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शुक्रवार, 16 नवंबर 2018

प्रोत्साहक



      टेक्सस प्रांत के ‘ए एण्ड एम’ विश्वविद्यालय के फुटबॉल स्टेडियम में एक बड़ा सा चिन्ह लग है, “12वें खिलाड़ी का स्थान।” खेल में प्रत्येक टीम को मैदान में ग्यारह खिलाड़ी रखने होते हैं, और वह  ‘12वां खिलाड़ी’ खेल के समय उपस्थित हज़ारों ‘ए एण्ड एम’ विश्वविद्यालय के छात्र होते हैं जो सारे खेल के दौरान खड़े रहकर अपनी टीम को प्रोत्साहित करते रहते हैं। इस परंपरा का आरंभ 1922 में हुआ था जब टीम के प्रशिकक्षक ने दर्शक दीर्घा में उपस्थित एक छात्र को बुलाया और उसे तैयार होकर खेल मैदान के किनारे पर खड़े रहने के लिए कहा, जिससे कि यदि कोई खेलने वाला खिलाड़ी चोटिल हो जाए तो वह बाहर वाला खिलाड़ी तुरंत मैदान में जाकर उस घायल हुए खिलाड़ी का स्थान लेकर खेलना आरंभ कर दे। यद्यपि इस ‘12वें खिलाड़ी’ को सारे खेल के दौरान अन्दर आकर खेलना नहीं पड़ा, परन्तु उसकी उपस्थिति ने खेलने वाले खिलाड़ियों को खेल के दौरान बहुत प्रोत्साहित बनाए रखा।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में इब्रानियों के मसीही विश्वासियों को लिखी गई पत्री के 11वें अध्याय में परमेश्वर के प्रति विश्वासी, उन महान नायकों का उल्लेख है जिन्होंने अपने इस विश्वास के लिए बहुत कठिनाईयों और परीक्षाओं का सामना किया, परन्तु विश्वास में परमेश्वर के प्रति दृढ़ बने रहे। इसके बाद 12वें अध्याय का आरंभ  इन शब्दों के साथ होता है, “इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्तु, और उलझाने वाले पाप को दूर कर के, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें” (इब्रानियों 12:1)।

      अपने मसीही विश्वास की यात्रा में हम मसीही विश्वासी अकेले नहीं हैं। वे महान संत और सामान्य जन जो प्रभु परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य बने रहे हैं, अपने जीवन की गवाही, उदाहरण और अब स्वर्ग में अपनी उपस्थिति के द्वारा हमारा प्रोत्साहन करते हैं। हम जब इस सँसार के मैदान में अपने मसीही विश्वास के लिए जूझते हैं, तो ऐसे में हमारे अनुसरणीय वे जन हमारे लिए उस ‘12वें खिलाड़ी’ के समान प्रोत्साहक का कार्य करते हैं।

      हम जब अपने ‘विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर (इब्रानियों 12: 2) ताकते रहते हैं तो हम से पहले हुए मसीही विश्वासी हमें प्रोत्साहित करते हैं कि हम अपने विश्वास में स्थिर और दृढ़ बने रहें। - डेविड मैक्कैस्लैंड


बीते समय के मसीही विश्वासी आज हमारे लिए प्रोत्साहक हैं।

यह मतलब नहीं, कि मैं पा चुका हूं, या सिद्ध हो चुका हूं: पर उस पदार्थ को पकड़ने के लिये दौड़ा चला जाता हूं, जिस के लिये मसीह यीशु ने मुझे पकड़ा था। हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ। निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है। - फिलिप्पियों 3:12-14

बाइबल पाठ: इब्रानियों 11:32-12:3
Hebrews 11:32 अब और क्या कहूँ क्योंकि समय नहीं रहा, कि गिदोन का, और बाराक और समसून का, और यिफतह का, और दाऊद का और शामुएल का, और भविष्यद्वक्ताओं का वर्णन करूं।
Hebrews 11:33 इन्‍होंने विश्वास ही के द्वारा राज्य जीते; धर्म के काम किए; प्रतिज्ञा की हुई वस्तुएं प्राप्त की, सिंहों के मुंह बन्‍द किए।
Hebrews 11:34 आग की ज्‍वाला को ठंडा किया; तलवार की धार से बच निकले, निर्बलता में बलवन्‍त हुए; लड़ाई में वीर निकले; विदेशियों की फौजों को मार भगाया।
Hebrews 11:35 स्‍त्रियों ने अपने मरे हुओं को फिर जीवते पाया; कितने तो मार खाते खाते मर गए; और छुटकारा न चाहा; इसलिये कि उत्तम पुनरुत्थान के भागी हों।
Hebrews 11:36 कई एक ठट्ठों में उड़ाए जाने; और कोड़े खाने; वरन बान्‍धे जाने; और कैद में पड़ने के द्वारा परखे गए।
Hebrews 11:37 पत्थरवाह किए गए; आरे से चीरे गए; उन की परीक्षा की गई; तलवार से मारे गए; वे कंगाली में और क्‍लेश में और दुख भोगते हुए भेड़ों और बकिरयों की खालें ओढ़े हुए, इधर उधर मारे मारे फिरे।
Hebrews 11:38 और जंगलों, और पहाड़ों, और गुफाओं में, और पृथ्वी की दरारों में भटकते फिरे।
Hebrews 11:39 संसार उन के योग्य न था: और विश्वास ही के द्वारा इन सब के विषय में अच्छी गवाही दी गई, तौभी उन्हें प्रतिज्ञा की हुई वस्तु न मिली।
Hebrews 11:40 क्योंकि परमेश्वर ने हमारे लिये पहिले से एक उत्तम बात ठहराई, कि वे हमारे बिना सिद्धता को न पहुंचे।
Hebrews 12:1 इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्तु, और उलझाने वाले पाप को दूर कर के, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें।
Hebrews 12:2 और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें; जिसने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्‍ता न कर के, क्रूस का दुख सहा; और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा।
Hebrews 12:3 इसलिये उस पर ध्यान करो, जिसने अपने विरोध में पापियों का इतना वाद-विवाद सह लिया कि तुम निराश हो कर हियाव न छोड़ दो।


एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 3-4
  • इब्रानियों 11:20-40



गुरुवार, 15 नवंबर 2018

महत्वपूर्ण



      मैं एक सुपरमार्किट में अपनी खरीदी हुई वस्तुओं के भुगतान के लिए पंक्ति में खड़ा हुआ अपने चारों ओर के लोगों को देख रहा हूँ। वहाँ कुछ किशोर थे जिनके सर मुंडे हुए थे और कानों में बालियाँ थीं, वे विभिन्न प्रकार के अल्पाहार के पैकिट देखने और चुनने में लगे थे; एक जवान व्यवसाय-कर्मी अपने लिए कुछ अन्य प्रकार की भोजन वस्तु देख रहा था; एक अधेड़ महिला फलों में से चुन रही थी। मेरे मन में प्रश्न उठा है, क्या परमेश्वर इन सब को व्यक्तिगत रीति से जानता है? क्या सँसार के सभी लोग उसके लिए महत्वपूर्ण हैं?

      परमेश्वर का वचन बाइबल हमें सिखाती है कि सँसार की सभी वस्तुओं का सृजनहार, हम मनुष्यों का सृजनहार भी है, और हम में से प्रत्येक जन उसके व्यक्तिगत ध्यान का पात्र है। परमेश्वर ने हम सबके प्रति अपने इस ध्यान, चिंता और प्रेम को अपने सदेह अवतार, प्रभु यीशु के रूप में दिखाया है, उसके जीवन, कार्यों और क्रूस पर दिए गए बलिदान  तथा पुनरुत्थान के द्वारा।

      जब प्रभु यीशु इस सँसार में थे तब उन्होंने दास का स्वरूप रखा, सबकी भलाई और सेवा में अपने आप को लगाया, और अपने जीवन के उदाहरण से प्रत्यक्ष दिखाया कि परमेश्वर का हाथ सँसार के छोटे से छोटे व्यक्ति की सहायत एवं भलाई के लिए भी उपलब्ध है (प्रेरितों 10:38)। प्रभु परमेश्वर के हाथों पर उन घावों के निशान हैं जो उसने हमारे प्रति अपने प्रेम के कारण सहे, और उन घावों के साथ हम सबके व्यक्तिगत चित्र भी हैं (यशायाह 49:16)।

      इसलिए अब जब मैं कभी आत्म-ग्लानि में परेशान होता हूँ, या बाइबल में अय्यूब और सभोपदेशक नामक पुस्तकों में दी गई अकेलेपन की अभिव्यक्ति से अभिभूत होता हूँ, तब मैं सुसमाचारों में दी गई प्रभु यीशु की जीवनी तथा कार्यों की ओर मुड़ता हूँ, और सान्तवना पाता हूँ के मेरा ध्यान रखने, मेरी चिंता करने वाला कोई है जो सदा मेरे साथ बना रहता है (यूहन्ना 14:18)। ऐसे में यदि फिर भी मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचूं कि मेरे अस्तित्व का परमेश्वर की दृष्टि में कोई महत्व नहीं है, तो मैं परमेश्वर के इस पृथ्वी पर प्रभु यीशु मसीह के रूप में आने के प्रमुख कारण को झुठलाता हूँ।

      इसलिए यदि किसी के भी मन में प्रश्न है कि वह परमेश्वर के लिए महत्वपूर्ण है कि नहीं, तो उसे उत्तर के लिए प्रभु यीशु की ओर देखना चाहिए। - फिलिप यैन्सी


अच्छा चरवाहा अपनी भेड़ों के लिए अपने प्राण देता है। - प्रभु यीशु मसीह

देख, मैं ने तेरा चित्र हथेलियों पर खोदकर बनाया है; तेरी शहरपनाह सदैव मेरी दृष्टि के साम्हने बनी रहती है। - यशायाह 49:16

बाइबल पाठ: यूहन्ना 10:1-15
John 10:1 मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो कोई द्वार से भेड़शाला में प्रवेश नहीं करता, परन्तु और किसी ओर से चढ़ जाता है, वह चोर और डाकू है।
John 10:2 परन्तु जो द्वार से भीतर प्रवेश करता है वह भेड़ों का चरवाहा है।
John 10:3 उसके लिये द्वारपाल द्वार खोल देता है, और भेंड़ें उसका शब्द सुनती हैं, और वह अपनी भेड़ों को नाम ले ले कर बुलाता है और बाहर ले जाता है।
John 10:4 और जब वह अपनी सब भेड़ों को बाहर निकाल चुकता है, तो उन के आगे आगे चलता है, और भेड़ें उसके पीछे पीछे हो लेती हैं; क्योंकि वे उसका शब्द पहचानती हैं।
John 10:5 परन्तु वे पराये के पीछे नहीं जाएंगी, परन्तु उस से भागेंगी, क्योंकि वे परायों का शब्द नहीं पहचानती।
John 10:6 यीशु ने उन से यह दृष्‍टान्‍त कहा, परन्तु वे न समझे कि ये क्या बातें हैं जो वह हम से कहता है।
John 10:7 तब यीशु ने उन से फिर कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि भेड़ों का द्वार मैं हूं।
John 10:8 जितने मुझ से पहिले आए; वे सब चोर और डाकू हैं परन्तु भेड़ों ने उन की न सुनी।
John 10:9 द्वार मैं हूं: यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा और भीतर बाहर आया जाया करेगा और चारा पाएगा।
John 10:10 चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्‍ट करने को आता है। मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं।
John 10:11 अच्छा चरवाहा मैं हूं; अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिये अपना प्राण देता है।
John 10:12 मजदूर जो न चरवाहा है, और न भेड़ों का मालिक है, भेड़िए को आते हुए देख, भेड़ों को छोड़कर भाग जाता है, और भेड़िय़ा उन्हें पकड़ता और तित्तर बित्तर कर देता है।
John 10:13 वह इसलिये भाग जाता है कि वह मजदूर है, और उसको भेड़ों की चिन्‍ता नहीं।
John 10:14 अच्छा चरवाहा मैं हूं; जिस तरह पिता मुझे जानता है, और मैं पिता को जानता हूं।
John 10:15 इसी तरह मैं अपनी भेड़ों को जानता हूं, और मेरी भेड़ें मुझे जानती हैं, और मैं भेड़ों के लिये अपना प्राण देता हूं।


एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 1-2
  • इब्रानियों 11:1-19



बुधवार, 14 नवंबर 2018

एकता



      ऑस्ट्रेलिया के पर्थ शहर की घटना है,निकोलस टेलर नाम का एक व्यक्ति ट्रेन में चढ़ते समय फिसल कर गिर गया, और उसकी टाँग प्लेटफॉर्म एवँ ट्रेन के डिब्बे के बीच में फंस गई। जब बहुत प्रयास करने पर भी सुरक्षा अधिकारी उसकी टांग को बाहर नहीं निकाल सके, तो उन्होंने वहाँ खड़े यात्रियों की सहायता ली, उन यात्रियों को पंक्ति बांधकर ट्रेन के डिब्बे के साथ खड़ा किया, और उनसे कहा कि तीन के गिनती पर वे सब एक साथ उस डिब्बे को प्लेटफॉर्म से दूर की ओर धकेलें। जब उन पचास के लगभग लोगों ने एक साथ मिलकर डिब्बे को धकेला तो इतना स्थान बन गया कि निकोलस की टांग बाहर निकाली जा सके। सबके सम्मिलित प्रयास के द्वारा वह संभव हो गया जो एक या दो लोगों के द्वारा संभव नहीं हो पा रहा था।

      प्रेरित पौलुस ने मसीही विश्वासियों के एक साथ मिलकर काम करने की सामर्थ्य को पहचाना था, और परमेश्वर के वचन बाइबल में संकलित उसके द्वारा विभिन्न मंडलियों को लिखी गई कई पत्रियों में पौलुस ने मंडलियों से इस बात के लिए आग्रह भी किया। रोम के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में पौलुस उन से निवेदन करता है कि वे एक दूसरे को वैसे ही ग्रहण करें जैसे कि प्रभु यीशु मसीह ने उन्हें ग्रहण किया है, “और धीरज, और शान्ति का दाता परमेश्वर तुम्हें यह वरदान दे, कि मसीह यीशु के अनुसार आपस में एक मन रहो। ताकि तुम एक मन और एक मुंह हो कर हमारे प्रभु यीशु मसीह के पिता परमेश्वर की बड़ाई करो” (रोमियों 15:5-6)।

      अन्य मसीही विश्वासियों के साथ हमारी एकता हमें न केवल परमेश्वर की महानता को सँसार के समक्ष प्रगट करने में सहायता करती है, वरन मसीही विश्वास के कारण हम पर आने वाले सताव को सहने की सामर्थ्य तथा सहायता भी हमें प्रदान करती है। यह जानते हुए कि फिलिप्पियों के मसीहियों को अपने विश्वास के कारण एक कीमत चुकानी पड़ेगी, पौलुस ने उन्हें सचेत किया कि वे एकता के साथ परिस्थिति से जूझें, “केवल इतना करो कि तुम्हारा चाल-चलन मसीह के सुसमाचार के योग्य हो कि चाहे मैं आकर तुम्हें देखूं, चाहे न भी आऊं, तुम्हारे विषय में यह सुनूं, कि तुम एक ही आत्मा में स्थिर हो, और एक चित्त हो कर सुसमाचार के विश्वास के लिये परिश्रम करते रहते हो। और किसी बात में विरोधियों से भय नहीं खाते यह उन के लिये विनाश का स्‍पष्‍ट चिन्ह है, परन्तु तुम्हारे लिये उद्धार का, और यह परमेश्वर की ओर से है” (फिलिप्पियों 1:27-28)।

      शैतान हमें विभाजित करके पराजित करना चाहता है, परन्तु उसके ऐसे सभी प्रयास तब विफल हो जाते हैं, जब हम परमेश्वर की सहायता से अपने एकता को बनाए रखते हैं: “और मेल के बन्ध में आत्मा की एकता रखने का यत्‍न करो” (इफिसियों 4:3)। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


मसीह यीशु के साथ एक होने के कारण हम मसीहियों में एकता होनी चाहिए।

मैं केवल इन्‍हीं के लिये बिनती नहीं करता, परन्तु उन के लिये भी जो इन के वचन के द्वारा मुझ पर विश्वास करेंगे, कि वे सब एक हों। जैसा तू हे पिता मुझ में हैं, और मैं तुझ में हूं, वैसे ही वे भी हम में हों, इसलिये कि जगत प्रतीति करे, कि तू ही ने मुझे भेजा। - यूहन्ना 17:20-21

बाइबल पाठ: रोमियों 15:1-7
Romans 15:1 निदान हम बलवानों को चाहिए, कि निर्बलों की निर्बलताओं को सहें; न कि अपने आप को प्रसन्न करें।
Romans 15:2 हम में से हर एक अपने पड़ोसी को उस की भलाई के लिये सुधारने के निमित प्रसन्न करे।
Romans 15:3 क्योंकि मसीह ने अपने आप को प्रसन्न नहीं किया, पर जैसा लिखा है, कि तेरे निन्दकों की निन्दा मुझ पर आ पड़ी।
Romans 15:4 जितनी बातें पहिले से लिखी गईं, वे हमारी ही शिक्षा के लिये लिखी गईं हैं कि हम धीरज और पवित्र शास्त्र की शान्ति के द्वारा आशा रखें।
Romans 15:5 और धीरज, और शान्ति का दाता परमेश्वर तुम्हें यह वरदान दे, कि मसीह यीशु के अनुसार आपस में एक मन रहो।
Romans 15:6 ताकि तुम एक मन और एक मुंह हो कर हमारे प्रभु यीशु मसीह के पिता परमेश्वर की बड़ाई करो।
Romans 15:7 इसलिये, जैसा मसीह ने भी परमेश्वर की महिमा के लिये तुम्हें ग्रहण किया है, वैसे ही तुम भी एक दूसरे को ग्रहण करो।


एक साल में बाइबल: 
  • विलापगीत 3-5
  • इब्रानियों 10:19-39



मंगलवार, 13 नवंबर 2018

ध्यानपूर्वक



      मैं ऑडिटोरियम में बैठा पास्टर की ओर टकटकी लगाए देख रहा था। मेरी मुद्रा बता रही थी कि मैं बड़े ध्यान से उसके द्वारा कहे जाने वाला सब कुछ सुन और समझ रहा हूँ। अचानक ही मैंने उपस्थित सभी लोगों को हंसते और ताली बजाते हुए सुना। चकित होकर मैंने अपने आस-पास देखा; पास्टर ने संभवतः कुछ हास्यास्पद कहा था, परन्तु मुझे ज़रा भी अंदाजा नहीं था कि उसने क्या कहा है। देखने में तो मैं बड़े ध्यान से उनकी बातें सुन रहा था, परन्तु वास्तविकता में मेरा ध्यान कहीं और था।

      यह संभव है कि जो कहा जा रहा है उसे सुना तो जाए परन्तु उसपर कोई ध्यान न दिया जाए, देखा तो जाए परन्तु गौर न किया जाए, उपस्थित तो रहा जाए परन्तु कहीं और ही मन लगाया जाए। ऐसी स्थिति में हम महत्वपूर्ण संदेशों को नज़रंदाज़ कर सकते हीं, जो हमार लिए, हमारे लाभ के लिए हों।

      जब एज्रा ने परमेश्वर के वचन में से यहूदा के लिए निर्देशों को पढ़ा, तब “...लोग व्यवस्था की पुस्तक पर कान लगाए रहे” (नहेम्याह 8:3)। उन बातों पर ध्यान देने के द्वारा उनमें उन वचनों के विषय  समझ आई (पद 8), जिससे उनमें पश्चाताप आया, जो उनकी जागृति का कारण बना। एक अन्य परिस्थिति में, जब यरूशलेम में मसीही विश्वासियों पर सताव आया (प्रेरितों 8:1) तो फिलिप्पुस ने सामरिया में सामरी लोगों की ओर ध्यान किया। उन सामरी लोगों ने न केवल फिलिप्पुस के द्वारा किए जाने वाले अद्भुत चिन्हों पर ध्यान किया, परन्तु, “लोगों ने सुनकर...एक चित्त हो कर मन लगाया” (पद 6), जिससे “उस नगर में बड़ा आनन्द हुआ” (पद 8)।

      हमारा मन अस्थिर होकर इधर-उधर भटकता रह सकता है, जिससे हम अपने आस-पास की उत्साह-वर्धक बातों पर ध्यान नहीं लगाने पाते हैं। हमें सबसे अधिक ध्यान परमेश्वर के वचन बाइबल की बातों पर लगाना है जिससे कि हम अपने स्वर्गीय पिता परमेश्वर के साथ संगति के अचरज और आनन्द को प्राप्त कर सकें। - लॉरेंस दरमानी


परमेश्वर के वचन को ग्रहण करने के दो भाग होते हैं: 
ध्यानपूर्वक मन लगाना, और दृढ़ता से उनका पालन करना।

व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए, इसी में दिन रात ध्यान दिए रहना, इसलिये कि जो कुछ उस में लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे; क्योंकि ऐसा ही करने से तेरे सब काम सफल होंगे, और तू प्रभावशाली होगा। - यहोशू 1:8

बाइबल पाठ: नहेम्याह 8:2-6; प्रेरितों 8:4-8
Nehemiah 8:2 तब एज्रा याजक सातवें महीने के पहिले दिन को क्या स्त्री, क्या पुरुष, जितने सुनकर समझ सकते थे, उन सभों के साम्हने व्यवस्था को ले आया।
Nehemiah 8:3 और वह उसकी बातें भोर से दो पहर तक उस चौक के साम्हने जो जलफाटक के साम्हने था, क्या स्त्री, क्या पुरुष और सब समझने वालों को पढ़कर सुनाता रहा; और लोग व्यवस्था की पुस्तक पर कान लगाए रहे।
Nehemiah 8:4 एज्रा शास्त्री, काठ के एक मचान पर जो इसी काम के लिये बना था, ख्ड़ा हो गया; और उसकी दाहिनी अलंग मत्तित्याह, शेमा, अनायाह, ऊरिय्याह, हिल्किय्याह और मासेयाह; और बाई अलंग, पदायाह, मीशाएल, मल्किय्याह, हाशूम, हश्बद्दाना,जकर्याह और मशुल्लाम खड़े हुए।
Nehemiah 8:5 तब एज्रा ने जो सब लोगों से ऊंचे पर था, सभों के देखते उस पुस्तक को खोल दिया; और जब उसने उसको खोला, तब सब लोग उठ खड़े हुए।
Nehemiah 8:6 तब एज्रा ने महान परमेश्वर यहोवा को धन्य कहा; और सब लोगों ने अपने अपने हाथ उठा कर आमेन, आमेन, कहा; और सिर झुका कर अपना अपना माथा भूमि पर टेक कर यहोवा को दण्डवत किया।
Acts 8:4 जो तित्तर बित्तर हुए थे, वे सुसमाचार सुनाते हुए फिरे।
Acts 8:5 और फिलेप्पुस सामरिया नगर में जा कर लोगों में मसीह का प्रचार करने लगा।
Acts 8:6 और जो बातें फिलेप्पुस ने कहीं उन्हें लोगों ने सुनकर और जो चिन्ह वह दिखाता था उन्हें देख देखकर, एक चित्त हो कर मन लगाया।
Acts 8:7 क्योंकि बहुतों में से अशुद्ध आत्माएं बड़े शब्द से चिल्लाती हुई निकल गई, और बहुत से झोले के मारे हुए और लंगड़े भी अच्‍छे किए गए।
Acts 8:8 और उस नगर में बड़ा आनन्द हुआ।


एक साल में बाइबल: 
  • विलापगीत 1-2
  • इब्रानियों 10:1-18



सोमवार, 12 नवंबर 2018

रोटी



      मैं मेक्सिको के एक छोटे शहर में रहती हूँ, जहाँ प्रति प्रातः और संध्या एक विशेष आवाज़ सुनाई देती है: “रोटी!” एक व्यक्ति, अपनी मोटरसाईकिल पर एक बड़े से टोकरे में कई प्रकार की मीठी और नमकीन रोटी बेचता हुआ निकलता है। पहले मैं एक बड़े शहर में रहती थी, जहाँ रोटी खरीदने के लिए मुझे बेकरी तक जाना पड़ता था, परन्तु अब मैं घर पर ही ताज़ी रोटी प्राप्त करने का मज़ा ले सकती हूँ।

      शारीरिक भूख को मिटाने के विचार से आत्मिक भूख की ओर बढ़ाते हैं; और मुझे प्रभु यीशु द्वारा कहे, परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखे गए शब्द स्मरण आते हैं, “जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी मैं हूं। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा...” (यूहन्ना 6:51)।

      किसी ने कहा है कि सुसमाचार प्रचार वास्तव में एक भिखारी के द्वारा किसी अन्य भिखारी को बताना है कि उसे रोटी कहाँ से प्राप्त हुई। हम में से अनेकों कह सकते हैं कि “एक समय पर मैं आत्मिक रूप से भूखा था, अपने पापों के कारण आत्मिक कुपोषण से मर रहा था। फिर मुझे सुसमाचार मिला। किसी ने मुझे बताया कि मुझे जीवन की रोटी कहाँ मिलेगी – प्रभु यीशु में; और प्रभु यीशु में विश्वास लाने, उससे अपने पापों की क्षमा माँगने तथा उसे अपना जीवन समर्पण करने के द्वारा मेरा जीवन बदल गया, मैं अनन्त मृत्यु से अनन्त जीवन में आ गया।”

      अब हमें यह आदर तथा दायित्व है कि इस जीवन की रोटी की ओर औरों को भी आकर्षित करें, उन्हें भी इसकी बारे में बताएँ। हम प्रभु यीशु मसीह के बारे में अपने पड़ौस में, अपने कार्यस्थल में, अपने स्कूल में, अपने मनोरंजन स्थलों पर, बता सकते हैं। हम प्रभु यीशु के विषय बस में, ट्रेन में, प्रतीक्षालय में, बात कर सकते हैं। हम अपने मित्रों के साथ प्रभु यीशु के सुसमाचार को बाँट सकते हैं।

      प्रभु यीशु मसीह ही जीवन की रोटी हैं, और हम मसीही विश्वासियों को यह सुसमाचार सब तक पहुंचाना है। - कीला ओकोआ


जीवन की रोटी को आप जहाँ कहीं भी हों, औरों के साथ बांटें।

नाशमान भोजन के लिये परिश्रम न करो, परन्तु उस भोजन के लिये जो अनन्त जीवन तक ठहरता है, जिसे मनुष्य का पुत्र तुम्हें देगा, क्योंकि पिता, अर्थात परमेश्वर ने उसी पर छाप कर दी है। - यूहन्ना 6:27

बाइबल पाठ: यूहन्ना 6:34-51
John 6:34 तब उन्होंने उस से कहा, हे प्रभु, यह रोटी हमें सर्वदा दिया कर।
John 6:35 यीशु ने उन से कहा, जीवन की रोटी मैं हूं: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा।
John 6:36 परन्तु मैं ने तुम से कहा, कि तुम ने मुझे देख भी लिया है, तोभी विश्वास नहीं करते।
John 6:37 जो कुछ पिता मुझे देता है वह सब मेरे पास आएगा, उसे मैं कभी न निकालूंगा।
John 6:38 क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं, वरन अपने भेजने वाले की इच्छा पूरी करने के लिये स्वर्ग से उतरा हूं।
John 6:39 और मेरे भेजने वाले की इच्छा यह है कि जो कुछ उसने मुझे दिया है, उस में से मैं कुछ न खोऊं परन्तु उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊं।
John 6:40 क्योंकि मेरे पिता की इच्छा यह है, कि जो कोई पुत्र को देखे, और उस पर विश्वास करे, वह अनन्त जीवन पाए; और मैं उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊंगा।
John 6:41 सो यहूदी उस पर कुड़कुड़ाने लगे, इसलिये कि उसने कहा था; कि जो रोटी स्वर्ग से उतरी, वह मैं हूं।
John 6:42 और उन्होंने कहा; क्या यह यूसुफ का पुत्र यीशु नहीं, जिस के माता पिता को हम जानते हैं? तो वह क्योंकर कहता है कि मैं स्वर्ग से उतरा हूं।
John 6:43 यीशु ने उन को उत्तर दिया, कि आपस में मत कुड़कुड़ाओ।
John 6:44 कोई मेरे पास नहीं आ सकता, जब तक पिता, जिसने मुझे भेजा है, उसे खींच न ले; और मैं उसको अंतिम दिन फिर जिला उठाऊंगा।
John 6:45 भविष्यद्वक्ताओं के लेखों में यह लिखा है, कि वे सब परमेश्वर की ओर से सिखाए हुए होंगे। जिस किसी ने पिता से सुना और सीखा है, वह मेरे पास आता है।
John 6:46 यह नहीं, कि किसी ने पिता को देखा परन्तु जो परमेश्वर की ओर से है, केवल उसी ने पिता को देखा है।
John 6:47 मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो कोई विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसी का है।
John 6:48 जीवन की रोटी मैं हूं।
John 6:49 तुम्हारे बाप दादों ने जंगल में मन्ना खाया और मर गए।
John 6:50 यह वह रोटी है जो स्वर्ग से उतरती है ताकि मनुष्य उस में से खाए और न मरे।
John 6:51 जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी मैं हूं। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिये दूंगा, वह मेरा मांस है।


एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 51-52
  • इब्रानियों 9



रविवार, 11 नवंबर 2018

बलिदान



      यह इतवार की दोपहर का समय है, मैं अपने घर के बागीचे में बैठी हूँ जो उस चर्च के निकट ही है जिसमें मेरे पति पादरी हैं। मुझे फारसी भाषा में चल रही आराधना और स्तुति गान के शब्द तथा संगीत सुनाई दे रहे हैं। लंडन में स्थित हमारे इस चर्च में ईरानी लोगों की मण्डली भी एकत्रित होती है, और वे सभी अपने मसीही विश्वास के प्रति बहुत जोशीले हैं। वे अपने मसीही विश्वास के लिए उन पर किए गए अत्याचारों और सताव की कहानियों को, उनके कुछ साथियों के मसीही विश्वास के कारण मार डाले जाने को भी बताते हैं, लेकिन ऐसे सताव के बावजूद भी उनके उत्साह को देखते हुए हम अपने आप को विश्वास में कमतर अनुभव करते हैं। ये मसीही विश्वासी, मसीही विश्वास के लिए सबसे पहले शहीद हुए व्यक्ति, स्तिफनुस के पद-चिन्हों पर चल रहे हैं।

      स्तिफनुस प्रारंभिक मसीही मण्डली का एक अगुवा था, और उसके द्वारा होने वाले “बड़े-बड़े अद्भुत काम और चिन्हों” (प्रेरितों 6:8) के कारण यरूशलेम में लोगों का ध्यान उसकी ओर आकर्षित हुआ, और यहूदी धर्म-अधिकारियों ने उसे अपने सामने बुलवाया कि वह अपने मसीही विश्वास के कार्यों के विषय अपना बचाव करे। स्तिफनुस ने न केवल अपने मसीही विश्वास का जोशपूर्ण बचाव किया, वरन उस पर दोष लगाने वालों पर उनके कठोर मन का होने का आरोप भी लगाया। परन्तु स्तिफनुस की बातों को सुनकर बजाए पश्चाताप करने के, उसे पकड़ने और पकड़वाने वाले “उसपर दाँत पीसने लगे” (प्रेरितों 7:54)। वे उसे घसीटते हुए शहर के बाहर ले गए और पत्थरवाह करके मार डाला, जबकि स्तिफनुस उन्हें क्षमा किए जाने की प्रार्थना करता रहा।

      स्तिफनुस और आज भी मसीही विश्वास के लिए सताव सहन कर रहे तथा बलिदान हो रहे मसीहियों की जीवनों का सन्देश हमें स्मरण दिलाता है कि सँसार के प्रत्येक व्यक्ति के प्रति मसीह के प्रेम और करुणा के सन्देश का प्रत्युत्तर सँसार से मिलने वाली क्रूरता और हिंसा भी हो सकता है। यदि हमने आज तक अपने मसीही विश्वास के कारण किसी सताव का सामना नहीं किया है, तो भी हम उन विश्वासियों और कलीसियाओं के लिए प्रार्थना करें जो सताए जा रहे हैं। और यह भी प्रार्थना करें कि जब कभी हम अपने मसीही विश्वास के लिए परखे जाएँ, तो हम अपने प्रभु यीशु के प्रति जिसने हमारे उद्धार के लिए सँसार से इतनी भीषण यातनाएं और मृत्यु सही, वफादार और दृढ़ रह सकें, कभी उसका इन्कार न करें। - एमी बाउचर पाई


हम अपने प्रभु के पदचिन्हों पर चलने के योग्य अनुग्रह पा सकें।

वे इस बात से आनन्‍दित हो कर महासभा के साम्हने से चले गए, कि हम उसके नाम के लिये निरादर होने के योग्य तो ठहरे। और प्रति दिन मन्दिर में और घर घर में उपदेश करने, और इस बात का सुसमाचार सुनाने से, कि यीशु ही मसीह है न रूके। - प्रेरितों 5:41-42

बाइबल पाठ: प्रेरितों 6:8-15; 7:59-60
Acts 6:8 स्‍तिुफनुस अनुग्रह और सामर्थ में परिपूर्ण हो कर लोगों में बड़े बड़े अद्भुत काम और चिन्ह दिखाया करता था।
Acts 6:9 तब उस अराधनालय में से जो लिबरतीनों की कहलाती थी, और कुरेनी और सिकन्‍दिरया और किलिकिया और एशीया के लोगों में से कई एक उठ कर स्‍तिुफनुस से वाद-विवाद करने लगे।
Acts 6:10 परन्तु उस ज्ञान और उस आत्मा का जिस से वह बातें करता था, वे साम्हना न कर सके।
Acts 6:11 इस पर उन्‍होने कई लोगों को उभारा जो कहने लगे, कि हम ने इस को मूसा और परमेश्वर के विरोध में निन्‍दा की बातें कहते सुना है।
Acts 6:12 और लोगों और प्राचीनों और शास्‍त्रियों को भड़काकर चढ़ आए और उसे पकड़कर महासभा में ले आए।
Acts 6:13 और झूठे गवाह खड़े किए, जिन्हों ने कहा कि यह मनुष्य इस पवित्र स्थान और व्यवस्था के विरोध में बोलना नहीं छोड़ता।
Acts 6:14 क्योंकि हम ने उसे यह कहते सुना है, कि यही यीशु नासरी इस जगह को ढ़ा देगा, और उन रीतों को बदल डालेगा जो मूसा ने हमें सौंपी हैं।
Acts 6:15 तब सब लोगों ने जो सभा में बैठे थे, उस की ओर ताक कर उसका मुखड़ा स्वर्गदूत का सा देखा।
Acts 7:59 और वे स्‍तिुफनुस को पत्थरवाह करते रहे, और वह यह कहकर प्रार्थना करता रहा; कि हे प्रभु यीशु, मेरी आत्मा को ग्रहण कर।
Acts 7:60 फिर घुटने टेककर ऊंचे शब्द से पुकारा, हे प्रभु, यह पाप उन पर मत लगा, और यह कहकर सो गया: और शाऊल उसके बध में सहमत था।


एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 50
  • इब्रानियों 8



शनिवार, 10 नवंबर 2018

उद्देश्य



      जेकब डेविस एक दर्जी थे, जो एक समस्या का सामना कर रहे थे। वह अमेरिका के पश्चिमी क्षेत्र में 1800 के वर्षों का समय था, ऐसा समय जब सोने के लिए खदानों में काम करने के लिए बहुत लोग जुटे हुए थे। खानों में काम करते-करते उन खदान कर्मियों की पैंटे बहुत शीघ्र घिस कर फट जाया करती थीं; यही डेविस की समस्या थी। डेविस को एक उपाय सूझा; वे एक स्थानीय कंपनी में, जिसके मालिक लेवे स्ट्रॉस थे, गए और उनसे तम्बू बनाने वाले कपड़े को खरीद लाए, और उससे पैंट बनाना आरंभ कर दिया। उस मज़बूत कपड़े से बनी पैंट बहुत टिकाउ रहीं और इस प्रकार नीली जींस की पैंट का आरंभ हुआ। आज डेनिम कपड़े से बनी जींस, लेवी मार्का सहित, सँसार के सबसे लोकप्रिय वस्त्रों में से हैं, क्योंकि तम्बू बनाने के कपड़े को एक नया उद्देश्य देकर प्रयोग किया गया।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि शमौन और उसके मित्र गलील की झील में मछली पकड़ने वाले मछुआरे थे। प्रभु यीशु उनके पास आए और उन्हें अपने साथ चलने को बुलाया जिससे वे उन्हें मनुष्यों के मछुए बनाएं: “और यीशु ने उन से कहा; मेरे पीछे चले आओ; मैं तुम को मनुष्यों के मछुवे बनाऊंगा” (मरकुस 1:17)। प्रभु यीशु ने इन्हें इस नए उद्देश्य के साथ प्रशिक्षित करना आरंभ किया जिससे कि उनके स्वर्गारोहण के पश्चात फिर ये ही लोग परमेश्वर के प्रेम और प्रभु यीशु के बलिदान तथा पुनरुत्थान के द्वारा सँसार के सभी लोगों के लिए सेंत-मेंत उपलब्ध करवाए गए उद्धार के सुसमाचार को सँसार के सभी लोगों तक लेकर जा सकें।

      आज हम मसीह यीशु के प्रेम और उद्धार के सुसमाचार के प्रचार में उन्हीं के उदाहरण का अनुसरण करते हैं। हम मसीही विश्वासियों के जीवनों से आज इस सुसमाचार का प्रचार भी होना है और प्रदर्शन भी, जिससे लोग इस जीवन तथा उद्देश्य को अनन्त काल के लिए बदल देने वाले परमेश्वर के प्रेम को जान सकें और समझ सकें, उसकी सामर्थ्य को प्रत्यक्ष देख सकें। - बिल क्राउडर


मसीह यीशु में मिले नए जीवन के द्वारा हमें एक नया उद्देश्य भी प्राप्त हुआ है।

और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा। - 2 कुरिन्थियों 5:15

बाइबल पाठ: मरकुस 1:16-22
Mark 1:16 गलील की झील के किनारे किनारे जाते हुए, उसने शमौन और उसके भाई अन्द्रियास को झील में जाल डालते देखा; क्योंकि वे मछुवे थे।
Mark 1:17 और यीशु ने उन से कहा; मेरे पीछे चले आओ; मैं तुम को मनुष्यों के मछुवे बनाऊंगा।
Mark 1:18 वे तुरन्त जालों को छोड़कर उसके पीछे हो लिए।
Mark 1:19 और कुछ आगे बढ़कर, उसने जब्‍दी के पुत्र याकूब, और उसके भाई यहून्ना को, नाव पर जालों को सुधारते देखा।
Mark 1:20 उसने तुरन्त उन्हें बुलाया; और वे अपने पिता जब्‍दी को मजदूरों के साथ नाव पर छोड़कर, उसके पीछे चले गए।
Mark 1:21 और वे कफरनहूम में आए, और वह तुरन्त सब्त के दिन सभा के घर में जा कर उपदेश करने लगा।
Mark 1:22 और लोग उसके उपदेश से चकित हुए; क्योंकि वह उन्हें शास्‍त्रियों के समान नहीं, परन्तु अधिकारी के समान उपदेश देता था।


एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 48-49
  • इब्रानियों 7