मेरे माता पिता चाहते थे कि उनके भी बच्चे उनके जैसे अच्छे संगीत के चहने वाले हों। इसके लिये उन्होंने बच्चों की कहानियों के संगीतमय रूपकों का सहारा लिया। वे लोकप्रीय कहानियां संगीतबद्ध होकर और भी आकर्ष्क हो जाती थीं और उनका गहरा प्रभाव हमारे जीवनों पर हुआ और साथ साथ हम संगीत और वाद्ययंत्रों के बारे में भी सीख सके।
यदि किसी व्यसक को बच्चों कोई बात सिखानी या समाझानी हो तो इसका सबसे अच्छा तरीका होता है उसे किसी कहानी के रूप में बताना, तब वह आसानी से समझाई भी जा सकती है और याद भी हो जाती है। बाइबल की महान सच्चाईयां चरित्र संवारती भी हैं और गलत निर्ण्यों के दुष्परिणाम भी दिखाती हैं (१ कुरिन्थियों १०:११), इसलिये बच्चों को इन सच्चाईयों को सिखाना आवश्यक है, जो कहानियों के रूप में किया जा सकता है। उनके मन की नम्र भूमि में विश्वास के ये बीज बो देने से वे देख पाते हैं कि संसार के इतिहास में परमेश्वर किस प्रकार से अपने प्रेम करने वालों के जीवन में कार्य करता रहा है। साथ ही वे यह भी सीख पाते हैं कि कैसे परमेश्वर सदा अपने लोगों के जीवन में सम्मिलित रहता है।
जो हमने परमेश्वर को अपने जीवन में करते देखा है और जो वह संसार के इतिहास में अपने लोगों के जीवन में करता आया है, उसे अगली पीढ़ी तक पहुँचाना न सिर्फ हमारा कर्तव्य है वरन परमेश्वर द्वारा हमें दी गई ज़िम्मेवारी भी है (व्यवस्थाविवरण ११:१-२१)। बच्चों के भले भविष्य के लिये यह अनिवार्य है कि वे बचपन से ही परमेश्वर और विश्वास के भले प्रतिफलों को जान सकें। - सिंडी हैस कैसपर
और तुम घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते-उठते इनकी [परमेश्वर के वचन की] चर्चा करके अपने लड़के-बालों को सिखाया करना। - व्यवस्थाविवरण ११:१९
बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण ११:१३-२१
और यदि तुम मेरी आज्ञाओं को जो आज मैं तुम्हें सुनाता हूं ध्यान से सुनकर, अपके सम्पूर्ण मन और सारे प्राण के साथ, अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम रखो और उसकी सेवा करते रहो,
तो मैं तुम्हारे देश में बरसात के आदि और अन्त दोनों समयों की वर्षा को अपने अपने समय पर बरसाऊंगा, जिस से तू अपना अन्न, नया दाखमधु, और टटका तेल संचय कर सकेगा।
और मै तेरे पशुओं के लिये तेरे मैदान में घास उपजाऊंगा, और तू पेट भर खाएगा और सन्तुष्ट रहेगा।
इसलिये अपने विषय में सावधान रहो, ऐसा न हो कि तुम्हारे मन धोखा खाएं, और तुम बहक कर दूसरे देवताओं की पूजा करने लगो और उनको दण्डवत करने लगो,
और यहोवा का कोप तुम पर भड़के, और वह आकाश की वर्षा बन्द कर दे, और भूमि अपनी उपज न दे, और तुम उस उत्तम देश में से जो यहोवा तुम्हें देता है शीघ्र नष्ट हो जाओ।
इसलिये तुम मेरे ये वचन अपने अपने मन और प्राण में धारण किए रहना, और चिन्हानी के लिये अपके हाथों पर बान्धना, और वे तुम्हारी आंखों के मध्य में टीके का काम दें।
और तुम घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते-उठते इनकी चर्चा करके अपने लड़के-बालों को सिखाया करना।
और इन्हें अपने अपनेके घर के चौखट के बाजुओं और अपने फाटकों के ऊपर लिखना;
इसलिये कि जिस देश के विषय में यहोवा ने तेरे पूर्वजों से शपथ खाकर कहा था, कि मैं उसे तुम्हें दूंगा, उस में तुम्हारे और तुम्हारे लड़के-बालों की दीर्घायु हो, और जब तक पृथ्वी के ऊपर का आकाश बना रहे तब तक वे भी बने रहें।
एक साल में बाइबल:
यदि किसी व्यसक को बच्चों कोई बात सिखानी या समाझानी हो तो इसका सबसे अच्छा तरीका होता है उसे किसी कहानी के रूप में बताना, तब वह आसानी से समझाई भी जा सकती है और याद भी हो जाती है। बाइबल की महान सच्चाईयां चरित्र संवारती भी हैं और गलत निर्ण्यों के दुष्परिणाम भी दिखाती हैं (१ कुरिन्थियों १०:११), इसलिये बच्चों को इन सच्चाईयों को सिखाना आवश्यक है, जो कहानियों के रूप में किया जा सकता है। उनके मन की नम्र भूमि में विश्वास के ये बीज बो देने से वे देख पाते हैं कि संसार के इतिहास में परमेश्वर किस प्रकार से अपने प्रेम करने वालों के जीवन में कार्य करता रहा है। साथ ही वे यह भी सीख पाते हैं कि कैसे परमेश्वर सदा अपने लोगों के जीवन में सम्मिलित रहता है।
जो हमने परमेश्वर को अपने जीवन में करते देखा है और जो वह संसार के इतिहास में अपने लोगों के जीवन में करता आया है, उसे अगली पीढ़ी तक पहुँचाना न सिर्फ हमारा कर्तव्य है वरन परमेश्वर द्वारा हमें दी गई ज़िम्मेवारी भी है (व्यवस्थाविवरण ११:१-२१)। बच्चों के भले भविष्य के लिये यह अनिवार्य है कि वे बचपन से ही परमेश्वर और विश्वास के भले प्रतिफलों को जान सकें। - सिंडी हैस कैसपर
आपके बच्चों का कल का चरित्र इस पर निर्भर करता है कि आज आप उनके हृदय में क्या बोते हैं!
और तुम घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते-उठते इनकी [परमेश्वर के वचन की] चर्चा करके अपने लड़के-बालों को सिखाया करना। - व्यवस्थाविवरण ११:१९
बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण ११:१३-२१
और यदि तुम मेरी आज्ञाओं को जो आज मैं तुम्हें सुनाता हूं ध्यान से सुनकर, अपके सम्पूर्ण मन और सारे प्राण के साथ, अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम रखो और उसकी सेवा करते रहो,
तो मैं तुम्हारे देश में बरसात के आदि और अन्त दोनों समयों की वर्षा को अपने अपने समय पर बरसाऊंगा, जिस से तू अपना अन्न, नया दाखमधु, और टटका तेल संचय कर सकेगा।
और मै तेरे पशुओं के लिये तेरे मैदान में घास उपजाऊंगा, और तू पेट भर खाएगा और सन्तुष्ट रहेगा।
इसलिये अपने विषय में सावधान रहो, ऐसा न हो कि तुम्हारे मन धोखा खाएं, और तुम बहक कर दूसरे देवताओं की पूजा करने लगो और उनको दण्डवत करने लगो,
और यहोवा का कोप तुम पर भड़के, और वह आकाश की वर्षा बन्द कर दे, और भूमि अपनी उपज न दे, और तुम उस उत्तम देश में से जो यहोवा तुम्हें देता है शीघ्र नष्ट हो जाओ।
इसलिये तुम मेरे ये वचन अपने अपने मन और प्राण में धारण किए रहना, और चिन्हानी के लिये अपके हाथों पर बान्धना, और वे तुम्हारी आंखों के मध्य में टीके का काम दें।
और तुम घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते-उठते इनकी चर्चा करके अपने लड़के-बालों को सिखाया करना।
और इन्हें अपने अपनेके घर के चौखट के बाजुओं और अपने फाटकों के ऊपर लिखना;
इसलिये कि जिस देश के विषय में यहोवा ने तेरे पूर्वजों से शपथ खाकर कहा था, कि मैं उसे तुम्हें दूंगा, उस में तुम्हारे और तुम्हारे लड़के-बालों की दीर्घायु हो, और जब तक पृथ्वी के ऊपर का आकाश बना रहे तब तक वे भी बने रहें।
एक साल में बाइबल:
- यशायाह ५३-५५
- २ थिसुलिनीकियों १
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