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शुक्रवार, 15 मार्च 2019

विरासत



      हमारे दादा-दादी धनी नहीं थे, परन्तु फिर भी वे प्रत्येक क्रिसमस समय को हम सब भाई-बहनों के लिए विशेष बनाते थे। हम सब जब वहाँ एकत्रित होते थे तो सदा ही बहुत सा भोजन, आनन्द और प्रेम होता था। और छोटी आयु से ही हम सभी बच्चों ने यह सीखा कि यह उत्सव मसीह यीशु के कारण संभव हुआ था।

      हम भी अपने बच्चों के लिए ऐसी ही विरासत छोडकर जाना चाहते हैं। जब हम पिछले वर्ष परिवार जनों के साथ क्रिसमस मनाने के लिए एकत्रित हुए, तो हमें एहसास हुआ कि इस परंपरा का आरंभ दादा-दादी से हुआ था। वे हमें विरासत में धन-संपत्ति तो छोड़ कर नहीं जा सके, परन्तु उन्होंने हमारे जीवनों में प्रेम, आदर, और विश्वास के बीज बोए – जिससे हम, जो उनके बच्चों के बच्चे हैं, उनके उदाहरण का अनुसरण कर सकें।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम नानी लोइस और माँ यूनिके के विषय पढ़ते हैं , जिन्होंने तिमुथियुस के साथ उसके बचपन से ही वास्तविक विश्वास को बाँटा (2 तिमुथियुस 1:5)। उनके प्रभाव के द्वारा वह प्रभु यीशु में मिलने वाले उद्धार के सुसमाचार को अन्य अनेकों के साथ बाँटने वाला बन सका।

      परमेश्वर के साथ निकटता से रहने के द्वारा हम उनके लिए एक आत्मिक विरासत तैयार कर सकते हैं, जिनके जीवनों को हम प्रभावित करते हैं। हम व्यावाहारिक तरीकों से परमेश्वर के प्रेम को औरों के लिए वास्तविक बना सकते हैं, जब हम उन्हें अपना पूरा ध्यान दें, जो वे विचारते तथा करते हैं उसमें रुचि दिखाएँ, उनके साथ जीवन को साझा करें। हम उन्हें अपने उत्सवों में भी आमंत्रित कर सकते हैं! जब हमारे जीवन परमेश्वर के प्रेम की वास्तविकता को प्रतिबिंबित करते हैं, तब हम औरों के उपयोग के लिए एक स्थाई एवँ उत्तम विरासत छोड़ते हैं। - कीला ओकोआ


यदि किसी ने आपके लिए एक ईश्वरीय विरासत छोड़ी है, 
तो उसे किसी अन्य के जीवन में निवेश करें।

इस कारण मैं इन दुखों को भी उठाता हूं, पर लजाता नहीं, क्योंकि मैं उसे जिस की मैं ने प्रतीति की है, जानता हूं; और मुझे निश्‍चय है, कि वह मेरी थाती की उस दिन तक रखवाली कर सकता है। - 2 तिमुथियुस 1:12

बाइबल पाठ: 2 तिमुथियुस 1: 1-7
2 Timothy 1:1 पौलुस की ओर से जो उस जीवन की प्रतिज्ञा के अनुसार जो मसीह यीशु में है, परमेश्वर की इच्छा से मसीह यीशु का प्रेरित है।
2 Timothy 1:2 प्रिय पुत्र तीमुथियुस के नाम। परमेश्वर पिता और हमारे प्रभु मसीह यीशु की ओर से तुझे अनुग्रह और दया और शान्‍ति मिलती रहे।
2 Timothy 1:3 जिस परमेश्वर की सेवा मैं अपने बाप दादों की रीति पर शुद्ध विवेक से करता हूं, उसका धन्यवाद हो कि अपनी प्रार्थनाओं में तुझे लगातार स्मरण करता हूं।
2 Timothy 1:4 और तेरे आंसुओं की सुधि कर कर के रात दिन तुझ से भेंट करने की लालसा रखता हूं कि आनन्द से भर जाऊं।
2 Timothy 1:5 और मुझे तेरे उस निष्‍कपट विश्वास की सुधि आती है, जो पहिले तेरी नानी लोइस, और तेरी माता यूनीके में थी, और मुझे निश्‍चय हुआ है, कि तुझ में भी है।
2 Timothy 1:6 इसी कारण मैं तुझे सुधि दिलाता हूं, कि तू परमेश्वर के उस वरदान को जो मेरे हाथ रखने के द्वारा तुझे मिला है चमका दे।
2 Timothy 1:7 क्योंकि परमेश्वर ने हमें भय की नहीं पर सामर्थ, और प्रेम, और संयम की आत्मा दी है।

एक साल में बाइबल:  
  • व्यवस्थाविवरण 26-27
  • मरकुस 14:27-53



गुरुवार, 14 मार्च 2019

खुली बाहें



      मैंने और मेरे पति डैन ने अपने वृद्ध माता-पिता की देखभाल करने की सेवा जिस दिन आरंभ की, हमें लगा मानो हमने एक साथ हाथ बाँधकर एक ऊँची चट्टान पर से नीचे गहरी खाई में छलांग लगा दी हो। हमने यह नहीं सोचा था कि इस प्रकार देखभाल करने में जो सबसे कठिन कार्य हमारे सामने होगा वह होगा हमारे हृदयों का टटोला जाना, हमें परमेश्वर द्वारा ढाला जाना, और परमेश्वर द्वारा हमें उसकी समानता में आने के लिए नई रीतियों से बदला जाना।

      जिन दिनों में मुझे लगता था कि मैं बेकाबू होकर नीचे की ओर गिरी जा रही हूँ, परमेश्वर मुझे मेरी अपनी योजनाएँ, मेरे संकोच, मेरे भय, मेरा घमण्ड, और मेरा स्वार्थ दिखाता था। उसने मेरे टूटेपन के द्वारा मेरे प्रति अपने प्रेम और क्षमा का बोध करवाया।

      मेरे पास्टर कहते हैं, “आपका सबसे अच्छा दिन वह होता है जब आप अपने आप को वैसा देखते हो जैसे आप वास्तव में हो – मसीह यीशु के बिना असहाय और अपूर्ण। तब आप अपने आप को वैसा देखें जैसा प्रभु यीशु आपको देखता है – प्रभु में परिपूर्ण और जयवंत।” मेरे जीवन में देखभाल करने के द्वारा आने वाली यही आशीष थी। जब मैंने समझा कि परमेश्वर ने मुझे क्या होने के लिए बनाया है, तो मैं रोती हुई भागकर उसकी बाहों में चली गई। मैंने भी भजनकार के साथ कहा, “हे ईश्वर, मुझे जांच कर जान ले! मुझे परख कर मेरी चिन्ताओं को जान ले!” (भजन 139:23)।

      आपके लिए भी मेरी यही प्रार्थना है – आप भी अपनी परिस्थितियों में आप अपने आप को अपनी वास्तविक स्थिति में देखें और समझें; और, आप भी पलटकर प्रभु परमेश्वर की खुली बाहों में आ जाएँ, उसके प्रेम और क्षमा का आनन्द अनुभव करें। - सहेली बीच, अतिथि लेखिका


जब चिन्ता अन्दर आती है, तो सामर्थ्य बाहर चली जाती है। 
जब हम परमेश्वर के पास आते हैं, सामर्थ्य फिर से आ जाती है।

टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता। - भजन 51:17

बाइबल पाठ: भजन 139:17-24
Psalms 139:17 और मेरे लिये तो हे ईश्वर, तेरे विचार क्या ही बहुमूल्य हैं! उनकी संख्या का जोड़ कैसा बड़ा है।
Psalms 139:18 यदि मैं उन को गिनता तो वे बालू के किनकों से भी अधिक ठहरते। जब मैं जाग उठता हूं, तब भी तेरे संग रहता हूं।
Psalms 139:19 हे ईश्वर निश्चय तू दुष्ट को घात करेगा! हे हत्यारों, मुझ से दूर हो जाओ।
Psalms 139:20 क्योंकि वे तेरी चर्चा चतुराई से करते हैं; तेरे द्रोही तेरा नाम झूठी बात पर लेते हैं।
Psalms 139:21 हे यहोवा, क्या मैं तेरे बैरियों से बैर न रखूं, और तेरे विरोधियों से रूठ न जाऊं?
Psalms 139:22 हां, मैं उन से पूर्ण बैर रखता हूं; मैं उन को अपना शत्रु समझता हूं।
Psalms 139:23 हे ईश्वर, मुझे जांच कर जान ले! मुझे परख कर मेरी चिन्ताओं को जान ले!
Psalms 139:24 और देख कि मुझ में कोई बुरी चाल है कि नहीं, और अनन्त के मार्ग में मेरी अगुवाई कर!

एक साल में बाइबल:  
  • व्यवस्थाविवरण 23-25
  • मरकुस 14:1-26



बुधवार, 13 मार्च 2019

व्यक्तिगत



      लंडन की एक भीड़ से भरी हुई लोकल ट्रेन में, प्रातः के समय कार्यस्थल को  जाने वाले एक यात्री ने दूसरे के साथ धक्कामुक्की की और उसका अपमान किया क्योंकि वह उसके मार्ग में आ गया था। वह असंयम का एक खेदजनक पल था जिसका कोई समाधान नहीं था। किन्तु उसी दिन, कुछ समय के पश्चात अप्रत्याशित घटित हो गया। एक व्यवसायिक प्रबंधक ने अपने मित्रों को सोशल मीडिया के माध्यम से एक सन्देश प्रेषित किया – “ज़रा सोचकर बताओ आज नौकरी के लिए साक्षात्कार देने मेरे पास कौन पहुँचा होगा?” जब यह स्पष्टीकरण इंटरनैट पर आया तो सँसार भर में अनेकों लोग चौंके भी और मुस्कुराए भी। उस व्यक्ति का हाल सोचिए जो नौकरी के लिए साक्षात्कार देने पहुँचा और पाया कि जिसने साक्षात्कार के लिए उसका अभिवादन किया वह वही व्यक्ति था जिसे उसने प्रातः धक्का दिया था और उसका अपमान किया था।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि प्रभु यीशु मसीह में विश्वास लाने से पहले पौलुस, जो तब शाउल के नाम से जाना जाता था, इसी प्रकार एक ऐसे व्यक्ति से जा मिला जिसे देखने की उसे कतई आशा नहीं थी। शाउल प्रभु यीशु के अनुयायियों के विरुद्ध बहुत सक्रीय था, उन्हें पकड़ने और बन्दी बनाने के प्रयास में रहता था, और एक ऐसे ही कार्य के लिए जब वह दमिश्क के मार्ग पर था तो “चलते चलते जब वह दमिश्क के निकट पहुंचा, तो एकाएक आकाश से उसके चारों ओर ज्योति चमकी। और वह भूमि पर गिर पड़ा, और यह शब्द सुना, कि हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है? उसने पूछा; हे प्रभु, तू कौन है? उसने कहा; मैं यीशु हूं; जिसे तू सताता है” (प्रेरितों 9:3-5)।

      इस घटना के वर्षों पहले प्रभु यीशु ने कहा था कि हम भूखे-प्यासों, परदेशीयों, और बंदियों आदि के साथ जैसा व्यवहार करते हैं वह प्रभु के प्रति हमारे रवैये को दिखाता है (मत्ती 25:40)। भला कौन यह सोचेगा कि जब सँसार का कोई व्यक्ति हम मसीही विश्वासियों का अपमान करता है, हमें सताता है, या जब हम परस्पर एक दूसरे की सहायता करते हैं या एक दूसरे को चोट पहुंचाते हैं, तो हमारा प्रभु जो हम में से प्रत्येक से प्रेम करता है, उस व्यवहार को अपने प्रति व्यक्तिगत लेता है। - मार्ट डीहान


जब हम एक दूसरे को सहायता अथवा दुःख देते हैं, यीशु उसे अपने प्रति व्यक्तिगत लेता है।

...मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम ने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया। - मत्ती 25:40

बाइबल पाठ: प्रेरितों 26:9-15
Acts 26:9 मैं ने भी समझा था कि यीशु नासरी के नाम के विरोध में मुझे बहुत कुछ करना चाहिए।
Acts 26:10 और मैं ने यरूशलेम में ऐसा ही किया; और महायाजकों से अधिकार पाकर बहुत से पवित्र लोगों को बन्‍दीगृह में डाल, और जब वे मार डाले जाते थे, तो मैं भी उन के विरोध में अपनी सम्मति देता था।
Acts 26:11 और हर आराधनालय में मैं उन्हें ताड़ना दिला दिलाकर यीशु की निन्‍दा करवाता था, यहां तक कि क्रोध के मारे ऐसा पागल हो गया, कि बाहर के नगरों में भी जा कर उन्हें सताता था।
Acts 26:12 इसी धुन में जब मैं महायाजकों से अधिकार और परवाना ले कर दमिश्क को जा रहा था।
Acts 26:13 तो हे राजा, मार्ग में दोपहर के समय मैं ने आकाश से सूर्य के तेज से भी बढ़कर एक ज्योति अपने और अपने साथ चलने वालों के चारों ओर चमकती हुई देखी।
Acts 26:14 और जब हम सब भूमि पर गिर पड़े, तो मैं ने इब्रानी भाषा में, मुझ से यह कहते हुए यह शब्द सुना, कि हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है? पैने पर लात मारना तेरे लिये कठिन है।
Acts 26:15 मैं ने कहा, हे प्रभु तू कौन है? प्रभु ने कहा, मैं यीशु हूं: जिसे तू सताता है।

एक साल में बाइबल:  
  • व्यवस्थाविवरण 20-22
  • मरकुस 13:21-37



मंगलवार, 12 मार्च 2019

उपयोग



      हाल ही में मैं छुट्टीयां मना रहा था, तो मैं दाढ़ी बढ़ाने की सोची। मुझे बड़ी हुई दाढ़ी के साथ देखकर मेरे मित्रों और सहकर्मियों की ओर से विभिन्न प्रतिक्रियाएं आने लगीं – और अधिकांश प्रशंसनीय थीं। किन्तु एक दिन मैंने दाढ़ी के साथ अपने चेहरे को गौर से देखा, और मुझे लगा, “यह मैं नहीं हूँ” और मैंने दाढ़ी हटा दी।

      मैं इस विचार पर मनन कर रहा हूँ कि हम कौन हैं और क्यों एक या दूसरी चीज़ हमारे व्यक्तित्व के साथ सही नहीं लगती है। प्रमुखतः यह इस लिए है क्योंकि परमेश्वर ने हमें व्यक्तिगत भिन्नताएं और रूचियाँ दीं हैं। यह ठीक है कि हम सभी के शौक एक समान नहीं हैं, हम एक ही प्रकार का भोजन पसन्द नहीं करते हैं, या सभी एक ही चर्च भवन में आराधना के लिए नहीं जाते हैं। परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि हम में से प्रत्येक परमेश्वर द्वारा खास और अद्भुत रीति से रचा गया है (भजन 139:14)। प्रेरित पतरस ने लिखा कि हमें परस्पर एक दूसरे की सेवा में सहयोगी होने के लिए विभिन्न वरदान दिए गए हैं (1पतरस 4:10-11)।

      प्रभु यीशु के शिष्यों ने उसके साथ चलने से पहले अपने चारित्रिक गुणों की समीक्षा नहीं की थी; उन सभी के अपने अपने चरित्र और गुण थे। पतरस  बहुत बड़बोला और आवेग में कार्य करने वाला था, तो थोमा को प्रमाण चाहिए था कि प्रभु यीशु वास्तव में जी उठा है, उसे शेष सब की बात का विश्वास नहीं था। किन्तु प्रभु यीशु सभी को अपने साथ लिए चलता था, सभी को सिखाता और संवारता रहा, सभी को अपनी सेवकाई के लिए उपयोग किया।

      जब हम प्रभु की सेवक करने के विषय में ध्यान करते हैं तो अपने गुणों और योग्यताओं का ध्यान करना अच्छा हो सकता है, परन्तु कभी-कभी हमें यह भी कहना पड़ सकता है, “यह मैं नहीं हूँ” – परमेश्वर हमें हमारी आरामदेह स्थिति से निकालकर किसी भिन्न रीति से हमारा उपयोग कर सकता है। जब वह ऐसा करता है तो हमें उस सेवकाई के अनुसार ढालता और बदलता भी है, सिखाता भी है और उचित मार्गदर्शन भी प्रदान करता है। जब हम उसे उसके रचनात्मक स्वभाव के अनुसार हमें उसकी सेवकाई के लिए उपयोग करने देते हैं तो उसकी अद्भुत कार्य-विधि तथा सामर्थ्य को देखने समझने पाते हैं। - डेव ब्रैनन


सामान्य जन कोई नहीं है – हम सब को विशेष रचा गया है।

मैं तेरा धन्यवाद करूंगा, इसलिये कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूं। तेरे काम तो आश्चर्य के हैं, और मैं इसे भली भांति जानता हूं। - भजन 139:14

बाइबल पाठ: 1पतरस 4: 7-11
1 Peter 4:7 सब बातों का अन्‍त तुरन्त होने वाला है; इसलिये संयमी हो कर प्रार्थना के लिये सचेत रहो।
1 Peter 4:8 और सब में श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो; क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढांप देता है।
1 Peter 4:9 बिना कुड़कुड़ाए एक दूसरे की पहुनाई करो।
1 Peter 4:10 जिस को जो वरदान मिला है, वह उसे परमेश्वर के नाना प्रकार के अनुग्रह के भले भण्‍डारियों के समान एक दूसरे की सेवा में लगाए।
1 Peter 4:11 यदि कोई बोले, तो ऐसा बोले, मानों परमेश्वर का वचन है; यदि कोई सेवा करे; तो उस शक्ति से करे जो परमेश्वर देता है; जिस से सब बातों में यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो: महिमा और साम्राज्य युगानुयुग उसी का है। आमीन।  

एक साल में बाइबल:  
  • व्यवस्थाविवरण 17-19
  • मरकुस 13:1-20



सोमवार, 11 मार्च 2019

सहायता



      विपत्ति में सहायता माँगने के लिए निर्धारित अंतर्राष्ट्रीय संकेत “May Day” (मे-डे) सदा ही तीन बार – “मे-डे, मे-डे, मे-डे” दोहराया जाता है जिससे खतरनाक आपातकाल में परिस्थति को भली-भांति जीवन के लिए खतरे की स्थिति समझा जा सके। यह संकेत सन 1923 में फ्रेड्रिक स्टैनली मौक्फोर्ड द्वारा बनाया गया था, जो उस समय लंडन के क्रौएडन एयरपोर्ट पर वरिष्ठ रेडियो अफसर थे। अब बन्द किए जा चुके उस हवाई-अड्डे पर फ्रांस के पेरिस शहर से अनेकों उड़ानें आया करती थीं। नैशनल मैरिटाइम म्यूज़ियम के अनुसार मौक्फोर्ड ने यह शब्द फ्रांसीसी शब्द “m’aidez” जिसका अर्थ होता है “मेरी सहायता कीजिए” से बनाया था।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि राजा दाऊद, अपने जीवन भर खतरनाक जोखिम भरी परिस्थितियों का, जिनसे निकल पाने का मार्ग सूझ नहीं पड़ता था, सामना करता रहा। फिर भी हम भजन 86 में पढ़ते हैं कि अपने सबसे कठिन समय में दाऊद का भरोसा प्रभु पर था: “हे यहोवा मेरी प्रार्थना की ओर कान लगा, और मेरे गिड़गिड़ाने को ध्यान से सुन। संकट के दिन मैं तुझ को पुकारूंगा, क्योंकि तू मेरी सुन लेगा” (पद 6, 7)।

      दाऊद ने तात्कालिक खतरे से आगे के लिए भी परमेश्वर से मार्गदर्शन माँगा, “हे यहोवा अपना मार्ग मुझे दिखा, तब मैं तेरे सत्य मार्ग पर चलूंगा, मुझ को एक चित्त कर कि मैं तेरे नाम का भय मानूं” (पद 11)। जब विपत्ति टल गई, तब भी वह परमेश्वर के साथ ही चलते रहना चाहता था।

      हमारी सबसे अधिक कठिन परिस्थितियाँ हमारे लिए परमेश्वर के साथ और प्रगाढ़ संबंध विकसित करने के मार्ग बन सकती हैं। इसका आरंभ हमारी कठिनाईयों में उसे सहायता के लिए पुकारने के द्वारा होता है। फिर सहायता के बाद उससे मार्गदर्शन पाने के अनुरोध के द्वारा यह और आगे बढ़ता है। - डेविड मैक्कैस्लैंड


परमेश्वर सहायता के लिए हमारी पुकार को सुनता है और हमें अपने मार्ग में लिए चलता है।

जिसका मन तुझ में धीरज धरे हुए हैं, उसकी तू पूर्ण शान्ति के साथ रक्षा करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है। - यशायाह 26:3

बाइबल पाठ: भजन 86:1-13
Psalms 86:1 हे यहोवा कान लगा कर मेरी सुन ले, क्योंकि मैं दीन और दरिद्र हूं।
Psalms 86:2 मेरे प्राण की रक्षा कर, क्योंकि मैं भक्त हूं; तू मेरा परमेश्वर है, इसलिये अपने दास का, जिसका भरोसा तुझ पर है, उद्धार कर।
Psalms 86:3 हे प्रभु मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मैं तुझी को लगातार पुकारता रहता हूं।
Psalms 86:4 अपने दास के मन को आनन्दित कर, क्योंकि हे प्रभु, मैं अपना मन तेरी ही ओर लगाता हूं।
Psalms 86:5 क्योंकि हे प्रभु, तू भला और क्षमा करने वाला है, और जितने तुझे पुकारते हैं उन सभों के लिये तू अति करूणामय है।
Psalms 86:6 हे यहोवा मेरी प्रार्थना की ओर कान लगा, और मेरे गिड़गिड़ाने को ध्यान से सुन।
Psalms 86:7 संकट के दिन मैं तुझ को पुकारूंगा, क्योंकि तू मेरी सुन लेगा।
Psalms 86:8 हे प्रभु देवताओं में से कोई भी तेरे तुल्य नहीं, और न किसी के काम तेरे कामों के बराबर हैं।
Psalms 86:9 हे प्रभु जितनी जातियों को तू ने बनाया है, सब आकर तेरे साम्हने दण्डवत करेंगी, और तेरे नाम की महिमा करेंगी।
Psalms 86:10 क्योंकि तू महान और आश्चर्य कर्म करने वाला है, केवल तू ही परमेश्वर है।
Psalms 86:11 हे यहोवा अपना मार्ग मुझे दिखा, तब मैं तेरे सत्य मार्ग पर चलूंगा, मुझ को एक चित्त कर कि मैं तेरे नाम का भय मानूं।
Psalms 86:12 हे प्रभु हे मेरे परमेश्वर मैं अपने सम्पूर्ण मन से तेरा धन्यवाद करूंगा, और तेरे नाम की महिमा सदा करता रहूंगा।
Psalms 86:13 क्योंकि तेरी करूणा मेरे ऊपर बड़ी है; और तू ने मुझ को अधोलोक की तह में जाने से बचा लिया है।  

एक साल में बाइबल:  
  • व्यवस्थाविवरण 14-16
  • मरकुस 12:28-44



रविवार, 10 मार्च 2019

घर



      एक युवा अफ्रीकी शरणार्थी जो स्टीवेन के नाम से जाना जाता है, बिना किसी देश का व्यक्ति है। उसे लगता है कि उसका जन्म मोज़ाम्बीक या जिम्बाब्वे में हुआ होगा। परन्तु उसने कभी अपने पिता को नहीं जाना, और उसकी माता का, जो गृह युद्ध के कारण बचकर भागी थी, और गलियों में कुछ-कुछ बेचती हुई, एक से दूसरे देश में चलती चली गई, देहांत हो गया था। बिना किसी पहचान पत्र के और अपने जन्म के स्थान का कोई प्रमाण न दे सकने के कारण स्टीवेन एक ब्रिटिश पुलिस थाने में आया, और अनुरोध करने लगा कि उसे पकड़कर जेल में डाल दिया जाए। स्टीवेन को नागरिकता के अधिकार और लाभ के बिना गलियों में भटकने से भला जेल में रहना लगा।

      परमेश्वर के वचन बाइबल के एक प्रमुख नायक, प्रेरित पौलुस ने जब इफिसुस की मसीही मण्डली को पत्री लिखी, तो उन्हें प्रभु यीशु में विश्वास द्वारा उन्हें मिली स्वर्गीय नागरिकता के बारे में समझाया। उसके वे गैर यहूदी पाठक जानते थे कि परदेशी और यात्री होकर जीना कैसा होता है (2:12)। किन्तु प्रभु यीशु मसीह में विश्वास लाने और उसमें जीवन तथा आशा प्राप्त कर लेने (1:13) के बाद उन्होंने जान लिया था कि परमेश्वर के राज्य का नागरिक होने का अर्थ क्या था (मत्ती 5:3)। प्रभु यीशु मसीह में होकर उन्होंने समझा था कि उस पिता के साथ पहचान हो जाने और उसके द्वारा देखभाल किए जाने का अभिप्राय क्या है (मत्ती 6:31-33) जिसके बारे में प्रभु यीशु ने बताया है।

      किन्तु पौलुस ने इस बात का भी एहसास किया कि जैसे-जैसे बीता समय अदृश्य होता चला जाता है, बीती बातों की स्मृतियाँ भी धूमिल होती चली जाती हैं, जिससे फिर हम यह भूलने लगते हैं कि यद्यपि अब हम मसीही विश्वासियों के लिए आशा भविष्य का नया मानदंड है, परन्तु पहले निराशा हमारे जीवन की सच्चाई हुआ करती थी।

      हमारा प्रभु परमेश्वर हमारी सहायता करे कि हम उसकी सुरक्षा और देखभाल में सदा बने रहें। हम यह कभी न भूलें कि प्रभु यीशु मसीह में लाए गए विश्वास के द्वारा ही हमें परमेश्वर के परिवार का सदस्य होने और उन स्वर्गीय अधिकारों और भलाईयों का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। - मार्ट डीहान


आशा उनके लिए ही सबसे सार्थक होती है जिन्होंने निराशा में जीवन व्यतीत किया हो।

इसलिये पहिले तुम उसके राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी। सो कल के लिये चिन्‍ता न करो, क्योंकि कल का दिन अपनी चिन्‍ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है। - मत्ती 6:33-34

बाइबल पाठ: इफिसियों 2:11-22
Ephesians 2:11 इस कारण स्मरण करो, कि तुम जो शारीरिक रीति से अन्यजाति हो, (और जो लोग शरीर में हाथ के किए हुए खतने से खतना वाले कहलाते हैं, वे तुम को खतना रहित कहते हैं)।
Ephesians 2:12 तुम लोग उस समय मसीह से अलग और इस्‍त्राएल की प्रजा के पद से अलग किए हुए, और प्रतिज्ञा की वाचाओं के भागी न थे, और आशाहीन और जगत में ईश्वर रहित थे।
Ephesians 2:13 पर अब तो मसीह यीशु में तुम जो पहिले दूर थे, मसीह के लोहू के द्वारा निकट हो गए हो।
Ephesians 2:14 क्योंकि वही हमारा मेल है, जिसने दोनों को एक कर लिया: और अलग करने वाली दीवार को जो बीच में थी, ढा दिया।
Ephesians 2:15 और अपने शरीर में बैर अर्थात वह व्यवस्था जिस की आज्ञाएं विधियों की रीति पर थीं, मिटा दिया, कि दोनों से अपने में एक नया मनुष्य उत्पन्न कर के मेल करा दे।
Ephesians 2:16 और क्रूस पर बैर को नाश कर के इस के द्वारा दोनों को एक देह बनाकर परमेश्वर से मिलाए।
Ephesians 2:17 और उसने आकर तुम्हें जो दूर थे, और उन्हें जो निकट थे, दोनों को मेल-मिलाप का सुसमाचार सुनाया।
Ephesians 2:18 क्योंकि उस ही के द्वारा हम दोनों की एक आत्मा में पिता के पास पंहुच होती है।
Ephesians 2:19 इसलिये तुम अब विदेशी और मुसाफिर नहीं रहे, परन्तु पवित्र लोगों के संगी स्‍वदेशी और परमेश्वर के घराने के हो गए।
Ephesians 2:20 और प्रेरितों और भविष्यद्वक्ताओं की नेव पर जिसके कोने का पत्थर मसीह यीशु आप ही है, बनाए गए हो।
Ephesians 2:21 जिस में सारी रचना एक साथ मिलकर प्रभु में एक पवित्र मन्दिर बनती जाती है।
Ephesians 2:22 जिस में तुम भी आत्मा के द्वारा परमेश्वर का निवास स्थान होने के लिये एक साथ बनाए जाते हो।  

एक साल में बाइबल:  
  • व्यवस्थाविवरण 11-13
  • मरकुस 12:1-27



शनिवार, 9 मार्च 2019

गलती



      कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने स्वीकार किया, “गलतियां तो हुई हैं”; वह कंपनी द्वारा गैर कानूनी कार्यों में लिप्त होने के बारे में चर्चा कर रहा था। वह खिन्न तो दिख रहा था, परन्तु उसने फिर भी दोष को दूर ही रखा और यह स्वीकार नहीं किया कि उसने व्यक्तिगत रीति से कुछ गलत किया था।

      कुछ “गलतियाँ” बस गलतियां ही होती हैं, जैसे कि सड़क की गलत दिशा में गाड़ी चलाना, समय सूचक में निर्धारित समय न डालना जिससे पक रहा भोजन जल जाए, अपनी बैंक की चेकबुक में उपलब्ध राशि का गलत हिसाब रखना, आदि। परन्तु कुछ जान-बूझकर किए गए कार्य होते हैं जो ‘गलती’ से कहीं बढ़कर होते हैं, और परमेश्वर उन्हें पाप कहता है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में भी इस बात के कई उदाहरण हैं जहाँ परमेश्वर के लोगों ने गलतियाँ करीं और फिर उनके लिए बहाने बना दिए। जब परमेश्वर ने आदम और हव्वा से पूछा कि उन्होंने उसकी अनाज्ञाकारिता क्यों की, तो तुरंत ही उन्होंने दूसरे को दोषी ठहराने का प्रयास किया (उत्पत्ति 3:8-13)। जब इस्राएलियों ने सुनहरा बछड़ा बनाकर उसकी उपासना करना आरंभ किया तो हारून ने अपना कोई दायित्व स्वीकार नहीं किया, परन्तु मूसा से कहा, “तब मैं ने उन से कहा, जिस जिसके पास सोने के गहनें हों, वे उन को तोड़कर उतार लाएं; और जब उन्होंने मुझ को दिया, मैं ने उन्हें आग में डाल दिया, तब यह बछड़ा निकल पड़ा” (निर्गमन 32:24)। शायद वह बुदबुदाया भी होगा, “गलतियाँ तो हुई हैं”।

      बहुधा अपनी गलती मान लेने की बजाए दूसरे पर दोष मढ़ देना अधिक सरल होता है। उतना ही बुरा अपने पाप को कम करके, उसकी वास्तविकता को स्वीकार करने की बजाए, उसे “गलती मात्र” कहना होता है। परन्तु जब हम परमेश्वर के समक्ष अपने पाप को मानकर उसके लिए दायित्व स्वीकार करते हैं, उससे क्षमा प्रार्थी होते हैं, तो वह हमें क्षमा करता है और बहाल भी करता है (1 यूहन्ना 1:9)। - सिंडी हैस कैस्पर


परमेश्वर से क्षमा प्राप्त करने के लिए प्रथम कदम होता है
 उस क्षमा की आवश्यकता को स्वीकार करना।

यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। - 1 यूहन्ना 1:9

बाइबल पाठ: निर्गमन 32:1-5, 19-26
Exodus 32:1 जब लोगों ने देखा कि मूसा को पर्वत से उतरने में विलम्ब हो रहा है, तब वे हारून के पास इकट्ठे हो कर कहने लगे, अब हमारे लिये देवता बना, जो हमारे आगे आगे चले; क्योंकि उस पुरूष मूसा को जो हमें मिस्र देश से निकाल ले आया है, हम नहीं जानते कि उसे क्या हुआ?
Exodus 32:2 हारून ने उन से कहा, तुम्हारी स्त्रियों और बेटे बेटियों के कानों में सोने की जो बालियां है उन्हें तोड़कर उतारो, और मेरे पास ले आओ।
Exodus 32:3 तब सब लोगों ने उनके कानों से सोने की बालियों को तोड़कर उतारा, और हारून के पास ले आए।
Exodus 32:4 और हारून ने उन्हें उनके हाथ से लिया, और एक बछड़ा ढालकर बनाया, और टांकी से गढ़ा; तब वे कहने लगे, कि हे इस्त्राएल तेरा परमेश्वर जो तुझे मिस्र देश से छुड़ा लाया है वह यही है।
Exodus 32:5 यह देखके हारून ने उसके आगे एक वेदी बनवाई; और यह प्रचार किया, कि कल यहोवा के लिये पर्ब्ब होगा।
Exodus 32:19 छावनी के पास आते ही मूसा को वह बछड़ा और नाचना देख पड़ा, तब मूसा का कोप भड़क उठा, और उसने तख्तियों को अपने हाथों से पर्वत के नीचे पटककर तोड़ डाला।
Exodus 32:20 तब उसने उनके बनाए हुए बछड़े को ले कर आग में डाल के फूंक दिया। और पीसकर चूर चूर कर डाला, और जल के ऊपर फेंक दिया, और इस्त्राएलियों को उसे पिलवा दिया।
Exodus 32:21 तब मूसा हारून से कहने लगा, उन लोगों ने तुझ से क्या किया कि तू ने उन को इतने बड़े पाप में फंसाया?
Exodus 32:22 हारून ने उत्तर दिया, मेरे प्रभु का कोप न भड़के; तू तो उन लोगों को जानता ही है कि वे बुराई में मन लगाए रहते हैं।
Exodus 32:23 और उन्होंने मुझ से कहा, कि हमारे लिये देवता बनवा जो हमारे आगे आगे चले; क्योंकि उस पुरूष मूसा को, जो हमें मिस्र देश से छुड़ा लाया है, हम नहीं जानते कि उसे क्या हुआ?
Exodus 32:24 तब मैं ने उन से कहा, जिस जिसके पास सोने के गहनें हों, वे उन को तोड़कर उतार लाएं; और जब उन्होंने मुझ को दिया, मैं ने उन्हें आग में डाल दिया, तब यह बछड़ा निकल पड़ा
Exodus 32:25 हारून ने उन लोगों को ऐसा निरंकुश कर दिया था कि वे अपने विरोधियों के बीच उपहास के योग्य हुए,
Exodus 32:26 उन को निरंकुश देखकर मूसा ने छावनी के निकास पर खड़े हो कर कहा, जो कोई यहोवा की ओर का हो वह मेरे पास आए; तब सारे लेवीय उस के पास इकट्ठे हुए।  

एक साल में बाइबल:  
  • व्यवस्थाविवरण 8-10
  • मरकुस 11:19-33