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बुधवार, 10 जनवरी 2018

शरणस्थान


   मार्च 2014 में, मेरे मूल-निवास स्थान में जनजातीय संघर्ष आरंभ हो गया, और मेरे पिता के घराने को, अन्य शरणार्थियों के साथ, उस इलाके की राजधानी शहर में शरण लेनी पड़ी। सँसार के इतिहास में अनेकों बार, अनेकों स्थानों पर जब लोगों ने अपने आप को असुरक्षित अनुभव किया है तो वे अन्य स्थानों पर सुरक्षा और कुछ बेहतर ढूँढते हुए गए हैं।

   मैं अपने लोगों से मिलने गया, और उनके साथ बातचीत कर रहा था, मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में, यहोशू 20:1-9 में उल्लेखित शरण नगरों का ध्यान आया। ये वे निर्धारित सुरक्षित स्थान थे जहाँ पर “बदला लेने वाले सम्बन्धियों” से बचकर, जब तक कि उसका न्याय नहीं हो जाता था, वह व्यक्ति जिसने गलती से हत्या कर दी हो, शरण ले सकता था (पद 3)।

   आज भी लोग शरण स्थान खोजते  हैं, परन्तु भिन्न कारणों से। चाहे इन शरणस्थानों की आज भी आवश्यकता है, और इनमें लोगों को भोजन और रहने का स्थान मिल जाता है, परन्तु ये स्थान शरणार्थियों और भगोड़ों की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर सकते हैं – यह तो केवल प्रभु परमेश्वर में ही संभव हो पाता है। जो परमेश्वर के साथ चलते हैं, वे उसमें सच्चा और सबसे सुरक्षित शरणस्थान पाते हैं। जब प्रभु ने प्राचीन इस्त्राएल को देश-निकाला दिया, तो उनके संबंध में प्रभु ने कहा, “परन्तु तू उन से कह, प्रभु यहोवा यों कहता है कि मैं ने तुम को दूर दूर की जातियों में बसाया और देश देश में तितर-बितर कर दिया तो है, तौभी जिन देशों में तुम आए हुए हो, उन में मैं स्वयं तुम्हारे लिये थोड़े दिन तक पवित्र स्थान ठहरूंगा” (यहेजकेल 11:16)।

   हम भजनकार के साथ प्रभु से पूरे भरोसे के साथ कह सकते हैं, “तू मेरे छिपने का स्थान है; तू संकट से मेरी रक्षा करेगा; तू मुझे चारों ओर से छुटकारे के गीतों से घेर लेगा” (भजन 32:7)। - लौरेंस दर्मानी


जो परमेश्वर के हाथों में सुरक्षित हैं, उन्हें कुछ हिला नहीं सकता है।

यहोवा का नाम दृढ़ गढ़ है; धर्मी उस में भाग कर सब दुर्घटनाओं से बचता है। - नीतिवचन 18:10

बाइबल पाठ: यहोशू 20:1-9
Joshua 20:1 फिर यहोवा ने यहोशू से कहा,
Joshua 20:2 इस्राएलियों से यह कह, कि मैं ने मूसा के द्वारा तुम से शरण नगरों की जो चर्चा की थी उसके अनुसार उन को ठहरा लो,
Joshua 20:3 जिस से जो कोई भूल से बिना जाने किसी को मार डाले, वह उन में से किसी में भाग जाए; इसलिये वे नगर खून के पलटा लेने वाले से बचने के लिये तुम्हारे शरणस्थान ठहरें।
Joshua 20:4 वह उन नगरों में से किसी को भाग जाए, और उस नगर के फाटक में से खड़ा हो कर उसके पुरनियों को अपना मुकद्दमा कह सुनाए; और वे उसको अपने नगर में अपने पास टिका लें, और उसे कोई स्थान दें, जिस में वह उनके साथ रहे।
Joshua 20:5 और यदि खून का पलटा लेने वाला उसका पीछा करे, तो वे यह जानकर कि उसने अपने पड़ोसी को बिना जाने, और पहिले उस से बिना बैर रखे मारा, उस खूनी को उसके हाथ में न दें।
Joshua 20:6 और जब तक वह मण्डली के साम्हने न्याय के लिये खड़ा न हो, और जब तक उन दिनों का महायाजक न मर जाए, तब तक वह उसी नगर में रहे; उसके बाद वह खूनी अपने नगर को लौटकर जिस से वह भाग आया हो अपने घर में फिर रहने पाए।
Joshua 20:7 और उन्होंने नप्ताली के पहाड़ी देश में गलील के केदेश को, और एप्रैम के पहाड़ी देश में शकेम को, और यहूदा के पहाड़ी देश में किर्य्यतर्बा को, (जो हेब्रोन भी कहलाता है) पवित्र ठहराया।
Joshua 20:8 और यरीहो के पास के यरदन के पूर्व की ओर उन्होंने रूबेन के गोत्र के भाग में बसेरे को, जो जंगल में चौरस भूमि पर बसा हुआ है, और गाद के गोत्र के भाग में गिलाद के रमोत को, और मनश्शे के गोत्र के भाग में बाशान के गालान को ठहराया।
Joshua 20:9 सारे इस्राएलियों के लिये, और उन के बीच रहने वाले परदेशियों के लिये भी, जो नगर इस मनसा से ठहराए गए कि जो कोई किसी प्राणी को भूल से मार डाले वह उन में से किसी में भाग जाए, और जब तक न्याय के लिये मण्डली के साम्हने खड़ा न हो, तब तक खून का पलटा लेने वाला उसे मार डालने न पाए, वे यह ही हैं।


एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 25-26
  • मत्ती 8:1-17



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