डॉक्टर
मेरे पति डैन से, अभी हाल ही में
पता चले उसके कैंसर के बारे में बात कर रहे थे, परन्तु उस डॉक्टर के चेहरे पर कोई चिंता की शिकन नहीं थी। मुस्कराते हुए
उसने डैन से कहा कि वह अपने प्रत्येक दिन का आरंभ, कम से कम तीन बातों के लिए
परमेश्वर को धन्यवाद के साथ करे। डैन ने उसकी बात मान ली, यह जानते हुए कि धन्यवादी और कृतज्ञ होने से मन को परमेश्वर की भलाई में
प्रोत्साहन मिलता है; और डैन अपने
प्रत्येक दिन का आरंभ स्तुति और धन्यवाद के शब्दों के साथ करता है। वह प्रति
प्रातः परमेश्वर का धन्यवाद करता है रात्रि के आराम और अच्छी नींद के लिए, साफ़-सुथरे बिस्तर के लिए, सूर्य के प्रकाश के लिए, मेज़ पर उपलब्ध भोजन के लिए, और मेरे होंठों की मुस्कान के लिए।
उसका
प्रत्येक शब्द दिल से आता है। परन्तु क्या यह मामूली भी प्रतीत हो सकता है? क्या
जीवन की छोटी छोटी बातों के लिए हमारी स्तुति और धन्यवाद सर्वशक्तिमान परमेश्वर के
लिए कोई महत्व रखते हैं? परमेश्वर
के वचन बाइबल में भजन 50 में भजनकार आसाप, जो दाऊद का प्रधान संगीतकार था, एक स्पष्ट बात कहता है। “मैं न तो तेरे घर से बैल न तेरे पशु-शालाओं से
बकरे ले लूंगा” (पद 9)। इस्राएलियों के द्वारा पारंपरिक रीति से चढ़ाए जाने
वाले इन बलिदानों की बजाए, परमेश्वर
चाहता है कि उसके लोग अपने हृदय उसे समर्पित करें और उसके प्रति कृतज्ञ होकर जीवन
व्यतीत करें (पद 14, 23)।
जैसा
मेरे पति ने अनुभव किया, सच्चे मन
से दिया गया धन्यवाद, हमारी आत्माओं
को प्रफुल्लित करता है। तब, जब हम
अपने संकट के दिन में परमेश्वर को पुकारते हैं, वह हमें छुड़ाता है (पद 15)। क्या इसका यह अर्थ है कि उसके दो वर्ष के
इलाज के दौरान डैन शारीरिक और आत्मिक रीति से पूर्णतः चंगा हो जाएगा? या इस जीवन के बाद ही उसकी चंगाई पूर्ण होगी? हम नहीं जानते हैं; परन्तु अभी, डैन परमेश्वर
को अपने धन्यवाद चढ़ाने से आनन्दित होता है। वह परमेश्वर का कृतज्ञ है उसके प्रेम, और उसके छुड़ाने वाला, चंगाई देने वाला मित्र होने के लिए। और हमारे मित्रगण इन बातों को सुनने
से आनन्दित होते हैं। - पेट्रीशिया रेबौन
परमेश्वर के प्रति मेरा धन्यवाद और
कृतज्ञता, उसके लिए बहुत महत्व रखता
है।
किसी भी बात की चिन्ता मत करो: परन्तु हर एक
बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना
और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित किए जाएं। - फिलिप्पियों
4:6
बाइबल पाठ: भजन 50:7-15
भजन संहिता 50:7 हे मेरी प्रजा, सुन, मैं बोलता हूं, और हे इस्राएल, मैं तेरे विषय
साक्षी देता हूं। परमेश्वर तेरा परमेश्वर मैं ही हूं।
भजन संहिता 50:8 मैं तुझ पर तेरे मेल बलियों के विषय दोष नहीं लगाता, तेरे होमबलि तो नित्य मेरे लिये चढ़ते हैं।
भजन संहिता 50:9 मैं न तो तेरे घर से बैल न तेरे पशु-शालाओं से बकरे ले लूंगा।
भजन संहिता 50:10 क्योंकि वन के सारे जीव-जन्तु और हजारों पहाड़ों के जानवर मेरे ही हैं।
भजन संहिता 50:11 पहाड़ों के सब पक्षियों को मैं जानता हूं, और मैदान पर चलने फिरने वाले जानवर मेरे ही हैं।
भजन संहिता 50:12 यदि मैं भूखा होता तो तुझ से न कहता; क्योंकि जगत और जो कुछ उस में है वह मेरा है।
भजन संहिता 50:13 क्या मैं बैल का मांस खाऊं, या बकरों का लहू पीऊं?
भजन संहिता 50:14 परमेश्वर को धन्यवाद ही का बलिदान चढ़ा, और परमप्रधान के लिये अपनी मन्नतें पूरी कर;
भजन संहिता 50:15 और संकट के दिन मुझे पुकार; मैं तुझे छुड़ाऊंगा, और तू मेरी
महिमा करने पाएगा।
एक साल में बाइबल:
- यहेजकेल 37-39
- 2 पतरस 2
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