20वीं शताब्दी के आरंभिक वर्षों में ग्लैडिस एय्लवर्ड इंग्लैंड के लंडन शहर में एक नौकरानी का कार्य कर रही थी, परन्तु उसका उद्देश्य चीन में मिशनरी होकर जाना था। उसके चीन जाने के प्रयासों में जब एक मिशनरी संस्था ने उसे "अयोग्य" कहकर उसे भेजने से मना कर दिया तो उसने अपने आप ही जाने की ठान ली। 28 वर्ष की आयु में ग्लौडिस ने अपनी सारी बचाए जमा-पूँजी को एकत्रित करके चीन के भीतरी भागों में सुदूर स्थित यांगचैन गाँव का एकतरफा टिकिट खरीदा और वहाँ पहुँच गई। उस गाँव में उसने व्यापार करने के लिए आने-जाने वालों की सुविधा के लिए एक सराय़ खोली जहाँ वह लोगों को परमेश्वर के वचन बाइबल की कहानियाँ सुनाती थी और उस गाँव के अलावा आस-पास के अन्य गाँवों में भी लोगों की सहायता, सेवा करती थी जिसके फलस्वरूप लोग उसे "आई-वे-देह" अर्थात "सदाचारी" के नाम से पुकारने लगे।
प्रेरित पौलुस ने भी सुसमाचार को संसार के सुदूर स्थानों में पहुँचाने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करी। इस सेवकाई के लिए उसने अपने आप को औरों का दास बना लिया (2 कुरिन्थियों 11:16-29)। अपनी सेवकाई के संबंध में पौलुस ने लिखा: "क्योंकि हम अपने को नहीं, परन्तु मसीह यीशु को प्रचार करते हैं, कि वह प्रभु है; और अपने विषय में यह कहते हैं, कि हम यीशु के कारण तुम्हारे सेवक हैं" (2 कुरिन्थियों 4:5)।
हम सभी मसीही विश्वासियों को सुदूर इलाकों में सुसमाचार प्रचार के लिए कठिनाईयों एवं कष्टों को सहने के लिए नहीं बुलाया गया है; लेकिन हम में से प्रत्येक पर ज़िम्मेदारी है कि वह अपने रहने तथा कार्य करने के स्थान में प्रभु यीशु मसीह का गवाह बन कर रहे। हम मसीही विश्वासियों के लिए अपने सहकर्मियों, पड़ौसियों, मित्रों, रिश्तेदारों की सहायता करना एक सेवकाई है। परमेश्वर से प्रार्थना करें कि इस सेवा के कार्य में वह आपको प्रभु यीशु की साक्षी देने के लिए भी प्रयोग करे जिससे आप अपने साथ के लोगों में प्रभु यीशु के बारे में भी बाँट सकें। - डेनिस फिशर
दूसरों के साथ परमेश्वर के वचन को बाँटने के द्वारा हम परमेश्वर की सेवकाई करते हैं।
परन्तु जो घमण्ड करे, वह प्रभु पर घमण्ड करें। क्योंकि जो अपनी बड़ाई करता है, वह नहीं, परन्तु जिस की बड़ाई प्रभु करता है, वही ग्रहण किया जाता है। - 2 कुरिन्थियों 10:17-18
बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 4:1-12
2 Corinthians 4:1 इसलिये जब हम पर ऐसी दया हुई, कि हमें यह सेवा मिली, तो हम हियाव नहीं छोड़ते।
2 Corinthians 4:2 परन्तु हम ने लज्ज़ा के गुप्त कामों को त्याग दिया, और न चतुराई से चलते, और न परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं, परन्तु सत्य को प्रगट कर के, परमेश्वर के साम्हने हर एक मनुष्य के विवेक में अपनी भलाई बैठाते हैं।
2 Corinthians 4:3 परन्तु यदि हमारे सुसमाचार पर परदा पड़ा है, तो यह नाश होने वालों ही के लिये पड़ा है।
2 Corinthians 4:4 और उन अविश्वासियों के लिये, जिन की बुद्धि को इस संसार के ईश्वर ने अन्धी कर दी है, ताकि मसीह जो परमेश्वर का प्रतिरूप है, उसके तेजोमय सुसमाचार का प्रकाश उन पर न चमके।
2 Corinthians 4:5 क्योंकि हम अपने को नहीं, परन्तु मसीह यीशु को प्रचार करते हैं, कि वह प्रभु है; और अपने विषय में यह कहते हैं, कि हम यीशु के कारण तुम्हारे सेवक हैं।
2 Corinthians 4:6 इसलिये कि परमेश्वर ही है, जिसने कहा, कि अन्धकार में से ज्योति चमके; और वही हमारे हृदयों में चमका, कि परमेश्वर की महिमा की पहिचान की ज्योति यीशु मसीह के चेहरे से प्रकाशमान हो।
2 Corinthians 4:7 परन्तु हमारे पास यह धन मिट्ठी के बरतनों में रखा है, कि यह असीम सामर्थ हमारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर ही की ओर से ठहरे।
2 Corinthians 4:8 हम चारों ओर से क्लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरूपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते।
2 Corinthians 4:9 सताए तो जाते हैं; पर त्यागे नहीं जाते; गिराए तो जाते हैं, पर नाश नहीं होते।
2 Corinthians 4:10 हम यीशु की मृत्यु को अपनी देह में हर समय लिये फिरते हैं; कि यीशु का जीवन भी हमारी देह में प्रगट हो।
2 Corinthians 4:11 क्योंकि हम जीते जी सर्वदा यीशु के कारण मृत्यु के हाथ में सौंपे जाते हैं कि यीशु का जीवन भी हमारे मरनहार शरीर में प्रगट हो।
2 Corinthians 4:12 सो मृत्यु तो हम पर प्रभाव डालती है और जीवन तुम पर।
एक साल में बाइबल:
- अय्युब 25-27
- प्रेरितों 12
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