घटना १५ जनवरी २००९ की है, अमेरिका की यू.एस.ऐरवेज़ की उड़ान संख्या १५४९ के १५५ यात्रियों को यह निश्चित लगा कि अब वे मृत्यु से कुछ ही पल दूर हैं। न्यू-यॉर्क शहर से उड़ान भरते समय उनका वायुयान उड़ती हुई बतखों के एक झुंड से टकराया और उसके दोनो इंजन क्षतिग्रस्त होकर बन्द हो गए। बिना इंजनों की शक्ति के वायुयान के चालकों ने यान को घने आबादी वाले इलाके के ऊपर से निकाला और फिर वायुयान के लाउडस्पीकर पर कप्तान ने यात्रियों के लिए घोषणा करी कि वे टकराव के झटके के लिए तैयार हो जाएं। इसके ९० सेकेंड बाद उन्होंने वह विमान न्यू-यॉर्क के साथ बहती हडसन नदी के बर्फीले पानी में उतार दिया, जहाँ बचाव नौकाएं यात्रियों की रक्षा के लिए तैयार थीं और उन्होंने तुरंत ही सभी यात्रियों और यान के चालक दल के सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। लोगों ने इस घटना को हडसन का आश्चर्यकर्म कहा; सभी ने वायुयान के कप्तान और चालक दल की प्रशंसा करी तथा उन्हें बहुत बहुत धन्यवाद दिया। एक कृतज्ञ यात्री ने एक ही वाक्य में सारी बात बयान कर दी; उसने कहा, "हमें जीवन का एक और अवसर मिला है।"
जब खतरे और विषम स्थितियाँ हमारे सामने होती हैं, तब हमें हर पल की कीमत का एहसास होता है। किंतु जब जीवन सामन्य रीति से चल रहा होता है तो समय कि बहुमूल्यता का ध्यान नहीं रहता और ना ही हम यह सोचते हैं कि हर दिन, हर पल हमारे लिए जीवन का एक और अवसर है। ना जाने कौन कौन से खतरे हमारे पास से होकर निकल गए, ना जाने किस किस बात से परमेश्वर ने हमें सुरक्षित रखा: "हम मिट नहीं गए; यह यहोवा की महाकरुणा का फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है। प्रति भोर वह नई होती रहती है; तेरी सच्चाई महान है। मेरे मन ने कहा, यहोवा मेरा भाग है, इस कारण मैं उस में आशा रखूंगा" (विलापगीत ३:२२-२४)।
परमेश्वर हमारा रक्षक और रखवाला है; हमें सदा उसके कृतज्ञ और धन्यवादी बने रहना चाहिए। परमेश्वर की भलाईयों, अनुग्रह, विश्वासयोग्यता और हमारे साथ उसकी लगातार बनी रहने वाली उपस्थिति के लिए हमें उसे अपनी आशा का अडिग और स्थिर आधार बना लेना चाहिए। सच्चे मन से निकली पाप-क्षमा और समर्पण की एक छोटी प्रार्थना अनन्त काल के लिए आपका भविष्य सुनिश्चित कर देगी।
परमेश्वर हमें जीवन के जो अवसर दे रहा है, उन्हें व्यर्थ ना गवांएं, उनका भरपूरी से लाभ उठाएं, उसके लिए उपयोगी बनें और अपने जीवनों से उसे महिमा दें। - डेविड मैककैसलैंड
हमारा परमेश्वर अवसर देने वाला परमेश्वर है।
हम मिट नहीं गए; यह यहोवा की महाकरुणा का फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है। प्रति भोर वह नई होती रहती है; तेरी सच्चाई महान है। मेरे मन ने कहा, यहोवा मेरा भाग है, इस कारण मैं उस में आशा रखूंगा। - विलापगीत ३:२२-२४
बाइबल पाठ: विलापगीत ३:२२-३३
Lam 3:22 हम मिट नहीं गए यह यहोवा की महाकरुणा का फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है।
Lam 3:23 प्रति भोर वह नई होती रहती है; तेरी सच्चाई महान है।
Lam 3:24 मेरे मन ने कहा, यहोवा मेरा भाग है, इस कारण मैं उस में आशा रखूंगा।
Lam 3:25 जो यहोवा की बाट जोहते और उसके पास जाते हैं, उनके लिये यहोवा भला है।
Lam 3:26 यहोवा से उद्धार पाने की आशा रख कर चुपचाप रहना भला है।
Lam 3:27 पुरुष के लिये जवानी में जूआ उठाना भला है।
Lam 3:28 वह यह जान कर अकेला चुपचाप रहे, कि परमेश्वर ही ने उस पर यह बोझ डाला है;
Lam 3:29 वह अपना मुंह धूल में रखे, क्या जाने इस में कुछ आशा हो?
Lam 3:30 वह अपना गाल अपने मारने वाले की ओर फेरे, और नामधराई सहता रहे।
Lam 3:31 क्योंकि प्रभु मन से सर्वदा उतारे नहीं रहता,
Lam 3:32 चाहे वह दु:ख भी दे, तौभी अपनी करुणा की बहुतायत के कारण वह दया भी करता है;
Lam 3:33 क्योंकि वह मनुष्यों को अपने मन से न तो दबाता है और न दु:ख देता है।
एक साल में बाइबल:
- उत्पत्ति ३६-३८
- मत्ती १०:२१-४२
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें