ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें : rozkiroti@gmail.com / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

बुधवार, 24 अक्टूबर 2018

परिवर्तन



      मेरे पुत्र को जब एक रोबोट प्राप्त हुआ, तो उसे उस रोबोट को विभिन्न सरल कार्य करने के लिए प्रोग्राम करने में बड़ा मज़ा आता था। वह उस रोबोट को आगे बढ़ने, रुकने, फिर पीछे लौटने, उसमें रिकॉर्ड की गई आवाजें सुनाने, आदि कार्य करवा सकता था। जैसा मेरा पुत्र उससे करवाता था, रोबोट वैसा ही करता था; उस रोबोट के पास कोई विकल्प नहीं था। वह रोबोट अपने आप न कभी हंस सकता था, न किसी अन्य दिशा में जा सकता था, न कुछ अनियोजित कर सकता था; उसके पास चुनाव करने की कोई क्षमता नहीं थी।

      जब परमेश्वर ने हम मनुष्यों को बनाया, तो हमें रोबोट के समान नहीं बनाया। परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप में बनाया; अर्थात हम सोच सकते हैं, विचार-विमर्श करके निर्णय ले सकते हैं, हम सही और गलत का चुनाव कर सकते हैं। चाहे हमने परमेश्वर के अनाज्ञाकारी होने को अपनी आदत बना लिया हो, हम वापस परमेश्वर के पास लौट आने का निर्णय ले सकते हैं।

      जब प्राचीन इस्राएलियों ने अपने आप को परमेश्वर के साथ परेशानियों में पाया, तो परमेश्वर ने उनसे अपने भविष्यद्वक्ता यहेजकेल के द्वारा बातें कीं। यहेजकेल ने उनसे परमेश्वर की ओर से कहा, “प्रभु यहोवा की यह वाणी है, हे इस्राएल के घराने, मैं तुम में से हर एक मनुष्य का न्याय उसकी चालचलन के अनुसार ही करूंगा। पश्चात्ताप करो और अपने सब अपराधों को छोड़ो, तभी तुम्हारा अधर्म तुम्हारे ठोकर खाने का कारण न होगा। अपने सब अपराधों को जो तुम ने किए हैं, दूर करो; अपना मन और अपनी आत्मा बदल डालो! हे इस्राएल के घराने, तुम क्यों मरो?” (यहेजकेल 18:30-31)।

      ऐसा परिवर्तन, पवित्र-आत्मा की सहायता से लिए गए केवल एक दृढ़ निर्णय के साथ आरंभ हो सकता है (रोमियों 8:13)। इस निर्णय का अर्थ हो सकता है किसी महत्वपूर्ण अवसर पर “नहीं” कहना, कोई बकवाद न करना, किसी लालच में नहीं पड़ना, किसी के प्रति द्वेष या जलन नहीं रखना, इत्यादि। ऐसे निर्णयों में आप अपना भी कोई निर्णय जोड़ सकते हैं।

      यदि आप प्रभु यीशु मसीह के विश्वासी हैं, तो आप पाप के दास बनकर नहीं रह सकते हैं। आप अपने लिए परिवर्तन का निर्णय ले सकते हैं, और परमेश्वर की सहायता से इस परिवर्तन का आरंभ अभी से हो सकता है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


नए आरंभ के लिए परमेश्वर से नया हृदय माँगें।

मैं तुम को नया मन दूंगा, और तुम्हारे भीतर नई आत्मा उत्पन्न करूंगा; और तुम्हारी देह में से पत्थर का हृदय निकाल कर तुम को मांस का हृदय दूंगा। - यहेजकेल 36:26

बाइबल पाठ: यहेजकेल 18:25-32
Ezekiel 18:25 तौभी तुम लोग कहते हो, कि प्रभु की गति एकसी नहीं। हे इस्राएल के घराने, देख, क्या मेरी गति एकसी नहीं? क्या तुम्हारी ही गति अनुचित नहीं है?
Ezekiel 18:26 जब धर्मी अपने धर्म से फिर कर, टेढ़े काम करने लगे, तो वह उनके कारण मरेगा, अर्थात वह अपने टेढ़े काम ही के कारण मर जाएगा।
Ezekiel 18:27 फिर जब दुष्ट अपने दुष्ट कामों से फिर कर, न्याय और धर्म के काम करने लगे, तो वह अपना प्राण बचाएगा।
Ezekiel 18:28 वह जो सोच विचार कर अपने सब अपराधों से फिरा, इस कारण न मरेगा, जीवित ही रहेगा।
Ezekiel 18:29 तौभी इस्राएल का घराना कहता है कि प्रभु की गति एकसी नहीं। हे इस्राएल के घराने, क्या मेरी गति एकसी नहीं? क्या तुम्हारी ही गति अनुचित नहीं?
Ezekiel 18:30 प्रभु यहोवा की यह वाणी है, हे इस्राएल के घराने, मैं तुम में से हर एक मनुष्य का न्याय उसकी चालचलन के अनुसार ही करूंगा। पश्चात्ताप करो और अपने सब अपराधों को छोड़ो, तभी तुम्हारा अधर्म तुम्हारे ठोकर खाने का कारण न होगा।
Ezekiel 18:31 अपने सब अपराधों को जो तुम ने किए हैं, दूर करो; अपना मन और अपनी आत्मा बदल डालो! हे इस्राएल के घराने, तुम क्यों मरो?
Ezekiel 18:32 क्योंकि, प्रभु यहोवा की यह वाणी है, जो मरे, उसके मरने से मैं प्रसन्न नहीं होता, इसलिये पश्चात्ताप करो, तभी तुम जीवित रहोगे।


एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 3-5
  • 1 तिमुथियुस 4



मंगलवार, 23 अक्टूबर 2018

संघर्ष



      मैं जब एक मसीही पत्रिका में प्रशिक्षार्थी होकर कार्य कर रहा था, तब मैंने एक ऐसे व्यक्ति के बारे में लिखा जिसने मसीही विश्वास को ग्रहण किया था। इसके बाद उसके जीवन में नाटकीय परिवर्तन आया, और उसने अपनी पुरानी जीवन शैली को त्याग कर अपने नए स्वामी, प्रभु यीशु मसीह का पूर्णतः अनुसरण करना आरंभ कर दिया। पत्रिका के उस अंक के छपकर वितरण में आने के कुछ दिन के पश्चात, एक अज्ञात व्यक्ति ने गुमनाम फोन करके मुझे धमकाया और कहा, “दरमानी सावधान रहना। हम तुम पर दृष्टि रखे हुए हैं! यदि तुम ऐसी कहानियाँ लिखते रहोगे तो इस देश में तुम्हारा जीवन खतरे में है।”

      अपने मसीही विश्वास और लोगों को मसीह यीशु की ओर आकर्षित करने में केवल यही अवसर नहीं था, जब मुझे धमकाया गया हो। एक बार एक व्यक्ति ने, जिसे मैं प्रभु यीशु मसीह के बारे में एक पर्चा देने का प्रयास कर रहा था, मुझसे कहा कि मैं उस पर्चे के साथ वहाँ से चला जाऊँ, नहीं तो...। दोनों ही बार मैं भयभीत हुआ था। परन्तु ये तो केवल मौखिक धमकियां थीं। अनेकों मसीही विश्वासियों के विरुद्ध तो धमकियों को कार्यान्वित भी किया गया है। कुछ स्थानों पर तो मात्र भक्ति का जीवन बिताने भर के कारण मसीही विश्वासियों को लोगों से दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि परमेश्वर ने यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता से कहा, “...जिस किसी के पास मैं तुझे भेजूं वहां तू जाएगा, और जो कुछ मैं तुझे आजा दूं वही तू कहेगा” (यिर्मयाह 1:7)। प्रभु यीशु ने भी अपने शिष्यों से कहा था, “देखो, मैं तुम्हें भेड़ों के समान भेडिय़ों के बीच में भेजता हूं...” (मत्ती 10:16)। निश्चय ही मसीही सेवकाई में हमें धमकियों, कठिनाइयों, और पीड़ा का अनुभव करना पड़ सकता है, परन्तु परमेश्वर का आश्वासन है कि वह हमारे साथ रहेगा। परमेश्वर ने यिर्मयाह से कहा, “तू उनके मुख को देखकर मत डर, क्योंकि तुझे छुड़ाने के लिये मैं तेरे साथ हूँ, यहोवा की यही वाणी है”(यिर्मयाह 1:8), और प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों से कहा, “...देखो, मैं जगत के अन्‍त तक सदैव तुम्हारे संग हूं” (मत्ती 28:20)।

      प्रभु यीशु मसीह के लिए जीवन व्यतीत करने में हमें चाहे जैसे भी संघर्ष का सामना करना पड़े, हमारा प्रभु परमेश्वर सदा हमारे साथ बना रहता है।


धन्य हैं वे, जो धर्म के कारण सताए जाते हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्‍हीं का है। - मत्ती 5:10

बाइबल पाठ: यिर्मयाह 1:1-10
Jeremiah 1:1 हिल्किय्याह का पुत्र यिर्मयाह जो बिन्यामीन देश के अनातोत में रहने वाले याजकों में से था, उसी के ये वचन हैं।
Jeremiah 1:2 यहोवा का वचन उसके पास आमोन के पुत्र यहूदा के राजा योशिय्याह के दिनों में उसके राज्य के तेरहवें वर्ष में पहुंचा।
Jeremiah 1:3 इसके बाद योशिय्याह के पुत्र यहूदा के राजा यहोयाकीम के दिनों में, और योशिय्याह के पुत्र यहूदा के राजा सिदकिय्याह के राज्य के ग्यारहवें वर्ष के अन्त तक भी प्रगट होता रहा जब तक उसी वर्ष के पांचवें महीने में यरूशलेम के निवासी बंधुआई में न चले गए।
Jeremiah 1:4 तब यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,
Jeremiah 1:5 गर्भ में रचने से पहिले ही मैं ने तुझ पर चित्त लगाया, और उत्पन्न होने से पहिले ही मैं ने तुझे अभिषेक किया; मैं ने तुझे जातियों का भविष्यद्वक्ता ठहराया।
Jeremiah 1:6 तब मैं ने कहा, हाय, प्रभु यहोवा! देख, मैं तो बोलना ही नहीं जानता, क्योंकि मैं लड़का ही हूँ।
Jeremiah 1:7 परन्तु यहोवा ने मुझ से कहा, मत कह कि मैं लड़का हूँ; क्योंकि जिस किसी के पास मैं तुझे भेजूं वहां तू जाएगा, और जो कुछ मैं तुझे आजा दूं वही तू कहेगा।
Jeremiah 1:8 तू उनके मुख को देखकर मत डर, क्योंकि तुझे छुड़ाने के लिये मैं तेरे साथ हूँ, यहोवा की यही वाणी है।
Jeremiah 1:9 तब यहोवा ने हाथ बढ़ाकर मेरे मुंह को छुआ; और यहोवा ने मुझ से कहा, देख, मैं ने अपने वचन तेरे मुंह में डाल दिये हैं।
Jeremiah 1:10 सुन, मैं ने आज के दिन तुझे जातियों और राज्यों पर अधिकारी ठहराया है; उन्हें गिराने और ढा देने के लिये, नाश करने और काट डालने के लिये, या उन्हें बनाने और रोपने के लिये।


एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 1-2
  • 1 तिमुथियुस 3



सोमवार, 22 अक्टूबर 2018

संसाधन



      कई वर्ष पहले जब दक्षिणी कैलिफोर्निया की आर्थिक स्थिति में गिरावट आई, तो पास्टर बॉब जॉन्सन को इसमें न केवल कठिनाइयाँ दिखाई दीं, वरन अवसर भी दिखाई दिए। इसलिए उन्होंने अपने शहर के महापौर के साथ मिलने का समय लिया और उनके पास जाकर पूछा, “हमारा चर्च आपकी क्या सहायता कर सकता है?” महापौर चकित रह गए। सामान्यतः लोग उनके पास सहायता लेने के लिए आते थे; परन्तु यहाँ एक पादरी था जो अपने सारे चर्च के साथ उसे सहायता देने की पेशकश कर रहा था!

      उस महापौर और पादरी ने मिलकर अनेकों आवश्यक समस्याओं के समाधान की योजनाएँ बनाईं। केवल उन के ही इलाके में पिछले वर्ष में 20,000 से अधिक वृद्ध लोगों के पास कोई मिलने और उनका हाल-चाल पूछने नहीं गया था। सैकंडों आश्रित बच्चों को पालन-पोषण में सहायता देने के लिए परिवारों के निर्णयों की आवश्यकता थी; और अनेकों बच्चों को उनके स्कूलों के कार्यों में सहायता देने वालों की आवश्यकता थी। इनमें से कुछ आवश्यकताएँ तो ऐसी थीं जिनका समाधान बिना कुछ विशेष धन खर्च किए किया जा सकता था। परन्तु सभी समस्याओं के लिए समय और इच्छा होना आवश्यक था। और उस चर्च ने अपने इन्हीं संसाधनों को लोगों को प्रदान किया।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों से कहा था कि भविष्य में एक ऐसा भी दिन आएगा जब वह अपने विश्वासी अनुयायियों से कहेंगे, “हे मेरे पिता के धन्य लोगों, आओ, उस राज्य के अधिकारी हो जाओ, जो जगत के आदि से तुम्हारे लिये तैयार किया हुआ है” (मत्ती 25:34)। प्रभु ने यह भी कहा कि वे अनुयायी अपने पुरुस्कारों को देखकर चकित होंगे, और तब प्रभु उन्हें कहेगा, “तुम ने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया” (पद 40)।

      जब हम परमेश्वर द्वारा हमें उपलब्ध करवाए गए समय, प्रेम, और भौतिक संसाधानों को परमेश्वर के राज्य के कार्यों में उदारता से लगाते हैं, तो उसके राज्य की बढ़ोतरी होती है। - टिम गुस्ताफ्सन


दान देना केवल धनी लोगों के लिए ही नहीं है; हम सभी के लिए है।

दिया करो, तो तुम्हें भी दिया जाएगा: लोग पूरा नाप दबा दबाकर और हिला हिलाकर और उभरता हुआ तुम्हारी गोद में डालेंगे, क्योंकि जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्हारे लिये भी नापा जाएगा। - लूका 6:38

बाइबल पाठ: मत्ती 25:31-40
Matthew 25:31 जब मनुष्य का पुत्र अपनी महिमा में आएगा, और सब स्वर्ग दूत उसके साथ आएंगे तो वह अपनी महिमा के सिहांसन पर विराजमान होगा।
Matthew 25:32 और सब जातियां उसके साम्हने इकट्ठी की जाएंगी; और जैसा चरवाहा भेड़ों को बकिरयों से अलग कर देता है, वैसा ही वह उन्हें एक दूसरे से अलग करेगा।
Matthew 25:33 और वह भेड़ों को अपनी दाहिनी ओर और बकिरयों को बाई और खड़ी करेगा।
Matthew 25:34 तब राजा अपनी दाहिनी ओर वालों से कहेगा, हे मेरे पिता के धन्य लोगों, आओ, उस राज्य के अधिकारी हो जाओ, जो जगत के आदि से तुम्हारे लिये तैयार किया हुआ है।
Matthew 25:35 क्योंकि मैं भूखा था, और तुम ने मुझे खाने को दिया; मैं प्यासा था, और तुम ने मुझे पानी पिलाया, मैं परदेशी था, तुम ने मुझे अपने घर में ठहराया।
Matthew 25:36 मैं नंगा था, तुम ने मुझे कपड़े पहिनाए; मैं बीमार था, तुम ने मेरी सुधि ली, मैं बन्‍दीगृह में था, तुम मुझ से मिलने आए।
Matthew 25:37 तब धर्मी उसको उत्तर देंगे कि हे प्रभु, हम ने कब तुझे भूखा देखा और खिलाया? या प्यासा देखा, और पिलाया?
Matthew 25:38 हम ने कब तुझे परदेशी देखा और अपने घर में ठहराया या नंगा देखा, और कपड़े पहिनाए?
Matthew 25:39 हम ने कब तुझे बीमार या बन्‍दीगृह में देखा और तुझ से मिलने आए?
Matthew 25:40 तब राजा उन्हें उत्तर देगा; मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम ने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया।


एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 65-66
  • 1 तिमुथियुस 2



रविवार, 21 अक्टूबर 2018

करुणा



      हाल ही की मेरी एक यात्रा में वायुयान के उतरने के समय कुछ कठिनाई हुई जिसके कारण वायुयान में बैठे लोगों को कई झटके लगे। इसके कारण कई यात्री प्रकट रीति से विचलित थे, परन्तु यान के अन्दर का सारा तनाव दूर हो गया जब दो छोटी लड़कियों ने प्रसन्न होकर ऊँची आवाज़ में कहा, “वाह! मज़ा आ गया! एक बार फिर हो जाए!”

      बच्चे नए रोमाँच और जीवन को खुले मन से एक अचरज के साथ देखने के लिए तैयार रहते हैं। संभवतः प्रभु यीशु के मन में यही बात थी जब उन्होंने कहा कि हमें “मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो कोई परमेश्वर के राज्य को बालक के समान ग्रहण न करे, वह उस में कभी प्रवेश करने न पाएगा” (मरकुस 10:15)।

      जीवन की अपनी चुनौतियां और दुःख होते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में यिर्मयाह नबी से बेहतर कौन यह बात जानता होगा; इसीलिए यिर्मयाह को “विलाप करने वाला नबी” भी कहा गया है। लेकिन यिर्मयाह की समस्याओं के मध्य में परमेश्वर ने उसे एक अद्भुत सत्य के द्वारा प्रोत्साहित किया: “हम मिट नहीं गए; यह यहोवा की महाकरुणा का फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है। प्रति भोर वह नई होती रहती है; तेरी सच्चाई महान है” (विलापगीत 3:22-23)।

      परमेश्वर की नवीन करुणा कभी भी हमारे जीवनों में प्रवेश कर सकती है। उसकी करुणा के कार्य सदा हमारे साथ रहते हैं, और हम उन्हें देख सकेंगे यदि हम बच्चों के समान उनकी अपेक्षा रखकर अपने जीवनों में वह सब के होने की प्रतीक्षा करते हैं जो केवल परमेश्वर ही हमारे लिए कर सकता है। यिर्मयाह जानता था कि परमेश्वर की भलाई केवल हमारी वर्तमान परिस्थितियों के द्वारा ही परिभाषित नहीं होती है, और हमारे प्रति उसकी करुणा जीवन की कठिन परिस्थितियों से कही बढ़कर है।

      आज अपने जीवनों में परमेश्वर की करुणा के नए अनुभवों के खोजी हों। - जेम्स बैंक्स


परमेश्वर की करुणा और सामर्थ्य हमारी हर परिस्थिति से कहीं अधिक बढ़कर है।

क्योंकि तेरी करूणा जीवन से भी उत्तम है मैं तेरी प्रशंसा करूंगा। - भजन 63:3

बाइबल पाठ: विलापगीत 3:21-26
Lamentations 3:21 परन्तु मैं यह स्मरण करता हूँ, इसीलिये मुझे आाशा है:
Lamentations 3:22 हम मिट नहीं गए; यह यहोवा की महाकरुणा का फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है।
Lamentations 3:23 प्रति भोर वह नई होती रहती है; तेरी सच्चाई महान है।
Lamentations 3:24 मेरे मन ने कहा, यहोवा मेरा भाग है, इस कारण मैं उस में आशा रखूंगा।
Lamentations 3:25 जो यहोवा की बाट जोहते और उसके पास जाते हैं, उनके लिये यहोवा भला है।
Lamentations 3:26 यहोवा से उद्धार पाने की आशा रख कर चुपचाप रहना भला है।


एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 62-64
  • 1 तिमुथियुस 1



शनिवार, 20 अक्टूबर 2018

यात्रा



      मैं 1960 के बलवाई प्रवृत्ति के दशक में बड़ा हुआ था, और धर्म के विमुख हो गया था। मैं जीवन भर चर्च तो जाता रहा, परन्तु प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास में मैं एक भयानक दुर्घटना के पश्चात, 20 की आयु के आरंभिक वर्षों में आया। उसके बाद से मैंने अपना जीवन दूसरों को हमारे प्रति प्रभु यीशु मसीह के प्रेम के बारे में बताने में ही बिताया है; और यह एक विलक्षण यात्रा रही है।

      निःसंदेह, “यात्रा” इस टूटे सँसार में व्यतीत किए जाने वाले जीवन के अनुभवों का वर्णन है। इस जीवन यात्रा में हम पहाड़ों और घाटियों, मैदानों और नदियों, एकांत सड़कों और व्यस्त राजमार्गों – जीवन में उतार-चढ़ाव, आनन्द और दुःख, संघर्ष और हानि, अकेलापन और व्यथा, आदि सभी प्रकार के अनुभवों से होकर हम निकलते हैं। हमें आगे का मार्ग तो दिखाई नहीं देता है, इसलिए जो जैसा होता है, उस सब से होकर निकलना पड़ता है, वह चाहे वैसा हो या न हो जैसा हम उस मार्ग को चाहते हैं कि हो।

      परन्तु प्रभु यीशु मसीह के अनुयायी को यह निश्चय है कि वह अपनी इस जीवन यात्रा में कभी भी अकेला नहीं है, एक पल के लिए भी नहीं! परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बारंबार आश्वस्त करती है कि हमारे प्रभु परमेश्वर की उपस्थिति हमारे साथ सदैव बनी रहती है। ऐसा कोई स्थान नहीं है जहाँ हम पहुँच सकें, किन्तु हमारा प्रभु वहाँ न हो (भजन 139:7-12)। वह हमें कभी नहीं छोड़ता या त्यागता है (व्यवस्थाविवरण 31:6; इब्रानियों 13:5)। प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों से पवित्र-आत्मा को भेजने की प्रतिज्ञा के तुरंत बाद उन्हें यह कहकर भी आश्वस्त किया कि, “मैं तुम्हें अनाथ न छोडूंगा, मैं तुम्हारे पास आता हूं” (यूहन्ना 14:18)।

      हम मसीही अपनी जीवन यात्रा में आने वाली चुनौतियों और अवसरों का निर्भीक होकर दृढ़ता से सामना कर सकते हैं क्योंकि हमारी संपूर्ण यात्रा में हमारे प्रभु परमेश्वर की उपस्थिति हमारे साथ-साथ बनी रहती है, और वही हमें हमारे अनन्त में भी सुरक्षित पहुंचाता है। - बिल क्राउडर


विश्वास यह कभी नहीं जानता है कि उसे कहाँ ले जाया जा रहा है,
 परन्तु वह अपने ले जाने वाले को जानता है, और उससे प्रेम करता है। - ओस्वॉल्ड चैम्बर्स

तू हियाव बान्ध और दृढ़ हो, उन से न डर और न भयभीत हो; क्योंकि तेरे संग चलने वाला तेरा परमेश्वर यहोवा है; वह तुझ को धोखा न देगा और न छोड़ेगा। - व्यवस्थाविवरण 31:6

बाइबल पाठ: यूहन्ना 14:15-21
John 14:15 यदि तुम मुझ से प्रेम रखते हो, तो मेरी आज्ञाओं को मानोगे।
John 14:16 और मैं पिता से बिनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे।
John 14:17 अर्थात सत्य का आत्मा, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह न उसे देखता है और न उसे जानता है: तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है, और वह तुम में होगा।
John 14:18 मैं तुम्हें अनाथ न छोडूंगा, मैं तुम्हारे पास आता हूं।
John 14:19 और थोड़ी देर रह गई है कि फिर संसार मुझे न देखेगा, परन्तु तुम मुझे देखोगे, इसलिये कि मैं जीवित हूं, तुम भी जीवित रहोगे।
John 14:20 उस दिन तुम जानोगे, कि मैं अपने पिता में हूं, और तुम मुझ में, और मैं तुम में।
John 14:21 जिस के पास मेरी आज्ञा है, और वह उन्हें मानता है, वही मुझ से प्रेम रखता है, और जो मुझ से प्रेम रखता है, उस से मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उस से प्रेम रखूंगा, और अपने आप को उस पर प्रगट करूंगा।


एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 59-61
  • 2 थिस्सलुनीकियों 3



शुक्रवार, 19 अक्टूबर 2018

सुन्दरता



      एडवर्ड एब्बे, अमेरिका के ऊटाह प्रांत के आर्चिस नैशनल पार्क में कार्य करने वाले एक रेंजर थे। उन्होंने अपनी जीवनी और पार्क के अनुभव Desert Solitaire नामक अपनी पुस्तक में लिखे हैं। यह पुस्तक पढ़ने योग्य है, यदि और कुछ नहीं, तो एब्बे की अनुपम भाषा और अमेरिका के दक्षिण-पश्चिमी इलाके के अद्भुत विवरण के लिए। लेकिन अपने शब्द-चातुर्य और अद्भुत विवरण क्षमता के बावजूद, एब्बे एक नास्तिक ही थे, जो उस राष्ट्रीय उद्यान तथा क्षेत्र की सुंदरता को बयान तो बखूबी कर सकते थे, उसके प्रशंसा भी कर सकते थे, परन्तु उस सुन्दरता के पीछे उसके बनाने वाले को देखने तथा जानने के लिए तैयार नहीं थे। उनका सारा जीवन उस सुंदरता में तो बीता, परन्तु वह उस सुंदरता के रचियता से अनजान ही बने रहे।

      अधिकांश प्राचीन सभ्यताओं में सृष्टि तथा सँसार की उत्पत्ति से संबंधित परिकल्पनाएँ तथा धारणाएँ हैं, जिन्हें वे दन्त कथाओं, मिथकों और गीतों में बयान करते हैं। परन्तु परमेश्वर के वचन बाइबल में दी गई उत्पत्ति की कहानी अनुपम है, जो ऐसे परमेश्वर के विषय बताती है जिसने सृष्टि की सुंदरता को मनुष्य के आनन्द तथा पुलकित होने के लिए रचा। परमेश्वर ने इस सारी सृष्टि का विचार किया, फिर अपने वचन के द्वारा उसे अस्तित्व में ले आया और उस सब को “अच्छा” भी कहा; इब्रानी भाषा में जो शब्द “अच्छा” के लिए आया है वह “सुन्दरता” का अर्थ भी देता है। तब परमेश्वर ने अपने स्वरूप में, अपने हाथों से मनुष्य की सृष्टि की, उसके लिए अदन की वाटिका को बनाया, और अपने महान, अद्भुत प्रेम में आदम को उस वाटिका में रख दिया और उससे कहा, “फूलो-फलो और आनन्दित रहो!”

      कुछ लोग अपने चारों ओर बिखरी हुई सुन्दरता में, उन्हें दिन प्रतिदिन सृष्टिकर्ता से मिलने वाले भले उपहारों में परमेश्वर की सुन्दरता को देखते तो हैं और उनका आनन्द भी उठाते हैं, परन्तु उनके लिए परमेश्वर को न धन्यवाद कहते हैं और न ही उसकी आराधना करते हैं। वे अपनी ही कल्पनाओं और धारणाओं में रहते हैं, और सच्चे, जीवते परमेश्वर को जानने-पहचानने से इन्कार करते रहते हैं।

      अन्य उस सुंदरता और उपहारों में परमेश्वर के प्रेम और सामर्थ्य को देखते हैं, और उनके लिए उसका धन्यवाद करते हैं, उसकी आराधना करते हैं, तथा उसपर विश्वास लाकर उसके अनन्त आनन्द में प्रवेश कर लेते हैं। - डेविड रोपर


सम्पूर्ण सृष्टि परमेश्वर की सुंदरता को प्रतिबिंबित करती है।

आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है। दिन से दिन बातें करता है, और रात को रात ज्ञान सिखाती है। न तो कोई बोली है और न कोई भाषा जहां उनका शब्द सुनाई नहीं देता है। - भजन 19:1-3

बाइबल पाठ: भजन 136:1-9
Psalms 136:1 यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है, और उसकी करूणा सदा की है।
Psalms 136:2 जो ईश्वरों का परमेश्वर है, उसका धन्यवाद करो, उसकी करूणा सदा की है।
Psalms 136:3 जो प्रभुओं का प्रभु है, उसका धन्यवाद करो, उसकी करूणा सदा की है।
Psalms 136:4 उसको छोड़कर कोई बड़े बड़े अशचर्यकर्म नहीं करता, उसकी करूणा सदा की है।
Psalms 136:5 उसने अपनी बुद्धि से आकाश बनाया, उसकी करूणा सदा की है।
Psalms 136:6 उसने पृथ्वी को जल के ऊपर फैलाया है, उसकी करूणा सदा की है।
Psalms 136:7 उसने बड़ी बड़ी ज्योतियों बनाईं, उसकी करूणा सदा की है।
Psalms 136:8 दिन पर प्रभुता करने के लिये सूर्य को बनाया, उसकी करूणा सदा की है।
Psalms 136:9 और रात पर प्रभुता करने के लिये चन्द्रमा और तारागण को बनाया, उसकी करूणा सदा की है।


एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 56-58
  • 2 थिस्सलुनीकियों 2



गुरुवार, 18 अक्टूबर 2018

मन से



      अनेकों संस्कृतियों में, ऊँची आवाज़ में रोना, विलाप करना, कपड़े फाड़ना, आदि, व्यक्तिगत गहरे शोक या गंभीर राष्ट्रीय आपदा आदि के समय में दुःख व्यक्त करने के स्वीकारीय तरीके हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम के समय में इस्राएल के लोगों द्वारा भी इसी प्रकार की दिखाई देने वाली क्रियाएँ, परमेश्वर से विमुख हो जाने के प्रति पश्चाताप और दुःख के सूचक थे।

      पश्चाताप व्यक्त करने का बाहरी स्वरूप, यदि वह मन से हो, तो बहुत प्रभावी क्रिया हो सकता है। परन्तु इसमें यदि परमेश्वर के प्रति सच्ची भीतरी भावना नहीं है, तो यह मात्र दिखावा है, हमारे विश्वासी समाज में भी, और व्यर्थ है।

      परमेश्वर से विमुख हो जाने के कारण, यहूदा के राज्य पर टिड्डियों द्वारा आए विनाश के बाद, परमेश्वर ने योएल भविष्यद्वक्ता द्वारा उन लोगों से सच्चा पश्चाताप करके उसकी ओर लौट आने को कहा, जिससे बह्विश्य में वे लोग उसके न्याय तथा और अधिक प्रबल दण्ड से बच सकें: “तौभी यहोवा की यह वाणी है, अभी भी सुनो, उपवास के साथ रोते-पीटते अपने पूरे मन से फिरकर मेरे पास आओ” (योएल 2:12)।

      फिर योएल ने लोगों से सच्चे मन से परमेश्वर को अपना प्रत्युत्तर देने का आह्वान किया: “अपने वस्त्र नहीं, अपने मन ही को फाड़ कर अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फिरो; क्योंकि वह अनुग्रहकारी, दयालु, विलम्ब से क्रोध करने वाला, करूणानिधान और दु:ख देकर पछतानेहारा है” (पद 13)। सच्चा पश्चाताप मन से आता है।

      परमेश्वर की बहुत लालसा है कि सभी उसके समक्ष अपने अपने पापों का अंगीकार करके, उनके लिए पश्चाताप करें और उससे पापों की क्षमा प्राप्त करें, जिससे फिर वे उसके साथ प्रेम के बंधन में, उसके परिवार के सदस्य, उसकी सन्तान बनकर जीवन व्यतीत कर सकें, पूरे मन, आत्मा और सामर्थ्य से उसकी सेवा कर सकें, उससे आशीषों को प्राप्त कर सकें।

      परमेश्वर से क्षमा और आशीषे प्राप्त करने के आज जो भी आपको उसके सामने स्वीकार करना है, निःसंकोच कर लीजिए – सच्चे मन से। - डेविड मैक्कैस्लैंड


परमेश्वर आपके मन की बात सुनना चाहता है।

क्योंकि परमेश्वर-भक्ति का शोक ऐसा पश्‍चाताप उत्पन्न करता है जिस का परिणाम उद्धार है और फिर उस से पछताना नहीं पड़ता: परन्तु संसारी शोक मृत्यु उत्पन्न करता है। - 2 कुरिन्थियों 7:10

बाइबल पाठ: योएल 2:12-17
Joel 2:12 तौभी यहोवा की यह वाणी है, अभी भी सुनो, उपवास के साथ रोते-पीटते अपने पूरे मन से फिरकर मेरे पास आओ।
Joel 2:13 अपने वस्त्र नहीं, अपने मन ही को फाड़ कर अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फिरो; क्योंकि वह अनुग्रहकारी, दयालु, विलम्ब से क्रोध करने वाला, करूणानिधान और दु:ख देकर पछतानेहारा है।
Joel 2:14 क्या जाने वह फिरकर पछताए और ऐसी आशीष दे जिस से तुम्हारे परमेश्वर यहोवा का अन्नबलि और अर्घ दिया जाए।
Joel 2:15 सिय्योन में नरसिंगा फूँको, उपवास का दिन ठहराओ, महासभा का प्रचार करो;
Joel 2:16 लोगों को इकट्ठा करो। सभा को पवित्र करो; पुरनियों को बुला लो; बच्चों और दूधपीउवों को भी इकट्ठा करो। दुल्हा अपनी कोठरी से, और दुल्हिन भी अपने कमरे से निकल आएं।
Joel 2:17 याजक जो यहोवा के टहलुए हैं, वे आंगन और वेदी के बीच में रो रोकर कहें, हे यहोवा अपनी प्रजा पर तरस खा; और अपने निज भाग की नामधराई न होने दे; न अन्यजातियां उसकी उपमा देने पाएं। जाति जाति के लोग आपस में क्या कहने पाएं, कि उनका परमेश्वर कहां रहा?


एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 53-55
  • 2 थिस्सलुनीकियों 1