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गुरुवार, 22 जनवरी 2015

चुन लें



   हाल ही में मैंने एक विज्ञापन देखा जो इंटरनैट पर खेले जाने वाले एक ऐसे खेल के बारे में था जो युनानी पौराणिक कथाओं पर आधारित था। वह खेल सेनाओं, पौराणिक देवताओं, नायकों, सैनिक अभियानों आदि को लेकर बनाया गया था। जिस बात ने मेरा ध्यान आकर्षित किया वह था खेल आरंभ करने की विधि का विवरण - खेलने वाले को इंटरनैट पर जाकर अपने आप को खेल के लिए पंजीकृत करना था, और फिर अपना ईश्वर चुनकर अपना सामराज्य बनाने का प्रयास करना था।

   वाह! क्या बात है; "अपना ईश्वर चुन लें।" ये बातें उस विज्ञापन में भले ही बड़े सहज रूप में कही गई थीं, लेकिन उससे मेरा ध्यान इस बात की ओर गया कि यही बात तो हमारे आज के संसार की सबसे खतरनाक बातों में से एक है। एक खेल में चाहे यह महत्वहीन हो कि आप ने किस को ईश्वर चुना है, लेकिन वास्तविक संसार में इस चुनाव के अनन्तकालीन प्रभाव हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के एक नायक यहोशू ने, जिसे इस्त्राएलियों को कनान देश में बसाने की ज़िम्मेदारी दी गई थी, इस्त्राएलियों से, जो अनेकों देवताओं की पूजा करने वाले लोगों से घिरे हुए थे, यही बात कही - कि वे चुन लें कि किस की उपासना करेंगे, किंतु उन्हें यह चुनाव लापरवाही से नहीं वरन पूरी गंभीरता से करना था। यहोशु ने इस्त्राएलियों को अपना उदाहरण देते हुए कहा, "और यदि यहोवा की सेवा करनी तुम्हें बुरी लगे, तो आज चुन लो कि तुम किस की सेवा करोगे, चाहे उन देवताओं की जिनकी सेवा तुम्हारे पुरखा महानद के उस पार करते थे, और चाहे एमोरियों के देवताओं की सेवा करो जिनके देश में तुम रहते हो; परन्तु मैं तो अपने घराने समेत यहोवा की सेवा नित करूंगा" (यहोशु 24:15)।

   जैसे उन इस्त्राएलियों और यहोशु के सामने था, आज हमारे सामने भी अनेकों विकल्प हैं - ना केवल अन्य धर्मों और मतों के अराध्यों के रूप में, वरन हमारी अपनी प्राथमिकताओं के रूप में भी; यदि परमेश्वर हमारे जीवन में हमारी पहली प्राथमिकता नहीं है, तो फिर परमेश्वर का वह सर्वोपरि स्थान किसी अन्य ने ले लिया है - वह हमारी नौकरी या कार्य हो सकता है, हमारा परिवार हो सकता है, हमारे लिए टी.वी. या अन्य मनोरंजन के साधन हो सकते हैं, या ऐसी कोई भी अन्य बात हो सकती है। चुनाव हमारा है, हम किसे अपने जीवन में पहला स्थान देते हैं; लेकिन बुद्धिमानी का चुनाव केवल एक ही है, यहोशु के समान यह कहना, "मैं तो अपने घराने समेत यहोवा की सेवा नित करूंगा।" - बिल क्राउडर


परमेश्वर को छोड़ और कोई आपके दिल के खाली स्थान को सही रीति से भर नहीं सकता।

सब राज्यों के लोग तो अपने अपने देवता का नाम ले कर चलते हैं, परन्तु हम लोग अपने परमेश्वर यहोवा का नाम ले कर सदा सर्वदा चलते रहेंगे। - मीका 4:5

बाइबल पाठ: यहोशु 24:14-18
Joshua 24:14 इसलिये अब यहोवा का भय मानकर उसकी सेवा खराई और सच्चाई से करो; और जिन देवताओं की सेवा तुम्हारे पुरखा महानद के उस पार और मिस्र में करते थे, उन्हें दूर कर के यहोवा की सेवा करो। 
Joshua 24:15 और यदि यहोवा की सेवा करनी तुम्हें बुरी लगे, तो आज चुन लो कि तुम किस की सेवा करोगे, चाहे उन देवताओं की जिनकी सेवा तुम्हारे पुरखा महानद के उस पार करते थे, और चाहे एमोरियों के देवताओं की सेवा करो जिनके देश में तुम रहते हो; परन्तु मैं तो अपने घराने समेत यहोवा की सेवा नित करूंगा। 
Joshua 24:16 तब लोगों ने उत्तर दिया, यहोवा को त्यागकर दूसरे देवताओं की सेवा करनी हम से दूर रहे; 
Joshua 24:17 क्योंकि हमारा परमेश्वर यहोवा वही है जो हम को और हमारे पुरखाओं को दासत्व के घर, अर्थात मिस्र देश से निकाल ले आया, और हमारे देखते बड़े बड़े आश्चर्य कर्म किए, और जिस मार्ग पर और जितनी जातियों के मध्य में से हम चले आते थे उन में हमारी रक्षा की; 
Joshua 24:18 और हमारे साम्हने से इस देश में रहनेवाली एमोरी आदि सब जातियों को निकाल दिया है; इसलिये हम भी यहोवा की सेवा करेंगे, क्योंकि हमारा परमेश्वर वही है।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 4-6
  • मत्ती 14:22-36


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