आज से पहिले अर्थात जिस दिन यहोवा के मन्दिर की नेव डाली गई, उस दिन से ले कर नौवें महीने के इसी चौबीसवें दिन तक क्या दशा थी? इसका सोच-विचार करो।
Haggai 2:19 क्या अब तक बीज खत्ते में है? अब तक दाखलता और अंजीर और अनार और जलपाई के वृक्ष नहीं फले, परन्तु आज के दिन से मैं तुम को आशीष देता रहूंगा।
Haggai 2:20 उसी महीने के चौबीसवें दिन को दूसरी बार यहोवा का यह वचन हाग्गै के पास पहुंचा, यहूदा के अधिपति जरूब्बाबेल से यों कह :
Haggai 2:21 मैं आकाश और पृथ्वी दोनों को कम्पाऊंगा,
Haggai 2:22 और मैं राज्य-राज्य की गद्दी को उलट दूंगा; मैं अन्यजातियों के राज्य-राज्य का बल तोडूंगा, और रथों को चढ़वैयों समेत उलट दूंगा; और घोड़ों समेत सवार एक दूसरे की तलवार से गिरेंगे।
Haggai 2:23 सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है, उस दिन, हे शालतीएल के पुत्र मेरे दास जरूब्बाबेल, मैं तुझे ले कर अंगूठी के समान रखूंगा, यहोवा की यही वाणी है; क्योंकि मैं ने तुझी को चुन लिया है, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 9-12
  • प्रकाशितवाक्य 20



शुक्रवार, 28 दिसंबर 2018

प्रेम



      जून 2015 में पैरिस शहर के अधिकारियों ने पदयात्रियों के प्रयोग के लिए बने पुल पोंट-डे-आर्ट्स के किनारों की सांकलों पर से पैंतालीस टन वजन के ताले हटाए। प्रेमी जोड़े, अपने प्रेम भाव के प्रदर्शन के तौर पर तालों पर अपने नाम खरोंच कर उसे पुल की सांकलों पर लगा देते हैं और चाबी को नीचे बह रही सीएन नदी में फेंक देते हैं। हज़ारों बार इस परंपरा के निर्वाह के कारण वह पुल उस “प्रेम” के भार से इतना बोझिल हो गया कि अधिकारियों को उसके बने रहने पर शंका होने लगी, और उन्हें वे “प्रेम के बंधन” वहाँ से हटाने पड़े।

      उन तालों का उद्देश्य चिर-स्थाई प्रेम को व्यक्त करना था, परन्तु मानवीय प्रेम सदा ही बना नहीं रहता है। अंतरंग मित्रों में परस्पर मतभेद हो जाते हैं, संभव है कि जिन्हें वे कभी नहीं सुलझाएं। परिवार के सदस्यों में वाद-विवाद हो जाते हैं और वे एक दूसरे को कभी क्षमा न करें। एक पति और पत्नि एक-दूसरे से अलग होकर अपने अपने रास्तों पर इतनी दूर चले जा सकते हैं कि उन्हें स्मरण ही न आए कि उन्होंने विवाह किया ही क्यों था। मानवीय प्रेम अस्थिर हो सकता है।

      परन्तु एक स्थिर और सदा बने रहने वाला प्रेम  है – परमेश्वर का प्रेम। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने भजन 106:1 में कहा है “याह की स्तुति करो! यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है!” समस्त पवित्र शास्त्र के प्रत्येक भाग में परमेश्वर के कभी न बदलने वाले और अटल प्रेम की प्रतिज्ञाएँ विद्यमान हैं। उसके इस प्रेम का सबसे महान प्रमाण है परमेश्वर द्वारा अपने पुत्र प्रभु यीशु मसीह का बलिदान देना ताकि जो कोई उसपर विश्वास करे वह नाश न हो परन्तु अनन्त जीवन पाए। साथ ही उसकी यह भी प्रतिज्ञा है कि ऐसी कोई भी बात, कोई भी वस्तु नहीं है जो हमें उसके प्रेम से अलग कर सके (रोमियों 8:38-39)।

      हम मसीही विश्वासी परमेश्वर के साथ उसके प्रेम के बंधन में सदा के लिए बन्ध गए हैं। - सिंडी हैस कैस्पर


मसीह यीशु की मृत्यु और पुनरुत्थान मेरे लिए परमेश्वर के प्रेम का माप हैं।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।  - यूहन्ना  3:16

बाइबल पाठ: रोमियों 8: 29-39
Romans 8:29 क्योंकि जिन्हें उसने पहिले से जान लिया है उन्हें पहिले से ठहराया भी है कि उसके पुत्र के स्वरूप में हों ताकि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे।
Romans 8:30 फिर जिन्हें उसने पहिले से ठहराया, उन्हें बुलाया भी, और जिन्हें बुलाया, उन्हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्हें धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी दी है।
Romans 8:31 सो हम इन बातों के विषय में क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है?
Romans 8:32 जिसने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्योंकर न देगा?
Romans 8:33 परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर वह है जो उन को धर्मी ठहराने वाला है।
Romans 8:34 फिर कौन है जो दण्ड की आज्ञा देगा? मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है।
Romans 8:35 कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग करेगा? क्या क्लेश, या संकट, या उपद्रव, या अकाल, या नंगाई, या जोखिम, या तलवार?
Romans 8:36 जैसा लिखा है, कि तेरे लिये हम दिन भर घात किए जाते हैं; हम वध होने वाली भेंडों के समान गिने गए हैं।
Romans 8:37 परन्तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिसने हम से प्रेम किया है, जयवन्त से भी बढ़कर हैं।
Romans 8:38 क्योंकि मैं निश्चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ्य, न ऊंचाई,
Romans 8:39 न गहिराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी।
                                                                                                                                                        

एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 5-8
  • प्रकाशितवाक्य 19



गुरुवार, 27 दिसंबर 2018

सादगी



      मेरे पिता का अस्पताल का कमरा उनसे मिलने आए मेहमानों के ठहाकों से गूंज उठा: दो वृद्ध ट्रक चालाक, एक भूतपूर्व लोक-गीत गायक, एक कारीगर, और पड़ौस के फ़ार्म से आई दो महिलाएँ तथा मैं, वहाँ पिताजी मिलने आए हुए थे। उस कारीगर ने अपनी कहानी को आगे बताते हुए कहा “...फिर वह उठा और बोतल को मेरे सर पर मारकर तोड़ दिया।”

      इस हास्यास्पद स्मृति को सुनकर कमरा हंसी से भर गया। पिताजी, जो कैंसर से लड़ रहे थे, ने साँस लेने के लिए संघर्ष करते हुए सब लोगों को स्मरण करवाया कि, “रैंडी अब एक मसीही प्रचारक है” उनका तात्पर्य था कि मेरी उपस्थिति में जो कहा जाए वह इस बात का ध्यान रखते हुए हो। उनके यह कहने पर दो सेकेंड के लिए तो कमरे में शान्ति रही, और मेरे विषय इस समाचार को सुनने के पश्चात कमरा फिर से और भी अधिक ऊँची आवाज़ में हंसी से भर गया।

      मिलने आए लगभग चालीस मिनिट हो चुके थे कि उस कारीगर ने अचानक ही अपना गला साफ़ करके मेरे पिता की ओर देखते हुए गंभीरता से कहा, “हॉवर्ड, मेरे लिए अब वह पीना और बार में लड़ाई करना समाप्त हो गया है। मेरे लिए वे दिन अब बीत चुके हैं। अब मेरे जीने का भिन्न कारण है, और मैं तुम्हें अपने उद्धारकर्ता के बारे में बताना चाहता हूँ।

      और फिर उसने यही किया भी, मेरे पिता के चकित करने वाले केवल हलके से विरोध के साथ। यदि सुसमाचार सुनाने का उससे मनोहर और कोमल कोई तरीका है, जैसा उन्होंने तब सुनाया, तो आज तक मैंने उस तरीके को कभी नहीं सुना है। मेरे पिताजी देखते और सुनते रहे, और कुछ वर्षों के पश्चात उन्होंने भी प्रभु यीशु में विश्वास कर लिया।

      वह एक मित्र के द्वारा, जो सादगी का जीवन जी रहा था, सादगी से दी गई जीवन की गवाही थी। उसने मुझे स्मरण करवाया कि सादगी का अर्थ भोला-भाला या मूर्ख होना नहीं है; वह स्पष्ट और आडंबर-रहित होता है। वैसे ही जैसे प्रभु यीशु मसीह थे, और उनके द्वारा सारे सँसार के लिए उप्ल्बध करवाया गया उद्धार आज भी है। - रैंडी किल्गोर


यीशु ने उन के पास आकर कहा, कि स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है। इसलिये तुम जा कर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रआत्मा के नाम से बपतिस्मा दो। और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्‍त तक सदैव तुम्हारे संग हूं। - मत्ती 28:19-20

बाइबल पाठ: 2 पतरस 1:12-21
2 Peter 1:12 इसलिये यद्यपि तुम ये बातें जानते हो, और जो सत्य वचन तुम्हें मिला है, उस में बने रहते हो, तौभी मैं तुम्हें इन बातों की सुधि दिलाने को सर्वदा तैयार रहूंगा।
2 Peter 1:13 और मैं यह अपने लिये उचित समझता हूं, कि जब तक मैं इस डेरे में हूं, तब तक तुम्हें सुधि दिला दिलाकर उभारता रहूं।
2 Peter 1:14 क्योंकि यह जानता हूं, कि मसीह के वचन के अनुसार मेरे डेरे के गिराए जाने का समय शीघ्र आने वाला है।
2 Peter 1:15 इसलिये मैं ऐसा यत्‍न करूंगा, कि मेरे कूच करने के बाद तुम इन सब बातों को सर्वदा स्मरण कर सको।
2 Peter 1:16 क्योंकि जब हम ने तुम्हें अपने प्रभु यीशु मसीह की सामर्थ्य का, और आगमन का समाचार दिया था तो वह चतुराई से गढ़ी हुई कहानियों का अनुकरण नहीं किया था वरन हम ने आप ही उसके प्रताप को देखा था।
2 Peter 1:17 कि उसने परमेश्वर पिता से आदर, और महिमा पाई जब उस प्रतापमय महिमा में से यह वाणी आई कि यह मेरा प्रिय पुत्र है जिस से मैं प्रसन्न हूं।
2 Peter 1:18 और जब हम उसके साथ पवित्र पहाड़ पर थे, तो स्वर्ग से यही वाणी आते सुनी।
2 Peter 1:19 और हमारे पास जो भविष्यद्वक्ताओं का वचन है, वह इस घटना से दृढ़ ठहरा है और तुम यह अच्छा करते हो, कि जो यह समझ कर उस पर ध्यान करते हो, कि वह एक दीया है, जो अन्धियारे स्थान में उस समय तक प्रकाश देता रहता है जब तक कि पौ न फटे, और भोर का तारा तुम्हारे हृदयों में न चमक उठे।
2 Peter 1:20 पर पहिले यह जान लो कि पवित्र शास्त्र की कोई भी भविष्यद्वाणी किसी के अपने ही विचारधारा के आधार पर पूर्ण नहीं होती।
2 Peter 1:21 क्योंकि कोई भी भविष्यद्वाणी मनुष्य की इच्छा से कभी नहीं हुई पर भक्त जन पवित्र आत्मा के द्वारा उभारे जा कर परमेश्वर की ओर से बोलते थे।
                                                                                                                                                        

एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 1-4
  • प्रकाशितवाक्य 18



बुधवार, 26 दिसंबर 2018

प्रतीक्षा



      कभी-कभी मैं मजाक करती हूँ कि मैं एक पुस्तक लिखूंगी जिसका शीर्षक होगा “समय पर”; जो मुझे जानते हैं वे यह सुनकर मुस्कुराते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि मैं अकसर विलंबित रहती हूँ। मैं तर्क देती हूँ कि मेरा विलंब मेरी आशावान प्रवृत्ति का सूचक है, न कि मेरे प्रयास न करने का परिणाम। मैं अपेक्षा के साथ इस धारणा को थामे रहती हूँ कि “इस बार” मैं पहले की अपेक्षा कम समय में और अधिक करने पाऊँगी। परन्तु यह धारणा अकसर गलत ही होती है, और इसलिए मैं फिर से विलंबित हो जाती हूँ।

      इसकी तुलना में, परमेश्वर का कार्य सदा ही समय से होता है। हमें प्रतीत हो सकता है कि वह विलंब कर रहा है, परन्तु ऐसा होता नहीं है। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम अनेकों स्थानों पर लोगों के विषय में पढ़ते हैं कि वे परमेश्वर के समय को लेकर अधीर हो गए। पवित्र शास्त्र हमें बताता है कि इस्राएली भी प्रतिज्ञा किए हुए मसीहा की प्रतीक्षा करत-करते अधीर हो गए और उनमें से कुछ ने तो आशा ही छोड़ दी। परन्तु प्रभु यीशु के जन्म से संबंधित वृतान्त में हम पढ़ते हैं कि मंदिर में रहकर सेवा करने वाले लोगों में से दो, हन्नाह और शमौन अधीर नहीं हुए। वे प्रतिदिन मंदिर में प्रार्थना और प्रतीक्षा करते रहे (लूका 2:25-26, 37)। उनके विश्वास को प्रतिफल मिला और उन्हें शिशु यीशु को देखने का अवसर मिला जब मरियम और यूसुफ यीशु को मंदिर में समर्पण के लिए लेकर आए (पद 27-32, 38)।

      हम जब भी इस बात को लेकर निराश अनुभव करें कि परमेश्वर हमारी समय-सारणी के अनुसार प्रतिक्रया नहीं दे रहा है, तो क्रिसमस के सन्देश को स्मरण करें कि “परन्तु जब समय पूरा हुआ, तो परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा, जो स्त्री से जन्मा, और व्यवस्था के आधीन उत्पन्न हुआ। ताकि व्यवस्था के आधीनों को मोल ले कर छुड़ा ले, और हम को लेपालक होने का पद मिले” (गलातियों 4:4-5)। परमेश्वर का समय सदा सिद्ध होता है और उसके समय की प्रतीक्षा करना हमारे लिए लाभकारी। - जूली ऐकैर्मैन लिंक


परमेश्वर का समय ही सदा सही होता है – धैर्य के साथ उसकी प्रतीक्षा करें।

पूर्व युग में परमेश्वर ने बाप दादों से थोड़ा थोड़ा कर के और भांति भांति से भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बातें कर के। इन दिनों के अन्‍त में हम से पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उसने सारी वस्‍तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उसने सारी सृष्‍टि रची है। वह उस की महिमा का प्रकाश, और उसके तत्‍व की छाप है, और सब वस्‍तुओं को अपनी सामर्थ्य के वचन से संभालता है: वह पापों को धोकर ऊंचे स्थानों पर महामहिमन के दाहिने जा बैठा। - इब्रानियों 1:1-3

बाइबल पाठ: लूका 2:25-38
Luke 2:25 और देखो, यरूशलेम में शमौन नाम एक मनुष्य था, और वह मनुष्य धर्मी और भक्त था; और इस्राएल की शान्‍ति की बाट जोह रहा था, और पवित्र आत्मा उस पर था।
Luke 2:26 और पवित्र आत्मा से उसको चितावनी हुई थी, कि जब तक तू प्रभु के मसीह को देख ने लेगा, तक तक मृत्यु को न देखेगा।
Luke 2:27 और वह आत्मा के सिखाने से मन्दिर में आया; और जब माता-पिता उस बालक यीशु को भीतर लाए, कि उसके लिये व्यवस्था की रीति के अनुसार करें।
Luke 2:28 तो उसने उसे अपनी गोद में लिया और परमेश्वर का धन्यवाद कर के कहा,
Luke 2:29 हे स्‍वामी, अब तू अपने दास को अपने वचन के अनुसार शान्‍ति से विदा करता है।
Luke 2:30 क्योंकि मेरी आंखो ने तेरे उद्धार को देख लिया है।
Luke 2:31 जिसे तू ने सब देशों के लोगों के साम्हने तैयार किया है।
Luke 2:32 कि वह अन्य जातियों को प्रकाश देने के लिये ज्योति, और तेरे निज लोग इस्राएल की महिमा हो।
Luke 2:33 और उसका पिता और उस की माता इन बातों से जो उसके विषय में कही जाती थीं, आश्चर्य करते थे।
Luke 2:34 तब शमौन ने उन को आशीष देकर, उस की माता मरियम से कहा; देख, वह तो इस्राएल में बहुतों के गिरने, और उठने के लिये, और एक ऐसा चिन्ह होने के लिये ठहराया गया है, जिस के विरोध में बातें की जाएगीं --
Luke 2:35 वरन तेरा प्राण भी तलवार से वार पार छिद जाएगा-- इस से बहुत हृदयों के विचार प्रगट होंगे।
Luke 2:36 और अशेर के गोत्र में से हन्नाह नाम फनूएल की बेटी एक भविष्यद्वक्तिन थी: वह बहुत बूढ़ी थी, और ब्याह होने के बाद सात वर्ष अपने पति के साथ रह पाई थी।
Luke 2:37 वह चौरासी वर्ष से विधवा थी: और मन्दिर को नहीं छोड़ती थी पर उपवास और प्रार्थना कर कर के रात-दिन उपासना किया करती थी।
Luke 2:38 और वह उस घड़ी वहां आकर प्रभु का धन्यवाद करने लगी, और उन सभों से, जो यरूशलेम के छुटकारे की बाट जोहते थे, उसके विषय में बातें करने लगी।
                                                                                                                                                        

एक साल में बाइबल: 
  • हाग्गै 1-2
  • प्रकाशितवाक्य 17



मंगलवार, 25 दिसंबर 2018

आनन्द


      सिंगापुर में मसीही प्रकाशकों के एक सम्मलेन के अंतिम दिन, 50 देशों से भाग लेने आए 280 लोगों को होटल के प्रांगण में एकत्रित किया गया उनके समूह की तस्वीर खींचने के लिए। तस्वीर को खींचने के लिए फोटोग्राफर होटल की दूसरे मंजिल की बालकनी में गया और अलग अलग कोणों से तसवीरें लेने लगा, और फिर अन्त में उसने कहा, “काम हो गया।” एकत्रित भीड़ में से किसी की आवाज़ आई, “अच्छा है; खुश हो!” तुरंत ही किसी अन्य ने प्रत्युत्तर में गाना आरंभ किया “खुदावंद आया है।” और एक के बाद एक लोग उस क्रिसमस के गीत में सम्मिलित होते चले गए, और शीघ्र ही सारा समूह क्रिसमस के इस सुन्दर और परिचित गीत को गा रहा था। वह आनन्द और एकता का ऐसा अद्भुत प्रदर्शन था जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगा।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में लूका रचित सुसमाचार में हम पाते हैं कि एक स्वर्गदूत ने यीशु के जन्म की घोषणा चरवाहों के एक झुण्ड को की थी, यह कहते हुए कि, “मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा। कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है” (लूका 2:10-11)।

      वह आनन्द का समाचार थोड़े से ही लोगों के लिए नहीं था, वरन सब के लिए था, “क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए” (यूहन्ना 3:16)।

      जब हम यीशु के जीवन परिवर्तित करने वाले सुसमाचार को औरों के साथ बाँटते हैं, तब हम सँसार भर के मसीही विश्वासियों के साथ सम्मिलित होकर प्रभु यीशु मसीह की “धार्मिकता की महिमा और उसके प्रेम के आश्चर्य” को प्रकट करते हैं।

      “खुश हो खुदावंद आया है!” – डेविड मैक्कैस्लैंड


प्रभु यीशु के जन्म का शुभ-सन्देश सभी लोगों के लिए आनन्द का स्त्रोत है।

प्रभु यहोवा का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि यहोवा ने सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया और मुझे इसलिये भेजा है कि खेदित मन के लोगों को शान्ति दूं; कि बंधुओं के लिये स्वतंत्रता का और कैदियों के लिये छुटकारे का प्रचार करूं; - यशायाह 61:1

बाइबल पाठ: लूका 2:8-14
Luke 2:8 और उस देश में कितने गड़ेरिये थे, जो रात को मैदान में रहकर अपने झुण्ड का पहरा देते थे।
Luke 2:9 और प्रभु का एक दूत उन के पास आ खड़ा हुआ; और प्रभु का तेज उन के चारों ओर चमका, और वे बहुत डर गए।
Luke 2:10 तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा।
Luke 2:11 कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है।
Luke 2:12 और इस का तुम्हारे लिये यह पता है, कि तुम एक बालक को कपड़े में लिपटा हुआ और चरनी में पड़ा पाओगे।
Luke 2:13 तब एकाएक उस स्वर्गदूत के साथ स्‍वर्गदूतों का दल परमेश्वर की स्‍तुति करते हुए और यह कहते दिखाई दिया।
Luke 2:14 कि आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है शान्‍ति हो।
                                                                                                                                                        

एक साल में बाइबल: 
  • सपन्याह 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 16