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मंगलवार, 14 जुलाई 2015

चेतावनी


   उरूगुऐ राष्ट्र के एक रेतीले समुद्र-तट पर आंशिक रूप से रेत में दबी तथा आकाश की ओर उठी हुई कॉन्क्रीट से बनी विशाल ऊँगलियाँ हैं। इसे स्थानीय लोग डूब जाने वालों का स्मारक, "ला मनो" अर्थात "हाथ" कहते हैं। इस स्मारक को चिली देश के कलाकार मारियो इर्राज़बल ने तैरने वालों को डूबने के खतरे के बारे में सचेत करने के लिए बनाया था। यद्यपि यह चेतावनी चिन्ह अब सैलानियों के लिए आकर्षण का स्थान बन गया है, परन्तु आज भी इसका मुख्य उद्देश्य समुद्र में तैरने जाने वालों को समुद्र के जोखिम के बारे में चेतावनी देना ही है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी परमेश्वर ने हमारे लिए अनेक चेतावनी चिन्ह रखे हैं। बाइबल में इब्रानियों नामक पुस्तक हमारे आत्मा के लिए जोखिमों के बारे में बताती है; जैसे: "हे भाइयो, चौकस रहो, कि तुम में ऐसा बुरा और अविश्वासी मन न हो, जो जीवते परमेश्वर से दूर हट जाए। वरन जिस दिन तक आज का दिन कहा जाता है, हर दिन एक दूसरे को समझाते रहो, ऐसा न हो, कि तुम में से कोई जन पाप के छल में आकर कठोर हो जाए" (इब्रानियों 3:12-13)। मिस्त्र की गुलामी से निकलकर वाचा किए हुए कनान देश जा रहे इस्त्राएलियों का परमेश्वर और उसकी बातों के प्रति अविश्वास और बलवा इस पद का संदर्भ है।

   यद्यपि इस्त्रएलियों के साथ यह घटना इब्रानियों की पुस्तक के लिखे जाने से कई शताबदियों पूर्व घटित हुई थी, उस घटना के आत्मिक सिद्धांत अब भी उतने ही महत्वपूर्ण तथा मान्य हैं जितने उस समय और इब्रानियों की पुस्तक लिखे जाने के समय थे। जो शिक्षा तथा चेतावनी परमेश्वर ने हमारे लिए यहाँ रखी है वह है पाप के कारण उत्पन्न होने वाली मनों की कठोरता, जिसका ना केवल स्वयं हमें प्रतिरोध करना है, वरन दूसरों को भी इसके विषय में सचेत करते रहना है।

   चेतावनी चिन्ह हमें सुरक्षित रखने के लिए दिए जाते हैं। परमेश्वर का धन्यवाद हो कि उसने अपने जीवते वचन बाइबल में हमारे लाभ और सुरक्षा के लिए चेतावनियाँ दी हैं। यह हमारे प्रति उसके प्रेम का सूचक है और हमारे द्वारा उसकी आराधना करने का विषय। उसकी चेतावनियों को नज़रंदाज़ ना करें वरन उन्हें गंभीरता-पूर्वक लें। - डेनिस फिशर


परमेश्वर हमारे प्रति अपने प्रेम के अन्तर्गत अपने वचन के द्वारा हमारी सुरक्षा तथा संभाल की चेतावियाँ हम तक पहुँचाता है।

पर तुम चौकस रहो: देखो, मैं ने तुम्हें सब बातें पहिले ही से कह दी हैं। - मरकुस 13:23

बाइबल पाठ: इब्रानियों 3:1-13
Hebrews 3:1 सो हे पवित्र भाइयों तुम जो स्‍वर्गीय बुलाहट में भागी हो, उस प्रेरित और महायाजक यीशु पर जिसे हम अंगीकार करते हैं ध्यान करो। 
Hebrews 3:2 जो अपने नियुक्त करने वाले के लिये विश्वास योग्य था, जैसा मूसा भी उसके सारे घर में था। 
Hebrews 3:3 क्योंकि वह मूसा से इतना बढ़ कर महिमा के योग्य समझा गया है, जितना कि घर का बनाने वाला घर से बढ़ कर आदर रखता है। 
Hebrews 3:4 क्योंकि हर एक घर का कोई न कोई बनाने वाला होता है, पर जिसने सब कुछ बनाया वह परमेश्वर है। 
Hebrews 3:5 मूसा तो उसके सारे घर में सेवक की नाईं विश्वास योग्य रहा, कि जिन बातों का वर्णन होने वाला था, उन की गवाही दे। 
Hebrews 3:6 पर मसीह पुत्र की नाईं उसके घर का अधिकारी है, और उसका घर हम हैं, यदि हम साहस पर, और अपनी आशा के घमण्‍ड पर अन्‍त तक दृढ़ता से स्थिर रहें। 
Hebrews 3:7 सो जैसा पवित्र आत्मा कहता है, कि यदि आज तुम उसका शब्द सुनो। 
Hebrews 3:8 तो अपने मन को कठोर न करो, जैसा कि क्रोध दिलाने के समय और परीक्षा के दिन जंगल में किया था। 
Hebrews 3:9 जहां तुम्हारे बाप दादों ने मुझे जांच कर परखा और चालीस वर्ष तक मेरे काम देखे। 
Hebrews 3:10 इस कारण मैं उस समय के लोगों से रूठा रहा, और कहा, कि इन के मन सदा भटकते रहते हैं, और इन्‍होंने मेरे मार्गों को नहीं पहिचाना। 
Hebrews 3:11 तब मैं ने क्रोध में आकर शपथ खाई, कि वे मेरे विश्राम में प्रवेश करने न पाएंगे। 
Hebrews 3:12 हे भाइयो, चौकस रहो, कि तुम में ऐसा बुरा और अविश्वासी मन न हो, जो जीवते परमेश्वर से दूर हट जाए। 
Hebrews 3:13 वरन जिस दिन तक आज का दिन कहा जाता है, हर दिन एक दूसरे को समझाते रहो, ऐसा न हो, कि तुम में से कोई जन पाप के छल में आकर कठोर हो जाए।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 10-12
  • प्रेरितों 19:1-20


सोमवार, 13 जुलाई 2015

जीवन शैली


   अमेरिका के टैक्सस प्रांत के ऑस्टिन शहर में आयोजित होने वाले सालाना पुस्तक मेला हज़ारों लोगों को आकर्षित करता है, जो पुस्तकों का आनन्द लेने के लिए आते हैं, प्रसिद्ध लेखकों के साथ चर्चाओं में भाग लेते हैं, और पेशेवर लेखकों से मिलने वाली सलाह का लाभ अर्जित करते हैं। ऐसे ही एक मेले में किशोर और युवाओं के लिए लिखने वाले एक लेखक ने महत्वकांक्षी लेखकों को सलाह देते हुए कहा, "ऐसी पुस्तक लिखें जैसी आप यहाँ देखना चाहते हैं।" यह जीवन और लेखन के लिए वास्तव में एक प्रबल सलाह है। कैसा रहे यदि हम वैसा ही जीवन जीने की ठान लें जैसा हम चाहते हैं कि लोग हमारे साथ जीएं।

   प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों से चाहा कि वे ऐसा जीवन जीएं जो लोगों को परमेश्वर के अनुग्रह को दर्शाए (लूका 6:27-36); उदाहरणस्वरूप: "परन्तु मैं तुम सुनने वालों से कहता हूं, कि अपने शत्रुओं से प्रेम रखो; जो तुम से बैर करें, उन का भला करो। जो तुम्हें श्राप दें, उन को आशीष दो: जो तुम्हारा अपमान करें, उन के लिये प्रार्थना करो" (पद 27-28); प्रभु ने यह भी कहा कि जो लोग हमारे प्रति अनुचित व्यवहार करते हैं, प्रत्युत्तर में उनके प्रति उदारता और बदला ना लेने की भावना का व्यवहार करना चाहिए (पद 29-30), तथा, "और जैसा तुम चाहते हो कि लोग तुम्हारे साथ करें, तुम भी उन के साथ वैसा ही करो" (पद 31)।

   असंभव? जी हाँ, तब जब हम अपनी ही सामर्थ तथा संकल्प पर विश्वास करके ऐसी जीवन शैली अपनाना चाहें। ऐसी जीवन शैली जीने की सामर्थ केवल परमेश्वर के पवित्र आत्मा से प्राप्त होती है, तथा ऐसा करने के संकल्प को बनाए रखना परमेश्वर द्वारा हमारे साथ किए गए व्यवहार को स्मरण रखने से होता है: "वरन अपने शत्रुओं से प्रेम रखो, और भलाई करो: और फिर पाने की आस न रखकर उधार दो; और तुम्हारे लिये बड़ा फल होगा; और तुम परमप्रधान के सन्तान ठहरोगे, क्योंकि वह उन पर जो धन्यवाद नहीं करते और बुरों पर भी कृपालु है। जैसा तुम्हारा पिता दयावन्‍त है, वैसे ही तुम भी दयावन्‍त बनो" (पद 35-36)।

   मसीही विश्वास के जीवन की यह जीवन शैली कौन नहीं देखना चाहेगा? - डेविड मैक्कैसलैंड


हम में मसीह है कहना मसीही विश्वास का जीवन नहीं है, वरन जी कर दिखाना कि मसीह का जीवन हमारे जीवन में है।

इस कारण जो कुछ तुम चाहते हो, कि मनुष्य तुम्हारे साथ करें, तुम भी उन के साथ वैसा ही करो; क्योंकि व्यवस्था और भविष्यद्वक्तओं की शिक्षा यही है। - मत्ती 7:12

बाइबल पाठ: लूका 6:27-36
Luke 6:27 परन्तु मैं तुम सुनने वालों से कहता हूं, कि अपने शत्रुओं से प्रेम रखो; जो तुम से बैर करें, उन का भला करो। 
Luke 6:28 जो तुम्हें श्राप दें, उन को आशीष दो: जो तुम्हारा अपमान करें, उन के लिये प्रार्थना करो। 
Luke 6:29 जो तेरे एक गाल पर थप्पड़ मारे उस की ओर दूसरा भी फेर दे; और जो तेरी दोहर छीन ले, उसको कुरता लेने से भी न रोक। 
Luke 6:30 जो कोई तुझ से मांगे, उसे दे; और जो तेरी वस्तु छीन ले, उस से न मांग। 
Luke 6:31 और जैसा तुम चाहते हो कि लोग तुम्हारे साथ करें, तुम भी उन के साथ वैसा ही करो। 
Luke 6:32 यदि तुम अपने प्रेम रखने वालों के साथ प्रेम रखो, तो तुम्हारी क्या बड़ाई? क्योंकि पापी भी अपने प्रेम रखने वालों के साथ प्रेम रखते हैं। 
Luke 6:33 और यदि तुम अपने भलाई करने वालों ही के साथ भलाई करते हो, तो तुम्हारी क्या बड़ाई? क्योंकि पापी भी ऐसा ही करते हैं। 
Luke 6:34 और यदि तुम उसे उधार दो, जिन से फिर पाने की आशा रखते हो, तो तुम्हारी क्या बड़ाई? क्योंकि पापी पापियों को उधार देते हैं, कि उतना ही फिर पाएं। 
Luke 6:35 वरन अपने शत्रुओं से प्रेम रखो, और भलाई करो: और फिर पाने की आस न रखकर उधार दो; और तुम्हारे लिये बड़ा फल होगा; और तुम परमप्रधान के सन्तान ठहरोगे, क्योंकि वह उन पर जो धन्यवाद नहीं करते और बुरों पर भी कृपालु है। 
Luke 6:36 जैसा तुम्हारा पिता दयावन्‍त है, वैसे ही तुम भी दयावन्‍त बनो।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 7-9
  • प्रेरितों 18


रविवार, 12 जुलाई 2015

यीशु


   माइकल ब्राउन न्यू-यॉर्क में रहने वाला एक यहूदी बालक था जिसे धार्मिक बातों में कोई दिलचस्पी नहीं थी। उसका जीवन एक बैन्ड में ड्रम्स बजाने वाला होने पर केंद्रित था और फिर वह मादक पदार्थों के सेवन में भी पड़ गया। कुछ मित्रों ने उसे चर्च में आमंत्रित किया, जहाँ वह लोगों के प्रेम और प्रार्थनाओं को अनुभव करके बहुत प्रभावित हुआ। कुछ समय के आत्मिक संघर्ष के बाद माइकल ने प्रभु यीशु पर विश्वास किया और अपना जीवन प्रभु को समर्पित कर दिया।

   यह उस किशोर यहूदी के लिए एक बहुत बड़ा परिवर्तन था। एक दिन उसने अपने पिता को बताया कि उसे मालूम पड़ा है कि परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खण्ड की पुस्तकें, जो यहूदियों की धर्म पुस्तकें भी हैं, प्रभु यीशु के बारे में बताती हैं। उसके पिता ने बड़े विसमय से पूछा, "कहाँ?" माइकल ने अपनी बाइबल खोली और वह यशायाह 53 पर खुली, जिसे वह अपने पिता के साथ पढ़ने लगा। वहाँ लिखे विवरण को पढ़कर माइकल उत्तेजित होकर चिल्ला उठा, "यही तो है; यही यीशु है!"

   यकीनन वह यीशु का विवरण ही था; परमेश्वर के पवित्र आत्मा के मार्गदर्शन तथा कुछ मसीही विश्वासियों की सहायता से माइकल ने यशायाह में वर्णित मसीह यीशु को पहचान लिया; आज माइकल एक लेखक और बाइबल विद्वान है। माइकल ने प्रभु यीशु में विश्वास द्वारा मिलने वाले उद्धार और उससे परिवर्तित होने वाले जीवन को अनुभव किया; साथ ही उसने पापों की क्षमा और अनन्त जीवन की आशीष का भी अनुभव किया, और यह भी जाना कि वह "दुखी पुरुष" (पद 3) जो "हमारे अपराधों के कारण घायल किया गया" (पद 5) प्रभु यीशु ही है जो सारे संसार के सभी लोगों के लिए क्रुस पर बलिदान हुआ तथा आज भी जो कोई उस पर विश्वास लाता है, वह माइकल के समान ही उन बहुमूल्य तथा अनन्त आशीषों को सेंत-मेंत प्राप्त कर लेता है।

   बाइबल बताती है कि केवल प्रभु यीशु ही है जो ना केवल पाप क्षमा करता है, वरन जीवन भी बदल देता है और उद्धार केवल उसी में ही है। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर का आत्मा परमेश्वर के वचन को संसार के लोगों के मन तथा जीवन परिवर्तित करने के लिए उपयोग करता है।

और किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं; क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिस के द्वारा हम उद्धार पा सकें। - प्रेरितों 4:12

बाइबल पाठ: यशायाह 53:1-12
Isaiah 53:1 जो समाचार हमें दिया गया, उसका किस ने विश्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट हुआ? 
Isaiah 53:2 क्योंकि वह उसके साम्हने अंकुर की नाईं, और ऐसी जड़ के समान उगा जो निर्जल भूमि में फूट निकले; उसकी न तो कुछ सुन्दरता थी कि हम उसको देखते, और न उसका रूप ही हमें ऐसा दिखाई पड़ा कि हम उसको चाहते। 
Isaiah 53:3 वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दु:खी पुरूष था, रोग से उसकी जान पहिचान थी; और लोग उस से मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और, हम ने उसका मूल्य न जाना।। 
Isaiah 53:4 निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया; तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा-कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा। 
Isaiah 53:5 परन्तु वह हमारे ही अपराधो के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के हेतु कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम चंगे हो जाएं। 
Isaiah 53:6 हम तो सब के सब भेड़ों की नाईं भटक गए थे; हम में से हर एक ने अपना अपना मार्ग लिया; और यहोवा ने हम सभों के अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया।
Isaiah 53:7 वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुंह न खोला; जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय वा भेड़ी ऊन कतरने के समय चुपचाप शान्त रहती है, वैसे ही उसने भी अपना मुंह न खोला। 
Isaiah 53:8 अत्याचार कर के और दोष लगाकर वे उसे ले गए; उस समय के लोगों में से किस ने इस पर ध्यान दिया कि वह जीवतों के बीच में से उठा लिया गया? मेरे ही लोगों के अपराधों के कारण उस पर मार पड़ी। 
Isaiah 53:9 और उसकी कब्र भी दुष्टों के संग ठहराई गई, और मृत्यु के समय वह धनवान का संगी हुआ, यद्यपि उसने किसी प्रकार का अपद्रव न किया था और उसके मुंह से कभी छल की बात नहीं निकली थी।
Isaiah 53:10 तौभी यहोवा को यही भाया कि उसे कुचले; उसी ने उसको रोगी कर दिया; जब तू उसका प्राण दोषबलि करे, तब वह अपना वंश देखने पाएगा, वह बहुत दिन जीवित रहेगा; उसके हाथ से यहोवा की इच्छा पूरी हो जाएगी। 
Isaiah 53:11 वह अपने प्राणों का दु:ख उठा कर उसे देखेगा और तृप्त होगा; अपने ज्ञान के द्वारा मेरा धर्मी दास बहुतेरों को धर्मी ठहराएगा; और उनके अधर्म के कामों का बोझ आप उठा लेगा। 
Isaiah 53:12 इस कारण मैं उसे महान लोगों के संग भाग दूंगा, और, वह सामर्थियों के संग लूट बांट लेगा; क्योंकि उसने अपना प्राण मृत्यु के लिये उण्डेल दिया, वह अपराधियों के संग गिना गया; तौभी उसने बहुतों के पाप का बोझ उठ लिया, और, अपराधियों के लिये बिनती करता है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 4-6
  • प्रेरितों 17:16-34


शनिवार, 11 जुलाई 2015

मार्ग


   अपनी पुस्तक A Sweet and Bitter Providence में लेखक जॉन पाइपर परमेश्वर द्वारा दिए जाने वाले मार्गदर्शन और प्रावधानों के बारे कुछ विचार प्रस्तुत करता है; जैसे: "जीवन, एक आशीष से दूसरी आशीष तक और फिर अन्ततः स्वर्ग तक पहुँचाने वाली सीधी रेखा नहीं है। जीवन परेशानियों से भरा एक घुमावदार मार्ग है...परमेश्वर हर परेशानी के आने पर प्रगट होकर उसे मिटाने नहीं आता। परमेश्वर हमारे जीवन मार्ग की दिशा और अपनी दूरगामी योजनाओं के निर्धारित परिणामों के अनुसार हमारी परेशानियों का प्रबंधन करता है जिससे अनन्तः हमारी भलाई और प्रभु यीशु की महिमा हो।"

   जब यहूदी अपने सालाना पर्वों को मनाने यरुशलेम आते थे तो उन्हें निश्चय रहता था कि परमेश्वर उनकी दिशा और घुमावदार तथा परेशानियों से भरे मार्गों को नियंत्रित कर रहा है। अपनी यात्रा के दौरान वे अनेक भजन गाते थे, जिनमें से एक था भजन 121। इस भजन के आरंभ में लिखा गया प्रश्न: "...मुझे सहायता कहां से मिलेगी?" उनके किसी सन्देह को नहीं वरन परम-प्रधान और सब बातों पर नियंत्रण रखने वाले परमेश्वर पर उनके विश्वास को दिखाता था (पद 1-2)। वे जानते थे कि संसार के रक्षक या सुरक्षाकर्मी ऊँघ सकते हैं, संसार के देवी-देवता सो सकते हैं और उन के उपासक उन्हें उनकी निद्रा से जगाने के प्रयास भी करते हैं (1 राजा 18:27), परन्तु इस्त्राएल का परमेश्वर सदा जागृत और सचेत रहता है और उनकी रक्षा करता रहता है (पद 3-4)। परमेश्वर यहोवा अपनी प्रजा के साथ बना रहता है, उनकी सहायता तथा रक्षा करता है।

   जीवन मार्ग अनदेखे और अनजाने खतरों से भरा एक घुमावदार मार्ग है, परन्तु उन इस्त्राएलियों के समान ही हम मसीही विश्वासी भी अपने जीवन मार्ग पर परमेश्वर पिता की लगातार हमारे साथ बनी रहने वाली उपस्थिति, उसकी सुरक्षा, उसके प्रावधानों और उस की देखरेख के लिए निश्चित एवं निश्चिंत रह सकते हैं। - मार्विन विलियम्स


परेशानियों का कुछ पता नहीं है; परमेश्वर की उपस्थिति और प्रावधान निश्चित हैं।

हे यहोवा के प्रेमियों, बुराई से घृणा करो; वह अपने भक्तों के प्राणों की रक्षा करता, और उन्हें दुष्टों के हाथ से बचाता है। - भजन 97:10

बाइबल पाठ: भजन 121:1-8
Psalms 121:1 मैं अपनी आंखें पर्वतों की ओर लगाऊंगा। मुझे सहायता कहां से मिलेगी? 
Psalms 121:2 मुझे सहायता यहोवा की ओर से मिलती है, जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है।
Psalms 121:3 वह तेरे पांव को टलने न देगा, तेरा रक्षक कभी न ऊंघेगा। 
Psalms 121:4 सुन, इस्राएल का रक्षक, न ऊंघेगा और न सोएगा।
Psalms 121:5 यहोवा तेरा रक्षक है; यहोवा तेरी दाहिनी ओर तेरी आड़ है। 
Psalms 121:6 न तो दिन को धूप से, और न रात को चांदनी से तेरी कुछ हानि होगी।
Psalms 121:7 यहोवा सारी विपत्ति से तेरी रक्षा करेगा; वह तेरे प्राण की रक्षा करेगा। 
Psalms 121:8 यहोवा तेरे आने जाने में तेरी रक्षा अब से ले कर सदा तक करता रहेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 1-3
  • प्रेरितों 17:1-15


शुक्रवार, 10 जुलाई 2015

चट्टान


   हाई स्कूल की भू-विज्ञान कक्षा में प्रायोगिक गतिविधि के अन्तर्गत मैंने अपनी एक सहेली के साथ मिलकर जल प्रवाह को प्रभावित करने वाला एक प्रयोग बनाकर लगाया, जिसमें मेरे पिताजी ने हमारी बहुत सहायता करी। हमने प्लाएवुड से एक लंबा बक्सा बनाया, उसके मध्य में एक कब्ज़ा लगाया, फिर उसमें अन्दर से प्लास्टिक लगाया, उसमें रेत भरी, उसके एक सिरे पर पानी का पाइप लगाया और दूसरे सिरे पर पानी निकलने के लिए छेद बनाया। इस सब को तैयार करने के बाद हमने बक्से के पानी के पाइप वाले सिरे को कुछ ऊँचा उठा कर पानी को चालू कर दिया। हमारे सामने प्रत्यक्ष था कि कैसे पानी उस छेद से निकलने के लिए अपना मार्ग बनाता है। फिर अपने प्रयोग के दूसरे भाग को दिखाने के लिए हमने पानी के उस प्रवाह-मार्ग में एक बड़ा पत्थर रख दिया और फिर देखा कि उस पत्थर के प्रभाव से कैसे पानी को उस छेद तक पहुँचने के लिए अपना मार्ग बदलना पड़ा।

   इस प्रयोग ने मुझे ना केवल विज्ञान, वरन जीवन के प्रवाह के बारे में भी बहुत कुछ सिखाया। मैंने सीखा कि किनारे पर खड़े रहकर मैं प्रवाह की दिशा नहीं बदल सकती - उसके लिए मुझे प्रवाह में उतर कर स्थिर खड़े होना पड़ेगा, यदि मैं एक स्थान पर स्थिर खड़ी नहीं रहूँगी तो प्रवाह की दिशा भी बदलने नहीं पाऊँगी।

   ठीक यही कार्य समस्त मानव जाति के लिए प्रभु यीशु ने किया है। परमेश्वर का वचन बाइबल, परमेश्वर से भेंट स्वरूप मिलने वाले उद्धार को चट्टान कहता है (2 शमूएल 22:47; भजन 62:2,6-7) और प्रेरित पौलुस अपनी पत्री में बताता है कि वह चट्टान प्रभु यीशु है (1 कुरिन्थियों 10:4)। परमेश्वर ने संसार के प्रवाह में प्रभु यीशु को दृढ़ और स्थिर चट्टान के रूप में रखा है जिससे संसार के प्रवाह की दिशा विनाश से अनन्त जीवन की ओर बदल सके। जो भी अपने पापों से पश्चाताप कर के प्रभु यीशु पर विश्वास लाता है, अपना जीवन प्रभु यीशु को समर्पित करता है, उसके जीवन का प्रवाह अनन्त विनाश से अनन्त जीवन की ओर मुड़ जाता है।

   हम मसीही विश्वासी भी जब प्रभु यीशु में स्थिर बने रहते हैं, प्रभु के कार्य में संलग्न रहते हैं, प्रभु के आज्ञाकारी रहते हैं तो परमेश्वर हमें भी दूसरों के जीवनों के प्रवाह को अनन्त जीवन की चट्टान प्रभु यीशु की ओर मोड़ने के लिए प्रयोग करता है। मुक्ति की चट्टान प्रभु यीशु में स्थिर बने रहें, आप भी पाप के कारण विनाश की ओर प्रवाहित होने वाले जीवनों की दिशा को अनन्त जीवन की ओर बदलने वाले हो जाएंगे। - जूली ऐकरमैन लिंक


अपने कदमों का सही जगह पड़ना निश्चित करके वहाँ स्थिर खड़े हो जाएं। - एब्राहम लिंकन

सो हे मेरे प्रिय भाइयो, दृढ़ और अटल रहो, और प्रभु के काम में सर्वदा बढ़ते जाओ, क्योंकि यह जानते हो, कि तुम्हारा परिश्रम प्रभु में व्यर्थ नहीं है। - 1 कुरिन्थियों 15:58 

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 1:19-27
Colossians 1:19 क्योंकि पिता की प्रसन्नता इसी में है कि उस में सारी परिपूर्णता वास करे। 
Colossians 1:20 और उसके क्रूस पर बहे हुए लोहू के द्वारा मेल मिलाप कर के, सब वस्‍तुओं का उसी के द्वारा से अपने साथ मेल कर ले चाहे वे पृथ्वी पर की हों, चाहे स्वर्ग में की। 
Colossians 1:21 और उसने अब उसकी शारीरिक देह में मृत्यु के द्वारा तुम्हारा भी मेल कर लिया जो पहिले निकाले हुए थे और बुरे कामों के कारण मन से बैरी थे। 
Colossians 1:22 ताकि तुम्हें अपने सम्मुख पवित्र और निष्‍कलंक, और निर्दोष बनाकर उपस्थित करे। 
Colossians 1:23 यदि तुम विश्वास की नेव पर दृढ़ बने रहो, और उस सुसमाचार की आशा को जिसे तुम ने सुना है न छोड़ो, जिस का प्रचार आकाश के नीचे की सारी सृष्‍टि में किया गया; और जिस का मैं पौलुस सेवक बना।
Colossians 1:24 अब मैं उन दुखों के कारण आनन्द करता हूं, जो तुम्हारे लिये उठाता हूं, और मसीह के क्‍लेशों की घटी उस की देह के लिये, अर्थात कलीसिया के लिये, अपने शरीर में पूरी किए देता हूं। 
Colossians 1:25 जिस का मैं परमेश्वर के उस प्रबन्‍ध के अनुसार सेवक बना, जो तुम्हारे लिये मुझे सौंपा गया, ताकि मैं परमेश्वर के वचन को पूरा पूरा प्रचार करूं। 
Colossians 1:26 अर्थात उस भेद को जो समयों और पीढिय़ों से गुप्‍त रहा, परन्तु अब उसके उन पवित्र लोगों पर प्रगट हुआ है। 
Colossians 1:27 जिन पर परमेश्वर ने प्रगट करना चाहा, कि उन्हें ज्ञात हो कि अन्यजातियों में उस भेद की महिमा का मूल्य क्या है और वह यह है, कि मसीह जो महिमा की आशा है तुम में रहता है।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 41-42
  • प्रेरितों 16:22-40


गुरुवार, 9 जुलाई 2015

सृष्टि में आनन्दित


   अमेरिका की एक अन्तरिक्ष शोधशाला ने दूर अन्तरिक्ष में एक ऐसे ब्लैक-होल का पता लगाया है जो गुनगुनाता है! पृथ्वी से 250 अरब प्रकाश-वर्ष दूर नक्षत्र-पुँजों के समूह में स्थित यह ब्लैक-होल एक विशेष सुर की आवृत्ति पर कंपन करता है, किंतु इससे उत्पन्न होने वाली ध्वनि मनुष्य के कानों के सुनने की क्षमता से परे है।

   अंतरिक्ष में संगीत का विचार कोई नया नहीं है; परमेश्वर के वचन बाइबल में जब परमेश्वर ने अपने आप को अय्युब पर प्रकट किया तो उस से प्रशन किया: "जब मैं ने पृथ्वी की नेव डाली, तब तू कहां था?...जब कि भोर के तारे एक संग आनन्द से गाते थे और परमेश्वर के सब पुत्र जयजयकार करते थे" (अय्युब 38:4,7)। यह हमें बताता है कि इस अद्भुत सृष्टि की रचना के समय स्वर्गदूतों द्वारा परमेश्वर की स्तुति और जयजयकार के नारे सृष्टि में गूँज उठे थे।

   सुप्रसिद्ध असिसी के सन्त फ्रांसिस द्वारा लिखा एक भजन परमेश्वर की सृष्टि में विदित परमेश्वर की महानता और सृष्टि की विलक्षणता को प्रकट करता है:
हमारे राजा और परमेश्वर की समस्त सृष्टि
हमारे साथ आवाज़ उठाए और स्तुतिगान करे अल्लेलुइया, अल्लेलुइया!
हे ज्वलंत सूर्य अपनी सुनहरी किरणों के साथ
हे चांदी समान चन्द्रमा अपनी कोमल किरणों से साथ
उसकी स्तुति करो, हाँ स्तुति करो
अल्लेलुइया! अल्लेलुइया! अल्लेलुइया!

   भजनकार ने परमेश्वर के वचन में लिखा, "आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है" (भजन 19:1)।

   जिसने हमारी सृष्टि करी तथा हमारे लिए सृष्टि में आनन्दित रहने के लिए इतनी अद्भुत और विलक्षण बातें रचीं, आईए उसके प्रति अपने आप को समर्पित करें, अपने जीवनों और होठों से उसकी स्तुति और बड़ाई करें। - डेनिस फिशर


सृष्टि की सुन्दरता और विलक्षण्ता हमें परमेश्वर की प्रशंसा और आराधना के लिए प्रेरित करती है।

जब मैं आकाश को, जो तेरे हाथों का कार्य है, और चंद्रमा और तरागण को जो तू ने नियुक्त किए हैं, देखता हूं; तो फिर मनुष्य क्या है कि तू उसका स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले? - भजन 8:3-4

बाइबल पाठ: अय्युब 38:1-7
Job 38:1 तब यहोवा ने अय्यूब को आँधी में से यूं उत्तर दिया,
Job 38:2 यह कौन है जो अज्ञानता की बातें कहकर युक्ति को बिगाड़ना चाहता है?
Job 38:3 पुरुष की नाईं अपनी कमर बान्ध ले, क्योंकि मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, और तू मुझे उत्तर दे।
Job 38:4 जब मैं ने पृथ्वी की नेव डाली, तब तू कहां था? यदि तू समझदार हो तो उत्तर दे।
Job 38:5 उसकी नाप किस ने ठहराई, क्या तू जानता है उस पर किस ने सूत खींचा?
Job 38:6 उसकी नेव कौन सी वस्तु पर रखी गई, वा किस ने उसके कोने का पत्थर बिठाया,
Job 38:7 जब कि भोर के तारे एक संग आनन्द से गाते थे और परमेश्वर के सब पुत्र जयजयकार करते थे?

एक साल में बाइबल: 

  • अय्युब 38-40
  • प्रेरितों 16:1-21


बुधवार, 8 जुलाई 2015

प्रेम का आनन्द


   जब मौसम ठंडा होता है तो हमारा पालतु कुत्ता, जो अब बूढ़ा हो चला है, हमारे आँगन में धूप का स्थान ढूँढ़ कर, गर्म रहने के लिए धूप में बैठा रहता है; जैसे जैसे धूप स्थान बदलती है, वह भी अपना स्थान बदलता रहता है जिससे वह दिन भर धूप से गर्मी लेता रहे।

   यह मुझे स्मरण दिलाता है कि हम मसीही विश्वासियों को भी अपने आप को परमेश्वर के प्रेम में बनाए रखना चाहिए। इसका यह कदापि तात्पर्य नहीं है कि हमें कुछ ऐसा विशेष करते रहना होगा कि परमेश्वर हम से प्रेम करता रहे! मसीही विश्वासी होने के नाते हम परमेश्वर की सन्तान हैं और परमेश्वर हम से सदा प्रेम करता है, हमारे प्रति उसका प्रेम कभी कम नहीं होता, चाहे हम कुछ करें या ना करें - हमारे प्रति उसका प्रेम हमारे कर्मों पर नहीं वरन मसीह यीशु में होकर उसके साथ हमारे कभी ना बदलने तथा कभी ना टलने वाले पिता-पुत्र के संबंध पर आधारित है, और उसने तो हम से तब भी प्रेम किया जब हम अपने पापों में थे, उससे दूर थे; परमेश्वर ने हमसे हमारे जन्म लेने से पूर्व भी प्रेम किया और वह अब भी हम से प्रेम करता है। परमेश्वर के हमारे प्रति प्रेम से हमें कुछ भी अलग नहीं कर सकता, जैसा परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने लिखा, "न गहिराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी" (रोमियों 8:39)। उसके प्रेम में बने रहने से तात्पर्य यह है कि हमें उसके साथ निकटता से बने रहने और चलते रहने के द्वारा अपने आप को सदा उसके प्रेम की गर्माहट में बनाए रखना है।

   प्रेरित यूहन्ना ने अपने द्वारा लिखित प्रभु यीशु की जीवनी में पाँच बार अपने आप को "वह चेला जिससे प्रभु प्रेम करता था" कहकर संबोधित किया (यूहन्ना 13:23; 19:26; 20:2; 21:7, 20)। प्रभु यीशु तो अपने सब चेलों से प्रेम रखता था, चेलों के प्रति प्रभु के प्रेम में कभी कोई भेद-भाव नहीं था; यहूदा इस्करियोती के प्रति भी नहीं जो अन्ततः उसे पकड़वाने वाला था। लेकिन यूहन्ना इस बात से आनन्दित रहता था कि प्रभु उससे प्रेम करता है और इस बात को व्यक्त करता रहता था। आज हम भी यूहन्ना की यह बात ऐसे ही अपना सकते हैं और इस बात से आनन्दित रह सकते हैं, इसे बार बार अपने आप से दोहरा सकते हैं कि प्रभु हम से भी प्रेम करता है।

   हम जितना अपने प्रति प्रभु परमेश्वर के प्रेम को स्मरण करते रहेंगे, हम उसके प्रेम के आनन्द को उतना अधिक अनुभव करते रहेंगे और हमारे लिए शैतान तथा संसार की बातों में आकर ठोकर खाना और गिरना उतना ही अधिक कठिन होता जाएगा। परमेश्वर के प्रेम के आनन्द में बने रहें; उससे बढ़कर कोई अन्य आनन्द नहीं है। - डेविड रोपर

    
परमेश्वर हम से इसलिए प्रेम नहीं करता कि हम कौन हैं, वरन वह कौन है इसलिए प्रेम करता है।

अपने आप को परमेश्वर के प्रेम में बनाए रखो; और अनन्त जीवन के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह की दया की आशा देखते रहो। - यहूदा 1:21

बाइबल पाठ: रोमियों 8:31-39
Romans 8:31 सो हम इन बातों के विषय में क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है? 
Romans 8:32 जिसने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्योंकर न देगा? 
Romans 8:33 परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर वह है जो उन को धर्मी ठहराने वाला है। 
Romans 8:34 फिर कौन है जो दण्ड की आज्ञा देगा? मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है। 
Romans 8:35 कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग करेगा? क्या क्लेश, या संकट, या उपद्रव, या अकाल, या नंगाई, या जोखिम, या तलवार? 
Romans 8:36 जैसा लिखा है, कि तेरे लिये हम दिन भर घात किए जाते हैं; हम वध होने वाली भेंडों की नाईं गिने गए हैं। 
Romans 8:37 परन्तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिसने हम से प्रेम किया है, जयवन्त से भी बढ़कर हैं। 
Romans 8:38 क्योंकि मैं निश्चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ, न ऊंचाई, 
Romans 8:39 न गहिराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 36-37
  • प्रेरितों 15:22-41