दूसरे विश्वयुद्ध के समय यूरोप पर हावी नाट्ज़ी जर्मनी के आताताईयों के ज़ुल्म का प्रतिरोध करने की अन्तिम सीमा ब्रिटेन ही रह गया था, और जर्मनी से हो रहे अनवरत आक्रमण के आगे यह प्रतिरोध टूटने की कगार पर पहुँचने लगा था, क्योंकि ब्रिटेन के पास वो संसाधन नहीं थे जिनकी सहायता से युद्ध जीता जा सके। इस कारण ब्रिटेन के प्रधान मंत्री विन्सटन चर्चिल ने बी. बी. सी. रेडियों के प्रसारण के माध्यम से संसार से गुहार करी, "हमें संसाधन दो और हम इस कार्य को पूरा कर दिखाएंगे।" वे जानते थे कि बिना बाहरी सहायता मिले ब्रिटेन नाट्ज़ी जर्मनी से हो रहे अविरल प्रहार का सामना अधिक देर तक नहीं करने पाएगा।
जीवन ऐसा ही है। अनेक बार जीवन में हम पर जो परेशानियाँ आती हैं हम उनका सामना अकेले कर पाने में असमर्थ होते हैं, हमें बाहरी सहायता की आवश्यकता होती है। मसीही विश्वासियों का मसीह यीशु की देह अर्थात उसकी मण्डली के अंग होने के कारण उन्हें यह सहायता मसीही मण्डली से मिल सकती है (रोमियों 12:10-13), और यह एक बहुत अच्छी बात भी है। किंतु अन्ततः हमारी सहायता परमेश्वर से ही आती है, और हमें उसी के सामने अपनी प्रार्थना, विन्तियाँ रखनी चाहिएं। अच्छी और भली खबर यह है कि परमेश्वर ने हमें यह खुला निमंत्रण दे रखा है कि हम निश्चिंत होकर उसके सामने अपनी प्रार्थना लेकर कभी जा सकते हैं: "इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे" (इब्रानियों 4:16)।
हम मसीही विश्वासियों को यह आदर है कि जब भी हम किसी भी परेशानी में हों, हम बिना हिचकिचाए अपने स्वर्गीय पिता परमेश्वर के पास अपनी प्रार्थना लेकर आ सकते हैं। हर परिस्थिति में हमारी सहायता का हमारा सबसे बड़ा संसाधन प्रार्थना ही है, क्योंकि प्रार्थना हमें सीधे परमेश्वर की उपस्थिति में ले आती है, और वहाँ परमेश्वर की अनुकंपा और अनुग्रह में हमें वह प्राप्त होता है जिसकी हमें आवश्यकता है। - बिल क्राउडर
आवश्यकता के समय में प्रार्थना को अपना अन्तिम नहीं, वरन अपना प्रथम उपाय बनाएं।
क्योंकि उस ही के द्वारा हम दोनों की एक आत्मा में पिता के पास पंहुच होती है। इसलिये तुम अब विदेशी और मुसाफिर नहीं रहे, परन्तु पवित्र लोगों के संगी स्वदेशी और परमेश्वर के घराने के हो गए। - इफिसियों 2:18-19
बाइबल पाठ: इब्रानियों 4:9-16
Hebrews 4:9 सो जान लो कि परमेश्वर के लोगों के लिये सब्त का विश्राम बाकी है।
Hebrews 4:10 क्योंकि जिसने उसके विश्राम में प्रवेश किया है, उसने भी परमेश्वर की नाईं अपने कामों को पूरा कर के विश्राम किया है।
Hebrews 4:11 सो हम उस विश्राम में प्रवेश करने का प्रयत्न करें, ऐसा न हो, कि कोई जन उन की नाईं आज्ञा न मान कर गिर पड़े।
Hebrews 4:12 क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है, और जीव, और आत्मा को, और गांठ गांठ, और गूदे गूदे को अलग कर के, वार पार छेदता है; और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है।
Hebrews 4:13 और सृष्टि की कोई वस्तु उस से छिपी नहीं है वरन जिस से हमें काम है, उस की आंखों के साम्हने सब वस्तुएं खुली और बेपरदा हैं।
Hebrews 4:14 सो जब हमारा ऐसा बड़ा महायाजक है, जो स्वर्गों से हो कर गया है, अर्थात परमेश्वर का पुत्र यीशु; तो आओ, हम अपने अंगीकार को दृढ़ता से थामें रहे।
Hebrews 4:15 क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके; वरन वह सब बातों में हमारी नाईं परखा तो गया, तौभी निष्पाप निकला।
Hebrews 4:16 इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे।
एक साल में बाइबल:
- व्यवस्थाविवरण 23-25
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