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शुक्रवार, 25 जून 2021

मन


          सन 1497 के फरवरी माह में गिरोलामो सवोनारोला नामक एक भिक्षु ने एक आग जलाई। यह करने के समय तक पहुंचने से पहले, उसने तथा उसके अनुयायियों ने कई महीने लोगों के पास से ऐसी वस्तुओं को एकत्रित करने में बिताए जिन्हें वे व्यर्थ समझते थे और उन्हें लगता था कि उन वस्तुओं के कारण लोग पाप करने या अपने धार्मिक दायित्वों का निर्वाह नहीं करने की ओर आकर्षित होंगे। इन वस्तुओं में कलाकृतियाँ, सौन्दर्य-प्रसाधन, उपकरण, और वस्त्र भी थे। नियुक्त दिन पर इटली के फ्लोरेंस शहर के एक चौक में हज़ारों ऐसी वस्तुएँ एकत्रित की गईं, और उनमें आग लगा दी गई। इस घटना को व्यर्थता की उत्सव-अग्नि (Bonfire of the Vanities) कहा जाता है।

          हो सकता है कि अपने इस अति के कार्य के लिए सवोनारोला ने परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु मसीह द्वारा दिए गए पहाड़ी उपदेश के कुछ भागों से प्रेरणा पाई हो – उन से जिनमें प्रभु यीशु मसीह ने कुछ अनपेक्षित और कठोर बातें कहीं, यदि तेरी दाहिनी आंख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकाल कर अपने पास से फेंक दे; क्योंकि तेरे लिये यही भला है कि तेरे अंगों में से एक नाश हो जाए और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए। और यदि तेरा दाहिना हाथ तुझे ठोकर खिलाए, तो उसको काटकर अपने पास से फेंक दे, क्योंकि तेरे लिये यही भला है, कि तेरे अंगों में से एक नाश हो जाए और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए” (मत्ती 5:29-30)। किन्तु यदि हम यहाँ पर प्रभु द्वारा कही गई बात को उसके शब्दार्थ में लेते हैं, तो हम प्रभु द्वारा दी जा रही शिक्षा के उद्देश्य को ही समझने में गलती कर रहे हैं। प्रभु द्वारा दिया गया यह संपूर्ण सन्देश इस बात को सिखाता है कि केवल बाहरी स्वरूप मात्र तक ही सीमित न रहें, वरन अपने मन के गहराइयों के अन्दर जाकर अपने आप को जांचें और सुधारें; केवल बाहरी परिस्थितियों और लोगों के व्यवहार को दोषी न ठहराएं, अपनी भावनाओं और लालसाओं का भी आंकलन करें, और उन्हें भी सुधारें।

          उस व्यर्थता की उत्सव-अग्नि ने अनेकों वस्तुओं को जलाने के द्वारा सवोनारोला ने एक बहुत बड़ा तमाशा तो दिखा दिया, लेकिन जो लोग उसमें संलग्न थे, और जिनके सामान जलाए गए थे, इस सारी प्रक्रिया से उनके मनों में कोई वास्तविक परिवर्तन आया, इस पर बहुत संदेह है।

          पापों के लिए किए गए पश्चाताप और प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास के द्वारा केवल परमेश्वर ही मन को बदल सकता है। इसीलिए भजनकार ने परमेश्वर से उसके अन्दर एक स्वच्छ मन उत्पन्न करने की प्रार्थना की। - रेमी ओयेडेली

 

हे प्रभु मेरे अन्दर सच्चे पश्चाताप के साथ आपको पूर्ण समर्पण करने वाला स्वच्छ मन उत्पन्न करें।


हे परमेश्वर, मेरे अन्दर शुद्ध मन उत्पन्न कर, और मेरे भीतर स्थिर आत्मा नये सिरे से उत्पन्न कर। - भजन संहिता 51:10

बाइबल पाठ: मत्ती 5:21-30

मत्ती 5:21 तुम सुन चुके हो, कि पूर्वकाल के लोगों से कहा गया था कि हत्या न करना, और जो कोई हत्या करेगा वह कचहरी में दण्ड के योग्य होगा।

मत्ती 5:22 परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि जो कोई अपने भाई पर क्रोध करेगा, वह कचहरी में दण्ड के योग्य होगा: और जो कोई अपने भाई को निकम्मा कहेगा वह महासभा में दण्ड के योग्य होगा; और जो कोई कहे “अरे मूर्ख” वह नरक की आग के दण्ड के योग्य होगा।

मत्ती 5:23 इसलिये यदि तू अपनी भेंट वेदी पर लाए, और वहां तू स्मरण करे, कि मेरे भाई के मन में मेरी ओर से कुछ विरोध है, तो अपनी भेंट वहीं वेदी के सामने छोड़ दे।

मत्ती 5:24 और जा कर पहिले अपने भाई से मेल मिलाप कर; तब आकर अपनी भेंट चढ़ा।

मत्ती 5:25 जब तक तू अपने मुद्दई के साथ मार्ग ही में हैं, उस से झटपट मेल मिलाप कर ले कहीं ऐसा न हो कि मुद्दई तुझे हाकिम को सौंपे, और हाकिम तुझे सिपाही को सौंप दे और तू बन्‍दीगृह में डाल दिया जाए।

मत्ती 5:26 मैं तुम से सच कहता हूं कि जब तक तू कौड़ी कौड़ी भर न दे तब तक वहां से छूटने न पाएगा।

मत्ती 5:27 तुम सुन चुके हो कि कहा गया था, कि व्यभिचार न करना।

मत्ती 5:28 परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि जो कोई किसी स्त्री पर कुदृष्टि डाले वह अपने मन में उस से व्यभिचार कर चुका।

मत्ती 5:29 यदि तेरी दाहिनी आंख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकाल कर अपने पास से फेंक दे; क्योंकि तेरे लिये यही भला है कि तेरे अंगों में से एक नाश हो जाए और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए।

मत्ती 5:30 और यदि तेरा दाहिना हाथ तुझे ठोकर खिलाए, तो उसको काटकर अपने पास से फेंक दे, क्योंकि तेरे लिये यही भला है, कि तेरे अंगों में से एक नाश हो जाए और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए।

 

एक साल में बाइबल: 

  • अय्यूब 3-4
  • प्रेरितों 7:44-60


गुरुवार, 24 जून 2021

आनन्द

 

          हमारा एक बेटा एक हाई-स्कूल की टीम का बास्केटबाल प्रशिक्षक है। एक वर्ष जब उसकी टीम उनके प्रदेश की विभिन्न स्पर्धाओं में खेलती और जीतती जा रही थी, तो कुछ स्थानीय लोगों ने, भली मनसा के साथ उनसे पूछा, “आप सारे वर्ष ऐसे ही जीतते ही चले जाएंगे न?” इन बातों को सुनकर खिलाड़ी और उनका प्रशिक्षक, दोनों ही जीतते रहने के लिए तनाव में आ गए; तब मेरे बेटे ने आदर्श-वाक्य अपने तथा टीम के लिए लागू किया, “आनन्द के साथ खेलो!” – अर्थात केवल जीतते रहने के लिए नहीं, वरन वे सभी खेल का आनन्द लेने के लिए खेलें।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में इफिसुस के अगुवों को प्रेरित पौलुस द्वारा कहे गए अंतिम शब्द थे, “मैं अपनी दौड़ को [प्रेम के साथ] पूरी करूँ” (प्रेरितों 20:24)। उसका उद्देश्य था कि प्रभु यीशु के द्वारा उसे सौंपे गए कार्यों को वह आनन्द के साथ पूरा कर सके। मैंने भी पौलुस की इस बात को अपने जीवन के लिए आदर्श-वाक्य बना लिया है: “मैं अपने जीवन की दौड़ को आनन्द के साथ दौडूँ और पूरी करूँ।” अर्थात, जैसे मेरे बेटे की टीम ने सोच रखा था, “मैं आनन्द के साथ खेलता रहूँ।” और हाँ, उस वर्ष की प्रदेश की चैम्पियनशिप, मेरे बेटे की टीम ने ही जीती।

          हम सभी के पास खिसियाने के उचित कारण होते हैं: निराश करने वाले समाचार, दैनिक जीवन के तनाव, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ, आदि। किन्तु यदि हम प्रभु परमेश्वर में अपना भरोसा बनाए रखें और उससे इन परिस्थितियों के लिए भी आनन्द माँगें, तो वह हमें देगा। वह हमें वही आनन्द देगा जिसे प्रभु यीशु ने “मेरा आनन्द” कहा था (यूहन्ना 15:11)।

          आनन्द पवित्र आत्मा का एक फल भी है (गलातियों 5:22)। इसलिए हमें उससे प्रति प्रातः माँगना चाहिए कि वह हमारी सहायता करे, कि हम उस दिन को आनन्द के साथ व्यतीत कर सकें। लेखक रिचर्ड फ़ॉस्टर ने कहा है, “प्रार्थना करना, परिवर्तन लाने के लिए होता है। परमेश्वर कितना भला है कि उसने हमारे लिए ऐसा मार्ग बना कर दिया है जिससे हम परिवर्तित हो सकते हैं, अनन्त अविनाशी आनन्द में आ सकते हैं। - डेविड एच. रोपर

 

प्रभु, हमारे जीवनों में अपने आनन्द को सर्वदा बनाए रखें।


मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए। - यूहन्ना 15:11

बाइबल पाठ: गलातियों 5:22-26

गलतियों 5:22 पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज,

गलतियों 5:23 और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं।

गलतियों 5:24 और जो मसीह यीशु के हैं, उन्होंने शरीर को उस की लालसाओं और अभिलाषाओं समेत क्रूस पर चढ़ा दिया है।

गलतियों 5:25 यदि हम आत्मा के द्वारा जीवित हैं, तो आत्मा के अनुसार चलें भी।

गलतियों 5:26 हम घमण्डी हो कर न एक दूसरे को छेड़ें, और न एक दूसरे से डाह करें।

 

एक साल में बाइबल: 

  • अय्यूब 1-2
  • प्रेरितों 7:22-43


बुधवार, 23 जून 2021

प्रेम

 

          मेरी नानी ने हाल ही में मुझे परिवार की पुरानी फोटो से भरा हुआ एक डब्बा दिया। मैं जब उन्हें देख रही थी, तो एक फोटो पर मेरी नज़र गई – उसमें मैं दो वर्ष की थी और बेंच के एक सिरे पर बैठी हुई थी; दूसरे सिरे पर मेरे माता-पिता बैठे थे, मेरे पिता का हाथ माँ के कंधे पर था, और वे दोनों मगन होकर बड़े प्रेम से मुझे देख रहे थे।

          मैंने यह फोटो निकालकर अपने तैयार होने के स्थान पर लगा ली, जहाँ मैं उसे रोज़ सुबह देखती हूँ। यह उन दोनों के मेरे प्रति प्रेम की एक अद्भुत स्मृति है। लेकिन सत्य तो यह है कि हमारे प्रति परमेश्वर के प्रेम की तुलना में, अच्छे माता-पिता का प्रेम भी अपूर्ण होता है। मुझे यह फोटो स्मरण दिलाती है कि चाहे कभी किसी परिस्थिति में माता-पिता का प्रेम साथ न दे, किन्तु परमेश्वर का प्रेम सदा हमारे साथ बना रहता है, हमें कभी नहीं छोड़ता है। जैसे मेरे माता-पिता उस फोटो में मुझे मगन होकर देख रहे थे, परमेश्वर भी मुझ पर हमेशा अपनी दृष्टि लगाए रहता है।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में सपन्याह भविष्यद्वक्ता ने परमेश्वर के इस प्रेम को जिस रीति से वर्णन किया है, वह मुझे विस्मित करता है। वह कहता है कि परमेश्वर अपने लोगों के लिए मगन होकर गाता है। परमेश्वर के लोगों ने उसके इस प्रेम को किसी रीति से कमाया नहीं था। उन्होंने तो उसकी आज्ञाओं को नहीं माना था, एक दूसरे के प्रति कृपालु नहीं रहे थे। लेकिन सपन्याह ने प्रतिज्ञा दी कि अन्ततः उनकी असफलताओं पर भी परमेश्वर का प्रेम प्रबल होगा। परमेश्वर उनके दण्ड को क्षमा करेगा (सपन्याह 3:15), और वह उन पर मगन होगा (पद 17)। वह अपने लोगों को अपनी बाँहों में एकत्रित कर के घर ले आएगा, और उन्हें पुनःस्थापित कर देगा (पद 20)।

          ऐसे प्रेम पर प्रतिदिन प्रातः मनन करना धन्य होता है। - एमी पीटरसन

 

पिता परमेश्वर हम से प्रेम करने और हमें क्षमा करने के लिए आपका धन्यवाद।


और मसीह के उस प्रेम को जान सको जो ज्ञान से परे है, कि तुम परमेश्वर की सारी भरपूरी तक परिपूर्ण हो जाओ। - इफिसियों 3:19

बाइबल पाठ: सपन्याह 3:14-20

सपन्याह 3:14 हे सिय्योन, ऊंचे स्वर से गा; हे इस्राएल, जयजयकार कर! हे यरूशलेम अपने सम्पूर्ण मन से आनन्द कर, और प्रसन्न हो!

सपन्याह 3:15 यहोवा ने तेरा दण्ड दूर कर दिया और तेरा शत्रु भी दूर किया गया है। इस्राएल का राजा यहोवा तेरे बीच में है, इसलिये तू फिर विपत्ति न भोगेगी।

सपन्याह 3:16 उस समय यरूशलेम से यह कहा जाएगा, हे सिय्योन मत डर, तेरे हाथ ढीले न पड़ने पाएं।

सपन्याह 3:17 तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे बीच में है, वह उद्धार करने में पराक्रमी है; वह तेरे कारण आनन्द से मगन होगा, वह अपने प्रेम के मारे चुपका रहेगा; फिर ऊंचे स्वर से गाता हुआ तेरे कारण मगन होगा।

सपन्याह 3:18 जो लोग नियत पर्वों में सम्मिलित न होने के कारण खेदित रहते हैं, उन को मैं इकट्ठा करूंगा, क्योंकि वे तेरे हैं; और उसकी नामधराई उन को बोझ जान पड़ती है।

सपन्याह 3:19 उस समय मैं उन सभों से जो तुझे दु:ख देते हैं, उचित बर्ताव करूंगा। और मैं लंगड़ों को चंगा करूंगा, और बरबस निकाले हुओं को इकट्ठा करूंगा, और जिनकी लज्जा की चर्चा सारी पृथ्वी पर फैली है, उनकी प्रशंसा और कीर्ति सब कहीं फैलाऊंगा।

सपन्याह 3:20 उसी समय मैं तुम्हें ले जाऊंगा, और उसी समय मैं तुम्हें इकट्ठा करूंगा; और जब मैं तुम्हारे सामने तुम्हारे बंधुओं को लौटा लाऊंगा, तब पृथ्वी की सारी जातियों के बीच में तुम्हारी कीर्ति और प्रशंसा फैला दूंगा, यहोवा का यही वचन है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • एस्तेर 9-10
  • प्रेरितों 7:1-21


मंगलवार, 22 जून 2021

जानता

 

          मैं सोच रहा था, “बस अब वह मुझे ढूँढ़ लेगा” और मेरा छोटा सा दिल और भी जोर से धड़कने लगा। मुझे अपने पाँच वर्षीय चचेरे भाई के निकट आते कदमों की आहट सुन रही थी, वो  निकट आता जा रहा था, और फिर मेरे पास आकर उसने जोर से बोला “पकड़ लिया!” हम सभी के बचपन में लुका-छिपी खेलने के साथ अनेकों यादें जुड़ी हैं। कई बार जीवन में ढूँढ़ लिए जाने का भय खेल की बात नहीं, बच कर भाग जाने की भावना होती है। क्योंकि हमें अपनी कुछ बातों के लिए लगता है कि यदि लोगों को उसके बारे में पता चल गया, तो वह उन्हें पसंद नहीं आएगा।

          हम एक पतित संसार की संतान हैं, और हमारे अन्दर, जैसे मेरा एक मित्र कहता है, परमेश्वर के साथ “लुका-छिपी” खेलने की प्रवृत्ति रहती है। लेकिन वास्तव में यह छिपने का बहाना अधिक होता है, क्योंकि हम कुछ भी कर लें, लेकिन परमेश्वर से न तो हम और न हमारी कोई बात छिपी रहती है – वह हमारे गंदे विचारों और गलत चुनावों, सभी के बारे में अच्छे से जानता है। हमें भी यह पता है, लेकिन फिर भी हम यह दिखाने के प्रयास करते हैं कि मानो उसे हमारे बारे में पता नहीं है।

          परमेश्वर के वचन बाइबल हमें बताती है, लेकिन फिर भी परमेश्वर हमें ढूँढ़ता है; वह हमें पुकार कर कहता है, “बाहर निकल आओ; मैं तुम्हें देखना और तुमसे मिलना चाहता हूँ; तुम्हारी सबसे शर्मनाक स्थिति में भी।” यह ठीक उसी प्रकार है जैसे अदन की वाटिका में पाप करने के बाद आदम और हव्वा छिप गए, और परमेश्वर ने उन्हें पुकारा कि वे कहाँ हैं (उत्पत्ति 3:9)। वो कोमलता से बुलाता है, “मेरे प्रिय बच्चे, अपने छिपने के स्थान से बाहर आ जाओ, मेरे साथ अपने संबंध को फिर से ठीक कर लो।”

          हमें यह बहुत जोखिम भरा लग सकता है, और असंगत भी, लेकिन हमारे स्वर्गीय पिता परमेश्वर की सुरक्षित देखभाल में, हम में से प्रत्येक शान्ति और प्रसन्नता से रह सकता है – चाहे हम ने कुछ भी क्यों न किया हो – वह सब जानता है। - जेफ़ ओल्सन

 

वह जो हमें पूर्णतः जानता है, हमसे बिना किसी शर्त के संपूर्ण प्रेम करता है।


और हे मेरे पुत्र सुलैमान! तू अपने पिता के परमेश्वर का ज्ञान रख, और खरे मन और प्रसन्न जीव से उसकी सेवा करता रह; क्योंकि यहोवा मन को जांचता और विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है उसे समझता है। यदि तू उसकी खोज में रहे, तो वह तुझ को मिलेगा; परन्तु यदि तू उसको त्याग दे तो वह सदा के लिये तुझ को छोड़ देगा। - 1 इतिहास 28:9

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 3:1-10

उत्पत्ति 3:1 यहोवा परमेश्वर ने जितने बनैले पशु बनाए थे, उन सब में सर्प धूर्त था, और उसने स्त्री से कहा, क्या सच है, कि परमेश्वर ने कहा, कि तुम इस वाटिका के किसी वृक्ष का फल न खाना?

उत्पत्ति 3:2 स्त्री ने सर्प से कहा, इस वाटिका के वृक्षों के फल हम खा सकते हैं।

उत्पत्ति 3:3 पर जो वृक्ष वाटिका के बीच में है, उसके फल के विषय में परमेश्वर ने कहा है कि न तो तुम उसको खाना और न उसको छूना, नहीं तो मर जाओगे।

उत्पत्ति 3:4 तब सर्प ने स्त्री से कहा, तुम निश्चय न मरोगे,

उत्पत्ति 3:5 वरन परमेश्वर आप जानता है, कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे उसी दिन तुम्हारी आंखें खुल जाएंगी, और तुम भले बुरे का ज्ञान पाकर परमेश्वर के तुल्य हो जाओगे।

उत्पत्ति 3:6 सो जब स्त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल खाने में अच्छा, और देखने में मनभाऊ, और बुद्धि देने के लिये चाहने योग्य भी है, तब उसने उस में से तोड़कर खाया; और अपने पति को भी दिया, और उसने भी खाया।

उत्पत्ति 3:7 तब उन दोनों की आंखें खुल गई, और उन को मालूम हुआ कि वे नंगे है; सो उन्होंने अंजीर के पत्ते जोड़ जोड़ कर लंगोट बना लिये।

उत्पत्ति 3:8 तब यहोवा परमेश्वर जो दिन के ठंडे समय वाटिका में फिरता था उसका शब्द उन को सुनाई दिया। तब आदम और उसकी पत्नी वाटिका के वृक्षों के बीच यहोवा परमेश्वर से छिप गए।

उत्पत्ति 3:9 तब यहोवा परमेश्वर ने पुकार कर आदम से पूछा, तू कहां है?

उत्पत्ति 3:10 उसने कहा, मैं तेरा शब्द बारी में सुन कर डर गया क्योंकि मैं नंगा था; इसलिये छिप गया।

 

एक साल में बाइबल: 

  • एस्तेर 6-8
  • प्रेरितों 6


सोमवार, 21 जून 2021

ईर्ष्या

 

          प्रसिद्ध फ्रांसीसी कलाकार एडगर डेगास संसार भर में उसके द्वारा बनाए गए बैले नर्तकियों के चित्रों के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन कम लोग जानते हैं कि वह अपने मित्र और चित्रकला में प्रतिस्पर्धी एक कलाकार एड्युअर्ड मानेट के प्रति ईर्ष्या भी रखता था। डेगास ने मानेट के लिए कहा था, “वह जो कुछ भी करता है, तुरंत ही एक दम ठीक आरंभ कर देता है; जबकि मुझे बहुत परिश्रम करना पड़ता है, फिर भी मैं ठीक से नहीं करने पाता हूँ।”

          ईर्ष्या रखना एक विचित्र भावना है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने इसे चरित्र के सबसे बुरे लक्षणों की सूची में रखा है,सो वे सब प्रकार के अधर्म, और दुष्टता, और लोभ, और बैरभाव, से भर गए; और डाह, और हत्या, और झगड़े, और छल, और ईर्ष्या से भरपूर हो गए, और चुगलखोर” रोमियों 1:29()। पौलुस लिखता है यह उन मूर्खतापूर्ण विचारों के कारण उत्पन्न होती है जो सच्चे परमेश्वर के स्थान पर मूर्ति-पूजा करने का परिणाम होते हैं (पद 28)।

          लेखिका क्रिस्टीना फॉक्स ने कहा कि जब मसीही विश्वासियों में ईर्ष्या उत्पन्न होने लगती है, तो “यह तब होता है जब हमारे हृदय हमारे सच्चे प्रेम से हट जाते हैं।” वे कहती हैं, ईर्ष्या करते समय हम “प्रभु यीशु की ओर देखते रहने के स्थान पर, संसार के घटिया सुखों के पीछे भागने लगते हैं। अर्थात, हम यह भूल चुके हैं कि हम किस के हैं।”

          क्या इसका कोई समाधान है? हाँ! समाधान है – वापस परमेश्वर की ओर लौट आएँ। पौलुस ने रोमियों के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में कहा,और न अपने अंगों को अधर्म के हथियार होने के लिये पाप को सौंपो, पर अपने आप को मरे हुओं में से जी उठा हुआ जानकर परमेश्वर को सौंपो, और अपने अंगों को धर्म के हथियार होने के लिये परमेश्वर को सौंपो” (रोमियों 6:13) – विशेषकर अपने कार्यों और जीवन को। अपनी एक अन्य पत्री में पौलुस ने लिखा,पर हर एक अपने ही काम को जांच ले, और तब दूसरे के विषय में नहीं परन्तु अपने ही विषय में उसको घमण्ड करने का अवसर होगा” (गलातियों 6:4)।

          परमेश्वर द्वारा प्रदान की गई आशीषों के लिए उसका धन्यवाद करते रहें – न केवल भौतिक आशीषें, वरन उसके अनुग्रह की बहुतायत के लिए भी। जब हम अपना ध्यान उन बातों पर लगाते हैं जो परमेश्वर ने हमें दी हैं, तो हम ईर्ष्या से निकल कर संतुष्टि में आ जाते हैं। - पेट्रीशिया रेबॉन

 

प्रभु का अनुग्रह सब के लाभ के लिए आशीषें प्रदान करता है।


किन्तु सब के लाभ पहुंचाने के लिये हर एक को आत्मा का प्रकाश दिया जाता है। - 1 कुरिन्थियों 12:7

बाइबल पाठ: रोमियों 6:11-14

रोमियों 6:11 ऐसे ही तुम भी अपने आप को पाप के लिये तो मरा, परन्तु परमेश्वर के लिये मसीह यीशु में जीवित समझो।

रोमियों 6:12 इसलिये पाप तुम्हारे मरनहार शरीर में राज्य न करे, कि तुम उस की लालसाओं के आधीन रहो।

रोमियों 6:13 और न अपने अंगों को अधर्म के हथियार होने के लिये पाप को सौंपो, पर अपने आप को मरे हुओं में से जी उठा हुआ जानकर परमेश्वर को सौंपो, और अपने अंगों को धर्म के हथियार होने के लिये परमेश्वर को सौंपो।

रोमियों 6:14 और तुम पर पाप की प्रभुता न होगी, क्योंकि तुम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हो।

 

एक साल में बाइबल: 

  • एस्तेर 3-5
  • प्रेरितों 5:22-42


रविवार, 20 जून 2021

साथ

 

          हमारे चर्च के एक छः सदस्यों के परिवार के घर में आग लग गई, और घर को नष्ट कर दिया। यद्यपि पिता और एक बेटा बच गए; पिता अभी अस्पताल में ही थे, जब उनकी पत्नी, माँ, और दो अन्य बच्चों का अंतिम संस्कार किया गया। दुर्भाग्यवश, इस प्रकार की हृदयविदारक घटनाएँ बार-बार होती रहती हैं। और वो जब भी घटित होती हैं, उनके साथ यह प्रश्न भी दोहराया जाता है कि “भले लोगों के साथ बुरी घटनाएँ क्यों होती हैं?” और यह हमारे लिए कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इस प्राचीन प्रश्न का कोई नया उत्तर नहीं है।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने भजन 46 में जो सत्य व्यक्त किया है, वही इस प्रश्न के उत्तर के लिए बार-बार प्रयोग किया जाता है; उसी के साथ लोगों को सांत्वना और प्रोत्साहन प्रदान  किया जाता है। “परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक” (पद 1)। इस भजन के 2 और 3 पद में जिन परिस्थितियों का वर्णन किया गया है, वे भयानक और विनाशकारी हैं – धरती और पहाड़ डोल गए, समुद्र में प्रचंड लहरें उफान पर हैं। हम उन परिस्थितियों में अपने होने की कल्पना करने से ही काँप उठते हैं, जिनका वर्णन यहाँ काव्यात्मक रीति से किया गया है। लेकिन कभी-कभी हम अपने आप को वैसी परिस्थितियों में फंसा हुआ पाते हैं – किसी लाइलाज बीमारी के भंवर में फंसा हुआ; किसी आर्थिक संकट में इधर से उधर उछाले जाते हुए; प्रिय जनों की मृत्यु के कारण आहत और स्तब्ध, आदि।

          यह तर्क देना बहुत सहज है कि मुसीबतों के होने का अभिप्राय है कि परमेश्वर अनुपस्थित है। लेकिन पवित्र शास्त्र के सत्य ऐसी धारणाओं का समर्थन नहीं करते हैं। लिखा है,सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है” (पद 7, 11)। चाहे हमारी परिस्थितियाँ असहनीय भी हों, तब भी हमारा परमेश्वर पिता उनमें भी हमारे साथ ही होता है। वह भला, प्रेमी, और विश्वासयोग्य है; हम उसके हमारी हर परिस्थिति में हमारे साथ बने रहने से सांत्वना और प्रोत्साहन प्राप्त कर सकते हैं। - आर्थर जैक्सन

 

पिता परमेश्वर चाहे परिस्थितियाँ आपके हमारे साथ होने पर शक उत्पन्न करें; 

किन्तु हम तब भी आपके वचन की सच्चाई पर भरोसा बनाए रखें।


तुम्हारा स्वभाव लोभरहित हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। - इब्रानियों 13:5

बाइबल पाठ: भजन 46

भजन संहिता 46:1 परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक।

भजन संहिता 46:2 इस कारण हम को कोई भय नहीं चाहे पृथ्वी उलट जाए, और पहाड़ समुद्र के बीच में डाल दिए जाएं;

भजन संहिता 46:3 चाहे समुद्र गरजे और फेन उठाए, और पहाड़ उसकी बाढ़ से कांप उठें।

भजन संहिता 46:4 एक नदी है जिसकी नहरों से परमेश्वर के नगर में अर्थात परमप्रधान के पवित्र निवास भवन में आनन्द होता है।

भजन संहिता 46:5 परमेश्वर उस नगर के बीच में है, वह कभी टलने का नहीं; पौ फटते ही परमेश्वर उसकी सहायता करता है।

भजन संहिता 46:6 जाति जाति के लोग झल्ला उठे, राज्य राज्य के लोग डगमगाने लगे; वह बोल उठा, और पृथ्वी पिघल गई।

भजन संहिता 46:7 सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है।

भजन संहिता 46:8 आओ, यहोवा के महा-कर्म देखो, कि उसने पृथ्वी पर कैसा कैसा उजाड़ किया है।

भजन संहिता 46:9 वह पृथ्वी की छोर तक लड़ाइयों को मिटाता है; वह धनुष को तोड़ता, और भाले को दो टुकड़े कर डालता है, और रथों को आग में झोंक देता है!

भजन संहिता 46:10 चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान हूं!

भजन संहिता 46:11 सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • एस्तेर 1-2
  • प्रेरितों 5:1-21