जब
हम शरण स्थान के विषय विचार करते हैं, तो पक्षियों के पंखों का ध्यान करना
स्वाभाविक नहीं होता है। यद्यपि पक्षियों के पंख बचाव के लिए बहुत कमज़ोर दिखाई दे
सकते हैं, परन्तु जैसे वे दिखते हैं, उससे कहीं अधिक उनमें और भी है। पक्षियों के
पंख परमेश्वर की कारीगरी का अद्भुत उदाहरण हैं। पंख के दो प्रकार होते हैं, एक कोमल
सपाट और दूसरा रोएँदार। सपाट प्रकार के पंख में बहुत छोटे-छोटे हुक समान कांटे
होते हैं जो आपस में फंस कर ज़िप के समान एक साथ बन्द हो जाते हैं; और रोएँदार पंख
पक्षी को गरम रखते हैं। दोनों प्रकार के पंख मिलकर पक्षी की हवा और वर्षा से रक्षा
करते हैं। परन्तु पक्षियों के बच्चों के केवल रोएँदार पंख ही होते हैं, इसलिए
माता-पक्षी को उन्हें अपने पंखों तले ले कर उनकी हवा और वर्षा से रक्षा करनी पड़ती
है।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में इसी प्रकार से परमेश्वर द्वारा हमें अपनी आड़ में लेकर हमारी
रक्षा करने का चित्रण किया गया है (भजन 91:4)। इससे जो चित्र उभरता है वह आराम और
सुरक्षा का है, जैसे कि माता पक्षी अपने बच्चों को अपने पंखों तले लेकर उन्हें बचा
कर रखती है। जैसे बच्चे अपने माता-पिता की बाहों की छत्र-छाया में जीवन की
कठिनाइयों की आँधियों से सुरक्षित बचे रहते हैं, उसी प्रकार परमेश्वर की उपस्थिति
भी हम मसीही विश्वासियों के लिए जीवन की विभिन्न परिस्थितियों में एक सुरक्षित
शरण-स्थान है।
हम
चाहे परेशानियों और दुखों से होकर निकलें, फिर भी हम उनका सामना बिना किसी भय के
कर सकते हैं क्योंकि परमेश्वर हमारा शरण स्थान है। - लिंडा वॉशिंगटन
जब भय के कारण आशा धूमिल पड़ने लगे,
तो
हमारे शरण स्थान पिता परमेश्वर की आड़ में आ जाएँ।
तू जो अपने दाहिने हाथ के द्वारा अपने
शरणगतों को उनके विरोधियों से बचाता है, अपनी अद्भुत करूणा
दिखा। अपने आंखो की पुतली के समान सुरक्षित रख; अपने पंखों
के तले मुझे छिपा रख, उन दुष्टों से जो मुझ पर अत्याचार करते
हैं, मेरे प्राण के शत्रुओं से जो मुझे घेरे हुए हैं। - भजन 17:7-9
बाइबल पाठ: भजन 91
Psalms 91:1 जो परमप्रधान के छाए हुए स्थान
में बैठा रहे, वह सर्वशक्तिमान की छाया में ठिकाना पाएगा।
Psalms 91:2 मैं यहोवा के विषय कहूंगा,
कि वह मेरा शरणस्थान और गढ़ है; वह मेरा
परमेश्वर है, मैं उस पर भरोसा रखूंगा।
Psalms 91:3 वह तो तुझे बहेलिये के जाल से,
और महामारी से बचाएगा;
Psalms 91:4 वह तुझे अपने पंखों की आड़ में
ले लेगा, और तू उसके पैरों के नीचे शरण पाएगा; उसकी सच्चाई तेरे लिये ढाल और झिलम ठहरेगी।
Psalms 91:5 तू न रात के भय से डरेगा,
और न उस तीर से जो दिन को उड़ता है,
Psalms 91:6 न उस मरी से जो अन्धेरे में
फैलती है, और न उस महारोग से जो दिन दुपहरी में उजाड़ता है।
Psalms 91:7 तेरे निकट हज़ार, और तेरी दाहिनी ओर दस हज़ार गिरेंगे; परन्तु वह तेरे
पास न आएगा।
Psalms 91:8 परन्तु तू अपनी आंखों की
दृष्टि करेगा और दुष्टों के अन्त को देखेगा।
Psalms 91:9 हे यहोवा, तू मेरा शरण स्थान ठहरा है। तू ने जो परमप्रधान को अपना धाम मान लिया है,
Psalms 91:10 इसलिये कोई विपत्ति तुझ पर न
पड़ेगी, न कोई दु:ख तेरे डेरे के निकट आएगा।
Psalms 91:11 क्योंकि वह अपने दूतों को
तेरे निमित्त आज्ञा देगा, कि जहां कहीं तू जाए वे तेरी रक्षा
करें।
Psalms 91:12 वे तुझ को हाथों हाथ उठा
लेंगे, ऐसा न हो कि तेरे पांवों में पत्थर से ठेस लगे।
Psalms 91:13 तू सिंह और नाग को कुचलेगा,
तू जवान सिंह और अजगर को लताड़ेगा।
Psalms 91:14 उसने जो मुझ से स्नेह किया है,
इसलिये मैं उसको छुड़ाऊंगा; मैं उसको ऊंचे
स्थान पर रखूंगा, क्योंकि उसने मेरे नाम को जान लिया है।
Psalms 91:15 जब वह मुझ को पुकारे, तब मैं उसकी सुनूंगा; संकट में मैं उसके संग रहूंगा,
मैं उसको बचा कर उसकी महिमा बढ़ाऊंगा।
Psalms 91:16 मैं उसको दीर्घायु से तृप्त
करूंगा, और अपने किए हुए उद्धार का दर्शन दिखाऊंगा।
एक साल में बाइबल:
- भजन 91-93
- रोमियों 15:1-13
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