जब 16वीं शताब्दी में मैटियो रिक्की चीन गए तो उन लोगों को जिन्होंने इसके बारे में कभी नहीं सुना था, मसीह की बात बताने के लिए अपने साथ मसीही कहानियों के चित्र भी ले गए। मैटियो द्वारा दिखाए जाने वाले उन चित्रों में चीन के लोगों ने मरियम की गोद में शिशु यीशु के चित्र को तो सहर्ष स्वीकार कर लिया, लेकिन जब उन्होंने प्रभु यीशु के क्रूस पर चढ़ाए जाने के चित्र दिखाकर उन लोगों को समझाना चाहा कि परमेश्वर का पुत्र बलिदान होने के लिए आया था तो लोगों की प्रतिक्रीया भय और घृणा की थी क्योंकि उनके लिए परमेश्वर का क्रूसित होना स्वीकार करना बहुत कठिन था।
जब मैं अपने क्रिसमस कार्ड्स को देखता हूँ, तो मुझे लगता है कि आज हम भी चीन के उन निवासियों के समान ही कर रहे हैं। हम अपने उत्सव और रिवाज़ों में यह ध्यान नहीं रखते कि जो कहानी बेतलेहम से आरंभ हुई थी वह कलवरी के क्रूस से होकर ही संसार में आगे बढ़ी और कार्यकारी हुई थी।
परमेश्वर के वचन बाइबल में लूका रचित सुसमाचार में दी गई क्रिसमस की कहानी के वृतान्त में केवल एक व्यक्ति - बुज़ुर्ग शमौन ही ऐसा था जिसने उस नए कार्य को समझा जिसे परमेश्वर ने प्रभु यीशु के जन्म द्वारा कार्यान्वित करा था। शमौन ने मरियम से कहा, "...देख, वह तो इस्राएल में बहुतों के गिरने, और उठने के लिये, और एक ऐसा चिन्ह होने के लिये ठहराया गया है, जिस के विरोध में बातें की जाएगीं -- वरन तेरा प्राण भी तलवार से वार पार छिद जाएगा..." (लूका 2:34-35)।
शमौन ने पहिचाना कि चाहे प्रत्यक्ष रीति से ऐसा कोई आभास ना होता हो कि कुछ भी बदल गया है - हेरोदेस अभी भी राजा था और इस्त्राएल अभी भी रोमी सैनिकों के अधिकार में था, लेकिन अप्रत्यक्ष रीति से सब कुछ बदल गया था, परमेश्वर द्वारा जिसका वायदा दिया गया था वह मसीहा संसार को पापों से छुटकारा देने के लिए आ गया था; एक नया युग आरंभ हो गया था। - फिलिप यैन्सी
क्रूस की गाथा के बिना मसीह के जन्म की कहानी अधूरी है।
और हर प्राणी परमेश्वर के उद्धार को देखेगा। - लूका 3:6
बाइबल पाठ: लूका 2:25-35
Luke 2:25 और देखो, यरूशलेम में शमौन नाम एक मनुष्य था, और वह मनुष्य धर्मी और भक्त था; और इस्राएल की शान्ति की बाट जोह रहा था, और पवित्र आत्मा उस पर था।
Luke 2:26 और पवित्र आत्मा से उसको चितावनी हुई थी, कि जब तक तू प्रभु के मसीह को देख ना लेगा, तक तक मृत्यु को न देखेगा।
Luke 2:27 और वह आत्मा के सिखाने से मन्दिर में आया; और जब माता-पिता उस बालक यीशु को भीतर लाए, कि उसके लिये व्यवस्था की रीति के अनुसार करें।
Luke 2:28 तो उसने उसे अपनी गोद में लिया और परमेश्वर का धन्यवाद कर के कहा,
Luke 2:29 हे स्वामी, अब तू अपने दास को अपने वचन के अनुसार शान्ति से विदा करता है।
Luke 2:30 क्योंकि मेरी आंखो ने तेरे उद्धार को देख लिया है।
Luke 2:31 जिसे तू ने सब देशों के लोगों के साम्हने तैयार किया है।
Luke 2:32 कि वह अन्य जातियों को प्रकाश देने के लिये ज्योति, और तेरे निज लोग इस्राएल की महिमा हो।
Luke 2:33 और उसका पिता और उस की माता इन बातों से जो उसके विषय में कही जाती थीं, आश्चर्य करते थे।
Luke 2:34 तब शमौन ने उन को आशीष देकर, उस की माता मरियम से कहा; देख, वह तो इस्राएल में बहुतों के गिरने, और उठने के लिये, और एक ऐसा चिन्ह होने के लिये ठहराया गया है, जिस के विरोध में बातें की जाएगीं--
Luke 2:35 वरन तेरा प्राण भी तलवार से वार पार छिद जाएगा-- इस से बहुत हृदयों के विचार प्रगट होंगे।
एक साल में बाइबल:
- योएल 1-3
- प्रकाशितवाक्य 5
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