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गुरुवार, 3 अक्तूबर 2019

संकट में स्तुति



      मार्क ने अपने बचपन की एक घटना के बारे में बताया, जब उसके पिताजी ने सभी परिवार जनों को एक साथ बुलाया, और उन्हें बताया कि उनकी कार ख़राब हो गई है, और महीने का अन्त आते-आते, परिवार का पैसा भी समाप्त हो जाएगा। फिर मार्क के पिताजी ने इन बातों के लिए प्रार्थना की और परिवार के सभी लोगों से कहा कि वे परमेश्वर के उत्तर की प्रतीक्षा करें।

      आज मार्क स्मरण करता है कि परमेश्वर का वह उत्तर और उसकी सहायता कैसे आए। परिवार के एक मित्र ने उनकी कार की मरम्मत कर दी; पैसों के लिए लोगों से अनपेक्षित चैक आ गए; कोई-कोई उनके लिए भोजन सामग्री ले कर आ गया। उनके परिवार की कृतज्ञता संकट की भट्टी में होकर तैयार हुई।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 57 से, लंबे समय से, लोगों को स्तुति और आराधना के गीत और विषय मिलते रहे हैं। भजनकार दाऊद ने जब परमेश्वर को संबोधित करते हुए कहा, “तू स्वर्ग के ऊपर महान है” (पद 11), तो संभव है कि हम सोचें कि वह रात में टकटकी लगाए आकाशमंडल की भव्यता को निहार रहा होगा, या फिर मंदिर में किसी आराधना गीत के गए जाने में भाग ले रहा होगा। परन्तु वास्तविकता यह है कि उस समय दाऊद अपनी जान के जोखिम का सामना कर रहा था और एक गुफा में छिपा हुआ हुआ था।

      दाऊद ने भजन में लिखा कि “मेरा प्राण सिंहों के बीच है”; उसे फाड़ खाने वाले ये पशु वे मनुष्य थे “जिनके दाँत बर्छी और तीर हैं” (पद 4)। दाऊद की यह स्तुति संकट में सिद्ध हुई। यद्यपि वह ऐसे शत्रुओं से घिरा हुआ था जो उसे मरा हुआ देखना चाहते थे, फिर भी दाऊद ये अद्भुत शब्द लिख सका, “हे परमेश्वर, मेरा मन स्थिर है, मेरा मन स्थिर है; मैं गाऊंगा वरन भजन कीर्तन करूंगा” (पद 7)।

      आज हम चाहे जिस संकट का सामना करें, हम सहायता के लिए परमेश्वर के पास निःसंकोच जा सकते हैं; और फिर उसके उत्तर की प्रतीक्षा करते हुए उसकी आराधना और स्तुति कर सकते हैं, इस भरोसे के साथ को वह हमारी चिंता करता है और हमारी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति भी करता है। संकट में स्तुति विश्वास को और दृढ़ करती है। - टिम गुस्टाफसन

आपका अगला संकट कभी धोखा न देने वाले परमेश्वर पर भरोसा रखना सीखने का अवसर है।

और संकट के दिन मुझे पुकार; मैं तुझे छुड़ाऊंगा, और तू मेरी महिमा करने पाएगा। - भजन 50:15

बाइबल पाठ: भजन 57
Psalms 57:1 हे परमेश्वर, मुझ पर अनुग्रह कर, मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मैं तेरा शरणागत हूं; और जब तक ये आपत्तियां निकल न जाएं, तब तक मैं तेरे पंखों के तले शरण लिये रहूंगा।
Psalms 57:2 मैं परम प्रधान परमेश्वर को पुकारूंगा, ईश्वर को जो मेरे लिये सब कुछ सिद्ध करता है।
Psalms 57:3 ईश्वर स्वर्ग से भेज कर मुझे बचा लेगा, जब मेरा निगलने वाला निन्दा कर रहा हो। परमेश्वर अपनी करूणा और सच्चाई प्रगट करेगा।
Psalms 57:4 मेरा प्राण सिंहों के बीच में है, मुझे जलते हुओं के बीच में लेटना पड़ता है, अर्थात ऐसे मनुष्यों के बीच में जिन के दांत बर्छी और तीर हैं, और जिनकी जीभ तेज तलवार है।
Psalms 57:5 हे परमेश्वर तू स्वर्ग के ऊपर अति महान और तेजोमय है, तेरी महिमा सारी पृथ्वी के ऊपर फैल जाए!
Psalms 57:6 उन्होंने मेरे पैरों के लिये जाल लगाया है; मेरा प्राण ढला जाता है। उन्होंने मेरे आगे गड़हा खोदा, परन्तु आप ही उस में गिर पड़े।
Psalms 57:7 हे परमेश्वर, मेरा मन स्थिर है, मेरा मन स्थिर है; मैं गाऊंगा वरन भजन कीर्तन करूंगा।
Psalms 57:8 हे मेरी आत्मा जाग जा! हे सारंगी और वीणा जाग जाओ। मैं भी पौ फटते ही जाग उठूंगा।
Psalms 57:9 हे प्रभु, मैं देश के लोगों के बीच तेरा धन्यवाद करूंगा; मैं राज्य राज्य के लोगों के बीच में तेरा भजन गाऊंगा।
Psalms 57:10 क्योंकि तेरी करूणा स्वर्ग तक बड़ी है, और तेरी सच्चाई आकाशमण्डल तक पहुंचती है।
Psalms 57:11 हे परमेश्वर, तू स्वर्ग के ऊपर अति महान है! तेरी महिमा सारी पृथ्वी के ऊपर फैल जाए!

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 17-19
  • इफिसियों 5:17-33



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