मैरिलिन और स्टीवन के विवाह को कुछ ही वर्ष हुए थे, और उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही थी, घर चलाने के लिए पैसे जुटा पाना कठिन होता था। फिर भी अपने बिस्तर पर लगी और जीर्ण हो चली चादर को देखकर आखिरकर मैरिलिन ने उसके स्थान पर नई चादर ले कर लगाने का निर्णय लिया। क्योंकि चादर खरीदने के लिए पैसे नहीं थे इसलिए उसने यह कार्य क्रेडिट-कार्ड द्वारा करने का विचार किया, इस आशा में कि आते समय कहीं से कुछ पैसों का इंतिज़ाम हो ही जाएगा और वह क्रेडिट-कार्ड पर लिया गया यह ऋण चुका देगी।
खरीदने जाने से पहले वह अपनी दिनचर्या के अनुसार परमेश्वर के बारे में मनन करने में सहायता करने वाले पाठ को लेकर बैठी, जो उसे परमेश्वर के वचन बाइबल में नीतिवचन 22:27 पर ले गया, जिसे पढ़कर वह चकित हुई, क्योंकि वहाँ लिखा था, "यदि भर देने के लिये तेरे पास कुछ न हो, तो वह क्यों तेरे नीचे से खाट खींच ले जाए?" (नीतिवचन 22:27); परमेश्वर के वचन से मिली अगुवाई का ध्यान कर के मैरिलिन ने उधार पर नई चादर खरीदने का अपना निर्णय बदल दिया।
हम अपने पैसे को कैसे खर्च करते हैं यह हमारे तथा हमारी सब आशीषों के स्त्रोत, परमेश्वर, के बीच का व्यक्तिगत मामला है। कभी कभी सही निर्णय लेना हमें कठीन लग सकता है, लेकिन हमारे परमेश्वर पिता ने हमें असहाय नहीं छोड़ा है; उसने अपने जीवते वचन बाइबल में हमारे लिए अनेक निर्देश दिए हैं, जैसे कि: "अपनी संपत्ति के द्वारा और अपनी भूमि की पहिली उपज दे देकर यहोवा की प्रतिष्ठा करना" (नीतिवचन 3:9); तथा "कोई मनुष्य दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता, क्योंकि वह एक से बैर ओर दूसरे से प्रेम रखेगा, वा एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्छ जानेगा; “तुम परमेश्वर और धन दोनों की सेवा नहीं कर सकते” " (मत्ती 6:24)।
धन के प्रयोग से संबंधित इन निर्देषों के अतिरिक्त हमें और भी निर्देष मिलते हैं, जैसे: "और उसने उन से कहा, चौकस रहो, और हर प्रकार के लोभ से अपने आप को बचाए रखो: क्योंकि किसी का जीवन उस की संपत्ति की बहुतायत से नहीं होता" (लूका12:15)। और, "धनी, निर्धन लोगों पर प्रभुता करता है, और उधार लेने वाला उधार देने वाले का दास होता है" (नीतिवचन 22:7); तथा तिमुथियुस में हम धनवानों के लिए लिखा पाते हैं, "भलाई करें, और भले कामों में धनी बनें, और उदार और सहायता देने में तत्पर हों" (1 तिमुथियुस 6:18)।
धन सभी के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है और परमेश्वर ने, जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने का वायदा करता है, धन के सही एवं उपयुक्त उपयोग से संबंधित अनेक शिक्षाएं अपने वचन में हमारे लिए रख छोड़ी हैं जिससे हम धन तथा उसके उपयोग से परमेश्वर की महीमा कर सकें। - डेव एग्नर
कभी पैसे को अपना परमेश्वर ना बनने दें।
इसलिये पहिले तुम परमेश्वर के राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी। - मत्ती 6:33
बाइबल पाठ: 1 तिमुथियुस 6:6-18
1 Timothy 6:6 पर सन्तोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है।
1 Timothy 6:7 क्योंकि न हम जगत में कुछ लाए हैं और न कुछ ले जा सकते हैं।
1 Timothy 6:8 और यदि हमारे पास खाने और पहिनने को हो, तो इन्हीं पर सन्तोष करना चाहिए।
1 Timothy 6:9 पर जो धनी होना चाहते हैं, वे ऐसी परीक्षा, और फंदे और बहुतेरे व्यर्थ और हानिकारक लालसाओं में फंसते हैं, जो मनुष्यों को बिगाड़ देती हैं और विनाश के समुद्र में डूबा देती हैं।
1 Timothy 6:10 क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्त करने का प्रयत्न करते हुए कितनों ने विश्वास से भटक कर अपने आप को नाना प्रकार के दुखों से छलनी बना लिया है।
1 Timothy 6:11 पर हे परमेश्वर के जन, तू इन बातों से भाग; और धर्म, भक्ति, विश्वास, प्रेम, धीरज, और नम्रता का पीछा कर।
1 Timothy 6:12 विश्वास की अच्छी कुश्ती लड़; और उस अनन्त जीवन को धर ले, जिस के लिये तू बुलाया, गया, और बहुत गवाहों के साम्हने अच्छा अंगीकार किया था।
1 Timothy 6:13 मैं तुझे परमेश्वर को जो सब को जीवित रखता है, और मसीह यीशु को गवाह कर के जिसने पुन्तियुस पीलातुस के साम्हने अच्छा अंगीकार किया, यह आज्ञा देता हूं,
1 Timothy 6:14 कि तू हमारे प्रभु यीशु मसीह के प्रगट होने तक इस आज्ञा को निष्कलंक और निर्दोष रख।
1 Timothy 6:15 जिसे वह ठीक समयों में दिखाएगा, जो परमधन्य और अद्वैत अधिपति और राजाओं का राजा, और प्रभुओं का प्रभु है।
1 Timothy 6:16 और अमरता केवल उसी की है, और वह अगम्य ज्योति में रहता है, और न उसे किसी मनुष्य ने देखा, और न कभी देख सकता है: उस की प्रतिष्ठा और राज्य युगानुयुग रहेगा। आमीन।
1 Timothy 6:17 इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे, कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है।
1 Timothy 6:18 और भलाई करें, और भले कामों में धनी बनें, और उदार और सहायता देने में तत्पर हों।
एक साल में बाइबल:
- 1 शमूएल 27-29
- लूका 13:1-22
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