ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शनिवार, 10 अक्तूबर 2020

साथ

 

         नशीली वस्तुओं की तस्करी करने के दोषी दो व्यक्तियों को मृत्यु दण्ड की सज़ा दी गई। उन्हें बंदीगृह में मृत्यु दण्ड के दिए जाने की प्रतीक्षा करते समय, उन्होंने उनके प्रति परमेश्वर के प्रेम और प्रभु यीशु मसीह में मिलने वाली पापों की क्षमा तथा उद्धार का सुसमाचार सुना, उस पर विश्वास किया, और पापों की क्षमा मांगकर उन्होंने अपने जीवन प्रभु को समर्पित किए, उनके जीवन बदल गए। जब उन्हें मृत्यु दण्ड दिए जाने की बारी आई, तो वे बंदूक की गोली से मारने वालों के सामने प्रभु की प्रार्थना को दोहराते हुए और “फज़ल अजीब” (Amazing Grace) गीत गाते हुए खड़े हुए, और गाते हुए ही मारे गए। परमेश्वर में उनके विश्वास, और पवित्र आत्मा की सामर्थ्य के कारण वे मृत्यु का सामना बहुत साहस के साथ कर सके।

         उन्होंने परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखे उनके उद्धारकर्ता, प्रभु यीशु के उदाहरण का अनुसरण किया। यह जानते हुए भी कि कुछ ही समय में उनकी मृत्यु अवश्यंभावी है, यीशु ने अपने शिष्यों के साथ अपनी अंतिम समय को भजन गाते हुए बिताया। यह अद्भुत है कि वे इन परिस्थितियों में भी स्तुति गीत गा सके; लेकिन इससे भी अद्भुत वे भजन हैं जिन्हें प्रभु यीशु ने गाया। उनके पकड़वाए जाने की रात को उन्होंने अपने शिष्यों के साथ फसह का भोज खाया था; और इस भोज का समापन सदा ही बाइबल में लिखे कुछ भजनों के साथ होता था। ये भजन, भजन 113-118 हल्लेल भजन कहलाते थे। मृत्यु का सामना करते हुए प्रभु यीशु ने  “मृत्यु की रस्सियों” (भजन 116:3) के बारे में गाया। फिर भी उन्होंने परमेश्वर के विश्वासयोग्य प्रेम की प्रशंसा की (भजन 117:2), और उद्धार के लिए उसका धन्यवाद किया (भजन 118:14)। निःसंदेह, उनकी क्रूस के मृत्यु से पहले, प्रभु यीशु को इन भजनों में होकर दिलासा मिली।

         परमेश्वर में प्रभु यीशु का विश्वास इतना दृढ़ था कि अपनी मृत्यु के निकट आने पर भी – ऐसी मृत्यु जिसे भोगने योग्य उन्होंने कोई कार्य नहीं किया था – उन्होंने परमेश्वर के प्रेम के बारे में भजन गाना पसंद किया। प्रभु यीशु के कारण, हम भी यह भरोसा रख सकते हैं कि हमें चाहे जिस परिस्थिति का सामना करना पड़े, हमें घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि पिता परमेश्वर सदा हमारे साथ है। - एमी पीटरसन

 

परमेश्वर के अनुग्रह का शब्द कितना मधुर है।


परमेश्वर मेरा बल और भजन का विषय है; वह मेरा उद्धार ठहरा है। - भजन 118:14

बाइबल पाठ: मरकुस 14:16-26

मरकुस 14:16 सो चेले निकलकर नगर में आये और जैसा उसने उन से कहा था, वैसा ही पाया, और फसह तैयार किया।

मरकुस 14:17 जब सांझ हुई, तो वह बारहों के साथ आया।

मरकुस 14:18 और जब वे बैठे भोजन कर रहे थे, तो यीशु ने कहा; मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम में से एक, जो मेरे साथ भोजन कर रहा है, मुझे पकड़वाएगा।

मरकुस 14:19 उन पर उदासी छा गई और वे एक एक कर के उस से कहने लगे; क्या वह मैं हूं?

मरकुस 14:20 उसने उन से कहा, वह बारहों में से एक है, जो मेरे साथ थाली में हाथ डालता है।

मरकुस 14:21 क्योंकि मनुष्य का पुत्र तो, जैसा उसके विषय में लिखा है, जाता ही है; परन्तु उस मनुष्य पर हाय जिस के द्वारा मनुष्य का पुत्र पकड़वाया जाता है! यदि उस मनुष्य का जन्म ही न होता, तो उसके लिये भला होता।

मरकुस 14:22 और जब वे खा ही रहे थे तो उसने रोटी ली, और आशीष मांगकर तोड़ी, और उन्हें दी, और कहा, लो, यह मेरी देह है।

मरकुस 14:23 फिर उसने कटोरा ले कर धन्यवाद किया, और उन्हें दिया; और उन सब ने उस में से पीया।

मरकुस 14:24 और उसने उन से कहा, यह वाचा का मेरा वह लहू है, जो बहुतों के लिये बहाया जाता है।

मरकुस 14:25 मैं तुम से सच कहता हूं, कि दाख का रस उस दिन तक फिर कभी न पीऊंगा, जब तक परमेश्वर के राज्य में नया न पीऊं।

मरकुस 14:26 फिर वे भजन गाकर बाहर जैतून के पहाड़ पर गए।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यशायाह 34-36
  • कुलुस्सियों 2

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें