इटालियन कलाकार माईकलेंजलो मेरिसी डा
करावाज्जियो (1571-1610) अपने तीक्षण स्वभाव और अपारंपरिक शैली के लिए जाने जाते
थे। उन्होंने कार्यशील साधारण लोगों को नमूना बनाकर संतों के चित्रों को बनाया, और
अपने चित्रों में दर्शकों को उस दृश्य का भाग होने का एहसास करवाते थे। प्रभु यीशु
मसीह के पुनरुत्थान के बाद की घटना पर बनाया गया उनका चित्र Supper at Emmaus
(इम्माउस में भोजन) में सराय के मालिक को खड़ा हुआ, और प्रभु यीशु तथा उनके दो
चेलों को भोजन के लिए मेज़ पर बैठे हुए दिखाया गया; दृश्य उस समय का है जब उन चेलों
ने पहचाना कि जो उनके साथ है वह पुनरुत्थान हुआ प्रभु यीशु ही है (लूका 24:31)।
चित्र में एक चेला बैठे से खड़ा हो रहा है, जबकि दूसरे की बाहें फ़ैली हुई और हाथ
आश्चर्य में खुले हुए हैं।
लूका, जिसने परमेश्वर के वचन बाइबल में अपने
द्वारा लिखे सुसमाचार में इस घटना को दर्ज किया है, बताता है कि ये दो चेले फिर
तुरंत यरूशलेम को लौट आए जहाँ उन्हें शेष चेले तथा अन्य लोग एकत्रित मिले, जो कह
रहे थे कि “यह सत्य है, प्रभु वास्तव में जी उठा है और शमौन को दिखाई दिया है।”
फिर उन दोनों ने बताया कि उनके साथ मार्ग में क्या हुआ, और कैसे रोटी के तोड़ने के
समय उन्होंने प्रभु यीशु को पहचाना (पद 33-35)।
सुप्रसिद्ध मसीही लेखक और प्रचारक ओस्वौल्ड
चैम्बर्स ने कहा, “जहाँ हम उसके होने की आशा रखते हैं, प्रभु यीशु वहाँ शायद ही
कभी आता है; वह वहाँ प्रगट होता है जहाँ उसके होने की हम सबसे कम आशा रखते हैं, और
सदा सबसे कम तर्कसंगत संदर्भ में। एक सेवक प्रभु के प्रति खरा तब ही हो सकता है जब
वह उसके अचानक अनपेक्षित आगमन के लिए सदा तैयार रहे।”
आज हम जिस भी मार्ग पर हों, हम प्रभु यीशु के
अपने आप को हम पर नए और आश्चर्जनक तरीकों ने प्रगट करने के लिए तैयार रहें। -
डेविड मैक्कैस्लैंड
प्रभु
यीशु को पाने के लिए हमें उसे ढूँढने के लिए तैयार रहना चाहिए।
मैं
यहोवा के पास गया,
तब उसने मेरी सुन ली, और मुझे पूरी रीति से
निर्भय किया। जिन्होंने उसकी ओर दृष्टि की उन्होंने ज्योति पाई; और उनका मुंह कभी काला न होने पाया। - भजन 34:4-5
बाइबल
पाठ: लूका 24:13-35
Luke 24:13 देखो, उसी दिन उन में से दो जन इम्माऊस नाम एक
गांव को जा रहे थे, जो यरूशलेम से कोई सात मील की दूरी पर
था।
Luke 24:14 और वे इन सब बातों पर जो हुईं थीं, आपस में
बातचीत करते जा रहे थे।
Luke 24:15 और जब वे आपस में बातचीत और पूछताछ कर रहे थे, तो यीशु आप पास आकर उन के साथ हो लिया।
Luke 24:16 परन्तु उन की आंखे ऐसी बन्द कर दी गईं थी, कि
उसे पहिचान न सके।
Luke 24:17 उसने उन से पूछा; ये क्या बातें हैं, जो तुम चलते चलते आपस में करते हो? वे उदास से खड़े
रह गए।
Luke 24:18 यह सुनकर, उनमें से क्लियुपास नाम एक व्यक्ति
ने कहा; क्या तू यरूशलेम में अकेला परदेशी है; जो नहीं जानता, कि इन दिनों में उस में क्या क्या
हुआ है?
Luke 24:19 उसने उन से पूछा; कौन सी बातें? उन्होंने उस से कहा; यीशु नासरी के विषय में जो
परमेश्वर और सब लोगों के निकट काम और वचन में सामर्थी भविष्यद्वक्ता था।
Luke 24:20 और महायाजकों और हमारे सरदारों ने उसे पकड़वा दिया, कि उस पर मृत्यु की आज्ञा दी जाए; और उसे क्रूस पर
चढ़वाया।
Luke 24:21 परन्तु हमें आशा थी, कि यही इस्त्राएल को
छुटकारा देगा, और इन सब बातों के सिवाय इस घटना को हुए तीसरा
दिन है।
Luke 24:22 और हम में से कई स्त्रियों ने भी हमें आश्चर्य में डाल दिया है,
जो भोर को कब्र पर गई थीं।
Luke 24:23 और जब उस की लोथ न पाई, तो यह कहती हुई आईं,
कि हम ने स्वर्गदूतों का दर्शन पाया, जिन्हों
ने कहा कि वह जीवित है।
Luke 24:24 तब हमारे साथियों में से कई एक कब्र पर गए, और
जैसा स्त्रियों ने कहा था, वैसा ही पाया; परन्तु उसको न देखा।
Luke 24:25 तब उसने उन से कहा; हे निर्बुद्धियों, और भविष्यद्वक्ताओं की सब बातों पर विश्वास करने में मन्दमतियों!
Luke 24:26 क्या अवश्य न था, कि मसीह ये दुख उठा कर अपनी
महिमा में प्रवेश करे?
Luke 24:27 तब उसने मूसा से और सब भविष्यद्वक्ताओं से आरम्भ कर के सारे पवित्र
शास्त्रों में से, अपने विषय में की बातों का अर्थ, उन्हें समझा दिया।
Luke 24:28 इतने में वे उस गांव के पास पहुंचे, जहां वे
जा रहे थे, और उसके ढंग से ऐसा जान पड़ा, कि वह आगे बढ़ना चाहता है।
Luke 24:29 परन्तु उन्होंने यह कहकर उसे रोका, कि हमारे
साथ रह; क्योंकि संध्या हो चली है और दिन अब बहुत ढल गया है।
तब वह उन के साथ रहने के लिये भीतर गया।
Luke 24:30 जब वह उन के साथ भोजन करने बैठा, तो उसने रोटी
ले कर धन्यवाद किया, और उसे तोड़कर उन को देने लगा।
Luke 24:31 तब उन की आंखे खुल गईं; और उन्होंने उसे पहचान
लिया, और वह उन की आंखों से छिप गया।
Luke 24:32 उन्होंने आपस में कहा; जब वह मार्ग में हम से
बातें करता था, और पवित्र शास्त्र का अर्थ हमें समझाता था,
तो क्या हमारे मन में उत्तेजना न उत्पन्न हुई?
Luke 24:33 वे उसी घड़ी उठ कर यरूशलेम को लौट गए, और उन
ग्यारहों और उन के साथियों को इकट्ठे पाया।
Luke 24:34 वे कहते थे, प्रभु सचमुच जी उठा है, और शमौन को दिखाई दिया है।
Luke 24:35 तब उन्होंने मार्ग की बातें उन्हें बता दीं और यह भी कि उन्होंने
उसे रोटी तोड़ते समय क्योंकर पहचाना।
Luke 24:36 वे ये बातें कह ही रहे ये, कि वह आप ही उन के
बीच में आ खड़ा हुआ; और उन से कहा, तुम्हें
शान्ति मिले।
एक
साल में बाइबल:
- न्यायियों 16-18
- लूका 7:1-30
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