एक दंपति की गाड़ी से एक शराब के नशे में धुत चालक ने अपनी गाड़ी टकरा दी और उस दंपति की मृत्यु हो गई। वे दोनो बहुत अच्छे लोग थे, नियमित रूप से अपने चर्च जाते थे और सब ही उनसे बहुत प्रेम रखते थे। गाड़ी चलाने में उन्होंने कोई गलती भी नहीं की थी; फिर उनके साथ ऐसा क्यों हुआ? क्या दूसरी गाड़ी के चालक के नशे में धुत होकर गाड़ी चलाने के लिए परमेश्वर को दोषी ठहराया जा सकता है?
कुछ लोग शैतान को ऐसी दुर्घटनाओं के लिए ज़िम्मेदार ठहरा देते हैं, लेकिन हमें यह तथ्य नज़रअन्दाज़ नहीं करना चाहिए कि नशे की हालत में गाड़ी चलाने वाला जब भी सन्तुलन खो देगा तो किसी को भी नुकसान पहुँचा सकता है, मार सकता है।
प्रभु यीशु ने अपने समय में घटने वाली दो दुर्घटनाओं को उदाहरण बना कर अपने चेलों को कुछ सिखाया। एक दुर्घटना में उस इलाके के हाकिम पिलातुस ने कुछ गलीलियों को मारकर उनके खुन को उनके चढ़ाए बलिदानों के साथ मिलवा दिया (लूका १३:१)। दूसरी में १८ इस्त्राएली मारे गए क्योंकि एक गुम्मुट उन पर गिर पड़ा (लूका १३:४)। लोगों की धारणा थी कि जो लोग इस प्रकार अप्राकृतिक रूप से मरते हैं, अवश्य उन्होंने कोई घोर पाप किये होंगे।
प्रभु यीशु ने ऐसी विचारधारा का खंडन किया। उन्हों ने अपने साथ के लोगों को समझाया कि बजाए किसी को दोषी ठहराने के, इन घटनाओं को मनुष्य के क्षणभंगुर होने और पश्चाताप के लिए उपलब्ध समय का सदुपयोग करने की शिक्षा लेनी चाहिए। यदि वे जनबूझकर अपने पाप में बने रहेंगे और प्रभु यीशु को मुक्तिदाता के रूप में ग्रहण करने से इन्कार करते रहेंगे, तो एक समय उन्हें भी अपने न्याय और पाप की भयानक दशा का सामना करना पड़ेगा।
जीवन में होने वाली दुर्घटनाएं अपनी जाँच करने और पश्चाताप के साथ मन फिराने की पुकार हैं।
यदि तू ऐसा मनुष्य देखे जो अपनी दृष्टि में बुद्धिमान बनता हो, तो उस से अधिक आशा मूर्ख ही से है। - नीतिवचन २६:१२
बाइबल पाठ: लूका ५:१७-३२
Luk 5:17 और एक दिन हुआ कि वह उपदेश दे रहा था, और फरीसी और व्यवस्थापक वहां बैठे हुए थे, जो गलील और यहूदिया के हर एक गांव से, और यरूशलेम से आए थे; और चंगा करने के लिये प्रभु की सामर्य उसके साथ थी।
Luk 5:18 और देखो कई लोग एक मनुष्य को जो झोले का मारा हुआ था, खाट पर लाए, और वे उसे भीतर ले जाने और यीशु के साम्हने रखने का उपाय ढूंढ़ रहे थे।
Luk 5:19 और जब भीड़ के कारण उसे भीतर न ले जा सके तो उन्होंने कोठे पर चढ़ कर और खप्रैल हटाकर, उसे खाट समेत बीच में यीशु के साम्हने उतरा दिया।
Luk 5:20 उस ने उन का विश्वास देखकर उस से कहा; हे मनुष्य, तेरे पाप क्षमा हुए।
Luk 5:21 तब शास्त्री और फरीसी विवाद करने लगे, कि यह कौन है, जो परमेश्वर की निन्दा करता है परमेश्वर को छोड़ कौन पापों की क्षमा कर सकता है?
Luk 5:22 यीशु ने उन के मन की बातें जान कर, उन से कहा कि तुम अपने मनों में क्या विवाद कर रहे हो?
Luk 5:23 सहज क्या है क्या यह कहना, कि तेरे पाप क्षमा हुए, या यह कहना कि उठ, और चल फिर?
Luk 5:24 परन्तु इसलिये कि तुम जानो कि मनुष्य के पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा करने का भी अधिकार है (उस ने उस झोले के मारे हुए से कहा), मैं तुझ से कहता हूं, उठ और अपनी खाट उठा कर अपने घर चला जा।
Luk 5:25 वह तुरन्त उन के साम्हने उठा, और जिस पर वह पड़ा था उसे उठा कर, परमेश्वर की बड़ाई करता हुआ अपने घर चला गया।
Luk 5:26 तब सब चकित हुए और परमेश्वर की बड़ाई करने लगे, और बहुत डर कर कहने लगे, कि आज हम ने अनोखी बातें देखी हैं।
Luk 5:27 और इसके बाद वह बाहर गया, और लेवी नाम एक चुंगी लेने वाले को चुंगी की चौकी पर बैठे देखा, और उस से कहा, मेरे पीछे हो ले।
Luk 5:28 तब वह सब कुछ छोड़ कर उठा, और उसके पीछे हो लिया।
Luk 5:29 और लेवी ने अपने घर में उसके लिये बड़ी जेवनार की; और चुंगी लेने वालों की और औरों की जो उसके साथ भोजन करने बैठे थे एक बड़ी भीड़ थी।
Luk 5:30 और फरीसी और उन के शास्त्री उस के चेलों से यह कह कर कुड़कुड़ाने लगे, कि तुम चुंगी लेने वालों और पापियों के साथ क्यों खाते-पीते हो?
Luk 5:31 यीशु ने उन को उत्तर दिया कि वैद्य भले चंगों के लिये नहीं, परन्तु बीमारों के लिथे अवश्य है।
Luk 5:32 मैं धमिर्यों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूं।
एक साल में बाइबल:
- नीतिवचन ३-५
- २ कुरिन्थियों १
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