कुछ वर्ष पहले, मेरे साथ यात्रा कर रहे एक
साथी ने ध्यान किया कि दूर की चीज़ें देखने के लिए मुझे आँखों पर जोर देना पड़ रहा
है, मुझे कठिनाई हो रही है। उसने एक साधारण सा, किन्तु जीवन बदलने वाला कार्य
किया; उस ने अपना चश्मा उतारा और मुझे देते हुए कहा, “इसे लगा कर देखो” और जब
मैंने उस के चश्मे का प्रयोग किया तो मेरी धुंधली दृष्टि स्पष्ट हो गई। मैं चश्मा
बनाने वाले के पास गया, आँखों की जांच करवाई, अपने लिए भी एक चश्मा ले लिए, और
मुझे भी फिर से स्पष्ट दिखने लगा।
परमेश्वर के वचन बाइबल से लिया गया हमारा आज
का पाठ, एक अंधे व्यक्ति के बारे में है, जो बिलकुल अन्धकार में जीवन व्यतीत कर रहा
था, और उस के अंधेपन ने उसे भिखारी बना दिया था। इस अंधे भिखारी ने भी लोकप्रीय
शिक्षक और आश्चर्यकर्म करने वाले यीशु के बारे में सुना था। इसलिए जब एक दिन प्रभु
यीशु उसी मार्ग से हो कर निकले जिस के किनारे वह अंधा भिखारी बैठा हुआ था, तो उस
के मन में भी आशा जागृत हुई, और उस ने पुकारा, “तब उसने पुकार के कहा,
हे यीशु दाऊद की सन्तान, मुझ पर दया कर” (लूका 18:38)। वह चाहे शारीरिक रीति से अँधा था, परन्तु उस के पास
आत्मिक दृष्टि थी जिस से वह प्रभु यीशु की वास्तविक पहचान को देख सका और उस में
विश्वास रख सका, कि वह उस की आवश्यकता को अवश्य पूरी करेगा। लोगों ने उसे चुप रहने
के लिए कहा, किन्तु वह और भी जोर से चिल्लाने लगा (39)। परिणाम यह हुआ कि प्रभु
यीशु ने उसे अपने पास बुलाया, उसे चंगा किया, और उस का अंधापन जाता रहा। वह बैठ कर
भीख मांगने वाले से, उठ कर परमेश्वर की बड़ाई और स्तुति करने वाला बन गया (43),
क्योंकि वह अब देख सकता था।
जब आपके जीवन में अंधकार होता है, कुछ मार्ग
सूझ नहीं पड़ता है, तो आप किस की ओर मुड़ते हैं? आप किसे पुकारते हैं? शारीरिक आँखों
के चश्मे देखने में सहायता तो करते हैं, परन्तु परमेश्वर के पुत्र प्रभु यीशु का
करुणापूर्ण स्पर्श ही आत्मिक अन्धकार से अनंत ज्योति में ले कर आता है। - आर्थर
जैकसन
परमेश्वर पिता
उस से मांगने वालों को आत्मिक ज्योति देने से प्रसन्न होता है।
कि तू उन की
आंखे खोले, कि वे अंधकार से ज्योति की ओर, और शैतान के अधिकार से परमेश्वर की ओर फिरें; कि
पापों की क्षमा, और उन लोगों के साथ जो मुझ[यीशु] पर विश्वास
करने से पवित्र किए गए हैं, मीरास पाएं। - प्रेरितों 26:18
बाइबल पाठ: लूका
18:35-43
लूका 18:35 जब
वह यरीहो के निकट पहुंचा, तो एक अन्धा सड़क के किनारे बैठा
हुआ भीख मांग रहा था।
लूका 18:36 और
वह भीड़ के चलने की आहट सुनकर पूछने लगा, यह क्या हो रहा है?
लूका 18:37
उन्होंने उसको बताया, कि यीशु नासरी जा रहा है।
लूका 18:38 तब
उसने पुकार के कहा, हे यीशु दाऊद की सन्तान, मुझ पर दया कर।
लूका 18:39 जो
आगे जाते थे, वे उसे डांटने लगे कि चुप रहे: परन्तु वह और भी
चिल्लाने लगा, कि हे दाऊद की सन्तान, मुझ
पर दया कर।
लूका 18:40 तब
यीशु ने खड़े हो कर आज्ञा दी कि उसे मेरे पास लाओ, और जब वह
निकट आया, तो उसने उस से यह पूछा।
लूका 18:41 तू
क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं? उसने कहा; हे प्रभु यह कि मैं देखने लगूं।
लूका 18:42 यीशु
ने उस से कहा; देखने लग, तेरे विश्वास
ने तुझे अच्छा कर दिया है।
लूका 18:43 और
वह तुरन्त देखने लगा; और परमेश्वर की बड़ाई करता हुआ उसके
पीछे हो लिया, और सब लोगों ने देख कर परमेश्वर की स्तुति
की।
एक साल में
बाइबल:
- 2 इतिहास 23-24
- यूहन्ना 15
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें