अंग्रजी
में बच्चों की कहानियों की एक श्रृंखला के एक जाने-पहचाने पात्र, विनी-द-पूह की
कही एक बात काफी प्रसिद्ध रही है, “जिस व्यक्ति से आप बात कर रहे हैं, यदि वह आप की बात
को सुनता हुआ प्रतीत नहीं होता है, तो उसके प्रति धैर्य रखें। बहुत संभव है कि उसके कान
में कुछ रुई पड़ी हुई हो।”
अपने
वर्षों के अनुभव से मैंने सीखा है कि विनी की बात में कुछ दम हो सकता है। यदि कोई
आपकी बात सुन ही नहीं रहा है, चाहे आपकी बात सुनने और मानने से उसे लाभ होगा, तो संभव है कि
उसके सुन न पाने का कोई साधारण सा कारण हो, जैसे कि उसके कान में पड़े
रुई के कुछ रोएँ। इसलिए उस पर क्रोधित होने से पहले, कारान को पहचान कर उसका
निवारण कर लें। या फिर बाधा कुछ और गंभीर भी हो सकती है: कुछ लोगों के लिए सुनना
और ध्यान देना इसलिए कठिन होता है क्योंकि वे निराश, हतोत्साहित, और अन्दर से टूटे
हुए हैं।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में मूसा कहता है कि उसने इस्राएल के लोगों से बातें कीं, लेकिन उन्होंने
उसकी बात नहीं सुनी क्योंकि उनकी आत्माएं टूटी हुई थीं और उनके जीवन कठिन थे
(निर्गमन 6:9)। इब्रानी भाषा के जिस शब्द का अनुवाद ‘निराशा’ किया गया है, उसका शब्दार्थ
होता है “पूरी साँस न ले पाना”; मिस्र के कठोर दासत्व के कारण उन लोगों की “साँस
फूली हुई थी।” इस कारण, मूसा में होकर परमेश्वर द्वारा दिए गए निर्देशों को
इस्राएल के ध्यानपूर्वक न सुनने के लिए, परमेश्वर ने उनके साथ धैर्य पूर्ण व्यवहार
किया, और इस अवहेलना के लिए उनकी भर्त्सना या ताड़ना नहीं की।
हमें
क्या करना चाहिए जब लोग हमारी बात न सुनें? विनी के कही गई बात में
बुद्धिमत्ता है; “धैर्य रखें।” परमेश्वर ने अपने वचन में कहा है, “प्रेम धैर्यवान
है, प्रेम दयालु है” (1 कुरिन्थियों 13:4); वह प्रतीक्षा करता है। परमेश्वर उन
लोगों को तुरंत ही त्याग नहीं देता है, जो उसकी अवहेलना या अनसुनी करते हैं। वह अभी
भी उनमें कार्य कर रहा है, उनके दुःख में होकर, उनके प्रति हमारे प्रेम और
हमारी प्रार्थनाओं के द्वारा भी। संभव है कि अपने समय में, अपने तरीके से, वह उनके कान
खोलेगा कि वे सुन सकें। धैर्य रखें। - डेविड एच. रोपर
धैर्य रखें; अभी परमेश्वर का कार्य ज़ारी है।
वह [प्रेम] सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति
करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है। - 1 कुरिन्थियों 13:7
बाइबल पाठ: निर्गमन 6:1-9
निर्गमन 6:1 तब यहोवा ने मूसा से कहा, अब तू देखेगा कि मैं फिरौन से
क्या करूंगा; जिस से वह उन को बरबस
निकालेगा, वह तो उन्हें अपने देश
से बरबस निकाल देगा।
निर्गमन 6:2 और परमेश्वर ने मूसा से कहा, कि मैं यहोवा हूं।
निर्गमन 6:3 मैं सर्वशक्तिमान ईश्वर के नाम से इब्राहीम, इसहाक, और याकूब को दर्शन देता था, परन्तु यहोवा के नाम से मैं
उन पर प्रगट न हुआ।
निर्गमन 6:4 और मैं ने उनके साथ अपनी वाचा दृढ़ की है, अर्थात कनान देश जिस में वे
परदेशी हो कर रहते थे, उसे उन्हें दे दूं।
निर्गमन 6:5 और इस्राएली जिन्हें मिस्री लोग दासत्व में
रखते हैं उनका कराहना भी सुनकर मैं ने अपनी वाचा को स्मरण किया है।
निर्गमन 6:6 इस कारण तू इस्राएलियों से कह, कि मैं यहोवा हूं, और तुम को मिस्रियों के बोझों
के नीचे से निकालूंगा, और उनके दासत्व से तुम
को छुड़ाऊंगा, और अपनी भुजा बढ़ाकर
और भारी दण्ड देकर तुम्हें छुड़ा लूंगा,
निर्गमन 6:7 और मैं तुम को अपनी प्रजा बनाने के लिये अपना
लूंगा, और मैं तुम्हारा परमेश्वर
ठहरूंगा; और तुम जान लोगे कि
मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं जो तुम्हें मिस्रियों के बोझों के नीचे से निकाल ले
आया।
निर्गमन 6:8 और जिस देश के देने की शपथ मैं ने इब्राहीम, इसहाक, और याकूब से खाई थी उसी में
मैं तुम्हें पहुंचाकर उसे तुम्हारा भाग कर दूंगा। मैं तो यहोवा हूं।
निर्गमन 6:9 और ये बातें मूसा ने इस्राएलियों को सुनाईं; परन्तु उन्होंने मन की बेचैनी
और दासत्व की क्रूरता के कारण उसकी न सुनी।
एक साल में बाइबल:
- यहोशू 22-24
- लूका 3
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