कुछ
महीने पहले मुझे ई-मेल से ‘जोशीले’ लोगों के एक समूह का सदस्य बनने का निमंत्रण
मिला। मैंने उत्सुकतावश उस निमंत्रण के संदर्भ में ‘जोशीले’ शब्द के तात्पर्य को
समझने के लिए, उस शब्द का थोड़ा अध्ययन किया। मेरे अध्ययन से मुझे पता चला कि उनका
‘जोशीले’ शब्द द्वारा अभिप्राय था ऐसा व्यक्ति जो सफल होने के लिए दृढ़ निश्चय है
और अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम करने को तैयार है।
क्या
ऐसा ‘जोशीला’ व्यक्ति होना सही है? परमेश्वर का वचन बाइबल हमें इसके लिए एक अचूक
जाँच प्रदान करती है: सब कुछ परमेश्वर की महिमा के लिए किया जाए (1 कुरिन्थियों
10:31)। बहुत बार हम काम अपनी बड़ाई, अपनी महिमा के लिए करते हैं। बाइबल में हम
देखते हैं कि नूह के समय की जल प्रलय के पश्चात, कुछ लोगों ने अपने नाम के लिए एक
गुम्मट बनाना चाहा (उत्पत्ति 11:4)। वे प्रसिद्धि चाहते थे और सँसार भर में
तित्तर-बित्तर होने से बचना चाहते थे। परन्तु क्योंकि वे परमेश्वर को महिमा देने
के लिए कार्य नहीं कर रहे थे, इसलिए उनका ऐसे जोशीला होना सही नहीं था, और असफल
रहा।
इसकी
तुलना में, जब राजा सुलेमान ने नव-निर्मित मंदिर और वाचा के सन्दूक को समर्पित
किया, तो अपनी प्रार्थना में कहा, “...इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के नाम से
इस भवन को बनाया है” (1 राजाओं 8:20)। फिर उसने आगे कहा,
“वह हमारे मन अपनी ओर ऐसा फिराए रखे, कि हम उसके
सब मार्गों पर चला करें, और उसकी आज्ञाएं और विधियां और नियम
जिन्हें उसने हमारे पुरखाओं को दिया था, नित माना करें” (पद 58)।
जब
हमारी सर्वोच्च इच्छा परमेश्वर को महिमा देने और उसकी आज्ञाकारिता में चलते रहने
की रहती है, तो हम ‘जोशीले’ व्यक्ति हो जाते हैं जो प्रभु यीशु से प्रेम और उसकी
सेवकाई पवित्र-आत्मा की सामर्थ्य से करना चाहते हैं, और हमारी प्रार्थनाएं भी सुलेमान
की प्रार्थनाओं के समान होती हैं, “तो तुम्हारा मन हमारे परमेश्वर यहोवा की ओर
ऐसी पूरी रीति से लगा रहे, कि आज के समान उसकी
विधियों पर चलते और उसकी आज्ञाएं मानते रहो” (पद 61)। -
केला ओकोआ
जो भी करो परमेश्वर की महिमा के लिए करो।
सो तुम चाहे खाओ, चाहे
पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर
की महीमा के लिये करो। - 1 कुरिन्थियों 10:31
बाइबल पाठ: 1 राजाओं 8:54-63
1 Kings 8:54 जब
सुलैमान यहोवा से यह सब प्रार्थना गिड़गिड़ाहट के साथ कर चुका, तब वह जो घुटने टेके और आकाश की ओर हाथ फैलाए हुए था, सो यहोवा की वेदी के साम्हने से उठा,
1 Kings 8:55 और खड़ा
हो, समस्त इस्राएली सभा को ऊंचे स्वर से यह कहकर आशीर्वाद
दिया, कि धन्य है यहोवा,
1 Kings 8:56 जिसने ठीक
अपने कथन के अनुसार अपनी प्रजा इस्राएल को विश्राम दिया है, जितनी
भलाई की बातें उसने अपने दास मूसा के द्वारा कही थीं, उन में
से एक भी बिना पूरी हुए नहीं रही।
1 Kings 8:57 हमारा
परमेश्वर यहोवा जैसे हमारे पुरखाओं के संग रहता था, वैसे ही
हमारे संग भी रहे, वह हम को त्याग न दे और न हम को छोड़ दे।
1 Kings 8:58 वह
हमारे मन अपनी ओर ऐसा फिराए रखे, कि हम उसके सब मार्गों पर
चला करें, और उसकी आज्ञाएं और विधियां और नियम जिन्हें उसने
हमारे पुरखाओं को दिया था, नित माना करें।
1 Kings 8:59 और मेरी
ये बातें जिनकी मैं ने यहोवा के साम्हने बिनती की है, वह दिन
और रात हमारे परमेश्वर यहोवा के मन में बनी रहें, और जैसा
दिन दिन प्रयोजन हो वैसा ही वह अपने दास का और अपनी प्रजा इस्राएल का भी न्याय
किया करे,
1 Kings 8:60 और इस
से पृथ्वी की सब जातियां यह जान लें, कि यहोवा ही परमेश्वर
है; और कोई दूसरा नहीं।
1 Kings 8:61 तो
तुम्हारा मन हमारे परमेश्वर यहोवा की ओर ऐसी पूरी रीति से लगा रहे, कि आज के समान उसकी विधियों पर चलते और उसकी आज्ञाएं मानते रहो।
1 Kings 8:62 तब राजा
समस्त इस्राएल समेत यहोवा के सम्मुख मेलबलि चढ़ाने लगा।
1 Kings 8:63 और जो
पशु सुलैमान ने मेलबलि में यहोवा को चढ़ाए, सो बाईस हजार बैल
और एक लाख बीस हजार भेड़ें थीं। इस रीति राजा ने सब इस्राएलियों समेत यहोवा के भवन
की प्रतिष्ठा की।
एक साल में बाइबल:
- नहेम्याह 12-13
- प्रेरितों 4:23-37
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें