यात्रा करते हुए किसी से मार्गदर्शन लेना मुझे अच्छा नहीं लगता। मैं यही मान कर चलता हूँ कि यदि मैं प्रयास करता रहूँगा तो अन्ततः गन्तव्य स्थान पर पहुँच ही जाऊँगा। इसके विपरीत मेरी पत्नि मार्टी कभी मार्गदर्शन लेने से नहीं हिचकिचाती, और उसे बड़ा अजीब लगता है जब मैं मार्गदर्शन लेने से बचने के प्रयास यह सोच कर करता हूँ कि यह इस बात को दिखाता है कि मैं इस बात से अनभिज्ञ हूँ कि मैं कहाँ हूँ और मुझे आगे कैसे जाना है। अन्ततः होता यही है कि मार्टी गन्तव्य स्थान पर मुझसे पहले और एक अच्छी मनोदशा में पहुँच जाती है, जबकि मैं इधर-उधर भटकता और चिड़चिड़ाता रहता हूँ।
जीवन के मार्ग पर चलना भी एक यात्रा ही है, और हमारा यह मान कर चलना कि हम इस मार्ग पर अपनी समझ से चलने में सक्षम हैं, परमेश्वर के वचन बाइबल की चेतावनी के विपरीत है; बाइबल बताती है कि "ऐसा भी मार्ग है, जो मनुष्य को सीधा देख पड़ता है, परन्तु उसके अन्त में मृत्यु ही मिलती है" (नीतिवचन 16:25)। जीवन के मार्ग पर चलते चलते हम जब भी किसी दोराहे पर आते हैं और सही-गलत की पहचान कठिन होती है तब परमेश्वर से इस बारे में पूछना भला होता है क्योंकि परमेश्वर ने हमें सचेत किया है: "तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना। उसी को स्मरण कर के सब काम करना, तब वह तेरे लिये सीधा मार्ग निकालेगा" (नीतिवचन 3:5-6)।
जीवन सही दिशा में अग्रसर होने से ही भली-भांति फलवंत होता है। यह अति अनिवार्य है कि हम अपने जीवन को आशीषमय तथा शान्तिपूर्ण संबंधों, प्रेम एवं सेवा के अर्थपूर्ण कार्यों, परमेश्वर के साथ एक भले और सन्तोषप्रद संबंध तथा अन्य ऐसी अनेक बातों की दिशा में लेकर चलें। ऐसी सही दिशा में चलते रहने के लिए परमेश्वर से मार्गदर्शन लेते रहना केवल एक अच्छा विचार ही नहीं, अनिवार्य भी है; इसके लिए अहंकार को तज कर एक समर्पित मन तथा नम्र हृदय लेकर परमेश्वर के साथ चलने की आवश्यकता होती है। इसीलिए परमेश्वर कहता है: "जो बुद्धिमान हो, वही इन बातों को समझेगा; जो प्रवीण हो, वही इन्हें बूझ सकेगा; क्योंकि यहोवा के मार्ग सीधे हैं, और धर्मी उन में चलते रहेंगे, परन्तु अपराधी उन में ठोकर खाकर गिरेंगे" (होशे 14:9)। - जो स्टोवैल
परमेश्वर से मार्गदर्शन लेते रहें क्योंकि केवल वह ही है जिसे संपूर्ण मार्ग और अन्त स्थान का ज्ञान है।
यहोवा भला और सीधा है; इसलिये वह पापियों को अपना मार्ग दिखलाएगा। वह नम्र लोगों को न्याय की शिक्षा देगा, हां वह नम्र लोगों को अपना मार्ग दिखलाएगा। - भजन 25:8-9
बाइबल पाठ: होशे 14:1-9
Hosea 14:1 हे इस्राएल, अपने परमेश्वर यहोवा के पास लौट आ, क्योंकि तू ने अपने अधर्म के कारण ठोकर खाई है।
Hosea 14:2 बातें सीख कर और यहोवा की ओर फिर कर, उस से कह, सब अधर्म दूर कर; अनुग्रह से हम को ग्रहण कर; तब हम धन्यवाद रूपी बलि चढ़ाएंगे।
Hosea 14:3 अश्शूर हमारा उद्धार न करेगा, हम घोड़ों पर सवार न होंगे; और न हम फिर अपनी बनाई हुई वस्तुओं से कहेंगे, तुम हमारे ईश्वर हो; क्योंकि अनाथ पर तू ही दया करता है।
Hosea 14:4 मैं उनकी भटक जाने की आदत को दूर करूंगा; मैं सेंतमेंत उन से प्रेम करूंगा, क्योंकि मेरा क्रोध उन पर से उतर गया है।
Hosea 14:5 मैं इस्राएल के लिये ओस के समान हूंगा; वह सोसन की नाईं फूले-फलेगा, और लबानोन की नाईं जड़ फैलाएगा।
Hosea 14:6 उसकी जड़ से पौधे फूटकर निकलेंगे; उसकी शोभा जलपाई की सी, और उसकी सुगन्ध लबानोन की सी होगी।
Hosea 14:7 जो उसकी छाया में बैठेंगे, वे अन्न की नाईं बढ़ेंगे, वे दाखलता की नाईं फूले-फलेंगे; और उसकी कीर्ति लबानोन के दाखमधु की सी होगी।
Hosea 14:8 एप्रैम कहेगा, मूरतों से अब मेरा और क्या काम? मैं उसकी सुनकर उस पर दृष्टि बनाए रखूंगा। मैं हरे सनौवर सा हूं; मुझी से तू फल पाया करेगा।
Hosea 14:9 जो बुद्धिमान हो, वही इन बातों को समझेगा; जो प्रवीण हो, वही इन्हें बूझ सकेगा; क्योंकि यहोवा के मार्ग सीधे हैं, और धर्मी उन में चलते रहेंगे, परन्तु अपराधी उन में ठोकर खाकर गिरेंगे।
एक साल में बाइबल:
- 1 तिमुथियुस 4-6
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