ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें : rozkiroti@gmail.com / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शनिवार, 27 जून 2020

मुक्त


     एक लड़का, जौनाथन, मस्तिष्क के एक ऐसे रोग के साथ पैदा हुआ था, जिसके कारण वह बोल नहीं सकता था, अपने आप को व्यक्त नहीं कर सकता था। परन्तु उसकी माँ ने हार नहीं मानी, और वह प्रयास करती रही कि किसी प्रकार वह उसे अपने आप को व्यक्त करना सिखा सके। वह दस वर्ष का था जब उसकी माँ की समझ में आया कि वह अपनी आँखों और अक्षरों की एक पटिया की सहायता से अपनी बात व्यक्त कर सकता है। एक बार जब उसे यह समझ मिल गई तो वह मुक्त हो गया, अपने आप को व्यक्त करने लग गया, उसकी माँ कहती है, “वह मुक्त हो गया, अब हम उस से कुछ भी पूछ सकते हैं।” जौनाथन अब पढ़ता है, लिखता है, कविता भी लिखता है, सब अपनी आँखों के संकेत के द्वारा। जब जौनाथन से पूछा गया कि अपने परिवार और मित्र जनों के साथ ‘बात’ कर पाना कैसा लगता है, तो उसने कहा, “उन्हें यह बता पाना कि मैं उन्हें प्रेम करता हूँ, अद्भुत है।”

     जौनाथन की कहानी बहुत दिल को छू लेने वाली है, और मुझे इस पर विचार करने के लिए बाध्य करती है कि परमेश्वर किस प्रकार से हमें पाप के बंधनों से मुक्त करता है। जैसा कि परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने कुलुस्से के मसीही विश्वासियों को अपनी पत्री में लिखा, एक समय था जब हम परमेश्वर की उपस्थिति से निष्कासित थे (कुलुस्सियों 1:21); हम अपने पापमय व्यवहार के कारण उसके विरोधी थे, परन्तु क्रूस पर मसीह की मृत्यु और उसके मृतकों में से पुनरुत्थान के कारण अब हम परमेश्वर के सामने पवित्र करके प्रस्तुत किए जाते हैं (पद 22)। अब हम प्रभु के योग्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं, उसके ज्ञान और निकटता में बढ़ सकते हैं, उसके लिए फल ला सकते हैं (आयतें 10-11)।

     हम अपने मुक्त किए गए कंठ को परमेश्वर की स्तुति करने और उसके सुसमाचार को लोगों के साथ बाँटने के लिए प्रयोग कर सकते हैं, जिससे और लोग भी पाप से बंधे न रहें, वे भी मुक्त हो जाएँ। - एमी बाउचर पाई

 

प्रभु हमें हमारे पाप की कैद से मुक्त करता है।


इसलिये जब कि लड़के मांस और लोहू के भागी हैं, तो वह आप भी उन के समान उन का सहभागी हो गया; ताकि मृत्यु के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली थी, अर्थात शैतान को निकम्मा कर दे। और जितने मृत्यु के भय के मारे जीवन भर दासत्‍व में फंसे थे, उन्हें छुड़ा ले। - इब्रानियों 2:14-15

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 1:13-23

कुलुस्सियों 1:13 उसी ने हमें अन्धकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया।

कुलुस्सियों 1:14 जिस में हमें छुटकारा अर्थात पापों की क्षमा प्राप्त होती है।

कुलुस्सियों 1:15 वह तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्‍टि में पहिलौठा है।

कुलुस्सियों 1:16 क्योंकि उसी में सारी वस्‍तुओं की सृष्‍टि हुई, स्वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रभुतांए, क्या प्रधानताएं, क्या अधिकार, सारी वस्तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं।

कुलुस्सियों 1:17 और वही सब वस्‍तुओं में प्रथम है, और सब वस्तुएं उसी में स्थिर रहती हैं।

कुलुस्सियों 1:18 और वही देह, अर्थात कलीसिया का सिर है; वही आदि है और मरे हुओं में से जी उठने वालों में पहिलौठा कि सब बातों में वही प्रधान ठहरे।

कुलुस्सियों 1:19 क्योंकि पिता की प्रसन्नता इसी में है कि उस में सारी परिपूर्णता वास करे।

कुलुस्सियों 1:20 और उसके क्रूस पर बहे हुए लोहू के द्वारा मेल मिलाप कर के, सब वस्‍तुओं का उसी के द्वारा से अपने साथ मेल कर ले चाहे वे पृथ्वी पर की हों, चाहे स्वर्ग में की।

कुलुस्सियों 1:21 और उसने अब उसकी शारीरिक देह में मृत्यु के द्वारा तुम्हारा भी मेल कर लिया जो पहिले निकाले हुए थे और बुरे कामों के कारण मन से बैरी थे।

कुलुस्सियों 1:22 ताकि तुम्हें अपने सम्मुख पवित्र और निष्‍कलंक, और निर्दोष बनाकर उपस्थित करे।

कुलुस्सियों 1:23 यदि तुम विश्वास की नेव पर दृढ़ बने रहो, और उस सुसमाचार की आशा को जिसे तुम ने सुना है न छोड़ो, जिस का प्रचार आकाश के नीचे की सारी सृष्‍टि में किया गया; और जिस का मैं पौलुस सेवक बना।    

 

एक साल में बाइबल: 

  • अय्यूब 8-10
  • प्रेरितों 8:26-40 


शुक्रवार, 26 जून 2020

स्वतंत्र


     बचपन में जब मैं गाँव में रहता था, मुझे मुर्गियाँ पकड़ना बहुत रोमांचक लगता था। मैं जब भी कोई मुर्गी को पकड़ लेता, तो उसे कुछ देर तक नीचे धरती पर बैठाकर दबाए रखता, और फिर बहुत धीरे से उस पर से अपने हाथ उठाता। मेरे हाथ उठा लेने पर भी मुर्गी वहीं दबी बैठी रहती, उसे लगता था कि वह अभी भी मेरी पकड़ में है।

     हम जब प्रभु यीशु मसीह में विश्वास लाते हैं, वह अपने अनुग्रह में हमें पाप से और शैतान के पकड़ से छुड़ा लेता है। परन्तु क्योंकि हमारे पापी स्वभाव और आदतों में परिवर्तन आने में समय लगता है, इसलिए शैतान हमें ऐसा अनुभव करवा सकता है मानो हम अभी भी उसी की पकड़ में ही हैं। परन्तु परमेश्वर के आत्मा ने हमें स्वतंत्र कर दिया है; वह हमें दास नहीं बनाता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में, रोम के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में पौलुस कहता है, “सो अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दण्ड की आज्ञा नहीं: क्योंकि वे शरीर के अनुसार नहीं वरन आत्मा के अनुसार चलते हैं। क्योंकि जीवन की आत्मा की व्यवस्था ने मसीह यीशु में मुझे पाप की, और मृत्यु की व्यवस्था से स्वतंत्र कर दिया” (रोमियों 8:1-2)।

     हमारे द्वारा बाइबल पढ़ने, प्रार्थना करने, और पवित्र आत्मा की सामर्थ्य से, परमेश्वर हम में कार्य करता है, हमें स्वच्छ करता है, और हमें अपने लिए उपयोगी बनाता है, जिससे हम उसके लिए जी सकें, उसके कार्य कर सकें। बाइबल हमें प्रोत्साहित करती है कि हम अपने जीवन में मसीह यीशु के साथ चलते हुए अपने आप को बंधा हुआ नहीं वरन स्वतंत्र अनुभव करें; फिर से पाप में और शैतान के चँगुल में न फँसें।

     प्रभु यीशु ने कहा, “सो यदि पुत्र तुम्हें स्‍वतंत्र करेगा, तो सचमुच तुम स्‍वतंत्र हो जाओगे” (यूहन्ना 8:36)। मसीह यीशु में लाए गए विश्वास से मिली पापों की क्षमा और स्वतंत्रता हमें उस से और अधिक प्रेम करने तथा उसकी सेवकाई में लगे रहने के लिए प्रोत्साहित करती रहे। - लॉरेंस दरमानी

 

मेरी जंजीरें टूट गईं, मेरा मन स्वतंत्र हो गया; 

मैं उठा, आगे बढ़ा, और आपके पीछे हो लिया। - चार्ल्स वेस्ली


मसीह ने स्‍वतंत्रता के लिये हमें स्‍वतंत्र किया है; सो इसी में स्थिर रहो, और दासत्‍व के जूए में फिर से न जुतो। - गलातियों 5:1

बाइबल पाठ: रोमियों 8:1-2, 15-17

रोमियों 8:1 सो अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दण्ड की आज्ञा नहीं: क्योंकि वे शरीर के अनुसार नहीं वरन आत्मा के अनुसार चलते हैं।

रोमियों 8:2 क्योंकि जीवन की आत्मा की व्यवस्था ने मसीह यीशु में मुझे पाप की, और मृत्यु की व्यवस्था से स्वतंत्र कर दिया।

रोमियों 8:15 क्योंकि तुम को दासत्व की आत्मा नहीं मिली, कि फिर भयभीत हो परन्तु लेपालकपन की आत्मा मिली है, जिस से हम हे अब्बा, हे पिता कह कर पुकारते हैं।

रोमियों 8:16 आत्मा आप ही हमारी आत्मा के साथ गवाही देता है, कि हम परमेश्वर की सन्तान हैं।

रोमियों 8:17 और यदि सन्तान हैं, तो वारिस भी, वरन परमेश्वर के वारिस और मसीह के संगी वारिस हैं, जब कि हम उसके साथ दुख उठाएं कि उसके साथ महिमा भी पाएं।    

 

एक साल में बाइबल: 

  • अय्यूब 5-7
  • प्रेरितों 8:1-25


गुरुवार, 25 जून 2020

धन्यवाद


     मैं कई वर्षों से ब्रिटिश लेखक जी. के. चेस्टर्टन के लेखों का आनन्द लेता आया हूँ। उनका विनोद और अन्तदृष्टि बहुधा मुझे मुस्कुराने और फिर उनकी बात पर गंभीरता से विचार करने के लिए बाध्य करती है। उदाहरण के लिए, उन्होंने लिखा, “आप भोजन से पहले परमेश्वर से धन्यवाद की प्रार्थना करते हैं। परन्तु मैं धन्यवाद की प्रार्थना नाटक और संगीत-नाटिका से पहले, संगीत समारोह और मूक-नाटक से पहले, और पुस्तक को खोलने से पहले, और धन्यवाद की प्रार्थना रेखा-चित्र बनाने, चित्रकारी करने, तैरने, तलवारबाज़ी करने, मुक्केबाजी करने, चलने, खेलने, नृत्य करने, और धन्यवाद की प्रार्थना कलम को दवात में डुबोने से पहले भी करता हूँ।”

     प्रत्येक भोजन से पूर्व परमेश्वर से धन्यवाद की प्रार्थना करना अच्छा है, परन्तु इसे यहीं नहीं रुक जाना चाहिए। परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा है कि पौलुस ने प्रत्येक गतिविधि, प्रत्येक प्रयास को परमेश्वर के प्रति धन्यवादी होने, और उसके द्वारा परमेश्वर की महिमा करने के अवसर के समान देखा। पौलुस लिखता है, “और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो” (कुलुस्सियों 3:17)। मनोरंजन, व्यवसाय, और शिक्षा, ये सभी माध्यम हैं जिनके द्वारा हम परमेश्वर को आदर दे सकते हैं, और उसके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त कर सकते हैं।

     पौलुस ने कुलुस्से के विश्वासियों प्रोत्साहित किया, “और मसीह की शान्‍ति जिस के लिये तुम एक देह हो कर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो” (पद 15)।

     जब और जहां भी हम प्रभु परमेश्वर को आदर देना चाहें, उसके धन्यवादी होना चाहें, वही धन्यवाद की प्रार्थना करने का सर्वोत्तम स्थान और अवसर है। - डेविड सी. मैक्कैसलैंड

 

हम जो कुछ भी करें, उसके द्वारा परमेश्वर को आदर और धन्यवाद करें।


सो तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महीमा के लिये करो। -  1 कुरिन्थियों 10:31

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 3:12-17

कुलुस्सियों 3:12 इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं के समान जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो।

कुलुस्सियों 3:13 और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो।

कुलुस्सियों 3:14 और इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्‍ध है बान्‍ध लो।

कुलुस्सियों 3:15 और मसीह की शान्‍ति जिस के लिये तुम एक देह हो कर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो।

कुलुस्सियों 3:16 मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ, और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्‍तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ।

कुलुस्सियों 3:17 और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो।    

 

एक साल में बाइबल: 

  • अय्यूब 3-4
  • प्रेरितों 7:44-60


बुधवार, 24 जून 2020

सान्तवना


     मैंने एक माँ के बारे में पढ़ा जो स्कूल से लौटी अपनी बेटी को कमर से नीचे कीचड़ में लथपथ देखकर चकित रह गई। उसकी बेटी ने स्पष्टीकरण दिया, स्कूल से लौटते समय उसकी एक सहेली फिसल कर कीचड़ में गिर गई, और उसका पैर चोटिल हो गया, वह खड़ी नहीं हो पा रही थी। उनकी एक अन्य सहेली दौड़कर किसी को सहायता करने के लिए लेने गई, और वह वहीं अपनी सहेली के साथ खड़ी थी। उसे अपनी सहेली को अपनी दुखती हुई टांग पकडे हुए कीचड़ में बैठे देखना अच्छा नहीं लगा, इसलिए वह भी उसके साथ वहीं कीचड़ में बैठ गई, जब तक कि सहायता के लिए उनकी शिक्षिका नहीं आ गई।

     परमेश्वर के वचन बाइबल में जब अय्यूब पर विपदाएँ आईं, उसके बच्चे और धन-संपत्ति जाते रहे, और उसके शरीर पर पीड़ादायक फोड़े निकल आए, तो उसका दुःख असहनीय था। बाइबल बताती है कि उसके तीन मित्र उसे सांत्वना देने के लिए आए। जब वे अय्यूब के पास पहुंचे और उन्होंने उसके हाल देखे, “जब उन्होंने दूर से आंख उठा कर अय्यूब को देखा और उसे न चीन्ह सके, तब चिल्लाकर रो उठे; और अपना अपना बागा फाड़ा, और आकाश की ओर धूलि उड़ाकर अपने अपने सिर पर डाली। तब वे सात दिन और सात रात उसके संग भूमि पर बैठे रहे, परन्तु उसका दु:ख बहुत ही बड़ा जान कर किसी ने उस से एक भी बात न कही” (अय्यूब 2:12-13)।

     अय्यूब के मित्रों ने आरंभ में तो सराहनीय समझदारी दिखाई। वे समझ गए कि अय्यूब को बस उसके साथ बैठकर शोक करने वाला कोई चाहिए, और उन्होंने यही किया। परन्तु आगे के अध्यायों में हम देखते हैं कि जब उन्होंने उसके साथ बोलना और परामर्श देना आरम्भ किया, तो उनकी बातें और परामर्श व्यर्थ तथा दुखदायी थे (अय्यूब 16:1-4)।

     अपने किसी दुखी मित्र को सान्तवना देने के लिए हम जो सबसे अच्छा कार्य कर सकते हैं, वह है उनके साथ उनकी परिस्थिति में आकर बैठ जाएँ। - लीसा सामरा

 

दुःख के समय में एक मित्र की उपस्थिति बहुत शान्तिदायक होती है।


प्रभु यहोवा ने मुझे सीखने वालों की जीभ दी है कि मैं थके हुए को अपने वचन के द्वारा संभालना जानूं। भोर को वह नित मुझे जगाता और मेरा कान खोलता है कि मैं शिष्य के समान सुनूं। - यशायाह 50:4

बाइबल पाठ: अय्यूब 2:7-13

अय्युब 2:7 तब शैतान यहोवा के साम्हने से निकला, और अय्यूब को पांव के तलवे से ले सिर की चोटी तक बड़े बड़े फोड़ों से पीड़ित किया।

अय्युब 2:8 तब अय्यूब खुजलाने के लिये एक ठीकरा ले कर राख पर बैठ गया।

अय्युब 2:9 तब उसकी स्त्री उस से कहने लगी, क्या तू अब भी अपनी खराई पर बना है? परमेश्वर की निन्दा कर, और चाहे मर जाए तो मर जा।

अय्युब 2:10 उसने उस से कहा, तू एक मूढ़ स्त्री की सी बातें करती है, क्या हम जो परमेश्वर के हाथ से सुख लेते हैं, दु:ख न लें? इन सब बातों में भी अय्यूब ने अपने मुंह से कोई पाप नहीं किया।

अय्युब 2:11 जब तेमानी एलीपज, और शूही बिलदद, और नामाती सोपर, अय्यूब के इन तीन मित्रों ने इस सब विपत्ति का समाचार पाया जो उस पर पड़ी थीं, तब वे आपस में यह ठान कर कि हम अय्यूब के पास जा कर उसके संग विलाप करेंगे, और उसको शान्ति देंगे, अपने अपने यहां से उसके पास चले।

अय्युब 2:12 जब उन्होंने दूर से आंख उठा कर अय्यूब को देखा और उसे न चीन्ह सके, तब चिल्लाकर रो उठे; और अपना अपना बागा फाड़ा, और आकाश की ओर धूलि उड़ाकर अपने अपने सिर पर डाली।

अय्युब 2:13 तब वे सात दिन और सात रात उसके संग भूमि पर बैठे रहे, परन्तु उसका दु:ख बहुत ही बड़ा जान कर किसी ने उस से एक भी बात न कही।    

 

एक साल में बाइबल: 

  • अय्यूब 1-2
  •  प्रेरितों 7:22-43


मंगलवार, 23 जून 2020

प्रेम


     मैं जैसे प्रत्येक शनिवार की संध्या को करता आया था, पिछली संध्या भी देर रात तक बाहर रहा था। मैं बीस वर्ष का था, और परमेश्वर से दूर जितना अधिक तेज़ी से दौड़ सकता था, मैं दौड़ा जा रहा था। परन्तु उस इतवार की प्रातः, अचानक ही, विचित्र रीति से, मैं अपने आप को उस चर्च में जाने के लिए विवश अनुभव कर रहा था, जिसमें मेरे पिता पादरी थे। मैंने अपनी बदरंग जींस और घिसी हुई पुरानी टी-शर्ट, खुले फीतों वाले टखनों से भी ऊँचे जूते पहने और शहर की दूसरी ओर स्थित उस चर्च में पहुँच गया।

     मुझे वह सन्देश तो याद नहीं है जो उस दिन मेरे पिता ने प्रचार किया, परन्तु जो मैं कभी नहीं भूल सकता हूँ वह है मुझे वहाँ देखने से उनका आनन्द। यद्यपि में उनका लेपालक पुत्र था फिर भी मेरे कन्धों पर हाथ रखकर, जितने लोग भी उनसे मिलते थे, उन सब से वह मेरा परिचय करवाते थे, गर्व और आनन्द के साथ से उन्हें कहते थे, “यह मेरा बेटा है!” उनका वह प्रेम मेरे लिए परमेश्वर के प्रेम का स्वरूप बन गया, और इतने दशकों के पश्चात आज भी मेरे मन में ताज़ा है।

     परमेश्वर के वचन बाइबल में सभी स्थानों पर परमेश्वर को प्रेम करने वाले एक पिता के समान दिखाया गया है। यशायाह 44 में, भविष्यद्वक्ता परमेश्वर के परिवार को दी जाने वाली चेतावनियों को बीच में ही रोक कर उनसे परमेश्वर के पारिवारिक प्रेम के बारे में कहता है, “तेरा कर्त्ता यहोवा, जो तुझे गर्भ ही से बनाता आया और तेरी सहायता करेगा, यों कहता है, हे मेरे दास याकूब, हे मेरे चुने हुए यशूरून, मत डर! क्योंकि मैं प्यासी भूमि पर जल और सूखी भूमि पर धाराएं बहाऊंगा; मैं तेरे वंश पर अपनी आत्मा और तेरी सन्तान पर अपनी आशीष उण्डेलूंगा” (पद 2-3)। यशायाह ने यह भी लिखा कि उन लोगों द्वारा इस बात का क्या प्रत्युत्तर मिलेगा, “कोई कहेगा, मैं यहोवा का हूं, कोई अपना नाम याकूब रखेगा, कोई अपने हाथ पर लिखेगा, मैं यहोवा का हूं, और अपना कुलनाम इस्राएली बताएगा” (पद 5)।

     पथभ्रष्ट इस्राएल फिर भी परमेश्वर का अपना था, ठीक वैसे ही जैसे मैं अपने दत्तक पिता के लिए उनका अपना था। मेरा कुछ भी करना कभी मेरे प्रति उनके प्रेम को कम नहीं कर सकता था। उन्होंने मुझे हमारे स्वर्गीय पिता परमेश्वर के हमारे प्रति प्रेम की एक झलक उस दिन मुझे प्रदान की। - टिम गुस्ताफसन

 

हमारे प्रति परमेश्वर का प्रेम हमें उस पहचान और अपनेपन का एहसास देता है 

जिसकी हम सभी लोग लालसा रखते हैं।


हे इस्राएल तेरा रचने वाला और हे याकूब तेरा सृजनहार यहोवा अब यों कहता है, मत डर, क्योंकि मैं ने तुझे छुड़ा लिया है; मैं ने तुझे नाम ले कर बुलाया है, तू मेरा ही है। - यशायाह 43:1

बाइबल पाठ: यशायाह 44:1-5

यशायाह 44:1 परन्तु अब हे मेरे दास याकूब, हे मेरे चुने हुए इस्राएल, सुन ले!

यशायाह 44:2 तेरा कर्त्ता यहोवा, जो तुझे गर्भ ही से बनाता आया और तेरी सहायता करेगा, यों कहता है, हे मेरे दास याकूब, हे मेरे चुने हुए यशूरून, मत डर!

यशायाह 44:3 क्योंकि मैं प्यासी भूमि पर जल और सूखी भूमि पर धाराएं बहाऊंगा; मैं तेरे वंश पर अपनी आत्मा और तेरी सन्तान पर अपनी आशीष उण्डेलूंगा।

यशायाह 44:4 वे उन मजनुओं के समान बढ़ेंगे जो धाराओं के पास घास के बीच में होते हैं।

यशायाह 44:5 कोई कहेगा, मैं यहोवा का हूं, कोई अपना नाम याकूब रखेगा, कोई अपने हाथ पर लिखेगा, मैं यहोवा का हूं, और अपना कुलनाम इस्राएली बताएगा।    

 

एक साल में बाइबल: 

  • एस्तेर 9-10
  • प्रेरितों 7:1-21


सोमवार, 22 जून 2020

लक्ष्य


     मैं उस दिन को कभी नहीं भूलूँगा जब मुझे एक भोज के समय बिली ग्राहम के साथ बैठने का सौभाग्य मिला। मैं अपने आप को सम्मानित तो अनुभव कर रहा था, किन्तु घबरा भी रहा था कि मैं उन से क्या कहूँ? मुझे लगा कि बात-चीत आरम्भ करने के लिए उनसे यह पूछना अच्छा रहेगा कि इतने वर्षों की सेवकाई में उन्हें सबसे अच्छी बात क्या लगती थी। और यह पूछने के साथ ही, मैं घबरा कर खुद ही उन्हें संभावित उत्तर भी सुझाने लगा। क्या वह राष्ट्रपतियों, राजाओं, रानियों को जानना था? या सारे संसार में लाखों लोगों को सुसमाचार प्रचार करना था?

     इससे पहले कि मैं कोई और उत्तर सुझाता, बिली ग्राहम ने मुझे रोका और बिना किसी भी हिचकिचाहट के कहा, “मुझे सबसे अच्छा प्रभु यीशु के साथ संगति रखना लगता है। उसकी उपस्थिति का एहसास रखना, उसकी बुद्धिमानी से सीखना, उसके द्वारा मेरा मार्गदर्शन और निर्देशन किया जाना – यही मेरे लिए सबसे अधिक आनन्द का विषय रहा है।” उनकी बात सुनते ही तुरंत ही मुझे अपनी दुर्बलता का बोध भी हुआ और मेरे सामने एक चुनौती भी आई। दुर्बलता का बोध इसलिए क्योंकि इस प्रश्न के लिए संभवतः यह मेरा उत्तर नहीं होता; और चुनौती इसलिए क्योंकि मैं अब चाहता था कि यह मेरा भी उत्तर हो।

     परमेश्वर के वचन बाइबल में पौलुस के मन भी यही बात थी जब उसने प्रभु यीशु मसीह को जाननें की बहुमूल्यता के साथ अपनी सांसारिक उपलब्धियों की तुलना की और अपनी उपलब्धियों को व्यर्थ पाया। ज़रा सोचिए, हमारे जीवन कितने उत्तम और उपयोगी होंगे यदि प्रभु यीशु की संगति में रहना और उसके मार्गदर्शन में होकर कार्य करना हमारे जीवनों का सर्वोच्च लक्ष्य बन जाए। - जो स्टोवैल

 

परमेश्वर ने आपको जहाँ पर रखा है वहाँ पर विश्वासयोग्य रहने के लिए, 

प्रभु यीशु को अपने जीवन में प्रथम स्थान दें।


यहोवा यों कहता है, बुद्धिमान अपनी बुद्धि पर घमण्ड न करे, न वीर अपनी वीरता पर, न धनी अपने धन पर घमण्ड करे; परन्तु जो घमण्ड करे वह इसी बात पर घमण्ड करे, कि वह मुझे जानता और समझता है, कि मैं ही वह यहोवा हूँ, जो पृथ्वी पर करुणा, न्याय और धर्म के काम करता है; क्योंकि मैं इन्हीं बातों से प्रसन्न रहता हूँ। - यिर्मयाह 9:23-24

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 3:7-14

फिलिप्पियों 3:7 परन्तु जो जो बातें मेरे लाभ की थीं, उन्‍हीं को मैं ने मसीह के कारण हानि समझ लिया है।

फिलिप्पियों 3:8 वरन मैं अपने प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता के कारण सब बातों को हानि समझता हूं: जिस के कारण मैं ने सब वस्‍तुओं की हानि उठाई, और उन्हें कूड़ा समझता हूं, जिस से मैं मसीह को प्राप्त करूं।

फिलिप्पियों 3:9 और उस में पाया जाऊं; न कि अपनी उस धामिर्कता के साथ, जो व्यवस्था से है, वरन उस धामिर्कता के साथ जो मसीह पर विश्वास करने के कारण है, और परमेश्वर की ओर से विश्वास करने पर मिलती है।

फिलिप्पियों 3:10 और मैं उसको और उसके मृत्युंजय की सामर्थ्य को, और उसके साथ दुखों में सहभागी हाने के मर्म को जानूँ, और उस की मृत्यु की समानता को प्राप्त करूं।

फिलिप्पियों 3:11 ताकि मैं किसी भी रीति से मरे हुओं में से जी उठने के पद तक पहुंचूं।

फिलिप्पियों 3:12 यह मतलब नहीं, कि मैं पा चुका हूं, या सिद्ध हो चुका हूं: पर उस पदार्थ को पकड़ने के लिये दौड़ा चला जाता हूं, जिस के लिये मसीह यीशु ने मुझे पकड़ा था।

फिलिप्पियों 3:13 हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ।

फिलिप्पियों 3:14 निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है।    

 

एक साल में बाइबल: 

  • एस्तेर 6-8
  • प्रेरितों 6


रविवार, 21 जून 2020

समय


     ऑस गिन्निस ने अपनी पुस्तक Impossible People में एक अफ्रीकी कहावत को उद्धृत किया; वह कहावत है, “पश्चिम के लोगों के पास घड़ियाँ होती है; अफ्रीकियों के पास समय होता है।” इससे मैं विचार करने लगा कि कितनी ही बार मैंने किसी निवेदन को ठुकराते हुए कहा है “मेरे पास समय नहीं है।” मैं सोचने लगा कि मेरे जीवन में निर्धारित कार्यक्रम, और कार्यों को पूरा करने के निर्धारित समय कितने महत्वपूर्ण रहते हैं, वे मुझे नियंत्रित किए रहते हैं, किसी अत्यावश्यक को करना कैसा अत्याचार प्रतीत होता है।

     परमेश्वर के वचन बाइबल में मूसा ने भजन 90 में प्रार्थन की, “हम को अपने दिन गिनने की समझ दे कि हम बुद्धिमान हो जाएं” (पद 12)। और समय के विषय पौलुस ने लिखा, “इसलिये ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो; निर्बुद्धियों के समान नहीं पर बुद्धिमानों के समान चलो। और अवसर को बहुमूल्य समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं” (इफिसियों 5:15-16)।

     मेरा मानना है कि मूसा और पौलुस इस बात में मुझ से सहमत होंगे कि हमारे द्वारा समय के सदुपयोग का अर्थ केवल घड़ी देखते रहना ही नहीं है। संभव है कि परिस्थिति की माँग हो कि हम एक निर्धारित समय सीमा में कार्य को पूरा कर लें, या फिर, वह हम से यह माँग करे कि हम किसी और को अपने समय को भेंट दें।

     सँसार के हमारे जीवन में मसीह यीशु के लिए प्रभावी और उपयोगी होने के लिए हमारे पास थोड़ा ही समय उपलब्ध है, और हमें उस समय का सदुपयोग करना है, उसे यथासंभव सही बातों में लगाना है। ऐसा करने का अर्थ कभी यह भी हो सकता है कि हम अपनी घड़ियों और निर्धारित कार्यों की सूची की अनदेखी करके, किसी ऐसे व्यक्ति के साथ जिसे प्रभु हमारे जीवन में लाया है, कुछ समय बिताएँ और मसीह यीशु के धैर्य तथा प्रेम को व्यावाहरिक रीति से उसके साथ प्रकट करें।

     हम जब समय की सीमाओं से बाहर अनंत मसीह की सामर्थ्य और अनुग्रह में जीवन व्यतीत करते हैं, हम अनन्तकाल के लिए अपने समय को प्रभावी बनाते हैं। - बिल क्राउडर

 

समय का प्रबंधन घड़ी देखकर कार्य करना नहीं है, 

वरन हमारे पास जो समय है उसका सदुपयोग करना है।


जो काम तुझे मिले उसे अपनी शक्ति भर करना, क्योंकि अधोलोक में जहां तू जाने वाला है, न काम न युक्ति न ज्ञान और न बुद्धि है। - सभोपदेशक 9:10

बाइबल पाठ: भजन 90:9-17

भजन संहिता 90:9 क्योंकि हमारे सब दिन तेरे क्रोध में बीत जाते हैं, हम अपने वर्ष शब्द के समान बिताते हैं।

भजन संहिता 90:10 हमारी आयु के वर्ष सत्तर तो होते हैं, और चाहे बल के कारण अस्सी वर्ष के भी हो जाएं, तौभी उनका घमण्ड केवल नष्ट और शोक ही शोक है; क्योंकि वह जल्दी कट जाती है, और हम जाते रहते हैं।

भजन संहिता 90:11 तेरे क्रोध की शक्ति को और तेरे भय के योग्य तेरे रोष को कौन समझता है?

भजन संहिता 90:12 हम को अपने दिन गिनने की समझ दे कि हम बुद्धिमान हो जाएं।

भजन संहिता 90:13 हे यहोवा लौट आ! कब तक? और अपने दासों पर तरस खा!

भजन संहिता 90:14 भोर को हमें अपनी करूणा से तृप्त कर, कि हम जीवन भर जयजयकार और आनन्द करते रहें।

भजन संहिता 90:15 जितने दिन तू हमें दु:ख देता आया, और जितने वर्ष हम क्लेश भोगते आए हैं उतने ही वर्ष हम को आनन्द दे।

भजन संहिता 90:16 तेरा काम तेरे दासों को, और तेरा प्रताप उनकी सन्तान पर प्रगट हो।

भजन संहिता 90:17 और हमारे परमेश्वर यहोवा की मनोहरता हम पर प्रगट हो, तू हमारे हाथों का काम हमारे लिये दृढ़ कर, हमारे हाथों के काम को दृढ़ कर।    

 

एक साल में बाइबल: 

  • एस्तेर 3-5
  • प्रेरितों 5:22-42