ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 1 मार्च 2016

अनन्त


   आज प्रातः एक अद्भुत सूर्योदय हुआ, लेकिन मैं उसका आनन्द नहीं ले पाया क्योंकि मैं अन्य बातों में बहुत व्यस्त था; मैंने उस पर ध्यान देने की बजाए और बातों पर अपना ध्यान लगा लिया। अभी कुछ देर पहले ही मैंने उस सूर्योदय के बारे में सोचा और जाना कि आज प्रातः परमेश्वर की आराधना करने का एक सुअवसर मैंने गवाँ दिया था।

   हमारी व्यस्तता और तनावों से भरी दिनचर्या के कार्यों में, यहाँ-वहाँ परमेश्वर ने अपनी भलाईयों और महिमा की निशानियों को डाल रखा है। सृष्टि की दीवार पर बने ये वे स्थान हैं जहाँ से स्वर्ग के दर्शन मिल सकते हैं, यदि हम थम कर उन पर ध्यान दें और उन में होकर हमारे प्रति परमेश्वर के प्रेम के प्रगटिकरण पर मनन करें।

   ज़रा सोचिए, क्या होता यदि मूसा उस झाड़ी की एक झलक भर देखता परन्तु उसपर ध्यान ही नहीं देता, जो जल तो रही थी किंतु भस्म नहीं हो रही थी (निर्गमन 3:2)? क्या होता यदि वह इस अद्भुत दृश्य को नज़रंदाज़ करके अपने अन्य कार्य करने के लिए आगे बढ़ जाता - उसके पास ध्यान रखने के लिए भेड़ें थीं और उन पर से ध्यान हटाना बहुत हानिकारक हो सकता था! यदि उस समय वह उस दृश्य को नज़रंदाज़ कर देता तो परमेश्वर के साथ जीवन परिवर्तित कर देने वाले साक्षात्कार के अवसर को खो देता (निर्गमन 3:4-12)।

   जीवन में अकसर हमें जल्दबाज़ी में कार्य करने होते हैं, परन्तु सामान्यतः हमें जीवन को जल्दबाज़ी का कम और ध्याने देने वाला अधिक बनाना चाहिए। जीवन वर्तमान में जीने में है, जीवन चैतन्य रहने में है, जीवन परमेश्वर द्वारा हमारे प्रति उसके प्रेम की निशानियों, जैसे कि उस अद्भुत सूर्योदय की सुन्दरता, को पहिचानने में है। ये निशानियाँ चाहे थोड़े ही समय में बीत जाने वाली हो सकती हैं, परन्तु वे हमें यह भरोसा दे जाती हैं कि परमेश्वर की ओर से एक महिमामय और आनन्दमय अनन्त उसके बच्चों की प्रतीक्षा कर रहा है। - डेविड रोपर


हे प्रभु हमारी आँखे खोल दे कि हम आपके प्रेम की निशानियों को देख सकें!

मेरी आंखें खोल दे, कि मैं तेरी व्यवस्था की अद्भुत बातें देख सकूं। - भजन 119:18

बाइबल पाठ: निर्गमन 3:1-12
Exodus 3:1 मूसा अपने ससुर यित्रो नाम मिद्यान के याजक की भेड़-बकरियों को चराता था; और वह उन्हें जंगल की परली ओर होरेब नाम परमेश्वर के पर्वत के पास ले गया। 
Exodus 3:2 और परमेश्वर के दूत ने एक कटीली झाड़ी के बीच आग की लौ में उसको दर्शन दिया; और उसने दृष्टि उठा कर देखा कि झाड़ी जल रही है, पर भस्म नहीं होती। 
Exodus 3:3 तब मूसा ने सोचा, कि मैं उधर फिरके इस बड़े अचम्भे को देखूंगा, कि वह झाड़ी क्यों नहीं जल जाती। 
Exodus 3:4 जब यहोवा ने देखा कि मूसा देखने को मुड़ा चला आता है, तब परमेश्वर ने झाड़ी के बीच से उसको पुकारा, कि हे मूसा, हे मूसा। मूसा ने कहा, क्या आज्ञा। 
Exodus 3:5 उसने कहा इधर पास मत आ, और अपने पांवों से जूतियों को उतार दे, क्योंकि जिस स्थान पर तू खड़ा है वह पवित्र भूमि है। 
Exodus 3:6 फिर उसने कहा, मैं तेरे पिता का परमेश्वर, और इब्राहीम का परमेश्वर, इसहाक का परमेश्वर, और याकूब का परमेश्वर हूं। तब मूसा ने जो परमेश्वर की ओर निहारने से डरता था अपना मुंह ढ़ांप लिया। 
Exodus 3:7 फिर यहोवा ने कहा, मैं ने अपनी प्रजा के लोग जो मिस्र में हैं उनके दु:ख को निश्चय देखा है, और उनकी जो चिल्लाहट परिश्रम कराने वालों के कारण होती है उसको भी मैं ने सुना है, और उनकी पीड़ा पर मैं ने चित्त लगाया है ; 
Exodus 3:8 इसलिये अब मैं उतर आया हूं कि उन्हें मिस्रियों के वश से छुड़ाऊं, और उस देश से निकाल कर एक अच्छे और बड़े देश में जिस में दूध और मधु की धारा बहती है, अर्थात कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिव्वी, और यबूसी लोगों के स्थान में पहुंचाऊं। 
Exodus 3:9 सो अब सुन, इस्राएलियों की चिल्लाहट मुझे सुनाईं पड़ी है, और मिस्रियों का उन पर अन्धेर करना भी मुझे दिखाई पड़ा है, 
Exodus 3:10 इसलिये आ, मैं तुझे फिरौन के पास भेजता हूं कि तू मेरी इस्राएली प्रजा को मिस्र से निकाल ले आए। 
Exodus 3:11 तब मूसा ने परमेश्वर से कहा, मैं कौन हूं जो फिरौन के पास जाऊं, और इस्राएलियों को मिस्र से निकाल ले आऊं? 
Exodus 3:12 उसने कहा, निश्चय मैं तेरे संग रहूंगा; और इस बात का कि तेरा भेजने वाला मैं हूं, तेरे लिये यह चिन्ह होगा कि जब तू उन लोगों को मिस्र से निकाल चुके तब तुम इसी पहाड़ पर परमेश्वर की उपासना करोगे।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 23-25
  • मरकुस 7:14-37



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें