विक्टोरियन काल के उपन्यास The Picture of Dorian Grey दिखाता है कि जो हम अपने आप को बाहरी रीति से दिखाते हैं वह हमारी वास्तविक भीतरी दशा से कितना भिन्न होता है। उस उपन्यास का नायक अपनी जवानी में बहुत सुन्दर था; उसने जब अपना चित्र बनवाया तो उसके मन में अभिलाषा जागी कि वह सदा ही ऐसा सुन्दर और आकर्षक बना रहे, उसके स्थान पर वह चित्र उम्र के साथ बूढ़ा होता जाए। शीघ्र ही डोरियन ग्रे को पता चला कि उसकी यह इच्छा स्वीकार हो गई है, और उसका वह चित्र जो उसके परेशान मन के साथ जोड़ दिया गया था, समय के साथ बूढ़ा होता गया तथा डोरियन ग्रे द्वारा किए गए हर पाप के साथ और अधिक बदसूरत होता चला गया। थोड़े ही समय में डोरियन ग्रे का बाहरी स्वरूप और उसके अन्दर के भ्रष्ट मन से जुड़ा वह चित्र एक समान दिखने बन्द हो गए - डोरियन ग्रे जो अन्दर से था वह बाहर नहीं दिखता था, और जैसा वह बाहर से दिखता था, वैसा वह अन्दर से था नहीं।
प्रभु यीशु मसीह ने भी अपने समय के धर्म गुरु फरीसियों की ऐसा ही दोगला जीवन जीने के लिए भर्त्सना करी। बहुत से फरीसी समाज के सामने अपनी धार्मिकता का प्रदर्शन तो करते थे, लेकिन उनके मन अनेक छुपे हुए पापों से भरे हुए थे। इस कारण प्रभु यीशु ने उनकी तुलना "चूना फिरी हुई कब्र" से करी जो बाहर की लीपा-पोती से सुन्दर तो दिखाई देती है, परन्तु अन्दर सड़ाहट तथा दुर्गन्ध से भरी होती हैं (मत्ती 23:27)।
हमारे समक्ष भी यही प्रलोभन, कि हम अपने आप को समाज तथा अन्य लोगों के सामने अच्छा दिखाएं सदा बना रहता है, परन्तु परमेश्वर हमारी वास्तविक दशा को, हमारे मन को भलि-भांति जानता है (1 शमूएल 16:7; नीतिवचन 15:3)। उसकी दृष्टि से कुछ छिपा नहीं है, और हम सभी को अन्ततः उसके सामने हर एक बात का हिसाब देना ही होगा; हमारे पाप यदि क्षमा नहीं होंगे, तो हमारा उनके परिणाम को भोगना अवश्यंभावी है। हमारी झूठी छवि समाज को, लोगों को धोखा दे सकती है, परमेश्वर और उसके न्याय को नहीं।
प्रभु यीशु के सामने सच्चे मन से पापों के अंगीकार और उनकी क्षमा याचना के द्वारा तथा अपने हृदय को प्रभु यीशु तथा उसके वचन के लिए खोलने के द्वारा ही हम अपने जीवन की भीतरी मलिनता की सफाई का तथा परमेश्वर की पवित्रता एवं स्वच्छता का अनुभव कर सकते हैं, अपने अन्दर की एक ऐसी आत्मिक दशा को अनुभव कर सकते हैं जो दिखावे के नहीं वरन सच्ची धार्मिकता के कार्यों में प्रकट होती है। प्रभु यीशु को अवसर दें कि वह आपकी झूठी छवि को बदलकर आपको सच्चे आत्मिक स्वरूप में ले आए (2 कुरिन्थियों 17-18)। - डेनिस फिशर
केवल प्रभु यीशु मसीह ही पाप क्षमा करके हमें अन्दर से बदल सकता है।
क्योंकि उनका पूरा चाल-चलन मेरी आंखों के साम्हने प्रगट है; वह मेरी दृष्टि से छिपा नहीं है, न उनका अधर्म मेरी आखों से गुप्त है। सो मैं उनके अधर्म और पाप का दूना दण्ड दूंगा - यर्मियाह 16:17
बाइबल पाठ: मत्ती 23:23-31
Matthew 23:23 हे कपटी शास्त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम पोदीने और सौंफ और जीरे का दसवां अंश देते हो, परन्तु तुम ने व्यवस्था की गम्भीर बातों को अर्थात न्याय, और दया, और विश्वास को छोड़ दिया है; चाहिये था कि इन्हें भी करते रहते, और उन्हें भी न छोड़ते।
Matthew 23:24 हे अन्धे अगुवों, तुम मच्छर को तो छान डालते हो, परन्तु ऊंट को निगल जाते हो।
Matthew 23:25 हे कपटी शास्त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय, तुम कटोरे और थाली को ऊपर ऊपर से तो मांजते हो परन्तु वे भीतर अन्धेर असंयम से भरे हुए हैं।
Matthew 23:26 हे अन्धे फरीसी, पहिले कटोरे और थाली को भीतर से मांज कि वे बाहर से भी स्वच्छ हों।
Matthew 23:27 हे कपटी शास्त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम चूना फिरी हुई कब्रों के समान हो जो ऊपर से तो सुन्दर दिखाई देती हैं, परन्तु भीतर मुर्दों की हड्डियों और सब प्रकार की मलिनता से भरी हैं।
Matthew 23:28 इसी रीति से तुम भी ऊपर से मनुष्यों को धर्मी दिखाई देते हो, परन्तु भीतर कपट और अधर्म से भरे हुए हो।
Matthew 23:29 हे कपटी शास्त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम भविष्यद्वक्ताओं की कब्रें संवारते और धर्मियों की कब्रें बनाते हो।
Matthew 23:30 और कहते हो, कि यदि हम अपने बाप-दादों के दिनों में होते तो भविष्यद्वक्ताओं की हत्या में उन के साझी न होते।
Matthew 23:31 इस से तो तुम अपने पर आप ही गवाही देते हो, कि तुम भविष्यद्वक्ताओं के घातकों की सन्तान हो।
एक साल में बाइबल:
- नीतिवचन 25-28
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