ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शनिवार, 11 फ़रवरी 2017

जीवित


   क्या कोई मनुष्य वैधानिक रूप से मृत घोषित होने के पश्चात अधिकारिक रूप से जीवित हो सकता है? यह प्रश्न अंतर्राष्ट्रीय समाचार बन गया जब 25 वर्ष से लापता रहने वाला एक व्यक्ति सब के सामने आ गया। अपने लापता होने के समय वह बेरोज़गार था, नशे का आदि था और अपने बच्चों की देख-रेख के लिए जो पैसे उसे देने थे उसे बहुत लंबे समय से चुका नहीं पा रहा था; इसलिए उसने कहीं छुप जाने की सोची। लेकिन छुपने से बाहर आने के पश्चात उसे पता चला कि मृतकों में से लौट आना कितना कठिन है। जब वह व्यक्ति न्यायलय में गया कि उसे मृतक घोषित करने वाले फैसले को पलटवा ले, तो न्यायाधीश ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया क्योंकि वैधानिक रूप से ऐसे फैसले को तीन वर्ष के अन्दर ही चुनौती दी जा सकती थी, उसके बाद नहीं।

   लेकिन संसार के न्यायालय के लिए जो असाधारण निवेदन था, परमेश्वर के लिए वह सामान्य प्रतिदिन का काम है। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पौलुस प्रेरित द्वारा इफसुस की मसीही मण्डली को लिखी गई पत्री में पाते हैं कि जब हम अपने पाप की दशा में आत्मिक रूप से मरे हुए थे, परमेश्वर ने हमें मसीह यीशु में मिलने वाली पापों की क्षमा के द्वारा अपने अनुग्रह से जिलाया (इफिसियों 2:1, 5)। हमारा इस प्रकार मसीह यीशु में विश्वास द्वारा जिलाया जाना हमारे लिए तो आनन्द की बात है, परन्तु परमेश्वर के लिए बहुत दुःख की तथा एक बहुत बड़ी कीमत चुकाने की बात थी, क्योंकि पापों से हमें छुटकारा दिलाने के लिए परमेश्वर के पुत्र प्रभु यीशु मसीह को शरीर में आकर दुःख उठाने, मारे जाने, गाड़े जाने और फिर मृतकों में से जी उठने से होकर निकलना पड़ा।

   शारीरिक जीवन का प्रमाण दिखाना एक बात है, परन्तु हम मसीही विश्वासियों के सामने सदा चुनौती रहती है कि हम अपने आत्मिक जीवन के प्रमाण को संसार के लोगों के सामने रखें। मसीह यीशु में जीवित घोषित होने के पश्चात, हमें जीवित करने के इस असीम अनुग्रह और करुणा के लिए प्रभु परमेश्वर के प्रति सदा कृतज्ञ रहने चाहिए। - मार्ट डी हॉन


मसीह यीशु इसलिए मरा ताकि हम जीवित रह सकें।

और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा। - 2 कुरिन्थियों 5:15

बाइबल पाठ: इफिसियों 2:1-10
Ephesians 2:1 और उसने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे। 
Ephesians 2:2 जिन में तुम पहिले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के हाकिम अर्थात उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न मानने वालों में कार्य करता है। 
Ephesians 2:3 इन में हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्‍वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे। 
Ephesians 2:4 परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है; अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उसने हम से प्रेम किया। 
Ephesians 2:5 जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है।) 
Ephesians 2:6 और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्‍वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया। 
Ephesians 2:7 कि वह अपनी उस कृपा से जो मसीह यीशु में हम पर है, आने वाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए। 
Ephesians 2:8 क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है। 
Ephesians 2:9 और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्‍ड करे। 
Ephesians 2:10 क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं; और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 11-12
  • मत्ती 26:1-25


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें