ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

बुधवार, 8 मई 2019

आशा



      पिछले कुछ वर्षों में, मेरे परिवार के दो सदस्यों को घातक बीमारियों का सामना करना पड़ा है। मेरे लिए, उनके इलाज के दौरान उनकी देखभाल करते हुए सबसे कठिन बात उनकी सेहत की अनिश्चितता रही है। मैं सदा ही डॉक्टर से कोई निश्चित बात पता पड़ने की लालसा में रही हूँ, परन्तु शायद ही कभी बात इतनी सीधी और स्पष्ट रही होगी। कोई स्पष्ट बात बताने के स्थान पर बहुधा हम से प्रतीक्षा करने के लिए ही कहा जाता है।

      अनिश्चितता का बोझ उठाना कठिन होता है, सदा आशंका बनी रहती है कि अगली जाँच में क्या निकल कर आएगा; इससे पहले कि मृत्यु हमें पृथक कर दे, हमारे पास साथ रहने के लिए कितना समय शेष है – क्या कुछ सप्ताह, या महीने, या वर्ष? किन्तु बीमारी या इलाज चाहे कोई भी हो, हम में से प्रत्येक को एक-न-एक दिन तो मरना ही है – बस कैंसर जैसी बीमारियाँ हमारी नश्वरता को हमारे मस्तिष्क के छिपे स्थानों से निकालकर उन्हें हमारे समक्ष ले आती हैं।

      हमारी नश्वरता की गंभीर स्मृतियों के सामने, मैं अपने आप को परमेश्वर के वचन बाइबल में मूसा द्वारा की गई प्रार्थना को दोहराते हुए पाती हूँ। बाइबल में भजन 90 हमें स्मरण दिलाता है कि हमारे जीवन घास के समान हैं जो मुरझा और सूख जाती है (पद 5-6), परन्तु हमारे लिए परमेश्वर के पास एक अनन्त निवास-स्थान तैयार है (पद 1)। मूसा के समान ही हम भी परमेश्वर से प्रार्थना कर सकते हैं कि हमें अपने दिन गिनना सिखाए जिससे हम बुद्धिमानी के साथ निर्णय ले सकें (पद 12), और ऐसा जीवन व्यतीत करें जो परमेश्वर के लिए उपयोगी और सार्थक हो (पद 17)। अन्ततः, भजन हमें स्मरण करवाता है कि, हमारी आशा किसी डॉक्टर द्वारा किए गए बीमारी के निदान या उपचार पर नहीं है, परन्तु उस परमेश्वर पर है जो “अनादिकाल से अनन्तकाल” का है। - एमी पीटरसन


क्योंकि हमारी आशा परमेश्वर पर है 
इसलिए हम अपने नश्वर होने की वास्तविकता का सामना कर सकते हैं।

हे यहोवा ऐसा कर कि मेरा अन्त मुझे मालुम हो जाए, और यह भी कि मेरी आयु के दिन कितने हैं; जिस से मैं जान लूं कि कैसा अनित्य हूं! – भजन 39:4

बाइबल पाठ: भजन 90
Psalms 90:1 हे प्रभु, तू पीढ़ी से पीढ़ी तक हमारे लिये धाम बना है।
Psalms 90:2 इस से पहिले कि पहाड़ उत्पन्न हुए, वा तू ने पृथ्वी और जगत की रचना की, वरन अनादिकाल से अनन्तकाल तक तू ही ईश्वर है।
Psalms 90:3 तू मनुष्य को लौटा कर चूर करता है, और कहता है, कि हे आदमियों, लौट आओ!
Psalms 90:4 क्योंकि हजार वर्ष तेरी दृष्टि में ऐसे हैं, जैसा कल का दिन जो बीत गया, वा रात का एक पहर।
Psalms 90:5 तू मनुष्यों को धारा में बहा देता है; वे स्वप्न से ठहरते हैं, वे भोर को बढ़ने वाली घास के समान होते हैं।
Psalms 90:6 वह भोर को फूलती और बढ़ती है, और सांझ तक कट कर मुर्झा जाती है।
Psalms 90:7 क्योंकि हम तेरे क्रोध से नाश हुए हैं; और तेरी जलजलाहट से घबरा गए हैं।
Psalms 90:8 तू ने हमारे अधर्म के कामों से अपने सम्मुख, और हमारे छिपे हुए पापों को अपने मुख की ज्योति में रखा है।
Psalms 90:9 क्योंकि हमारे सब दिन तेरे क्रोध में बीत जाते हैं, हम अपने वर्ष शब्द की नाईं बिताते हैं।
Psalms 90:10 हमारी आयु के वर्ष सत्तर तो होते हैं, और चाहे बल के कारण अस्सी वर्ष के भी हो जाएं, तौभी उनका घमण्ड केवल नष्ट और शोक ही शोक है; क्योंकि वह जल्दी कट जाती है, और हम जाते रहते हैं।
Psalms 90:11 तेरे क्रोध की शक्ति को और तेरे भय के योग्य तेरे रोष को कौन समझता है?
Psalms 90:12 हम को अपने दिन गिनने की समझ दे कि हम बुद्धिमान हो जाएं।
Psalms 90:13 हे यहोवा लौट आ! कब तक? और अपने दासों पर तरस खा!
Psalms 90:14 भोर को हमें अपनी करूणा से तृप्त कर, कि हम जीवन भर जयजयकार और आनन्द करते रहें।
Psalms 90:15 जितने दिन तू हमें दु:ख देता आया, और जितने वर्ष हम क्लेश भोगते आए हैं उतने ही वर्ष हम को आनन्द दे।
Psalms 90:16 तेरा काम तेरे दासों को, और तेरा प्रताप उनकी सन्तान पर प्रगट हो।
Psalms 90:17 और हमारे परमेश्वर यहोवा की मनोहरता हम पर प्रगट हो, तू हमारे हाथों का काम हमारे लिये दृढ़ कर, हमारे हाथों के काम को दृढ़ कर।

एक साल में बाइबल:  
  • 2 राजा 4-6
  • लूका 24:36-53



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें