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मंगलवार, 30 अक्टूबर 2018

सुनना



      मुझे लग रहा था मानों मैं पानी के अन्दर हूँ, ज़ुकाम और एलर्जी के कारण मेरे कान बन्द थे और आवाजें बहुत दबी हुई आ रहीं थीं, मुझे साफ़ सुनाई नहीं दे रहा था; मैं स्पष्ट सुन पाने के लिए संघर्ष कर रहा था। मेरी उस स्थिति ने मुझे एहसास करवाया कि मैं सुन पाने की अपनी क्षमता को कितना हलके में लेता हूँ।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में शमूएल भविष्यद्वक्ता के जीवन का भी वर्णन है। बचपन में उसकी परवरिश परमेश्वर के मंदिर में महापुरोहित ऐली के परिवार के साथ हुई थी। उसके बचपन की घटना है, जब रात्रि में सोते समय परमेश्वर ने तीन बार उसे उसका नाम लेकर बुलाया। छोटे शमूएल को अपना नाम पुकारे जाने पर अचरज हुआ, विशेषकर जब वह तीनों बार उठकर ऐली के पास गया और ऐली ने कहा कि उसने शमूएल को नहीं बुलाया। लेकिन तीसरी बार ऐली समझ गया कि परमेश्वर शमूएल से बातें कर रहा है। उन दिनों परमेश्वर का वचन दुर्लभ था और लोग परमेश्वर की वाणी को सुनने के आदी नहीं थे। परन्तु ऐली ने शमूएल को निर्देश दिए कि फिर से परमेश्वर की वाणी सुनने पर वह क्या करे।

      परमेश्वर आज हम से उन दिनों से कहीं अधिक स्पष्टता से बातें करता है, अपने वचन बाइबल के द्वारा। इब्रानियों की पत्री में लिखा है, “पूर्व युग में परमेश्वर ने बाप दादों से थोड़ा थोड़ा कर के और भांति भांति से भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बातें कर के। इन दिनों के अन्‍त में हम से पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उसने सारी वस्‍तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उसने सारी सृष्‍टि रची है” (इब्रानियों 1:1-2)। प्रेरितों 2 में हम पिन्तेकुस्त के दिन पवित्र आत्मा के आगमन के विषय पढ़ते हैं, जो हमें मसीह यीशु की शिक्षाओं को समझाता है “परन्तु जब वह अर्थात सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा, परन्तु जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा” (यूहन्ना 16:13)। परन्तु हमें परमेश्वर की वाणी को सुनकर आज्ञाकारिता में उसका प्रत्युत्तर देना सीखने की आवश्यकता है।

      जैसे ज़ुकाम के समय में मैं आवाजों को स्पष्ट नहीं सुन पा रहा था, और मुझे प्रयास करके समझना पड़ रहा था कि क्या कहा जा रहा है, वैसे ही हमें भी परमेश्वर की वाणी को स्पष्ट समझने के लिए प्रयास करना सीखना होगा। परमेश्वर के वचन बाइबल तथा अन्य परिपक्व मसीही विश्वासियों की सहायता के द्वारा हम ऐसा कर सकते हैं; परमेश्वर का पवित्र आत्मा हमें सिखाता है। परमेश्वर, अपनी सन्तान, हम मसीही विश्वासियों से बातें करना चाहता है; वह हमें अनन्त जीवन की बातें सिखाना चाहता है। - एमी बाउचर पाई


परमेश्वर अपनी संतानों से बात करता है, परन्तु हमें उसकी वाणी को पहचानना होगा।

मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं, और मैं उन्हें जानता हूं, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं। - यूहन्ना 10:27

बाइबल पाठ: 1 शमूएल 3:10
1 Samuel 3:1 और वह बालक शमूएल एली के साम्हने यहोवा की सेवा टहल करता था। और उन दिनों में यहोवा का वचन दुर्लभ था; और दर्शन कम मिलता था।
1 Samuel 3:2 और उस समय ऐसा हुआ कि (एली की आंखे तो धुंघली होने लगी थीं और उसे न सूझ पड़ता था) जब वह अपने स्थान में लेटा हुआ था,
1 Samuel 3:3 और परमेश्वर का दीपक अब तक बुझा नहीं था, और शमूएल यहोवा के मन्दिर में जहाँ परमेश्वर का सन्दूक था लेटा था;
1 Samuel 3:4 तब यहोवा ने शमूएल को पुकारा; और उसने कहा, क्या आज्ञा!
1 Samuel 3:5 तब उसने एली के पास दौड़कर कहा, क्या आज्ञा, तू ने तो मुझे पुकारा है। वह बोला, मैं ने नहीं पुकारा; फिर जा लेट रह। तो वह जा कर लेट गया।
1 Samuel 3:6 तब यहोवा ने फिर पुकार के कहा, हे शमूएल! शमूएल उठ कर एली के पास गया, और कहा, क्या आज्ञा, तू ने तो मुझे पुकारा है। उसने कहा, हे मेरे बेटे, मैं ने नहीं पुकारा; फिर जा लेट रह।
1 Samuel 3:7 उस समय तक तो शमूएल यहोवा को नहीं पहचानता था, और न तो यहोवा का वचन ही उस पर प्रगट हुआ था।
1 Samuel 3:8 फिर तीसरी बार यहोवा ने शमूएल को पुकारा। और वह उठके एली के पास गया, और कहा, क्या आज्ञा, तू ने तो मुझे पुकारा है। तब एली ने समझ लिया कि इस बालक को यहोवा ने पुकारा है।
1 Samuel 3:9 इसलिये एली ने शमूएल से कहा, जा लेट रहे; और यदि वह तुझे फिर पुकारे, तो तू कहना, कि हे यहोवा, कह, क्योंकि तेरा दास सुन रहा है तब शमूएल अपने स्थान पर जा कर लेट गया।
1 Samuel 3:10 तब यहोवा आ खड़ा हुआ, और पहिले के समान पुकारा, शमूएल! शमूएल! शमूएल ने कहा, कह, क्योंकि तेरा दास सुन रहा है।


एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 20-21
  • 2 तिमुथियुस 4



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