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गुरुवार, 6 अक्तूबर 2011

सच्चा मार्ग

   सच्चे आनन्द की खोज सदा ज़ारी रहती है। नित नई पुस्तकें प्रकाशित होती हैं जो कलह और दुखः के अन्त का दावा करती हैं। आतिष्बाज़ी के समान, जो कुछ पल को आकाश को रौशन और रंगबिरंगा कर देती  है, फिर बुझकर नीचे गिर जाती है, और आकाश वैसा ही अन्धियारा रह जाता है, ये पुस्तकें और इनकी विचारधारा भी कुछ समय को लोगों को लुभाती हैं, फिर पुस्तकें और विचारधारा लुप्त हो जाती हैं और मनुष्य उसी अन्धकार में जीवन का मार्ग और शांति तलाशता रह जाता है; जब तक कि कोई नई पुस्तक नहीं आ जाती।

   लेखक एवं दार्शनिक हेन्री थोरियु ने कहा, "यह है मनुष्य: पुस्तकों का लिखने वाला, शब्दों के जाल बुनने वाला, चित्रकार, १०,००० प्रकार के दर्शन और तत्वज्ञान प्रस्तुत करने वाला। वह अपने विचारों में मगन होता है, दूसरे के विचारों का परिहास करता है; अपने मार्ग को ही सही मानता है, दूसरे के मार्गों को गलत मानता है। लेकिन उन करोड़ों पुस्तकों में जो उसने अपने लिए लिख ली हैं, एक भी ऐसी नहीं है जो उसे यह बता सके कि चैन और आराम से एक साँस भी वह कैसे ले सकता है। मनुष्य सृष्टि का इतिहास लिख लेता है, लेकिन उसे अपना इतिहास पता नहीं होता; राष्ट्रों की नियति के निर्णय लेता है, लेकिन अपनी नियति नहीं जानता और ना ही अगले १० मिनिट के लिए भी अपने भविष्य को निर्धारित अथवा निर्देषित कर सकता है।"

   थोरियु का यह कथन सही है कि हमारी अपनी लिखीं अच्छी से अच्छी पुस्तकें अथवा हमारा अपना उचत्तम दर्शन और ज्ञान हमें स्थायी शांति दे पाने में असमर्थ है। यदि हमारे पास निर्भर होने के लिए जो है वह केवल हमारे अपने ज्ञान और प्रयास का नतीजा होता, तो हम मार्ग विहीन तथा घोर निराशा की स्थिति में होते। लेकिन संसार के इतिहास में सभी पुस्तकों से भिन्न एक पुस्तक है - परमेश्वर का वचन, बाइबल। केवल यही वह पुस्तक है जो सृष्टि के आदि से अन्त तक का इतिहास सुनाती है; मनुष्य कि पिछली दशा तथा भविष्य का हाल बताती है; चिर स्थाई एवं अनन्त स्वतंत्रता, शांति और आनन्द का सच्चा मार्ग दिखाती है, क्योंकि इस पुस्तक के लेखक वह है जिसका दावा है कि, "मार्ग और सच्‍चाई और जीवन मैं ही हूं" (युहन्ना १४:६); और आज तक इस पुस्तक की कोई बात कोई दावा कभी गलत अथवा झूठी नहीं निकली।

   जीवन का सच्चा मार्ग खोज रहे हैं? प्रभु यीशु और परमेश्वर का वचन बाइबल ही वह मार्ग है। - डेव एग्नर


जो पुस्तकें मनुष्य बनाता है और जो पुस्तक मनुष्य को बना देती है, उनमें परस्पर ज़मीन आसमान का अन्तर है।

ईश्वर की गति खरी है; यहोवा का वचन ताया हुआ है; वह अपने सब शरणागतों की ढाल है। - २ शमुएल २२:३१

बाइबल पाठ: २ शमुएल २२:३१
    2Sa 22:31  ईश्वर की गति खरी है; यहोवा का वचन ताया हुआ है; वह अपने सब शरणागतों की ढाल है।
    2Sa 22:32  यहोवा को छोड़ क्या कोई ईश्वर है? हमारे परमेश्वर को छोड़ क्या और कोई चट्टान है?
    2Sa 22:33  यह वही ईश्वर है, जो मेरा अति दृढ़ क़िला है, वह खरे मनुष्य को अपने मार्ग में लिए चलता है।
    2Sa 22:34  वह मेरे पैरों को हरिणियों के से बना देता है, और मुझे ऊंचे स्थानों पर खड़ा करता है।
    2Sa 22:35  वह मेरे हाथों को युद्ध करना सिखाता है, यहां तक कि मेरी बांहें पीतल के धनुष को झुका देती हैं।
    2Sa 22:36  और तू ने मुझ को अपने उद्धार की ढाल दी है, और तेरी नम्रता मुझे बढ़ाती है।
    2Sa 22:37  तू मेरे पैरों के लिये स्थान चौड़ा करता है, और मेरे पैर नहीं फिसले।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह २६-२७ 
  • फिलिप्पियों २

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