आज के समय में, जब कि तत्क्षण संपर्क और संवाद के विभिन्न साधन सहजता से उपलब्ध हैं, तब भी लोग दूसरों से उत्तर मिलने की प्रतीक्षा नहीं कर पाते। मेरे एक जानकार ने अपनी पत्नि को पहले एक ईमेल भेजा, और फिर उससे फोन पर बात करने लगा, क्योंकि वह ईमेल के उत्तर की प्रतीक्षा नहीं कर पा रहा था!
कभी कभी हम मनुष्य अधीरता का ऐसा ही रवैया परमेश्वर के प्रति भी रखते हैं, विशेषकर तब, जब वह हमारी प्राथनाओं के उत्तर तुरंत नहीं देता। हम ही नहीं, परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने भी कुछ ऐसा ही रवैया दिखाते हुए कहा, "हे यहोवा, फुर्ती कर के मेरी सुन ले; क्योंकि मेरे प्राण निकलने ही पर हैं मुझ से अपना मुंह न छिपा, ऐसा न हो कि मैं कबर में पड़े हुओं के समान हो जाऊं" (भजन 143:7)।
लेकिन परमेश्वर हमें धैर्य के पाठ पढ़ा कर हमारे विश्वास को दृढ़ करता है। दाऊद को लड़कपन में ही इस्त्राएल का राजा होने के लिए अभिशेक कर दिया गया था, लेकिन उसे वर्षों तक शाऊल के क्रोध से जान बचाते हुए यहाँ से वहाँ भागना पड़ा, तब ही जाकर वह राजा बन सका। इन बातों से दाऊद निराश नहीं हुआ, वरन उसने लिखा, "यहोवा की बाट जोहता रह; हियाव बान्ध और तेरा हृदय दृढ़ रहे; हां, यहोवा ही की बाट जोहता रह" (भजन 27:14)। अपने एक अन्य भजन में दाऊद लिखता है, "मैं धीरज से यहोवा की बाट जोहता रहा; और उसने मेरी ओर झुककर मेरी दोहाई सुनी। उसने मुझे सत्यानाश के गड़हे और दलदल की कीच में से उबारा, और मुझ को चट्टान पर खड़ा कर के मेरे पैरों को दृढ़ किया है" (भजन 40:1-2)। परमेश्वर पर अपने इसी विश्वास के कारण आगे चलकर दाऊद के विषय परमेश्वर ने कहा, "... कि मुझे एक मनुष्य यिशै का पुत्र दाऊद, मेरे मन के अनुसार मिल गया है। वही मेरे सारी इच्छा पूरी करेगा" (प्रेरितों 13:22; 1 शमूएल 13:14)।
जब हम परिस्थितियों और परेशानियों से, तथा परमेश्वर से प्रार्थना का उत्तर ना मिल पाने से निराश होने लगें तो दाऊद के जीवन का यह उदाहरण स्मरण और ध्यान रखें कि परमेश्वर हमारे विश्वास और चरित्र के विकास में रुचि रखता है (याकूब 1:2-4) और इसके लिए जो भी आवश्यक है वह करता है, चाहे वह विलंब ही क्यों ना हो! परमेश्वर के समय और उपाय की प्रतीक्षा करना सीखें, परिणाम लाभप्रद ही होंगे। - डेनिस फिशर
परमेश्वर हमारे धैर्य को खींचकर हमारे विश्वास के आकार को बढ़ाता है।
हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जान कर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है। पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो, कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ और तुम में किसी बात की घटी न रहे। - याकूब 1:2-4
बाइबल पाठ: भजन 27
Psalms 27:1 यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूं? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं?
Psalms 27:2 जब कुकर्मियों ने जो मुझे सताते और मुझी से बैर रखते थे, मुझे खा डालने के लिये मुझ पर चढ़ाई की, तब वे ही ठोकर खाकर गिर पड़े।
Psalms 27:3 चाहे सेना भी मेरे विरुद्ध छावनी डाले, तौभी मैं न डरूंगा; चाहे मेरे विरुद्ध लड़ाई ठन जाए, उस दशा में भी मैं हियाव बान्धे निशचिंत रहूंगा।
Psalms 27:4 एक वर मैं ने यहोवा से मांगा है, उसी के यत्न में लगा रहूंगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊं, जिस से यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूं, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूं।
Psalms 27:5 क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने मण्डप में छिपा रखेगा; अपने तम्बू के गुप्त स्थान में वह मुझे छिपा लेगा, और चट्टान पर चढ़ाएगा।
Psalms 27:6 अब मेरा सिर मेरे चारों ओर के शत्रुओं से ऊंचा होगा; और मैं यहोवा के तम्बू में जयजयकार के साथ बलिदान चढ़ाऊंगा; और उसका भजन गाऊंगा।
Psalms 27:7 हे यहोवा, मेरा शब्द सुन, मैं पुकारता हूं, तू मुझ पर अनुग्रह कर और मुझे उत्तर दे।
Psalms 27:8 तू ने कहा है, कि मेरे दर्शन के खोजी हो। इसलिये मेरा मन तुझ से कहता है, कि हे यहोवा, तेरे दर्शन का मैं खोजी रहूंगा।
Psalms 27:9 अपना मुख मुझ से न छिपा। अपने दास को क्रोध कर के न हटा, तू मेरा सहायक बना है। हे मेरे उद्धार करने वाले परमेश्वर मुझे त्याग न दे, और मुझे छोड़ न दे!
Psalms 27:10 मेरे माता पिता ने तो मुझे छोड़ दिया है, परन्तु यहोवा मुझे सम्भाल लेगा।
Psalms 27:11 हे यहोवा, अपने मार्ग में मेरी अगुवाई कर, और मेरे द्रोहियों के कारण मुझ को चौरस रास्ते पर ले चल।
Psalms 27:12 मुझ को मेरे सताने वालों की इच्छा पर न छोड़, क्योंकि झूठे साक्षी जो उपद्रव करने की धुन में हैं मेरे विरुद्ध उठे हैं।
Psalms 27:13 यदि मुझे विश्वास न होता कि जीवितों की पृथ्वी पर यहोवा की भलाई को देखूंगा, तो मैं मूर्च्छित हो जाता।
Psalms 27:14 यहोवा की बाट जोहता रह; हियाव बान्ध और तेरा हृदय दृढ़ रहे; हां, यहोवा ही की बाट जोहता रह!
एक साल में बाइबल:
- यिर्मयाह 15-17
- 2 तिमुथियुस 2
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