अपने
बचपन में मुझे अपने स्थानीय पुस्तकालय जाना बहुत पसंद था। एक दिन किशोरावस्था के
लिए उपयुक्त पुस्तकों के संग्रह को देखते हुए मैंने सोचा कि मैं उन सभी पुस्तकों
को पढ़ लूंगी। अपने इस उत्साह में मैं यह ध्यान करना भूल गई कि पुस्तकालय के संग्रह
में नई पुस्तकें जोड़ी जाती रहती हैं। मैंने प्रयास तो बहुत किया किन्तु मैं सभी
पुस्तकों को पढ़ नहीं पाई, वे संख्या
में बहुत अधिक थीं।
नई
पुस्तकें निरंतर अलमारियाँ भरती चली जा रही हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में पाँच
पुस्तकों का लेखक, प्रेरित यूहन्ना
शायद आज पुस्तकों की संख्या को देखकर चकित होता, क्योंकि उसकी वे पाँच पुस्तकें चर्म पत्रों पर हाथ से लिखी गई थीं।
यूहन्ना
ने वे पुस्तकें इसलिए लिखीं क्योंकि उसने प्रभु यीशु मसीह के जीवन और सेवकाई, तथा प्रभु के साथ अपने जीवन के अनुभवों को
लिखने के लिए (1 यूहन्ना 1:1-4) पवित्र आत्मा के द्वारा प्रेरित अनुभव
किया। किन्तु यूहन्ना के द्वारा लिखे गई पुस्तकों में प्रभु द्वारा जो कुछ किया और
सिखाया गया, उसका एक अंश मात्र ही
है। स्वयं यूहन्ना ने ही यह कहा कि प्रभु यीशु ने अपनी सेवकाई में जो कुछ किया और
सिखाया, यदि वह सब लिखा जाता तो “और
भी बहुत से काम हैं, जो यीशु
ने किए; यदि वे एक एक कर के लिखे जाते, तो मैं समझता हूं, कि पुस्तकें जो लिखी जातीं वे जगत में भी न समातीं” (यूहन्ना 21:25)।
यूहन्ना
का यह दावा आज भी सत्य है। यद्यपि प्रभु यीशु के बारे में इतनी पुस्तकें लिखी जा
चुकी हैं, फिर भी संसार के पुस्तकालयों में उसके प्रेम और अनुग्रह की बातों और
लोगों के अनुभवों के सभी वर्णन नहीं समा सकते हैं। हम भी इस बात से आनन्दित हो
सकते हैं कि हमारे पास भी अपने व्यक्तिगत अनुभवों के वर्णन हैं, जिन्हें हम औरों के साथ बाँट सकते हैं, उन्हें लोगों को बता सकते हैं। - लीसा सामरा
मसीह के प्रेम और अनुग्रह का वर्णन अपने
जीवन के द्वारा होने दीजिए।
और उस से कहा, अपने घर जा कर अपने लोगों को बता, कि तुझ पर दया कर के प्रभु ने तेरे लिये कैसे बड़े काम किए हैं। - मरकुस 5:19
बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 1:1-4; यूहन्ना 21:24-25
1 यूहन्ना 1:1 उस जीवन के वचन के विषय में जो
आदि से था, जिसे हम ने सुना, और जिसे अपनी आंखों से देखा, वरन जिसे हम ने ध्यान से देखा; और हाथों से छूआ।
1 यूहन्ना 1:2 (यह जीवन प्रगट हुआ, और हम ने उसे देखा, और उस की गवाही देते हैं, और
तुम्हें उस अनन्त जीवन का समाचार देते हैं, जो पिता के साथ था, और हम पर
प्रगट हुआ)।
1 यूहन्ना 1:3 जो कुछ हम ने देखा और सुना है
उसका समाचार तुम्हें भी देते हैं, इसलिये
कि तुम भी हमारे साथ सहभागी हो; और हमारी
यह सहभागिता पिता के साथ, और उसके पुत्र
यीशु मसीह के साथ है।
1 यूहन्ना 1:4 और ये बातें हम इसलिये लिखते
हैं, कि हमारा आनन्द पूरा हो जाए।
यूहन्ना 21:24 यह वही चेला है, जो इन बातों
की गवाही देता है और जिसने इन बातों को लिखा है और हम जानते हैं, कि उस की गवाही सच्ची है।
यूहन्ना 21:25 और भी बहुत से काम हैं, जो यीशु ने किए; यदि वे एक एक कर के लिखे जाते, तो मैं समझता हूं, कि पुस्तकें
जो लिखी जातीं वे जगत में भी न समातीं।
एक साल में बाइबल:
- यशायाह 37-38
- कुलुस्सियों 3
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें