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सोमवार, 1 जून 2020

ठहरो



     मैं अपनी सहेली के साथ समुद्र तट पर सागर के किनारे रेत पर बैठी थी। सूर्यास्त का समय था और समुद्र की लहरें हमारे पांवों के पास तक आ आ कर वापस लौट जा रही थीं, पास तो पहुँचती थीं, किन्तु हमारे पांवों को छू नहीं पाती थीं। मेरी सहेली ने मुस्कुराते हुए कहा, “मुझे सागर पसंद है, वह गतिमान रहता है इसलिए मैं शांत होकर बैठ सकती हूँ।”

     कैसा अद्भुत विचार था! हम में से कितने हैं जो ठहर कर शांत हो जाने के लिए संघर्ष करते रहते हैं। हम करते, करते, करते रहते हैं, चलते, चलते, चलते रहते हैं, इस भय में कि यदि हम ने प्रयास करने छोड़ दिए तो हमारा अस्तित्व ही मिट जाएगा। या ठहर जाने के द्वारा हम अपने आप को उन वास्तविकताओं के समक्ष खड़ा पाएँगे, जिन्हें दूर रखने के लिए हम परिश्रम करते रहते हैं।

     परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 46:8-9 में परमेश्वर अपनी सामर्थ्य प्रदर्शित करता है और कहता है, “आओ, यहोवा के महाकर्म देखो, कि उसने पृथ्वी पर कैसा कैसा उजाड़ किया है। वह पृथ्वी की छोर तक लड़ाइयों को मिटाता है; वह धनुष को तोड़ता, और भाले को दो टुकड़े कर डालता है, और रथों को आग में झोंक देता है! ” परमेश्वर व्यस्त परमेश्वर है, जो इसलिए कार्यरत रहता है जिस से हमारे अस्त-व्यस्त दिनों की गड़बड़ी में शान्ति ला सके। और फिर वह 10 पद में कहता है, “चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान हूं!

     निःसंदेह, इधर-उधर भागते हुए भी परमेश्वर को जाना जा सकता है। परन्तु भजनकार द्वारा इस प्रकार का थका देने वाला परिश्रम करना छोड़ कर परमेश्वर को जानने के लिए उस के साथ समय बिताने के आह्वान में एक अलग ही अभिप्राय है। यह समझना कि हम ठहर सकते हैं, हम शांत हो सकते हैं, क्योंकि परमेश्वर सदा गतिमान रहता है; हमारे लिए, हमारे पक्ष में हो कर कार्य करता रहता है। तभी हम जान पाते हैं कि यह परमेश्वर की सामर्थ्य है जो हमें वास्तव में महत्त्व, सुरक्षा, और शान्ति देती है।

     आज, कुछ समय के लिए, उस की उपस्थिति में ठहर जाएँ। - एलीसा मॉर्गन

जब हम परमेश्वर की प्रेम भरी बाहों में, 
तथा उसकी सिद्ध इच्छा को पूरा करते हुए होते हैं, 
तो हम पूर्ण आराम में होते हैं।

हे यहोवा! महिमा, पराक्रम, शोभा, सामर्थ्य और वैभव, तेरा ही है; क्योंकि आकाश और पृथ्वी में जो कुछ है, वह तेरा ही है; हे यहोवा! राज्य तेरा है, और तू सभों के ऊपर मुख्य और महान ठहरा है। - 1 इतिहास 29:11

बाइबल पाठ: भजन संहिता 46
भजन संहिता 46:1 परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक।
भजन संहिता 46:2 इस कारण हम को कोई भय नहीं चाहे पृथ्वी उलट जाए, और पहाड़ समुद्र के बीच में डाल दिए जाएं;
भजन संहिता 46:3 चाहे समुद्र गरजे और फेन उठाए, और पहाड़ उसकी बाढ़ से कांप उठें।
भजन संहिता 46:4 एक नदी है जिसकी नहरों से परमेश्वर के नगर में अर्थात परमप्रधान के पवित्र निवास भवन में आनन्द होता है।
भजन संहिता 46:5 परमेश्वर उस नगर के बीच में है, वह कभी टलने का नहीं; पौ फटते ही परमेश्वर उसकी सहायता करता है।
भजन संहिता 46:6 जाति जाति के लोग झल्ला उठे, राज्य राज्य के लोग डगमगाने लगे; वह बोल उठा, और पृथ्वी पिघल गई।
भजन संहिता 46:7 सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है।
भजन संहिता 46:8 आओ, यहोवा के महाकर्म देखो, कि उसने पृथ्वी पर कैसा कैसा उजाड़ किया है।
भजन संहिता 46:9 वह पृथ्वी की छोर तक लड़ाइयों को मिटाता है; वह धनुष को तोड़ता, और भाले को दो टुकड़े कर डालता है, और रथों को आग में झोंक देता है!
भजन संहिता 46:10 चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान हूं!
भजन संहिता 46:11 सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है।   

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 15-16
  • यूहन्ना 12:27-50



रविवार, 31 मई 2020

पीड़ा



     उस ऊँची हृदय विदारक पुकार ने दोपहर के अंधियारे को बेध दिया। मैं कल्पना कर सकता हूँ कि उस आवाज़ ने यीशु के पांवों के निकट खड़े उन के प्रिय जनों के विलाप, और साथ में टंगे अपराधियों की आहों की आवाज़ को भी दबा दिया होगा, तथा सभी सुनने वालों को स्तब्ध कर दिया होगा। यीशु ने बड़ी पीड़ा में उस क्रूस पर टंगे हुए पुकारा, “एली, एली, लमा शबक्तनीहे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर टू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?” (मत्ती 27:45-46) जो उनके एकाकीपन की वेदना को व्यक्त कर रहा था।

     मैं इस से अधिक हृदय विदारक शब्दों की कल्पना भी नहीं कर सकता हूँ। अनन्तकाल से प्रभु यीशु पिता परमेश्वर के साथ सिद्ध सहभागिता में रहे थे, उन्होंने साथ मिलाकर इस सृष्टि की रचना की थी, मनुष्य को अपने स्वरूप में रचा था, और उद्धार के मार्ग की योजना बनाई थी। अभी तक एक भी ऐसा पल नहीं था जिसमें वे एक दूसरे से अलग हुए हों।

     किन्तु अब क्रूस पर टंगे होने की पीड़ा के साथ, प्रभु यीशु ने पहली बार परमेश्वर की अपने साथ उपस्थिति के न होने की वेदना को भी अनुभव किया, क्योंकि अब उन्होंने समस्त मानव-जाति के सभी पापों को अपने ऊपर ले लिया था, मनुष्यों के पापों को अपने ऊपर लेकर वे पाप बन गए थे, और इस दशा में परमेश्वर पिता ने उन से अपना मुँह फेर लिया था।

     यही एक मात्र मार्ग था। केवल उन की परमेश्वर के साथ की इस सहभागिता के टूटने के द्वारा ही हम मनुष्यों का उद्धार और परमेश्वर से मेल-मिलाप का मार्ग बन कर तैयार हो सकता था। क्योंकि प्रभु यीशु क्रूस की उस पीड़ा और परमेश्वर से सहभागिता टूटने की वेदना को सहने के लिए तैयार थे, इस लिए आज हम मसीही विश्वासी, वे जिन्होंने प्रभु के क्रूस पर किए गए इस कार्य को स्वीकार किया है, उन से अपने पापों की क्षमा मांग कर, अपना जीवन उन्हें समर्पित कर दिया है, परमेश्वर के साथ अनन्तकाल की सहभागिता का आनन्द ले सकते हैं।

     प्रभु यीशु आपका कोटि-कोटि धन्यवाद हो हमारे क्षमा के लिए उस हृदय विदारक पीड़ा सहना स्वीकार करने के लिए। - डेव ब्रैनन

क्रूस पाप में खोए हुए मनुष्यों के लिए परमेश्वर के प्रेम को प्रकट करता है।

जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में हो कर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं। - 2 कुरिन्थियों 5:21

बाइबल पाठ: मत्ती 27:32-50
मत्ती 27:32 बाहर जाते हुए उन्हें शमौन नाम एक कुरेनी मनुष्य मिला, उन्होंने उसे बेगार में पकड़ा कि उसका क्रूस उठा ले चले।
मत्ती 27:33 और उस स्थान पर जो गुलगुता नाम की जगह अर्थात खोपड़ी का स्थान कहलाता है पहुंचकर।
मत्ती 27:34 उन्होंने पित्त मिलाया हुआ दाखरस उसे पीने को दिया, परन्तु उसने चखकर पीना न चाहा।
मत्ती 27:35 तब उन्होंने उसे क्रूस पर चढ़ाया; और चिट्ठियां डालकर उसके कपड़े बांट लिए।
मत्ती 27:36 और वहां बैठकर उसका पहरा देने लगे।
मत्ती 27:37 और उसका दोषपत्र, उसके सिर के ऊपर लगाया, कि यह यहूदियों का राजा यीशु है
मत्ती 27:38 तब उसके साथ दो डाकू एक दाहिने और एक बाएं क्रूसों पर चढ़ाए गए।
मत्ती 27:39 और आने जाने वाले सिर हिला हिलाकर उस की निन्‍दा करते थे।
मत्ती 27:40 और यह कहते थे, कि हे मन्दिर के ढाने वाले और तीन दिन में बनाने वाले, अपने आप को तो बचा; यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो क्रूस पर से उतर आ।
मत्ती 27:41 इसी रीति से महायाजक भी शास्‍त्रियों और पुरनियों समेत ठट्ठा कर कर के कहते थे, इस ने औरों को बचाया, और अपने को नहीं बचा सकता।
मत्ती 27:42 यह तो इस्राएल का राजा है। अब क्रूस पर से उतर आए, तो हम उस पर विश्वास करें।
मत्ती 27:43 उसने परमेश्वर का भरोसा रखा है, यदि वह इस को चाहता है, तो अब इसे छुड़ा ले, क्योंकि इस ने कहा था, कि मैं परमेश्वर का पुत्र हूं
मत्ती 27:44 इसी प्रकार डाकू भी जो उसके साथ क्रूसों पर चढ़ाए गए थे उस की निन्‍दा करते थे।
मत्ती 27:45 दोपहर से ले कर तीसरे पहर तक उस सारे देश में अन्‍धेरा छाया रहा।
मत्ती 27:46 तीसरे पहर के निकट यीशु ने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, एली, एली, लमा शबक्तनी अर्थात हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?
मत्ती 27:47 जो वहां खड़े थे, उन में से कितनों ने यह सुनकर कहा, वह तो एलिय्याह को पुकारता है।
मत्ती 27:48 उन में से एक तुरन्त दौड़ा, और स्‍पंज ले कर सिरके में डुबोया, और सरकण्‍डे पर रखकर उसे चुसाया।
मत्ती 27:49 औरों ने कहा, रह जाओ, देखें, एलिय्याह उसे बचाने आता है कि नहीं।
मत्ती 27:50 तब यीशु ने फिर बड़े शब्द से चिल्लाकर प्राण छोड़ दिए।   

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 13-14
  • यूहन्ना 12:1-26



शनिवार, 30 मई 2020

शब्द



     कुछ समय पहले मैंने अपनी पत्नी कैरी को मोबाइल फोन पर बोल कर लिखा गया एक सन्देश भेजा। मैं उसे उसके कार्य स्थल से लेने के लिए जा रहा था, और मैंने जो सन्देश भेजने के लिए बोला था, वह था, “हे वृद्धा, तुम कहाँ चाहोगी कि मैं पहुँच कर तुम्हें लेने के लिए मिलूँ?” कैरी को बुरा नहीं लगता है जब मैं उसे ‘old gal’ (हे वृद्धा) कहता हूँ – यह हमारा घर में, परस्पर प्रेम व्यक्त करने के लिए प्रयोग किए जाने वाले उपनामों में से एक है। परन्तु मेरे फोन को ‘old gal’ समझ नहीं आया, और सन्देश में लिखा गया ‘old cow’ (बूढ़ी गाय), जो एक गाली के समान अपमानजनक शब्द है।

     सौभाग्य से कैरी तुरंत समझ गई कि क्या हुआ होगा, और उसने इसे मज़ाक के समान लिया। बाद में उसने मेरे इस सन्देश को, मेरी टांग खींचने के लिए, सोशल मीडिया पर भी डाला, और लोगों से पूछा “अब बताओ मुझे क्या करना चाहिए?” हम दोनों इसे लेकर हँसी-मज़ाक करते रहे।

     उस दिन मेरे सन्देश के भद्दे शब्द के प्रति मेरी पत्नी की प्रेम भरी प्रतिक्रिया ने मुझे हमारी प्रार्थनाओं के प्रति परमेश्वर की प्रेम तथा समझ से भरी प्रतिक्रिया के बारे में विचार करने पर विवश किया। जब हम प्रार्थना करते हैं तो हो सकता है कि हम अपने आप को ठीक से व्यक्त नहीं करने पाते हैं, या कभी-कभी हमें समझ भी नहीं होती है कि हम क्या मांगें। परन्तु क्योंकि हम मसीह यीशु के हैं, और हमारे अन्दर उसका पवित्र आत्मा निवास करता है, इसलिए “इसी रीति से आत्मा भी हमारी दुर्बलता में सहायता करता है, क्योंकि हम नहीं जानते, कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए; परन्तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर जो बयान से बाहर है, हमारे लिये बिनती करता है” (रोमियों 8:26)। स्वयं परमेश्वर ही हमारे लिए प्रावधान करता है कि हमारी आवश्यकताएँ उस के समक्ष रखी जा सकें।

     हमारा स्वर्गीय पिता दूर खड़ा यह प्रतीक्षा नहीं करता रहता है कि हम सही शब्द लेकर उस के समक्ष प्रार्थना में प्रस्तुत हो सकें। हम अपनी प्रत्येक आवश्यकता के लिए निःसंकोच उस के समक्ष आ सकते हैं, आश्वस्त कि वह हमें प्रेम के साथ स्वीकार करता है, वह हमारे हर शब्द को समझता है। - जेम्स बैंक्स

परमेश्वर का प्रेम शब्दों से परे है।

हे यहोवा जैसी तुझ पर हमारी आशा है, वैसी ही तेरी करूणा भी हम पर हो। - भजन 33:22

बाइबल पाठ: रोमियों 8:22-27
रोमियों 8:22 क्योंकि हम जानते हैं, कि सारी सृष्टि अब तक मिलकर कराहती और पीड़ाओं में पड़ी तड़पती है।
रोमियों 8:23 और केवल वही नहीं पर हम भी जिन के पास आत्मा का पहिला फल है, आप ही अपने में कराहते हैं; और लेपालक होने की, अर्थात अपनी देह के छुटकारे की बाट जोहते हैं।
रोमियों 8:24 आशा के द्वारा तो हमारा उद्धार हुआ है परन्तु जिस वस्तु की आशा की जाती है जब वह देखने में आए, तो फिर आशा कहां रही? क्योंकि जिस वस्तु को कोई देख रहा है उस की आशा क्या करेगा?
रोमियों 8:25 परन्तु जिस वस्तु को हम नहीं देखते, यदि उस की आशा रखते हैं, तो धीरज से उस की बाट जोहते भी हैं।
रोमियों 8:26 इसी रीति से आत्मा भी हमारी दुर्बलता में सहायता करता है, क्योंकि हम नहीं जानते, कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए; परन्तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर जो बयान से बाहर है, हमारे लिये बिनती करता है।
रोमियों 8:27 और मनों का जांचने वाला जानता है, कि आत्मा की मनसा क्या है क्योंकि वह पवित्र लोगों के लिये परमेश्वर की इच्छा के अनुसार बिनती करता है।  

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 10-12
  • यूहन्ना 11:30-57



शुक्रवार, 29 मई 2020

केंद्र बिंदु



     हम जलपोत में यात्रा करने जा रहे थे। जैसे ही उस जलपोत ने चलना आरम्भ किया, मेरी बेटी की तबियत खराब होने लगी, उसे मितली आने लगी। थोड़ी ही देर में मैं भी वैसा ही अनुभव करने लगी। ऐसे में करने के लिए मुझे नाविकों द्वारा कही जाने वाली बात याद आई, “क्षितिज पर टकटकी लगाए रहो।”

     परमेश्वर के वचन बाइबल में हम लिखा पाते हैं कि क्षितिज का बनाने वाला (अय्यूब 26:10) जानता है कि जीवन में हमें विचलित और भयभीत करने वाले समय आएँगे। उन समयों में भी हम अपनी अनंत नियति के दूर किन्तु स्थिर बिंदु पर ध्यान केन्द्रित करने के द्वारा अपने दृष्टिकोण को सही कर सकते हैं।

     बाइबल में इब्रानियों के नाम लिखी पत्री का लेखक यह बात जानता था। उसने अपने पाठकों में एक निराशा की अनुभूति की; उन के मसीही विश्वास के कारण उन पर आए सताव ने उन में से अनेकों को बेघर कर दिया था। इस लिए उस ने उन्हें स्मरण कराया कि अन्य विश्वासी लोगों ने भी विकट परिस्थितियों को झेला था और बेघर भी रहे थे। उन्होंने इस सब को इस लिए सहन किया क्योंकि उन्हें कुछ और बेहतर के आशा थी।

     निर्वासित लोग होने के कारण, वे स्वर्गीय देश में स्थित उस नगर की बाट देख सकते थे जिसका रचयिता परमेश्वर है, वह स्थान जो परमेश्वर ने उन के लिए तैयार किया था (इब्रानियों 11:10, 14, 16)। इस लिए अपनी पत्री का समापन करते हुए लेखक अपने पाठकों से कहता है कि वे परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं पर अपने ध्यान केन्द्रित रखें, “क्योंकि यहां हमारा कोई स्थिर रहने वाला नगर नहीं, वरन हम एक आने वाले नगर की खोज में हैं” (इब्रानियों 13:14)।

     हमारी वर्तमान परेशानियाँ कुछ समय की हैं। हम “पृथ्वी पर परदेशी और बाहरी हैं” (11:13), लेकिन परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं के क्षितिज पर ध्यान केन्द्रित करने से हमें वह स्थिर केंद्र बिंदु मिलता है जो हमें विचलित नहीं होने देगा। - कीला ओकोआ

परमेश्वर पर ध्यान केन्द्रित कर करके स्थिर दृष्टिकोण प्राप्त करें।

हे प्रियों मैं तुम से बिनती करता हूं, कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जान कर उस सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्मा से युद्ध करती हैं, बचे रहो। - 1 पतरस 2:11

बाइबल पाठ: इब्रानियों 11:8-16
इब्रानियों 11:8 विश्वास ही से इब्राहीम जब बुलाया गया तो आज्ञा मानकर ऐसी जगह निकल गया जिसे मीरास में लेने वाला था, और यह न जानता था, कि मैं किधर जाता हूं; तौभी निकल गया।
इब्रानियों 11:9 विश्वास ही से उसने प्रतिज्ञा किए हुए देश में जैसे पराए देश में परदेशी रह कर इसहाक और याकूब समेत जो उसके साथ उसी प्रतिज्ञा के वारिस थे, तम्बूओं में वास किया।
इब्रानियों 11:10 क्योंकि वह उस स्थिर नेव वाले नगर की बाट जोहता था, जिस का रचने वाला और बनाने वाला परमेश्वर है।
इब्रानियों 11:11 विश्वास से सारा ने आप बूढ़ी होने पर भी गर्भ धारण करने की सामर्थ पाई; क्योंकि उसने प्रतिज्ञा करने वाले को सच्चा जाना था।
इब्रानियों 11:12 इस कारण एक ही जन से जो मरा हुआ सा था, आकाश के तारों और समुद्र के तीर के बालू के समान, अनगिनित वंश उत्पन्न हुआ।
इब्रानियों 11:13 ये सब विश्वास ही की दशा में मरे; और उन्होंने प्रतिज्ञा की हुई वस्तुएं नहीं पाईं; पर उन्हें दूर से देखकर आनन्‍दित हुए और मान लिया, कि हम पृथ्वी पर परदेशी और बाहरी हैं।
इब्रानियों 11:14 जो ऐसी ऐसी बातें कहते हैं, वे प्रगट करते हैं, कि स्‍वदेश की खोज में हैं।
इब्रानियों 11:15 और जिस देश से वे निकल आए थे, यदि उस की सुधि करते तो उन्हें लौट जाने का अवसर था।
इब्रानियों 11:16 पर वे एक उत्तम अर्थात स्‍वर्गीय देश के अभिलाषी हैं, इसी लिये परमेश्वर उन का परमेश्वर कहलाने में उन से नहीं लजाता, सो उसने उन के लिये एक नगर तैयार किया है।  

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 7-9
  • यूहन्ना 11:1-29



गुरुवार, 28 मई 2020

स्मरण


     दो दशक तक अपने देश की सेवा एक हेलीकॉप्टर पायलेट हो कर करने के पश्चात, जेम्स अपने समुदाय में सेवा निवृत हो कर आया, कि एक शिक्षक बन कर समुदाय की सेवा कर सके। किन्तु उसे हेलीकॉप्टर उड़ाने का बहुत चाव था, इसलिए वह अपने स्थानीय अस्पताल के लिए लोगों को हेलीकॉप्टर से लाने-लेजाने का कार्य करने लग गया, और काफी आयु तक यह करता रहा।

     अब वह दिन आ गया जब हम सब उसे अंतिम विदाई देते। कब्रिस्तान में परिवार जन, मित्रगण, और वर्दी पहने हुए सह-कर्मी खड़े थे, और जेम्स के एक सहकर्मी ने रेडियो से उसके लिए अंतिम उड़ान की पुकार की। थोड़ी ही देर में हेलीकॉप्टर उड़ने की आवाज़ आने लगी, उस हेलीकॉप्टर ने कब्रिस्तान का एक चक्कर लगाया, कुछ देर जेम्स की कब्र पर स्थिर उड़ता रहा, और फिर वापस उड़ कर अस्पताल चला गया। वहाँ उपस्थित सभी लोगों की आँखें भर आईं, उपस्थित सेना के अधिकारियों की भी।

     परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि जब राजा शाऊल और उस का पुत्र योनातान युद्ध में मारे गए, और दाऊद को इस का पता चला, तो उसने उनके लिए एक विलापगीत लिखा, जो “धनुष गीत” (2 शमूएल 1:18) के नाम से परमेश्वर के वचन का अनन्तकाल के लिए भाग बन गया। दाऊद ने लिखा, “हे इस्राएल, तेरा शिरोमणि तेरे ऊंचे स्थान पर मारा गया। हाय, शूरवीर क्योंकर गिर पड़े हैं” (पद 19)। योनातान दाऊद का निकटतम मित्र और साथी योद्धा था। यद्यपि शाऊल दाऊद का शत्रु बन गया था और उस की जान लेने के प्रयास करता रहा था, फिर भी दाऊद ने दोनों को आदर दिया; उस ने लिखा, “...शाऊल के लिये रोओ...हे मेरे भाई योनातन, मैं तेरे कारण दु:खित हूँ...” (पद 24, 26)।

     सब से अच्छे से निभाए गए अंतिम विदाई के क्षण भी कितने कठिन होते हैं। परन्तु हम मसीही विश्वासियों के लिए, जाने वाले प्रिय जनों का स्मरण कटु नहीं मधुर होता है, क्योंकि हम जानते हैं कि यह सदा के लिए नहीं है; प्रभु में हमारी एक आशा है, और जो प्रभु में सो गए हैं वे सदा काल तक एक साथ रहने के लिए जागृत भी होंगे। वह समय आने तक, उन के स्मरण और प्रभु की आशा हमें सांत्वना देते हैं। - टिम गुस्ताफ्सन

जब हम उसकी सृष्टि के लोगों को आदर देते हैं, हम सृष्टिकर्ता को आदर देते हैं।

हे भाइयों, हम नहीं चाहते, कि तुम उनके विषय में जो सोते हैं, अज्ञान रहो; ऐसा न हो, कि तुम औरों के समान शोक करो जिन्हें आशा नहीं। क्योंकि यदि हम प्रतीति करते हैं, कि यीशु मरा, और जी भी उठा, तो वैसे ही परमेश्वर उन्हें भी जो यीशु में सो गए हैं, उसी के साथ ले आएगा। - 1 थिस्स्लुनीकियों 4:13-14

बाइबल पाठ: 2 शमूएल 1:17-27
2 शमूएल 1:17 (शाऊल और योनातन के लिये दाऊद का बनाया हुआ विलापगीत ) तब दाऊद ने शाऊल और उसके पुत्र योनातन के विषय यह विलापगीत बनाया,
2 शमूएल 1:18 और यहूदियों को यह धनुष नाम गीत सिखाने की आज्ञा दी; यह याशार नाम पुस्तक में लिखा हुआ है;
2 शमूएल 1:19 हे इस्राएल, तेरा शिरोमणि तेरे ऊंचे स्थान पर मारा गया। हाय, शूरवीर क्योंकर गिर पड़े हैं!
2 शमूएल 1:20 गत में यह न बताओ, और न अश्कलोन की सड़कों में प्रचार करना; न हो कि पलिश्ती स्त्रियाँ आनन्दित हों, न हो कि खतनारहित लोगों की बेटियां गर्व करने लगें।
2 शमूएल 1:21 हे गिलबो पहाड़ो, तुम पर न ओस पड़े, और न वर्षा हो, और न भेंट के योग्य उपज वाले खेत पाए जाएं! क्योंकि वहां शूरवीरों की ढालें अशुद्ध हो गई। और शाऊल की ढाल बिना तेल लगाए रह गई।
2 शमूएल 1:22 जूझे हुओं के लोहू बहाने से, और शूरवीरों की चर्बी खाने से, योनातन का धनुष लौट न जाता था, और न शाऊल की तलवार छूछी फिर आती थी।
2 शमूएल 1:23 शाऊल और योनातन जीवनकाल में तो प्रिय और मनभाऊ थे, और अपनी मृत्यु के समय अलग न हुए; वे उकाब से भी वेग चलने वाले, और सिंह से भी अधिक पराक्रमी थे।
2 शमूएल 1:24 हे इस्राएली स्त्रियो, शाऊल के लिये रोओ, वह तो तुम्हें लाल रंग के वस्त्र पहिनाकर सुख देता, और तुम्हारे वस्त्रों के ऊपर सोने के गहने पहिनाता था।
2 शमूएल 1:25 हाय, युद्ध के बीच शूरवीर कैसे काम आए! हे योनातन, हे ऊंचे स्थानों पर जूझे हुए,
2 शमूएल 1:26 हे मेरे भाई योनातन, मैं तेरे कारण दु:खित हूँ; तू मुझे बहुत मनभाऊ जान पड़ता था; तेरा प्रेम मुझ पर अद्‌भुत, वरन स्त्रियों के प्रेम से भी बढ़कर था।
2 शमूएल 1:27 हाय, शूरवीर क्योंकर गिर गए, और युद्ध के हथियार कैसे नाश हो गए हैं!  

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 4-6
  • यूहन्ना 10:24-42


बुधवार, 27 मई 2020

व्यवाहरिक प्रेम



     मेरे पति को एक महीने के लिए काम से बाहर जाना पड़ा, और उन के जाने लगभग तुरंत बाद ही मेरे घर, मेरे काम, और मेरे बच्चों से संबंधित कार्यों ने मझे अभिभूत कर दिया। मुझे एक लेख लिख कर देना था, जिसकी समय सीमा सिर पर थी; आँगन की घास काटने वाली मशीन में कुछ खराबी आ गई; मेरे बच्चे जो उन दिनों स्कूल की छुट्टी के कारण घर पर थे, ऊब का व्याकुल हो रहे थे। मैं अकेली इन सब बातों का एक साथ ख्याल कैसे कर पाती?

     लेकिन तभी मुझे पता चल गया कि मैं अकेली नहीं हूँ। हमारे चर्च से मित्र लोग मेरी सहायता करने के लिए आगे आए। जौश ने घर आकर घास काटने वाली मशीन को ठीक कर दिया। जॉन हम सब के लिए दोपहर का भोजन बना कर ले आया। कैसीड्डी ने कपड़ों की धुलाई करने में मेरी सहायता की। एबी ने मेरे बच्चों को अपने बच्चों के साथ समय बिताने और खेलने के लिए अपने घर बुला लिया, जिस से मुझे अपना लेख लिख कर भेजने के लिए समय मिल जाए। परमेश्वर ने उन सभी मित्रों में हो कर कार्य किया और मेरी आवश्यकताओं को पूरा कर दिया। वे सभी मिलकर परमेश्वर के वचन बाइबल में रोमियों 12 में वर्णित समुदाय का सजीव चित्रण थे। उनका प्रेम निष्कपट था (पद 9), उन्होंने केवल अपनी ही नहीं वरन औरों की आवश्यकताओं का भी ध्यान रखा (पद 10), और मेरी आवश्यकता के समय में मेरी सहायता की, और आतिथ्य दिखाया (पद 13)।

     उस प्रेम के कारण जो मेरे मित्रों ने मुझ से दिखाया, मैं “आशा में आनन्दित” और एक महीने तक अकेले ही घर चलाने के “क्लेश में स्थिर” (पद 12) रह सकी। मसीह में मेरे भाई और बहन, जैसा एक मित्र कहता है “परमेश्वर की सदेह सहायता” बन गए। उन्होंने मुझे वह सच्चा व्यवहारिक प्रेम दिखाया जो हमें सभी को दिखाना चाहिए, विशेष कर हम मसीही विश्वासियों के समुदाय में परस्पर दिखाना चाहिए (गलातियों 6:10)। मेरा प्रयास है कि मैं भी उन के समान ही व्यवहारिक प्रेम को दिखा सकूँ।

ऐसा कौन है जिस के लिए मैं आज “परमेश्वर की सदेह सहायता” बन सकता हूँ?

इसलिये जहां तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें; विशेष कर के विश्वासी भाइयों के साथ। - गलतियों 6:10

बाइबल पाठ: रोमियों 12:9-18
रोमियों 12:9 प्रेम निष्कपट हो; बुराई से घृणा करो; भलाई मे लगे रहो।
रोमियों 12:10 भाईचारे के प्रेम से एक दूसरे पर दया रखो; परस्पर आदर करने में एक दूसरे से बढ़ चलो।
रोमियों 12:11 प्रयत्न करने में आलसी न हो; आत्मिक उन्माद में भरो रहो; प्रभु की सेवा करते रहो।
रोमियों 12:12 आशा मे आनन्दित रहो; क्लेश मे स्थिर रहो; प्रार्थना मे नित्य लगे रहो।
रोमियों 12:13 पवित्र लोगों को जो कुछ अवश्य हो, उस में उन की सहायता करो; पहुनाई करने मे लगे रहो।
रोमियों 12:14 अपने सताने वालों को आशीष दो; आशीष दो श्राप न दो।
रोमियों 12:15 आनन्द करने वालों के साथ आनन्द करो; और रोने वालों के साथ रोओ।
रोमियों 12:16 आपस में एक सा मन रखो; अभिमानी न हो; परन्तु दीनों के साथ संगति रखो; अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न हो।
रोमियों 12:17 बुराई के बदले किसी से बुराई न करो; जो बातें सब लोगों के निकट भली हैं, उन की चिन्ता किया करो।
रोमियों 12:18 जहां तक हो सके, तुम अपने भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 1-3
  • यूहन्ना 10:1-23



मंगलवार, 26 मई 2020

परवाह



     बचपन में मैं जब भी अपने आप को अकेला, या तिरस्कृत, या खेदित अनुभव करता था, तो मेरी माँ मुझे उभारने और प्रसन्न करने के लिए एक छोटा सा गीत गाने लगती थीं, “मुझे कोई नहीं चाहता है; सब मुझ से घृणा करते हैं; मुझे लगता है कि मुझे अब कीड़े ही खाने होंगे।” जब यह सुन कर मेरे चेहरे पर एक मुस्कान आती तो वह मेरे साथ बैठतीं और मुझे उन सभी संबंधों और कृतज्ञ होने के कारणों को समझातीं जो वास्तव में मेरे साथ थे।

     जब मैं परमेश्वर के वचन बाइबल में पढ़ता हूँ कि दाऊद को भी कुछ ऐसी ही अकेलेपन और उपेक्षा की भावनाओं का सामना करना पड़ा था, तो मुझे अपनी माँ का वही गीत स्मरण हो आता है। लेकिन मेरी भावनाओं के समान, दाऊद की वे दुखदायी भावनाएँ कोई बढ़ा-चढ़ा कर कही गई बात नहीं थीं। मैं तो मेरी उस आयु में सामान्यतः सभी को होने वाली भावनाएँ अनुभव करता था, किन्तु दाऊद के पास अकेला और उपेक्षित अनुभव करने के उचित और पर्याप्त कारण थे।

     दाऊद ने वे शब्द एक गुफा में लिखे थे, जहाँ वह शाउल से अपनी जान बचाने के लिए  छुपा हुआ था, क्योंकि शाउल दाऊद की जान लेना चाहता था (1 शमूएल 22:1; 24:3-10)। दाऊद ने शाउल की सेवा में कई वर्ष बिताए थे, और उसे पर्म्केश्वर की ओर से इस्राएल का भावी राजा अभिषेक किया जा चुका था (16:13), परन्तु अब उस का जीवन एक से दूसरे स्थान अपनी जान बचाने के लिए भागते हुए बीत रहा था। अपने उस अकेलेपन और जोखिम की स्थिति में दाऊद ने परमेश्वर को पुकारा, उसे अपना “शरणस्थान” और जीवन का भाग कहा (भजन 142:5)।

     दाऊद के समान हम भी, जब भी अकेला, उपेक्षित, और बेसहारा अनुभव करें, तो अपनी भावनाओं को परमेश्वर के सम्मुख व्यक्त कर सकते हैं, और उस के प्रेम में शरणस्थान पा सकते हैं। परमेश्वर हमारे अकेलेपन को कभी कम नहीं आंकता है। वह हमारे जीवन की गहरी अंधेरी गुफाओं में हमारा साथी बन कर रहना चाहता है। चाहे हमें लगे कि किसी को हमारी परवाह नहीं है, परन्तु परमेश्वर हमेशा हमारी परवाह करता है। - कर्स्टिन होल्म्बर्ग

हमारे जीवन के अकेलेपन के समयों में भी परमेश्वर सदा हमारे साथ है।

तेरे जीवन भर कोई तेरे साम्हने ठहर न सकेगा; जैसे मैं मूसा के संग रहा वैसे ही तेरे संग भी रहूंगा; और न तो मैं तुझे धोखा दूंगा, और न तुझ को छोडूंगा। - यहोशू 1:5

बाइबल पाठ: भजन 142
भजन संहिता 142:1 मैं यहोवा की दोहाई देता, मैं यहोवा से गिड़गिड़ाता हूं,
भजन संहिता 142:2 मैं अपने शोक की बातें उस से खोल कर कहता, मैं अपना संकट उस के आगे प्रगट करता हूं।
भजन संहिता 142:3 जब मेरी आत्मा मेरे भीतर से व्याकुल हो रही थी, तब तू मेरी दशा को जानता था! जिस रास्ते से मैं जाने वाला था, उसी में उन्होंने मेरे लिये फन्दा लगाया।
भजन संहिता 142:4 मैं ने दाहिनी ओर देखा, परन्तु कोई मुझे नहीं देखता है। मेरे लिये शरण कहीं नहीं रही, न मुझ को कोई पूछता है।
भजन संहिता 142:5 हे यहोवा, मैं ने तेरी दोहाई दी है; मैं ने कहा, तू मेरा शरणस्थान है, मेरे जीते जी तू मेरा भाग है।
भजन संहिता 142:6 मेरी चिल्लाहट को ध्यान देकर सुन, क्योंकि मेरी बड़ी दुर्दशा हो गई है! जो मेरे पीछे पड़े हैं, उन से मुझे बचा ले; क्योंकि वे मुझ से अधिक सामर्थी हैं।
भजन संहिता 142:7 मुझ को बन्दीगृह से निकाल कि मैं तेरे नाम का धन्यवाद करूं! धर्मी लोग मेरे चारों ओर आएंगे; क्योंकि तू मेरा उपकार करेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 28-29
  • यूहन्ना 9:24-41