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रविवार, 5 अप्रैल 2020

कौन है?



     कल्पना कीजिए, आप धूल भरे रास्ते के किनारे अनेकों लोगों के साथ खड़े हैं; लोग जानने के लिए उत्सुक्त, ताक रहे हैं, उचक-उचक कर देख रहे हैं कि कौन आ रहा है। लोगों को दूर कोई गदहे पर सवार हो कर आता हुआ दिखाई देता है। जैसे जैसे वह निकट आता जाता है, लोग अपने वस्त्र उसके आगे मार्ग पर बिछाते हैं, कोई पेड़ों से डालियाँ काटकर उसके मार्ग पर बिछाता है, तो कोई खजूर की डालियाँ काटकर बिछाता है। उसके आदर और स्तुति में लोग चिल्ला रहे हैं, परमेश्वर की बड़ाई कर रहे हैं।

     उनके क्रूस पर चढ़ाए जाने से कुछ दिन पहले, उनके अनुयायियों ने प्रभु यीशु का यरूशलेम में बड़े सम्मान के साथ स्वागत किया। वे आनंदित थे और परमेश्वर की स्तुति कर रहे थे, “...चेलों की सारी मण्‍डली उन सब सामर्थ के कामों के कारण जो उन्होंने देखे थे, आनन्‍दित हो कर बड़े शब्द से परमेश्वर की स्‍तुति करने लगी” (लूका 19:37)। प्रभु यीशु के भक्त उसके चारों और एकत्रित थे और कह रहे थे, “कि धन्य है वह राजा, जो प्रभु के नाम से आता है; स्वर्ग में शान्‍ति और आकाश मण्‍डल में महिमा हो” (पद 38)। उनके द्वारा किया जा रहा यह आदर और सम्मान यरूशलेम के लोगों को प्रभावित कर रहा था, और “जब उसने यरूशलेम में प्रवेश किया, तो सारे नगर में हलचल मच गई; और लोग कहने लगे, यह कौन है?” (मत्ती 21:10)।

     आज भी लोग प्रभु यीशु के बारे में जानने को जिज्ञासु हैं की वह कौन है। आज हम उनके मार्ग पर अपने वस्त्रों, पेड़ों तथा खजूर की डालियों को नहीं बिछा सकते हैं, परन्तु हम लोगों के सामने प्रभु का आदर और सम्मान, उनका बखान और गुणगान, आज भी कर सकते हैं। हम लोगों के साथ उनके अद्भुत कार्यों की चर्चा कर सकते हैं; प्रभु के समान ज़रूरतमंदों की सहायता के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, धैर्य के साथ आलोचना और बुराई को सहते हुए लोगों का भला कर सकते हैं; और प्रभु के समान प्रेम के द्वारा लोगों के सामने मसीही विश्वास के जीवन की एक गवाही रख सकते हैं। और तब, जब लोग आकर्षित होकर पूछेंगे, तो हम उन्हें बता सकते हैं कि प्रभु यीशु कौन है! – जेनिफर बेनसन शुल्ट

जब हम उसकी संतान के समान जीवन व्यतीत करते है, 
हम प्रभु परमेश्वर को आदर और सम्मान देते हैं।

पर मसीह को प्रभु जान कर अपने अपने मन में पवित्र समझो, और जो कोई तुम से तुम्हारी आशा के विषय में कुछ पूछे, तो उसे उत्तर देने के लिये सर्वदा तैयार रहो, पर नम्रता और भय के साथ। - 1 पतरस 3:15

बाइबल पाठ: लूका 19:28-40
लूका 19:28 ये बातें कहकर वह यरूशलेम की ओर उन के आगे आगे चला।
लूका 19:29 और जब वह जैतून नाम पहाड़ पर बैतफगे और बैतनियाह के पास पहुंचा, तो उसने अपने चेलों में से दो को यह कहके भेजा।
लूका 19:30 कि साम्हने के गांव में जाओ, और उस में पहुंचते ही एक गदही का बच्‍चा जिस पर कभी कोई सवार नहीं हुआ, बन्‍धा हुआ तुम्हें मिलेगा, उसे खोल कर लाओ।
लूका 19:31 और यदि कोई तुम से पूछे, कि क्यों खोलते हो, तो यह कह देना, कि प्रभु को इस का प्रयोजन है।
लूका 19:32 जो भेजे गए थे; उन्होंने जा कर जैसा उसने उन से कहा था, वैसा ही पाया।
लूका 19:33 जब वे गदहे के बच्‍चे को खोल रहे थे, तो उसके मालिकों ने उन से पूछा; इस बच्‍चे को क्यों खोलते हो?
लूका 19:34 उन्होंने कहा, प्रभु को इस का प्रयोजन है।
लूका 19:35 वे उसको यीशु के पास ले आए और अपने कपड़े उस बच्‍चे पर डालकर यीशु को उस पर सवार किया।
लूका 19:36 जब वह जा रहा था, तो वे अपने कपड़े मार्ग में बिछाते जाते थे।
लूका 19:37 और निकट आते हुए जब वह जैतून पहाड़ की ढलान पर पहुंचा, तो चेलों की सारी मण्‍डली उन सब सामर्थ के कामों के कारण जो उन्होंने देखे थे, आनन्‍दित हो कर बड़े शब्द से परमेश्वर की स्‍तुति करने लगी।
लूका 19:38 कि धन्य है वह राजा, जो प्रभु के नाम से आता है; स्वर्ग में शान्‍ति और आकाश मण्‍डल में महिमा हो।
लूका 19:39 तब भीड़ में से कितने फरीसी उस से कहने लगे, हे गुरू अपने चेलों को डांट।
लूका 19:40 उसने उत्तर दिया, कि तुम से कहता हूं, यदि ये चुप रहें, तो पत्थर चिल्ला उठेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमुएल 1-3
  • लूका 8:26-56



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