वैंकूवर, ब्रिटिश कोलंबिया में बेघर लोगों के लिए रात बिताने के लिए शरणस्थानों का एक नया तरीका ईजाद किया गया है। एक स्थानीय सहायता संस्था, रेन सिटी हाउसिंग, ने विशेष बेंच बनाए हैं जिन्हें अस्थायी रैन-बसेरे के समान प्रयोग किया जा सकता है। उन बेंचों का पिछला टेक लगाने वाला भाग ऊपर खींच कर, हवा और बारिश से बचने के लिए, छत के समान किया जा सकता है। रात में इन स्थानों को आसानी से ढ़ूंढ़ा जा सकता है क्योंकि इन पर बड़े और अन्धकार में चमकने वाले अक्षरों में लिखा होता है: "यह रैन-बसेरा है"।
शरणस्थान की आवश्यकता न केवल शारीरिक होती है, वरन आत्मिक भी होती है। हम मसीही विश्वासी जब भी किसी परेशानी में हों, हमें ध्यान करना चाहिए किए परमेश्वर हमारा सदा उपलब्ध शरणस्थान है। परमेश्वर के वचन बाइबल में राजा दाऊद ने अपने एक भजन में लिखा, "मूर्छा खाते समय मैं पृथ्वी की छोर से भी तुझे पुकारूंगा, जो चट्टान मेरे लिये ऊंची है, उस पर मुझ को ले चल" (भजन 61:2)। शत्रु शैतान की युक्तियों में हमारे फंसने की संभावना अधिक हो जाती है जब हम पर अत्याधिक भावनात्मक बोझ होता है; शैतान अपनी युक्तियों को भय, दोष भावना, और वासना या हवस की भावनाओं के द्वारा चलाता है। इन और ऐसी अन्य बुराईयों से बचने के लिए हमें सुरक्षा और स्थिरता का कोई स्त्रोत चाहिए होता है।
जब हम परमेश्वर में शरण ले लेते हैं, तो परमेश्वर की सामर्थ्य और सदबुद्धि से हम शैतान के हमारे हृदयों और मनों को प्रभावित करने के प्रयासों को निषफल कर सकते हैं। दाऊद ने उसी भजन में आगे लिखा, "क्योंकि तू मेरा शरणस्थान है, और शत्रु से बचने के लिये ऊंचा गढ़ है। मैं तेरे तम्बू में युगानुयुग बना रहूंगा। मैं तेरे पंखों की ओट में शरण लिये रहुंगा" (पद 3-4)।
हम जब भी किसी भी बात को लेकर अभिभूतित अनुभव करें, तो ध्यान करें कि प्रभु यीशु मसीह में होकर परमेश्वर की शान्ति और सुरक्षा हमारे साथ है, हमें सदा उपलब्ध है; प्रभु ने हमसे इसका वायदा किया है (यूहन्ना 16:33); वह हर बात, हर परिस्थिति में हमारा शरण्स्थान है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट
परमेश्वर सदैव ही हमारा शरणस्थान है।
मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि तुम्हें मुझ में शान्ति मिले; संसार में तुम्हें क्लेश होता है, परन्तु ढाढ़स बांधो, मैं ने संसार को जीत लिया है। - यूहन्ना 16:33
बाइबल पाठ: भजन 61
Psalms 61:1 हे परमेश्वर, मेरा चिल्लाना सुन, मेरी प्रार्थना की ओर घ्यान दे।
Psalms 61:2 मूर्छा खाते समय मैं पृथ्वी की छोर से भी तुझे पुकारूंगा, जो चट्टान मेरे लिये ऊंची है, उस पर मुझ को ले चल;
Psalms 61:3 क्योंकि तू मेरा शरणस्थान है, और शत्रु से बचने के लिये ऊंचा गढ़ है।
Psalms 61:4 मैं तेरे तम्बू में युगानुयुग बना रहूंगा। मैं तेरे पंखों की ओट में शरण लिये रहुंगा
Psalms 61:5 क्योंकि हे परमेश्वर, तू ने मेरी मन्नतें सुनीं, जो तेरे नाम के डरवैये हैं, उनका सा भाग तू ने मुझे दिया है।
Psalms 61:6 तू राजा की आयु को बहुत बढ़ाएगा; उसके वर्ष पीढ़ी पीढ़ी के बराबर होंगे।
Psalms 61:7 वह परमेश्वर के सम्मुख सदा बना रहेगा; तू अपनी करूणा और सच्चाई को उसकी रक्षा के लिये ठहरा रख।
Psalms 61:8 और मैं सर्वदा तेरे नाम का भजन गा गाकर अपनी मन्नतें हर दिन पूरी किया करूंगा।
एक साल में बाइबल:
- ज़कर्याह 5-8
- प्रकाशितवाक्य 19
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