सितंबर 1961 में एक हाई स्कूल के छात्र हार्वे कार्लसन ने, जो अमेरिका में न्यूयॉर्क के ब्रु्कलिन क्षेत्र का निवासी था, इंगलैण्ड में रहने वाले विश्व-विख्यात लेखक सी. एस. लूइस को एक पत्र लिखा। हार्वे ने लूइस की पुस्तक The Screwtape Letters पढ़ी थी, और उसी के संदर्भ में उसने लेखक से पूछा, "आप के द्वारा इस पुस्तक के लिखे जाने के दौरान क्या शैतान ने आपको किसी रीति से परेशान किया; यदि किया तो आपने इस बारे में क्या किया?"
तीन सप्ताह के बाद लूइस का उत्तर आया जिसमें उन्होंने स्वीकारा कि उन्हें अब तक बहुत से प्रलोभनों का सामना करना पड़ रहा है। उन बातों का सामना करने के विषय में उन्होंने कहा, "संभवतः जो सबसे अधिक महत्वपूर्ण बात है वह है डटे रहना और आगे बढ़ते रहना; चाहे कितनी ही बार प्रलभनों का सामना करना पड़े या उनमें गिर भी जाएं तो भी निराश हुए बिना, परमेश्वर से क्षमा माँगना, उठकर पुनः खड़ा होना और आगे कदम बढ़ाना।"
परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित यूहन्ना अपनी पत्रियों में यह बात बार बार दोहराता है और पाठकों को प्रोत्साहित करता है कि परीक्षाओं और प्रलोभनों के समयों में दृढ़ता से स्थिर खड़े रहें: "हे बालकों, मैं तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि उसके नाम से तुम्हारे पाप क्षमा हुए। हे पितरों, मैं तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि जो आदि से है, तुम उसे जानते हो: हे जवानों, मैं तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि तुम ने उस दुष्ट पर जय पाई है: हे लड़कों मैं ने तुम्हें इसलिये लिखा है, कि तुम पिता को जान गए हो" (1 यूहन्ना 2:12-13)।
हमारी उम्र अथवा अनुभव जो भी हो, हम सभी मसीही विश्वासी सदा ही शत्रु शैतान के साथ एक आत्मिक युद्ध की स्थिति में रहते हैं, इस युद्ध में हमें कमज़ोर करने के लिए शैतान बारंबार हमारे सामने सांसारिक लालसाओं, उपलब्धियों और ऐश्वर्य में पड़ने के प्रलोभन और परीक्षाएं लाता है। शैतान की इन चालबाज़ियों पर विजयी होने का मार्ग है परमेश्वर के वचन की बात को सदा स्मरण रखना और अपने अन्दर बसाए रहना कि, "संसार और उस की अभिलाषाएं दोनों मिटते जाते हैं, पर जो परमेश्वर की इच्छा पर चलता है, वह सर्वदा बना रहेगा" (1 यूहन्ना 2:17)।
यदि आप मसीही विश्वासी हैं तो शैतान आपकी भी परीक्षा अवश्य लेता रहेगा; घबराएं नहीं, परमेश्वर और उसके वचन से लिपटे रहें तथा परमेश्वर के मार्ग पर डटे रहें। - डेविड मैक्कैसलैंड
परीक्षाओं और प्रलभनों पर विजयी होने के लिए मसीह यीशु को अपने ऊपर प्रभुत्व करने दें।
हे मेरे बालकों, मैं ये बातें तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि तुम पाप न करो; और यदि कोई पाप करे, तो पिता के पास हमारा एक सहायक है, अर्थात धार्मिक यीशु मसीह। - 1 यूहन्ना 2:1
बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 2:9-17
1 John 2:9 जो कोई यह कहता है, कि मैं ज्योति में हूं; और अपने भाई से बैर रखता है, वह अब तक अन्धकार ही में है।
1 John 2:10 जो कोई अपने भाई से प्रेम रखता है, वह ज्योति में रहता है, और ठोकर नहीं खा सकता।
1 John 2:11 पर जो कोई अपने भाई से बैर रखता है, वह अन्धकार में है, और अन्धकार में चलता है; और नहीं जानता, कि कहां जाता है, क्योंकि अन्धकार ने उस की आंखे अन्धी कर दी हैं।
1 John 2:12 हे बालकों, मैं तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि उसके नाम से तुम्हारे पाप क्षमा हुए।
1 John 2:13 हे पितरों, मैं तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि जो आदि से है, तुम उसे जानते हो: हे जवानों, मैं तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि तुम ने उस दुष्ट पर जय पाई है: हे लड़कों मैं ने तुम्हें इसलिये लिखा है, कि तुम पिता को जान गए हो।
1 John 2:14 हे पितरों, मैं ने तुम्हें इसलिये लिखा है, कि जो आदि से है तुम उसे जान गए हो: हे जवानो, मैं ने तुम्हें इसलिये लिखा है, कि तुम बलवन्त हो, और परमेश्वर का वचन तुम में बना रहता है, और तुम ने उस दुष्ट पर जय पाई है।
1 John 2:15 तुम न तो संसार से और न संसार में की वस्तुओं से प्रेम रखो: यदि कोई संसार से प्रेम रखता है, तो उस में पिता का प्रेम नहीं है।
1 John 2:16 क्योंकि जो कुछ संसार में है, अर्थात शरीर की अभिलाषा, और आंखों की अभिलाषा और जीविका का घमण्ड, वह पिता की ओर से नहीं, परन्तु संसार ही की ओर से है।
1 John 2:17 और संसार और उस की अभिलाषाएं दोनों मिटते जाते हैं, पर जो परमेश्वर की इच्छा पर चलता है, वह सर्वदा बना रहेगा।
एक साल में बाइबल:
- 2 इतिहास 34-36
- यूहन्ना 19:1-22
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