जब चर्च में पास्टर साहब ने एक अगुवे से उपस्थित
मण्डली के लोगों की प्रार्थना करने में अगुवाई करने का निवेदन किया, तो उस अगुवे
के उत्तर ने सब को चुंका दिया। उसने कहा, “पास्टर साहब, क्षमा कीजिए, परन्तु चर्च
आते समय सारे रास्ते मैं अपनी पत्नि के साथ वाद-विवाद करता हुआ या हूँ, और मैं प्रार्थना
में अगुवाई करने की स्थिति में नहीं हूँ।” इससे अगला पल अटपटा था; पास्टर साहब ने
स्वयँ प्रार्थना की, और उपासना सभा अग्रसर रही। बाद में, पास्टर साहब ने निर्णय
लिया कि वे कभी किसी से पहले व्यक्तिगत रीति से पूछे बिना, सबके सामने प्रार्थना
करने के लिए नहीं कहेंगे।
उस अगुवे ने, ऐसे समय और स्थान पर जहाँ दिखावा
करना सरल होता, चौंका देने वाली ईमानदारी दिखाई थी। परन्तु यहाँ प्रार्थना के विषय
एक महत्वपूर्ण पाठ भी है। यदि मैं, पति होने के नाते, अपनी पत्नि का – जो परमेश्वर
की एक प्रिय पुत्री है – आदर नहीं करता हूँ, तो उसका स्वर्गीय पिता मेरी
प्रार्थनाएं क्यों सुनेगा?
परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि
प्रेरित पतरस ने इस विषय में रोचक बात कही है। उसने पतियों से कहा कि वे अपनी
पत्नियों का आदर करें, मसीह में समान वारिस होने के नाते, जिससे “...जिस से तुम्हारी
प्रार्थनाएं रुक न जाएं” (1 पतरस 3:7)। इस बात का मूल सिद्धान्त यह है कि हमारे
व्यक्तिगत संबंध हमारे प्रार्थना का जीवन को प्रभावित करते हैं।
क्या हो यदि हम इतवार को आराधना के समय
धार्मिकता और मुस्कराहट के मुखौटों को उतार कर अपने मसीही भाई-बहनों के प्रति
सच्ची ईमानदारी को दिखाएँ? यदि हम जैसा अपने लिए वैसे ही अपने मसीही भाई-बहनों के
प्रति प्रेम दिखाएँ, उनके लिए प्रार्थनाएं करें, तो परमेश्वर हमारे द्वारा क्या कुछ
नहीं कर सकेगा! – टिम गुस्ताफ्सन
प्रार्थना
परमेश्वर के साथ ईमानदारी से किया गया वार्तालाप है।
इसलिये
यदि तुम मनुष्य के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्वर्गीय
पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा। और यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा न करोगे,
तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा न करेगा। - मत्ती 6:14-15
बाइबल
पाठ: 1 पतरस 3:7-12
1 Peter 3:7 वैसे ही हे पतियों, तुम भी बुद्धिमानी से पत्नियों
के साथ जीवन निर्वाह करो और स्त्री को निर्बल पात्र जान कर उसका आदर करो, यह समझ कर कि हम दोनों जीवन के वरदान के वारिस हैं, जिस
से तुम्हारी प्रार्थनाएं रुक न जाएं।
1 Peter 3:8 निदान, सब के सब एक मन और कृपामय और भाईचारे की
प्रीति रखने वाले, और करूणामय, और नम्र
बनो।
1 Peter 3:9 बुराई के बदले बुराई मत करो; और न गाली के बदले
गाली दो; पर इस के विपरीत आशीष ही दो: क्योंकि तुम आशीष के
वारिस होने के लिये बुलाए गए हो।
1 Peter 3:10 क्योंकि जो कोई जीवन की इच्छा रखता है, और अच्छे
दिन देखना चाहता है, वह अपनी जीभ को बुराई से, और अपने होंठों को छल की बातें करने से रोके रहे।
1 Peter 3:11 वह बुराई का साथ छोड़े, और भलाई ही करे;
वह मेल मिलाप को ढूंढ़े, और उस के यत्न में
रहे।
1 Peter 3:12 क्योंकि प्रभु की आंखे धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान उन की बिनती की ओर लगे रहते हैं, परन्तु
प्रभु बुराई करने वालों के विमुख रहता है।
एक साल में
बाइबल:
- अय्यूब 5-7
- प्रेरितों 8:1-25
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