कई वर्षों
तक मैं भय को अपने हृदय पर, उसकी रक्षा करने के लिए, एक ढाल
के समान लगाए रही। यह भय मेरे लिए एक बहाना बन गया, जिसके पीछे छुपकर मैं कुछ भी नया करने से कतराती थी, अपने सपनों को पूरा करने के प्रयास नहीं करती थी, और परमेश्वर की आज्ञाकारिता में जीने से बचती थी। हानि उठाने, दुःख सहने, और तिरस्कृत
होने के इस भय ने मुझे परमेश्वर तथा औरों के साथ प्रेम के घनिष्ठ संबंध बनाने से
रोके रखा। भय ने ही मुझे असुरक्षित और चिंतित रहने वाली, तथा जलन रखने वाली पत्नी, और आवश्यकता से कहीं अधिक नियंत्रण रखने और चिंता
करते रहने वाली माँ बना दिया। अब जब मैं यह सीखती जा रही हूँ कि परमेश्वर मुझ से
कितना प्रेम करता है, तो वह मुझे बदल भी रहा है और उससे
तथा औरों के साथ सही व्यवहार रखना सिखा रहा है। क्योंकि मुझे निश्चय है कि
परमेश्वर मेरा ध्यान रखेगा, इसलिए मैं उसमें सुरक्षित अनुभव
करती हूँ, तथा प्रार्थना में अपने से बढ़कर
औरों की आवश्यकताओं को उसके सामने रखने पाती हूँ।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में लिखा है कि परमेश्वर प्रेम है (1 यूहन्ना 4:7-8); प्रभु यीशु का
क्रूस पर दिया गया जीवन-बलिदान, उस प्रेम की सर्वोच्च अभिव्यक्ति
है, और हमारे प्रति उसकी प्रतिबद्धता की दृढ़ता का प्रमाण
है (पद 9-10)। क्योंकि परमेश्वर हम से प्रेम करता है, और हमारे अन्दर निवास करता है, इसलिए हम उस पर आधारित होकर जो
उसने हमारे लिए किया और जो वह है, औरों से भी प्रेम कर सकते हैं (पद
11-12)।
जिस पल हम
प्रभु यीशु मसीह को अपना उद्धारकर्ता स्वीकार करते हैं, उसी क्षण प्रभु हमें अपना पवित्र आत्मा प्रदान कर देता है, जो उसी पल से हमारे अन्दर निवास करने लग जाता है (पद
13-15)। पवित्र आत्मा हमारी सहायता करता है कि हम परमेश्वर के प्रेम को जानें और
उस पर निर्भर रहें, और वह हमें अधिकाधिक प्रभु यीशु के स्वरूप में ढालता चला जाता
है (पद 16-17)। जब हम परमेश्वर पर अपने भरोसे और मसीही विश्वास में बढ़ते जाते हैं, तो इससे हमारा भय समाप्त होता जाता है, क्योंकि हमें यह निश्चय होता चला जाता है कि परमेश्वर
हम से पूर्णतः और असीम प्रेम करता है (पद 18-19)।
जब हम
परमेश्वर को व्यक्तिगत रीति से अनुभव करते हैं, और उसके हमसे बिना किसी शर्त के किए गए प्रेम को अनुभव करते हैं, तो हम उसमें परिपक्व होने लगते हैं और फिर हम औरों
के साथ उसके बारे में बांटने से नहीं घबराते हैं; हम संसार के समक्ष उस प्रेम के निर्भीक गवाह बन जाते हैं। - सोहचील डिक्सन
प्रभु आपके हमारे प्रति अनन्त प्रेम के लिए धन्यवाद; हमें इस प्रेम को औरों तक पहुंचाने वाले बनाएँ।
क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना इकलौता
पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। - यूहन्ना 3:16
बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 4:7-21
1 यूहन्ना 4:7 हे प्रियो, हम आपस में प्रेम रखें; क्योंकि प्रेम परमेश्वर
से है: और जो कोई प्रेम करता है, वह परमेश्वर से
जन्मा है; और परमेश्वर को जानता है।
1 यूहन्ना 4:8 जो प्रेम नहीं रखता, वह परमेश्वर को नहीं जानता है, क्योंकि परमेश्वर
प्रेम है।
1 यूहन्ना 4:9 जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, वह इस से प्रगट हुआ, कि परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को जगत में भेजा है, कि हम उसके द्वारा जीवन पाएं।
1 यूहन्ना 4:10 प्रेम इस में नहीं कि हम ने परमेश्वर ने प्रेम
किया; पर इस में है, कि उसने हम से प्रेम किया; और हमारे पापों के प्रायश्चित्त के लिये अपने पुत्र को भेजा।
1 यूहन्ना 4:11 हे प्रियो, जब परमेश्वर ने हम से ऐसा प्रेम किया, तो हम को भी आपस में प्रेम रखना चाहिए।
1 यूहन्ना 4:12 परमेश्वर को कभी किसी ने नहीं देखा; यदि हम आपस में प्रेम रखें, तो परमेश्वर हम में बना रहता है; और उसका प्रेम हम में सिद्ध हो गया है।
1 यूहन्ना 4:13 इसी से हम जानते हैं, कि हम उस में बने रहते हैं, और वह हम में; क्योंकि उसने अपने आत्मा में से हमें
दिया है।
1 यूहन्ना 4:14 और हम ने देख भी लिया और गवाही देते हैं, कि पिता ने पुत्र को जगत का उद्धारकर्ता कर के भेजा है।
1 यूहन्ना 4:15 जो कोई यह मान लेता है, कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है: परमेश्वर उस में बना रहता
है, और वह परमेश्वर में।
1 यूहन्ना 4:16 और जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, उसको हम जान गए, और हमें उस की प्रतीति है; परमेश्वर प्रेम
है: जो प्रेम में बना रहता है, वह परमेश्वर में
बना रहता है; और परमेश्वर उस में बना रहता है।
1 यूहन्ना 4:17 इसी से प्रेम हम में सिद्ध हुआ, कि हमें न्याय के दिन हियाव हो; क्योंकि जैसा वह है, वैसे ही संसार में हम भी हैं।
1 यूहन्ना 4:18 प्रेम में भय नहीं होता, वरन सिद्ध प्रेम भय को दूर कर देता है, क्योंकि भय से कष्ट होता है, और जो भय करता है, वह प्रेम में सिद्ध नहीं हुआ।
1 यूहन्ना 4:19 हम इसलिये प्रेम करते हैं, कि पहिले उसने हम से प्रेम किया।
1 यूहन्ना 4:20 यदि कोई कहे, कि मैं परमेश्वर से प्रेम रखता हूं; और अपने भाई से बैर रखे; तो वह झूठा है:
क्योंकि जो अपने भाई से, जिस उसने देखा है, प्रेम नहीं रखता, तो वह परमेश्वर से भी जिसे उसने नहीं देखा, प्रेम नहीं रख सकता।
1 यूहन्ना 4:21 और उस से हमें यह आज्ञा मिली है, कि जो कोई अपने परमेश्वर से प्रेम रखता है, वह अपने भाई से भी प्रेम रखे।
एक साल में बाइबल:
- 2 इतिहास 10-12
- यूहन्ना 11:30-57
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