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रविवार, 13 फ़रवरी 2011

बुद्धिमान योजनाकार

जब प्रसिद्ध चित्रकार और शिल्पकार माईकिलऐंजलो भव्य भवन "St. Peter's Cathedral" पर कार्य कर रहे थे, तो उसके साथ काम करने वाले अन्य लोग उसकी आलोचना करने लगे। उस महान कलाकर ने उन्हें कहा "यदि मैं जो कर रहा हूँ वह तुम्हें समझा भी सकूँ - जो मैं नहीं कर सकता - तौ भी मैं ऐसा करने के लिये बाध्य नहीं हूँ। मैं तुम से केवल इतना ही कहना चाहता हूँ कि मेरी भरसक सहायता करो, और जब काम पूरा हो जाएगा तो तुम्हारी समझ भी आ जाएगा।" इतिहास इस बात का गवाह है कि वह सही था। जो उसके काम की आलोचना कर रहे थे वे अपने अज्ञान के कारण ऐसा कर रहे थे; क्योंकि महान कलाकार के मन की बात वे समझ नहीं पा रहे थे, वे पूरी तस्वीर और उसकी सुन्दरता की कलपना भी नहीं कर पा रहे थे।

कुछ ऐसा ही परमेश्वर की योजनओं के साथ भी है। हमारे सीमित दृष्टिकोण के कारण हमें बहुत सी बातें अनियंत्रित और अनायास प्रतीत होती हैं। जो लोग क्लेष, विरोध और परीक्षाओं से होकर निकलते हैं उनके लिये कई बार परमेश्वर के कार्य और योजनाएं समझ से बाहर होती हैं, लेकिन हमारा स्वर्गीय पिता चाहता है कि चाहे हम उसे और उसके कार्यों को न भी समझ सकें, लेकिन उस पर भरोसा बनाए रखें। क्योंकि परमेश्वर सब कुछ जानता है और आखिरकर उसकी योजना और कार्य का परिणाम भला ही होगा और हम एक दिन परमेश्वर के बुद्धिमान योजनाओं में आनन्दित होंगे।

स्तुति गीतों के लेखक विलियम काउपर ने सर्वज्ञानी और सर्वसामर्थी परमेश्वर की अद्भुत और समझ से परे योजनाओं के लिये अपने एक गीत में लिखा "परमेश्वर रहस्यमय तरीकों से अपने अद्भुत कार्य करता है; वह अपने कदम परिस्थितियों के समुद्र पर स्थिर रखता है और जीवन के तूफानों पर सवारी करता है।"

हमारा परमेश्वर एक बुद्धिमान योजनाकार है, उस पर और उसकी योजनओं पर विश्वास बनाए रखें। - रिचर्ड डी हॉन


जब परमेश्वर कुछ अद्भुत करना चाहता है तो अकसर मुश्किलों से आरंभ करता है।

परन्तु वह जानता है, कि मैं कैसी चाल चला हूँ, और जब वह मुझे ता लेगा तब मैं सोने के समान निकलूंगा। - अय्युब २३:१०



बाइबल पाठ:
अय्युब १:१३-२२, ४२:१२-१७

१:१३-२२

एक दिन अय्यूब के बेटे-बेटियां बड़े भाई के घर में खाते और दाखमधु पी रहे थे।
तब एक दूत अय्यूब के पास आकर कहने लगा, हम तो बैलों से हल जोत रहे थे, और गदहियां उनके पास चर रही थीं,
कि शबा के लोग धावा करके उनको ले गए, और तलवार से तेरे सेवकों को मार डाला, और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।
वह अभी यह कह ही रहा था कि दूसरा भी आकर कहने लगा, कि परमेश्वर की आग आकाश से गिरी और उस से भेड़-बकरियां और सेवक जलकर भस्म हो गए, और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।
वह अभी यह कह ही रहा था, कि एक और भी आकर कहने लगा, कि कसदी लोग तीन गोल बान्धकर ऊंटों पर धावा करके उन्हें ले गए, और तलवार से तेरे सेवकों को मार डाला, और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।
वह अभी यह कह ही रहा था, कि एक और भी आकर कहने लगा, तेरे बेटे-बेटियां बड़े भाई के घर में खाते और दाखमधु पीते थे,
कि जंगल की ओर से बड़ी प्रचणड वायु चली, और घर के चारों कोनों को ऐसा झोंका मारा, कि वह जवानों पर गिर पड़ा और वे मर गए; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।
तब अय्यूब उठा, और बागा फाड़, सिर मुंड़ाकर भूमि पर गिरा और दणडवत करके कहा,
मैं अपनी मां के पेट से नंगा निकला और वहीं नंगा लौट जाऊंगा; यहोवा ने दिया और यहोवा ही ने लिया; यहोवा का नाम धन्य है।
इन सब बातों में भी अय्यूब ने न तो पाप किया, और न परमेश्वर पर मूर्खता से दोष लगाया।


४२:१२-१७

और यहोवा ने अय्यूब के पिछले दिनों में उसको अगले दिनों से अधिक आशीष दी, और उसके चौदह हजार भेंड़ बकरियां, छ:हजार ऊंट, हजार जोड़ी बैल, और हजार गदहियां हो गईं।
और उसके सात बेटे ओर तीन बेटियां भी उत्पन्न हुई।
इन में से उस ने जेठी बेटी का नाम तो यमीमा, दूसरी का कसीआ और तीसरी का केरेन्हप्पूक रखा।
और उस सारे देश में एंसी स्त्रियां कहीं न थीं, जो अय्यूब की बेटियों के समान सुन्दर हों, और उनके पिता ने उनको उनके भाइयों के संग ही सम्पत्ति दी।
इसके बाद अय्यूब एक सौ चालीस वर्ष जीवित रहा, और चार पीढ़ी तक अपना वंश देखने पाया।
निदान अय्यूब वृद्धावस्था में दीर्घायु होकर मर गया।


एक साल में बाइबल:
  • लैव्यवस्था १४
  • मत्ती २६:५१-७५

शनिवार, 12 फ़रवरी 2011

सब बातों द्वारा भलाई

युसुफ के भाईयों ने उस की इमानदारी और खराई के कारण उससे बैर रखा और उसे मार डलने की योजना बनाई, फिर उसे दास होने के लिये बेच दिया, और वह दास बनाकर मिस्त्र ले जाया गया। लेकिन मिस्त्र में युसुफ वहां के शासक फिरौन का विश्वासपात्र बना और फिरौन ने उसे अपने बाद देश के दूसरे शासक होने का पद दिया और युसुफ की सूझ बूझ द्वारा मिस्त्र भयंकर अकाल का सामना कर सका और वहां भोजन सामग्री उपलब्ध रही। उस अकाल के समय यूसुफ के भाई मिस्त्र से भोजन लेने आये, वे यह नहीं जानते थे कि यूसुफ जीवित है और वह ही भोजन सामग्री के वितरण को नियंत्रित करता है। उन्होंने उसे नहीं पहचाना, लेकिन बाद में यूसुफ ने अपने आप को उनपर प्रगट किया और उनसे कहा: "अब तुम लोग मत पछताओ, और तुम ने जो मुझे यहां बेच डाला, इस से उदास मत हो क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हारे प्राणों को बचाने के लिये मुझे आगे से भेज दिया है।" ( उत्पत्ति ४५:५) और बाद में उनहें फिर दिलासा दी: "यद्यपि तुम लोगों ने मेरे लिये बुराई का विचार किया था, परन्तु परमेश्वर ने उसी बात में भलाई का विचार किया, जिस से वह ऐसा करे, जैसा आज के दिन प्रगट है, कि बहुत से लोगों के प्राण बचे हैं।" ( उत्पत्ति ५०:२०)

मैं परमेश्वर का बहुत धन्यवादी और उससे आश्वस्त हूँ कि उसकी सामर्थ और बुद्धिमता के कारण उसके कोई भी उद्देश्य कभी विफल नहीं होते; यहां तक की वह लोगों के षड़यंत्रों और नुकसान की योजनाओं से भी भलाई उत्पन्न कर सकता है। मेरे लिये उसकी यह सामर्थ कि चाहे कोई मेरी कैसी भी बुराई करने का प्रयत्न करे, मेरा परमेश्वर मेरे लिये उसमें से भी मेरे लिये भलाई और अपनी महिमा उत्पन्न कर देगा बहुत उत्साहित, आश्वस्त और प्रोत्साहित करने वाली है।

जब हम परिस्थितियों, चुनौतियों और क्लेशों के कारण निराश हों तो हम परमेश्वर की बुद्धिमता, सामर्थ और सार्वभौमिकता में विश्वास रख कर आनन्दित हो सकते हैं - वह हमारे लिये सब बातों द्वारा हमारी भलाई ही करवा रहा है "और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्‍पन्न करती हैं, अर्थात उन्‍हीं के लिये जो उस की इच्‍छा के अनुसार बुलाए हुए हैं।" (रोमियों ८:२८) - रिचर्ड डी हॉन


ठोकर खाकर अटक जाना परमेश्वर द्वारा किसी नए और उत्तम मार्ग के खोले जाने का सूचक हो सकता है।

यद्यपि तुम लोगों ने मेरे लिये बुराई का विचार किया था, परन्तु परमेश्वर ने उसी बात में भलाई का विचार किया, जिस से वह ऐसा करे, जैसा आज के दिन प्रगट है, कि बहुत से लोगों के प्राण बचे हैं। - उत्पत्ति ५०:२०


बाइबल पाठ: उत्पत्ति ४५:१-८

तब यूसुफ उन सब के साम्हने, जो उसके आस पास खड़े थे, अपने को और रोक न सका और पुकार के कहा, मेरे आस पास से सब लोगों को बाहर कर दो। भाइयों के साम्हने अपने को प्रगट करने के समय यूसुफ के संग और कोई न रहा।
तब वह चिल्ला चिल्लाकर रोने लगा : और मिस्रियों ने सुना, और फिरौन के घर के लोगों को भी इसका समाचार मिला।
तब यूसुफ अपने भाइयों से कहने लगा, मैं यूसुफ हूं, क्या मेरा पिता अब तब जीवित है? इसका उत्तर उसके भाई न दे सके क्योंकि वे उसके साम्हने घबरा गए थे।
फिर यूसुफ ने अपने भाइयों से कहा, मेरे निकट आओ। यह सुनकर वे निकट गए। फिर उस ने कहा, मैं तुम्हारा भाई यूसुफ हूं, जिसको तुम ने मिस्र आनेहारों के हाथ बेच डाला था।
अब तुम लोग मत पछताओ, और तुम ने जो मुझे यहां बेच डाला, इस से उदास मत हो क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हारे प्राणों को बचाने के लिये मुझे आगे से भेज दिया है।
क्योंकि अब दो वर्ष से इस देश में अकाल है और अब पांच वर्ष और ऐसे ही होंगे, कि उन में न तो हल चलेगा और न अन्न काटा जाएगा।
सो परमेश्वर ने मुझे तुम्हारे आगे इसी लिये भेजा, कि तुम पृथ्वी पर जीवित रहो, और तुम्हारे प्राणों के बचने से तुम्हारा वंश बढ़े।
इस रीति अब मुझ को यहां पर भेजने वाले तुम नहीं, परमेश्वर ही ठहरा: और उसी ने मुझे फिरौन का पिता सा, और उसके सारे घर का स्वामी, और सारे मिस्र देश का प्रभु ठहरा दिया है।


एक साल में बाइबल:
  • लैव्यवस्था १३
  • मत्ती २६:२६-५०

शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2011

स्त्रोत

इंगलैंड के ब्रिस्टॉल शहर में जौर्ज म्यूलर २००० बच्चों के लिये अनाथालय चलाते थे। एक शाम, यह जानकर कि बच्चों के प्रातः के नाशते तक के लिये अनाथालय में भोजन सामग्री नहीं बची है, उन्होंने अपने सहकर्मियों को बुलाया, और उन्हें स्थिति से अवगत कराया। उसके बाद वे सब प्रार्थना करने बैठे। जब दो, तीन जन प्रार्थना कर चुके तो जौर्ज म्यूलर ने कहा कि "इतना काफी है, अब आईये उठकर प्रार्थना का उत्तर देने के लिये परमेश्वर का धन्यवाद करें"; इसके बाद वे सब अपने अपने स्थानों को विश्राम के लिये चले गये। प्रातः होने पर जब उन्होंने अनाथालय का प्रवेश द्वार खोलने का प्रयास किया तो किसी चीज़ के दबाव के कारण वे उसे खोलने नहीं पाये। कारण जांचने के लिये वे पिछले दरवाज़े से बाहर निकले और अनाथालय का चक्कर लगा कर प्रवेश द्वार पर पहुंचे और कारण देखा - भोजन से भरे हुए कई टोकरे जो द्वार से सटाकर रखे गए थे, जिससे द्वार खुल नहीं पा रहा था। बाद में अनाथालय के एक कार्यकर्ता ने कहा, "हम यह तो जानते हैं कि यह सब भोजन किसने भेजा, बस यह नहीं जानते कि यहां तक लेकर कौन आया।"

यदि हम मसीही विश्वासी अपने जीवन में होने वाली अनपेक्षित घटनाओं के पीछे चलने वाली प्रक्रिया को देख सकते तो पाते कि सब कुछ परमेश्वर द्वारा अद्भुत रीति से नियंत्रित और संचालित है। वह अपने प्रत्येक सन्तान की प्रत्येक आवश्यक्ता को जानता भी है और उसे पूरा करने का इंतज़ाम भी करता है। परमेश्वर कई प्रकार के सन्देशवाहक और साधन अपनी आशीशें अपने बच्चों तक पहुंचाने के लिये प्रयोग करता है। चाहे हम उसके छिपे हुए हाथ को कार्य करते नहीं देख पाते, लेकिन वह सदा हमारे लिये कार्यरत रहता है। कभी कभी हमें लगता है कि हम अपने संसाधनों के बिल्कुल अंत पर आ गये हैं, परन्तु आश्वस्त रहिये, आप का स्वर्गीय पिता स्थिति को भली भांति जानता है, और यह भी कि आपको कब किस चीज़ की आवश्यक्ता है।

जब हम स्त्रोत को जानते हैं और उस पर विश्वास रखते हैं, तो हमें उसके द्वारा उपलब्ध कराने के माध्यम, विधि और समय के लिये चिंतित या विचिलित होने की आवश्यक्ता नहीं है। हमारा दिव्य स्त्रोत ही हमारे मसीही विश्वासी जीवन में शांति और सन्तुष्टि का कारण है। - पौल वैन गौर्डर


परमेश्वर अकसर अपनी सहायता मनुष्यों द्वारा ही उपलब्ध कराता है।

...और तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता जानता है, कि तुम्हें ये सब वस्‍तुएं चाहिएं। - मत्ती ६:३२


बाइबल पाठ: मत्ती ६:२४-३४

कोई मनुष्य दो स्‍वामियों की सेवा नहीं कर सकता, क्‍योंकि वह एक से बैर ओर दूसरे से प्रेम रखेगा, वा एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्‍छ जानेगा। तुम परमेश्वर और धन दोनो की सेवा नहीं कर सकते।
इसलिये मैं तुम से कहता हूं, कि अपने प्राण के लिये यह चिन्‍ता न करना कि हम क्‍या खाएंगे और क्‍या पीएंगे और न अपने शरीर के लिये कि क्‍या पहिनेंगे? क्‍या प्राण भोजन से, और शरीर वस्‍त्र से बढ़कर नहीं?
आकाश के पक्षियों को देखो! वे न बोते हैं, न काटते हैं, और न खत्तों में बटोरते हैं; तौभी तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता उन को खिलाता है, क्‍या तुम उन से अधिक मूल्य नहीं रखते?
तुम में कौन है, जो चिन्‍ता करके अपनी अवस्था में एक घड़ी भी बढ़ा सकता है?
और वस्‍त्र के लिये क्‍यों चिन्‍ता करते हो? जंगली सोसनों पर ध्यान करो, कि वै कैसे बढ़ते हैं, वे न तो परिश्रम करते हैं, न कातते हैं।
तौभी मैं तुम से कहता हूं, कि सुलैमान भी, अपने सारे वैभव में उन में से किसी के समान वस्‍त्र पहिने हुए न था।
इसलिये जब परमेश्वर मैदान की घास को, जो आज है, और कल भाड़ में झोंकी जाएगी, ऐसा वस्‍त्र पहिनाता है, तो हे अल्पविश्वासियों, तुम को वह क्‍योंकर न पहिनाएगा?
इसलिये तुम चिन्‍ता करके यह न कहना, कि हम क्‍या खाएंगे, या क्‍या पीएंगे, या क्‍या पहिनेंगे?
क्‍योंकि अन्यजाति इन सब वस्‍तुओं की खोज में रहते हैं, और तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता जानता है, कि तुम्हें ये सब वस्‍तुएं चाहिएं।
इसलिये पहिले तुम उसके राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्‍तुएं तुम्हें मिल जाएंगी।
सो कल के लिये चिन्‍ता न करो, क्‍योकि कल का दिन अपनी चिन्‍ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है।

एक साल में बाइबल:
  • लैव्यवस्था ११-१२
  • मत्ती २६:१-२५

गुरुवार, 10 फ़रवरी 2011

आवश्यक्ताएं या अभिलाषाएं?

लेखक और वक्ता चार्ल्स एलन ने अपनी पुस्तक God's Psychiatry में एक रोचक सत्य कथा लिखी है: जब दूसरा विश्वयुद्ध अपनी समाप्ति के निकट था, तब "मित्र देशों" की सेनाओं ने बहुत से अनाथ और भूखे बच्चों को विशेष कैम्पों में एकत्रित कर लिया, जहां उनकी अच्छे से देखरेख होती थी और भरपूरी से खाने को मिलता था। इतनी अच्छी देखभाल और भोजन के बावजूद भी उनमें से बहुतेरे बेचैन रहते और रात को ठीक से सो नहीं पाते थे। वे घबराये हुए और भयभीत प्रतीत होते थे। एक मनोवैज्ञनिक ने इसका कारण समझा और सुझाव दिया जो बहुत कारगर रहा। उसने कहा कि रात को सोने के लिये लेटते समय प्रत्येक बच्चे को ब्रैड का एक टुकुड़ा पकड़ने को दिया जाए। उन्हें इसे खाना नहीं था, केवल पकड़े रहना था और पकड़े पकड़े ही सो जाना था। हाथ में पकड़ी हुई रोटी के टुकड़े ने अद्भुत नतीजे दिखाए। बच्चे निष्चिंत होकर सो सके क्योंकि उन्हें अब विश्वास था कि उनके पास सवेरे के लिये रोटी है और कल उन्हें भूखा नहीं रहना होगा।

हम में से अधिकांश के पास आज और कल के लिये भी काफी भोजन और जीव्न की सभी आवश्यक्ताएं हैं। फिर भी उन बच्चों की तरह हम मन में बेचैन और परेशान रहते हैं। क्यों? या तो हम परमेश्वर की विश्वासयोग्यता पर भरोसा नहीं रखते, या हमें लगता है कि जो कुछ हमारे पास है वह हमारी आवश्यक्ताओं के लिये काफी नहीं है।

हमने अभिलषाओं और आवश्यक्ताओं को एक दूसरे से बदल डाला है - अब हमें हमारी अभिलाषाएं ही आवश्यक्ताएं प्रतीत होती हैं, और उनकी पूर्ति की चिंता हमें बेचैन रखती है।

भजन ३७:४ "यहोवा को अपने सुख का मूल जान, और वह तेरे मनोरथों को पूरा करेगा" का परमेश्वर का वायदा भी इस बात को नहीं सिखाता कि परमेश्वर हमारी हर इच्छा को पूरी करने का आश्वासन देता है। यह वायदा एक सशर्त वायदा है - पहले हमें परमेश्वर यहोवा को अपने सुख का मूल मानना है, अर्थात परमेश्वर पर पूरा विश्वास, उससे पूरा प्रेम, उसकी पूरी आज्ञाकारिता; तब ही वह हमारी इच्छाओं को पूरा भी करेगा, क्योंकि तब हमारी इच्छाएं भी स्वतः ही परमेश्वर की इच्छाओं के अनुरूप हो जाएंगीं। सच्ची सन्तुष्टि इसी से मिलती है। - डेनिस डी हॉन


सच्ची सन्तुष्टी बड़ी दौलत रखने से नहीं अपितु छोटी अभिलाषाएं रखने से मिलती है।

यहोवा को अपने सुख का मूल जान, और वह तेरे मनोरथों को पूरा करेगा। - भजन ३७:४


बाइबल पाठ: लूका १२:२२-३४

फिर उस [प्रभु यीशु] ने अपने चेलों से कहा: इसलिये मैं तुम से कहता हूं, अपने प्राण की चिन्‍ता न करो, कि हम क्‍या खाएंगे? न अपने शरीर की कि क्‍या पहिनेंगे?
क्‍योंकि भोजन से प्राण, और वस्‍त्र से शरीर बढ़कर है।
कौवों पर ध्यान दो, वे न बोते हैं, न काटते, न उन के भण्‍डार और न खत्ता होता है, तौभी परमेश्वर उन्‍हें पालता है तुम्हारा मूल्य पक्षियों से कहीं अधिक है।
तुम में से ऐसा कौन है, जो चिन्‍ता करने से अपनी अवस्था में एक घड़ी भी बढ़ा सकता है?
इसलिये यदि तुम सब से छोटा काम भी नहीं कर सकते, तो और बातों के लिये क्‍यों चिन्‍ता करते हो?
सोसनों के पौधों पर ध्यान करो कि वे कैसे बढ़ते हैं; वे न परिश्र्म करते, न कातते हैं: तौभी मैं तुम से कहता हूं, कि सुलैमान भी, अपने सारे वैभव में, उन में से किसी एक के समान वस्‍त्र पहिने हुए न था।
इसलिये यदि परमेश्वर मैदान की घास को जो आज है, और कल भाड़ में झोंकी जाएगी, ऐसा पहिनाता है तो हे अल्प विश्वासियों, वह तुम्हें क्‍यों न पहिनाएगा?
और तुम इस बात की खोज में न रहो, कि क्‍या खाएंगे और क्‍या पीएंगे, और न सन्‍देह करो।
क्‍योंकि संसार की जातियां इन सब वस्‍तुओं की खोज में रहती हैं: और तुम्हारा पिता जानता है, कि तुम्हें इन वस्‍तुओं की आवश्यकता है।
परन्‍तु उसके राज्य की खोज में रहो, तो ये वस्‍तुऐं भी तुम्हें मिल जाएंगी।
हे छोटे झुण्‍ड, मत डर क्‍योंकि तुम्हारे पिता को यह भाया है, कि तुम्हें राज्य दे।
अपनी संपत्ति बेचकर दान कर दो और अपने लिये ऐसे बटुए बनाओ, जो पुराने नहीं होते, अर्थात स्‍वर्ग पर ऐसा धन इकट्ठा करो जो घटता नहीं और जिस के निकट चोर नहीं जाता, और कीड़ा नहीं बिगाड़ता।
क्‍योंकि जहां तुम्हारा धन है, वहां तुम्हारा मन भी लगा रहेगा।

एक साल में बाइबल:
  • लैव्यवस्था ८-१०
  • मत्ती २५:३१-४६

बुधवार, 9 फ़रवरी 2011

न परमेश्वर है, न आलू!

एक कम्यूनिस्ट देश में एक सामाजिक संसाधन अधिकारी गांव के एक किसान के पास पहुंचा और उसकी आलू की फसल के बारे जानना चाहा। किसान ने कहा "फसल तो बहुत बढ़िया रही।" अधिकरी प्रसन्न होकर बोला, "बहुत अच्छे, बहुत अच्छे - कितनी फसल हुई?" किसान ने बोला, "ओह, फसल तो परमेश्वर जैसी बढ़िया हुई।" अधिकारी की भृकुटि तन गई और वह सखत भाव से बोला, "कॉमरेड, तुम्हें नहीं भूलना चहिये कि हम किसी परमेश्वर में विश्वास नहीं करते और कोई परमेश्वर नहीं है।" किसान ने कहा, "जनाब आप सही कह रहे हैं, मैं भी वही कह रहा हूँ - न परमेश्वर है, न आलू!"

इस हास्य कथा में एक गहरा अर्थ छुपा है - परमेश्वर ही हर बात का स्त्रोत है - चाहे हम इसे माने या न माने। प्रेरित पौलुस ने अपने अविश्वासी श्रोताओं से कहा "क्‍योंकि हम उसी में जीवित रहते, और चलते-फिरते, और स्थिर रहते हैं" (प्रेरितों १७:२८)। उसने परमेश्वर के सृष्टि की रचना और संचालन के महान कार्यों को परमेश्वर के पुत्र प्रभु यीशु मसीह में केंद्रित दिखाया (कुलुस्सियों १:१६-१८)। उसके बिना हम एक सांस भी नहीं ले सकते, हमारे शरीर कुछ नहीं कर सकते और हमारी प्रतिदिन की आवश्यक्ताएं पूरी नहीं हो सकतीं; कहने का तात्पर्य यह है कि जीवन संभव नहीं है।

नास्तिकों ने अपने आप को कायल कर रखा है कि परमेश्वर नहीं है, लेकिन हम जो प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर की संतान हैं, इससे भिन्न जानते हैं। लेकिन मुख्य प्रश्न तो यह है कि क्या हम अपने इस विश्वास को अपने जीवन द्वारा प्रदर्शित भी करते हैं?

प्रत्येक मसीही विश्वासी को प्रतिदिन अपनी प्रत्येक आवश्यक्ता के लिये अपने उद्धारकर्ता प्रभु पर आश्रित और आश्वस्त रहना चाहिये, और उसके अनुग्रहकारी हाथों से मिली अपनी प्रत्येक आशीश के लिये निरंतर उसका धन्यवादी और कृतज्ञ रहना चाहिए, और अपने जीवन से इस बात की गवाही संसार के समक्ष रखनी चाहिए। - डेनिस डी हॉन


संसाधनों और आवश्यक्ता पूर्ति की शेष कड़ियां किसी के भी हाथों में प्रतीत हों, पहली कड़ी सदा परमेश्वर ही के हाथ में होती है।

क्‍योंकि हम उसी में जीवित रहते, और चलते-फिरते, और स्थिर रहते हैं" - प्रेरितों १७:२८


बाइबल पाठ: कुलुस्सियों १:९-१९

इसी लिये जिस दिन से यह सुना है, हम भी तुम्हारे लिये यह प्रार्थना करने और बिनती करने से नहीं चूकते कि तुम सारे आत्मिक ज्ञान और समझ सहित परमेश्वर की इच्‍छा की पहिचान में परिपूर्ण हो जाओ।
ताकि तुम्हारा चाल-चलन प्रभु के योग्य हो, और वह सब प्रकार से प्रसन्न हो, और तुम में हर प्रकार के भले कामों का फल लगे, और परमेश्वर की पहिचान में बढ़ते जाओ।
और उस की महिमा की शक्ति के अनुसार सब प्रकार की सामर्थ से बलवन्‍त होते जाओ, यहां तक कि आनन्‍द के साथ हर प्रकार से धीरज और सहनशीलता दिखा सको।
और पिता का धन्यवाद करते रहो, जिस ने हमें इस योग्य बनाया कि ज्योति में पवित्र लोगों के साथ मीरास में समभागी हों।
उसी ने हमें अन्‍धकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया।
जिस से हमें छुटकारा अर्थात पापों की क्षमा प्राप्‍त होती है।
वह तो अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्‍टि में पहिलौठा है।
क्‍योंकि उसी में सारी वस्‍तुओं की सृष्‍टि हुई, स्‍वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्‍या सिंहासन, क्‍या प्रभुतांए, क्‍या प्रधानताएं, क्‍या अधिकार, सारी वस्‍तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं।
और वही सब वस्‍तुओं में प्रथम है, और सब वस्‍तुएं उसी में स्थिर रहती हैं।
और वही देह, अर्थात कलीसिया का सिर है, वही आदि है और मरे हुओं में से जी उठने वालों में पहिलौठा कि सब बातों में वही प्रधान ठहरे।
क्‍योंकि पिता की प्रसन्नता इसी में है कि उस में सारी परिपूर्णता वास करे।

एक साल में बाइबल:
  • लैव्यवस्था ६-७
  • मत्ती २५:१-३०

मंगलवार, 8 फ़रवरी 2011

हस्ताक्षरित बलैंक चैक

पाद्री विलबर चैपमैन के परिवार में घटी एक त्रासदी के कारण उन्हें बहुत दूर की यात्रा करनी पड़ी। एक बैंक अधिकारी, जो उनके चर्च आया करता था, उनके यात्रा पर प्रस्थान से ठीक पहले उनसे मिला, और बात करते करते उनके हाथ में एक कागज़ पकड़ा दिया। जब चैपमैन ने उसे देखा तो वह उनके नाम पर बनाया गया चैक था जिसमें रकम तो नहीं भरी गई थी पर उस बैंक अधिकारी के हस्ताक्षर हो रखे थे। आश्चर्यचकित चैपमैन ने उस अधिकारी से पूछा, "यानि कि आप मुझे एक हस्ताक्षरित चैक दे रहें हैं जिस में मैं अपनी इच्छानुसर रकम भर कर बैंक से निकाल सकता हूँ?" उस अधिकरी ने कहा, "जी हां, क्योंकि मुझे पता नहीं कि आपको कितनी सहायता की आवश्यक्ता हो सकती है, इसलिये अपनी आवश्यक्ता अनुसार आप रकम भर कर इसे प्रयोग कर सकते हैं।" चैपमैन ने बड़े धन्यवाद सहित उस भेंट को स्वीकार करके अपने पास रख लिया।

बाद में उन्होंने बताया, "मुझे उस चैक से कोई पैसा निकलवाने की ज़रूरत तो नहीं पड़ी, लेकिन उस यात्रा में वह मेरे लिये बहुत सन्तुष्टि का कारण रहा। इस जानकरी ने कि कभी भी, मेरी आवश्यक्तानुसार धन मेरे लिये सहज ही उपलब्ध है, पूरी यात्रा में एक सुखदायक अनुभूति बनाए रखी।"

यद्यपि मनुष्य के संसाधन परमेश्वर के संसधनों के सामने तो कुछ भी नहीं हैं, तौभी यह कथा इस तथ्य को समझने में हमारी सहायता करती है कि प्रभु यीशु में होकर परमेश्वर के अपार संसाधन उसके लोगों के लिये उपलब्ध हैं। इस विष्य में हमारे मन में यदि कभी कोई संदेह या चिंता आए तो हमें फिलिप्पियों ४:१९ को देख लेना चहिये - परमेश्वर द्वारा हस्ताक्षरित बलैंक चैक, जो उसने अपने विश्वास्योग्य और आज्ञाकरी जन के लिये तैयार करके दे रखा है; जो इस बात की गारंटी है कि परमेश्वर के महिमामय संसाधन कभी कम नहीं होते।

हम मसीही विश्वासी इस बलैंक चैक पर भरोसा रख सकते हैं क्योंकि हस्ताक्षर करने वाला स्वयं परमेश्वर है। - पौल वैन गोर्डर


परमेश्वरीय संसाधन कभी क्षय नहीं होते।

और मेरा परमश्‍ेवर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित मसीह यीशु में है तुम्हारी हर एक घटी को पूरी करेगा। - फिलिप्पियों ४:१९


बाइबल पाठ: फिलिप्पियों ४:१०-१९

मैं प्रभु में बहुत आनन्‍दित हूं कि अब इतने दिनों के बाद तुम्हारा विचार मेरे विषय में फिर जागृत हुआ है, निश्‍चय तुम्हें आरम्भ में भी इस का विचार था, पर तुम्हें अवसर न मिला।
यह नहीं कि मैं अपनी घटी के कारण यह कहता हूं क्‍योंकि मैं ने यह सीखा है कि जिस दशा में हूं, उसी में सन्‍तोष करूं।
मैं दीन होना भी जानता हूं और बढ़ना भी जानता हूं: हर एक बात और सब दशाओं में तृप्‍त होना, भूखा रहना, और बढ़ना-घटना सीखा है।
जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं।
तौभी तुम ने भला किया, कि मेरे क्‍लेश में मेरे सहभागी हुए।
और हे फिलप्‍पियों, तुम आप भी जानते हो, कि सुसमाचार प्रचार के आरम्भ में जब मैं ने मकिदुनिया से कूच किया तब तुम्हें छोड़ और किसी मण्‍डली ने लेने देने के विषय में मेरी सहायता नहीं की।
इसी प्रकार जब मैं यिस्‍सलुनीके में था तब भी तुम ने मेरी घटी पूरी करने के लिये एक बार क्‍या वरन दो बार कुछ भेजा था।
यह नहीं कि मैं दान चाहता हूं परन्‍तु मैं ऐसा फल चाहता हूं, जो तुम्हारे लाभ के लिये बढ़ता जाए।
मेरे पास सब कुछ है, वरन बहुतायत से भी है: जो वस्‍तुएं तुम ने इपफ्रुदीतुस के हाथ से भेजी थीं उन्‍हें पाकर मैं तृप्‍त हो गया हूं, वह तो सुगन्‍ध और ग्रहण करने के योग्य बलिदान है, जो परमेश्वर को भाता है।
और मेरा परमश्‍ेवर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित मसीह यीशु में है तुम्हारी हर एक घटी को पूरी करेगा।

एक साल में बाइबल:
  • लैव्यवस्था ४-५
  • मत्ती २४:२९-५१

सोमवार, 7 फ़रवरी 2011

यहोवा यिरे

एक नवविवाहिता युवती ने अपने कुछ मित्रों को भोजन पर बुलाया। कुछ आवश्यक वस्तुओं की कमी को देखकर वह अपनी पड़ौसिन के पास उन्हें उससे उधार लेने के लिये गई। उसकी मांगी हुई वस्तुओं को देने के बाद पड़ौसन ने, जो मेज़बानी में अनुभवी थी, उससे पूछा "क्या यह काफी होगा, या तुम्हें किसी अन्य चीज़ की भी आवश्यक्ता होगी?" युवती ने कहा "मुझे लगता है कि यह काफी होगा।" तब उसकी पड़ौसन ने कुछ और वस्तुएं भी अपने पास से उसे निकाल कर दीं और कहा कि इन्हें भी रख लो, तुम्हें इनकी भी आवश्यक्ता पड़ेगी। बाद में उस युवती ने बहुत धन्यवादी मन से कहा "भला हुआ कि मैं किसी ऐसे के पास गई जो मेरी आवश्यकता को जानती थी, मेरी सहायता करने को तत्पर थी और उसने मुझे वह दिया जिस की मुझे आवश्यक्ता थी, न कि वह जो मैं चाहती थी।"

यह उदाहरण परमेश्वर का हमारे प्रति बर्ताव का कितना अच्छा चित्रण है। बाइबल के पुराने नियम में परमेश्वर के नाम "यहोवा" के साथ उसके किसी विशेष गुण को दर्शाने वाला शब्द जोड़कर उसके नाम के अर्थ को समझाया गया है। इब्राहिम ने जिस जगह बलिदान का मेढ़ा पाया, उस स्थान का नाम "यहोवा यिरे" अर्थात "परमेश्वर उपलब्ध करायेगा" रखा। यह दर्शाता है कि परमेश्वर हमारी आवश्यक्ताओं को पहले से जानता है और उनका प्रबंध भी करके रखता है।

आज भी, अपने पुत्र के बलिदान के द्वारा, उसने समस्त मानव जाति की सबसे बड़ी आवश्यक्ता - पापों से मुक्ति, का प्रबंध उपलब्ध करा रखा है। उसके पुत्र प्रभु यीशु में विश्वास के द्वारा न केवल हमको पापों से मुक्ति और उद्धार मिलता है, वरन परमेश्वर का आत्मा भी हमारे अन्दर आकर बसता है और हमें परमेश्वर की इच्छा पूरी करने की सामर्थ भी देता है।

"जिस ने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्‍तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्‍योंकर न देगा।" - रोमियों ८:३२

यहोवा यिरे - उपलब्ध कराने वाला हमारा परमेश्वर। - पौल वैन गोर्डर


जिस काम के लिये परमेश्वर कहता है, उसकी आवश्यक्ताएं उपलब्ध भी कराता है।

और इब्राहीम ने उस स्थान का नाम यहोवा यिरे रखा : इसके अनुसार आज तक भी कहा जाता है, कि यहोवा के पहाड़ पर उपाय किया जाएगा। - उत्पत्ति २२:१४


बाइबल पाठ: रोमियों ८:२६-३४

इसी रीति से आत्मा भी हमारी र्दुबलता में सहायता करता है, क्‍योंकि हम नहीं जानते, कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए, परन्‍तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर जो बयान से बाहर है, हमारे लिये बिनती करता है।
और मनों का जांचने वाला जानता है, कि आत्मा की मनसा क्‍या है क्‍योंकि वह पवित्र लोगों के लिये परमेश्वर की इच्‍छा के अनुसार बिनती करता है।
और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्‍पन्न करती है; अर्थात उन्‍हीं के लिये जो उस की इच्‍छा के अनुसार बुलाए हुए हैं।
क्‍योंकि जिन्‍हें उस ने पहिले से जान लिया है उन्‍हें पहिले से ठहराया भी है कि उसके पुत्र के स्‍वरूप में हों ताकि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे।
फिर जिन्‍हें उस ने पहिले से ठहराया, उन्‍हें बुलाया भी, और जिन्‍हें बुलाया, उन्‍हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्‍हें धर्मी ठहराया, उन्‍हें महिमा भी दी है।
सो हम इन बातों के विषय में क्‍या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है?
जिस ने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्‍तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्‍यों कर न देगा?
परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर वह है जो उनको धर्मी ठहराने वाला है।
फिर कौन है जो दण्‍ड की आज्ञा देगा? मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है।

एक साल में बाइबल:
  • लैव्यवस्था १-३
  • मत्ती २४:१-२८