एक डूबते हुए जहाज़ से बचाए जाने के पश्चात, एक 71 वर्षीय महिला आत्म-ग्लानि से परेशान रहने लगी। अस्पताल के अपने बिस्तर पर लेटे लेटे वह कह रही थी कि उसे समझ नहीं आ रहा है कि जब उस त्रासदी में इतने लोगों की, जो उससे कम आयु के थे, मृत्यु हो गई, तो उसके लिए जीवित बच जाना सही कैसे हो सकता है? उसे इस बात का भी खेद था कि वह उस नौजवान व्यक्ति का नाम भी नहीं जानती थी जिसने उसे पानी में से खींच कर निकाला था, जबकि वह सारी आशा छोड़ चुकी थी। वह चाहती थी कि उस नौजवान को वह कम से कम एक बार भोजन करवा दे, उसका हाथ पकड़कर उसे धन्यवाद कह सके, उसे गले लगा सके।
उस वृध्द महिला की भावनाओं से मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस का ध्यान आया। वह अपने पड़ौसियों और देशवासियों के लिए इतना चिंतित था कि यदि संभव होता तो वह उन्हें बचाने के लिए मसीह के साथ के अपने संबंध का सौदा कर लेता: "क्योंकि मैं यहां तक चाहता था, कि अपने भाईयों, के लिये जो शरीर के भाव से मेरे कुटुम्बी हैं, आप ही मसीह से शापित हो जाता" (रोमियों 9:3)।
साथ ही पौलुस ने परमेश्वर के प्रति अपना व्यक्तिगत तथा बहुत गहरा आभार भी प्रगट किया। वह जानता था कि वह परमेश्वर के कार्य करने की विधियों और न्याय को कभी पूरी तरह से समझ नहीं सकता है (पद 14-24)। इसलिए सब को मसीह यीशु में मिलने वाले पापों की क्षमा और उध्दार का सुसमाचार सुनाने का भरसक प्रयत्न करते हुए, उसने उस परमेश्वर में अपनी शान्ति और आनन्द को ढूँढ़ा, जिसका हृदय सारे संसार के सभी लोगों के लिए इतने अधिक प्रेम से भरा है, जितना प्रेम हम कभी कर नहीं सकते, जैसे प्रेम की हम कल्पना भी नहीं कर सकते। - मार्ट डीहॉन
परमेश्वर के प्रति कृतज्ञता से परमेश्वर की निकटता में बढ़ोतरी होती है।
वह यह चाहता है, कि सब मनुष्यों का उद्धार हो; और वे सत्य को भली भांति पहिचान लें। क्योंकि परमेश्वर एक ही है: और परमेश्वर और मनुष्यों के बीच में भी एक ही बिचवई है, अर्थात मसीह यीशु जो मनुष्य है। - 1 तिमुथियुस 2:4-5
बाइबल पाठ: रोमियों 9:1-5
Romans 9:1 मैं मसीह में सच कहता हूं, झूठ नहीं बोलता और मेरा विवेक भी पवित्र आत्मा में गवाही देता है।
Romans 9:2 कि मुझे बड़ा शोक है, और मेरा मन सदा दुखता रहता है।
Romans 9:3 क्योंकि मैं यहां तक चाहता था, कि अपने भाईयों, के लिये जो शरीर के भाव से मेरे कुटुम्बी हैं, आप ही मसीह से शापित हो जाता।
Romans 9:4 वे इस्त्राएली हैं; और लेपालकपन का हक और महिमा और वाचाएं और व्यवस्था और उपासना और प्रतिज्ञाएं उन्हीं की हैं।
Romans 9:5 पुरखे भी उन्हीं के हैं, और मसीह भी शरीर के भाव से उन्हीं में से हुआ, जो सब के ऊपर परम परमेश्वर युगानुयुग धन्य है। आमीन।
एक साल में बाइबल:
- 2 राजा 22-23
- यूहन्ना 4:31-54
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