स्पष्ट है कि इन विश्वास के दिग्गजों को अपने विश्वास का प्रतिफल मिला। विश्वास द्वारा उन्होंने वह किया जो परमेश्वर ने उन्हें कहा था, और परमेश्वर ने अपनी आशीषों को उन पर बरसाया। इन लोगों ने परमेश्वर की कही बातों को अपनी आखों से पूरी होते देखा।
लेकिन हाबिल? उसे भी तो परमेश्वर पर विश्वास था और "विश्वास ही से हाबिल ने कैन से उत्तम बलिदान परमेश्वर के लिये चढ़ाया; और उसी के द्वारा उसके धर्मी होने की गवाही भी दी गई..." (इब्रानियों ११:४), लेकिन प्रतिफल में उसे क्या मिला? उसी के भाई ने उसका कत्ल कर दिया - यह तो उन लोगों के वर्णन के समान है जो इब्रानियों ११ के अन्त की सूची में हैं। आरंभ के भाग के लोगों के अनुभव के विपरीत, अन्त के निकट के भाग में दी गई सूची के लोगों ने पाया कि परमेश्वर पर विश्वास द्वारा तुरंत ही आशीषें और सुख-समृद्धि नहीं मिल जाती। इन लोगों ने परमेश्वर पर अपने विश्वास के कारण ठट्ठों में उड़ाए जाने, कैद में डाले जाने, कोड़े खाने, आरे से चीरे जाने आदि यातनाओं का सामना किया।
आप कह सकते हैं, "जी बहुत धन्यवाद, लेकिन मुझे यह स्वीकार नहीं; मैं तो इब्राहिम के समान नायक बनना पसन्द करूंगा ना कि कंगाली, क्लेष और दुख भोगते हुए जीवन बिताऊं।" लेकिन परमेश्वर की योजनाओं में इस बात का कोई निश्चय नहीं है कि विश्वासी और भक्त जन को उसकी भक्ति और विश्वासयोग्यता का प्रतिफल भी तुरंत ही मिल जाएगा। इसी अध्याय में, इन्हीं लोगों के संदर्भ में लिखा है कि उन्हें कुछ बेहतर की प्रतीक्षा करनी पड़ी।
आज भी हम मसीही विश्वासियों को अपने विश्वास और परमेश्वर की आज्ञाकारिता के लिए हो सकता है कि कुछ ना मिले या उम्मीद से कम मिले, लेकिन परमेश्वर के अटल वचन में हम प्रतिज्ञा पाते हैं कि आते अनन्त में, उस महिमा के समय में, हमारे लिए ऐसी प्रतिज्ञाएं और प्रतिफल रखे हैं जो कि ना केवल बेहतर हैं, वरन हमारी कलपना और आशा से कहीं अधिक बढ़कर हैं: "परन्तु जैसा लिखा है, कि जो आंख ने नहीं देखी, और कान ने नहीं सुना, और जो बातें मनुष्य के चित्त में नहीं चढ़ी वे ही हैं, जो परमेश्वर ने अपने प्रेम रखने वालों के लिये तैयार की हैं" (१ कुरिन्थियों २:९)।
उस बेहतर के आने तक हम विश्वास के साथ आगे बढ़ते रहें, परमेश्वर के लिए उपयोगी बने रहें। - डेव ब्रैनन
जो आज मसीह यीशु के लिए किया जाता है, उसका प्रतिफल अनन्त काल तक रहेगा।
...और विश्वास ही के द्वारा इन सब के विषय में अच्छी गवाही दी गई, तोभी उन्हें प्रतिज्ञा की हुई वस्तु न मिली। - इब्रानियों ११:३९
बाइबल पाठ: - इब्रानियों ११:४-७; ३२-४०
Heb 11:4 विश्वास ही से हाबिल ने कैन से उत्तम बलिदान परमेश्वर के लिये चढ़ाया और उसी के द्वारा उसके धर्मी होने की गवाही भी दी गई: क्योंकि परमेश्वर ने उस की भेंटों के विषय में गवाही दी, और उसी के द्वारा वह मरने पर भी अब तक बातें करता है।
Heb 11:5 विश्वास ही से हनोक उठा लिया गया, कि मृत्यु को न देखे, और उसका पता नहीं मिला, क्योंकि परमेश्वर ने उसे उठा लिया था, और उसके उठाए जाने से पहिले उस की यह गवाही दी गई थी, कि उस ने परमेश्वर को प्रसन्न किया है।
Heb 11:6 और विश्वास बिना उसे प्रसन्न करना अनहोना है, क्योंकि परमेश्वर के पास आने वाले को विश्वास करना चाहिए, कि वह है, और अपने खोजने वालों को प्रतिफल देता है।
Heb 11:7 विश्वास ही से नूह ने उन बातों के विषय में जो उस समय दिखाई न पड़ती थीं, चितौनी पाकर भक्ति के साथ अपने घराने के बचाव के लिये जहाज बनाया, और उसके द्वारा उस ने संसार को दोषी ठहराया; और उस धर्म का वारिस हुआ, जो विश्वास से होता है।
Heb 11:32 अब और क्या कहूँ क्योंकि समय नहीं रहा, कि गिदोन का, और बाराक और समसून का, और यिफतह का, और दाऊद का और शामुएल का, और भविष्यद्वक्ताओं का वर्णन करूं।
Heb 11:33 इन्होंने विश्वास ही के द्वारा राज्य जीते; धर्म के काम किए; प्रतिज्ञा की हुई वस्तुएं प्राप्त की, सिंहों के मुंह बन्द किए।
Heb 11:34 आग की ज्वाला को ठंडा किया; तलवार की धार से बच निकले, निर्बलता में बलवन्त हुए; लड़ाई में वीर निकले; विदेशियों की फौजों को मार भगाया।
Heb 11:35 स्त्रियों ने अपने मरे हुओं को फिर जीवते पाया; कितने तो मार खाते खाते मर गए और छुटकारा न चाहा, इसलिये कि उत्तम पुनरूत्थान के भागी हों।
Heb 11:36 कई एक ठट्ठों में उड़ाए जाने, और कोड़े खाने, वरन बान्धे जाने और कैद में पड़ने के द्वारा परखे गए।
Heb 11:37 पत्थरवाह किए गए, आरे से चीरे गए, उन की परीक्षा की गई; तलवार से मारे गए; वे कंगाली में और क्लेश में और दुख भोगते हुए भेड़ों और बकिरयों की खालें ओढ़े हुए, इधर उधर मारे मारे फिरे।
Heb 11:38 और जंगलों, और पहाड़ों, और गुफाओं में, और पृथ्वी की दरारों में भटकते फिरे।
Heb 11:39 संसार उन के योग्य न था: और विश्वास ही के द्वारा इन सब के विषय में अच्छी गवाही दी गई, तोभी उन्हें प्रतिज्ञा की हुई वस्तु न मिली।
Heb 11:40 क्योंकि परमेश्वर ने हमारे लिये पहिले से एक उत्तम बात ठहराई, कि वे हमारे बिना सिद्धता को न पहुंचे।
एक साल में बाइबल:
- अय्युब ३२-३३
- प्रेरितों १४
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