मानव शरीर करोड़ों कोषिकाओं से मिलकर बना है, और इन कोषिकाओं की संख्या से लगभग १० गुणा अधिक संख्या में इस शरीर में सूक्ष्म जीवाणु बसते हैं। हमारी त्वचा के एक सिक्के के आकार के भाग में ही लगभग २० लाख जीवाणु होते हैं। इससे यह प्रतीत होता है कि इतनी संख्या में जीवाणुओं की उपस्थिति के कारण हम लगातार रोगी होने के खतरे में बने रहते हैं। लेकिन असलियत यह है कि इन असंख्य जीवाणुओं की हमारे शरीर में उपस्थिति ही हमें स्वस्थ रखती है; यदि ये न हों तो हम रोगी हो जाएंगे, क्योंकि ये भले जीवाणु रोग पैदा करने वाले हानिकारक कीटाणुओं को पनपने नहीं देते।
यह उदाहरण हमें हरेक परिस्थिति में भी परमेश्वर के कार्य में संलग्न रहने की मसीही विश्वासियों की बुलाहट को समझने में सहायता करता है। हमारे सोचने के विपरीत, विशम परिस्थितियों का होना विश्वासियों के लिए हानि की नहीं वरन लाभ की बात है।
परमेश्वर चाहता है कि उसके बच्चे पाप और अधर्म से दूषित संसार में धैर्य, प्रेम और विश्वास को प्रदर्शित करें। जो विपरीत परिस्थितियाँ हम पर आती रहती हैं वे सुनिश्चित करती हैं कि हम और भी अधिक हानिकारक बातों से जो यदि सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा हो तो अति शीघ्र हम में घर बना लेती हैं, जैसे अहंकार, अपने आप को बढ़कर आंकना, परमेश्वर पर निर्भर न रहना आदि, से बचे रहें। जब जब हम समस्याओं में पड़ते हैं तो ये परिस्थितियाँ हमें परमेश्वर पर आश्रित होने और उसपर तथा उसके वचन के और निकट आने और उस पर विश्वास करने वाला बनाती हैं।
कठिनाईयाँ हमारे आत्मिक विकास में भी योगदान देती हैं, यदि हम उन्हें अपने विश्वास की परख और सहनशीलता बढ़ाने के अवसरों के रूप में देखें।
जब तक मसीह नहीं आ जाता और उसके साथ हम सिद्ध नहीं हो जाते, तब तक विपरीत परिस्थितियों का बने रहना हमारे लिए बेहतर विकल्प है। - मार्ट डी हॉन
यहां तक कि हम आप परमेश्वर की कलीसिया में तुम्हारे विषय में घमण्ड करते हैं, कि जितने उपद्रव और क्लेश तुम सहते हो, उन सब में तुम्हारा धीरज और विश्वास प्रगट होता है। - २ थिस्सलुनीकियों १:४
बाइबल पाठ: याकूब १:१-४
Jas 1:1 परमेश्वर के और प्रभु यीशु मसीह के दास याकूब की ओर से उन बारहों गोत्रों को जो तित्तर बित्तर होकर रहते हैं नमस्कार पहुंचे।
Jas 1:2 हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो
Jas 1:3 तो इसे पूरे आनन्द की बात समझो, यह जानकर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है।
Jas 1:4 पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो, कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ और तुम में किसी बात की घटी न रहे।
एक साल में बाइबल:
यह उदाहरण हमें हरेक परिस्थिति में भी परमेश्वर के कार्य में संलग्न रहने की मसीही विश्वासियों की बुलाहट को समझने में सहायता करता है। हमारे सोचने के विपरीत, विशम परिस्थितियों का होना विश्वासियों के लिए हानि की नहीं वरन लाभ की बात है।
परमेश्वर चाहता है कि उसके बच्चे पाप और अधर्म से दूषित संसार में धैर्य, प्रेम और विश्वास को प्रदर्शित करें। जो विपरीत परिस्थितियाँ हम पर आती रहती हैं वे सुनिश्चित करती हैं कि हम और भी अधिक हानिकारक बातों से जो यदि सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा हो तो अति शीघ्र हम में घर बना लेती हैं, जैसे अहंकार, अपने आप को बढ़कर आंकना, परमेश्वर पर निर्भर न रहना आदि, से बचे रहें। जब जब हम समस्याओं में पड़ते हैं तो ये परिस्थितियाँ हमें परमेश्वर पर आश्रित होने और उसपर तथा उसके वचन के और निकट आने और उस पर विश्वास करने वाला बनाती हैं।
कठिनाईयाँ हमारे आत्मिक विकास में भी योगदान देती हैं, यदि हम उन्हें अपने विश्वास की परख और सहनशीलता बढ़ाने के अवसरों के रूप में देखें।
जब तक मसीह नहीं आ जाता और उसके साथ हम सिद्ध नहीं हो जाते, तब तक विपरीत परिस्थितियों का बने रहना हमारे लिए बेहतर विकल्प है। - मार्ट डी हॉन
परमेश्वर हमारे जीवन में विपरीत परिस्थितियाँ हमें बेहतर बनाने लिए आने देता है, हमें बिगाड़ने के लिए नहीं।
यहां तक कि हम आप परमेश्वर की कलीसिया में तुम्हारे विषय में घमण्ड करते हैं, कि जितने उपद्रव और क्लेश तुम सहते हो, उन सब में तुम्हारा धीरज और विश्वास प्रगट होता है। - २ थिस्सलुनीकियों १:४
बाइबल पाठ: याकूब १:१-४
Jas 1:1 परमेश्वर के और प्रभु यीशु मसीह के दास याकूब की ओर से उन बारहों गोत्रों को जो तित्तर बित्तर होकर रहते हैं नमस्कार पहुंचे।
Jas 1:2 हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो
Jas 1:3 तो इसे पूरे आनन्द की बात समझो, यह जानकर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है।
Jas 1:4 पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो, कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ और तुम में किसी बात की घटी न रहे।
एक साल में बाइबल:
- १ राजा १६-१८
- लूका २२:४७-७१
आभार।
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समीरलाल की उड़नतश्तरी।
अंधविश्वास की शिकार महिलाऍं।