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गुरुवार, 27 फ़रवरी 2020

शान्त



      आतंक और भय की अनुभूति होने पर हमारे शरीर प्रतिक्रिया देते हैं। हमारे पेट में एक भारीपन सा होता है, हृदय के गति बहुत बढ़ जाती है, और हम लंबी साँसें लेने लगते हैं। हमारे शरीरों की प्रवृत्ति इन संकट की भावनाओं की अनदेखी नहीं होने देती है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि प्रभु यीशु के शिष्यों ने एक रात को अत्याधिक भय का सामना किया। प्रभु यीशु ने पांच हज़ार की भीड़ को भोजन खिलाने का आश्चर्यकर्म किया था, और फिर उसने संध्या के समय शिष्यों को नाव द्वारा बैथसेदा की और रवाना कर दिया, जब कि वह स्वयं पीछे रुक कर प्रार्थना में समय बिता रहा था। रात्री के समय शिष्य नाव में प्रतिकूल हवा में नाव खे रहे थे, तभी प्रभु यीशु पानी पर चलते हुए उनकी ओर आए। शिष्यों को लगा कि कोई भूत उनकी ओर आ रहा है, और वे बहुत भयभीत हो गए (मरकुस 6:49-50)।

      परन्तु प्रभु यीशु ने उन्हें ढाढ़स बंधाया, उनसे कहा की भयभीत न हों, और साहस रखें। जैसे ही प्रभु यीशु उनकी नाव में आए, हवा शांत हो गयी और वे सुरक्षित किनारे पर पहुँच गए।मैं उनमें आने वाली उस शान्ति के अनुभव की कल्पना करती हूँ जो प्रभु के आने से उन्हें मिली, उस भय की भावना के पश्चात।

      जब भी हम चिंतित होकर बेचैन हो रहे होते हैं, हम प्रभु यीशु की सामर्थ्य में आश्वस्त होकर शान्त हो सकते हैं। वह चाहे हमारे भय को दूर करे, या फिर हमें उन परिस्थितियों का सामना करने की सामर्थ्य दे, किन्तु उसकी शान्ति जो “समझ से परे” है (फिलिप्पियों 4:7) हमें उपलब्ध रहती है। और जब वह हमें हमारे भय से मुक्त करता है, तो हमारी आत्मा और शरीर शान्त स्थिति में वापस लौट सकते हैं। - एमी बाउचर पाई

प्रभु परमेश्वर हमें भय से मुक्ति देता है।

किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी। - फिलिप्पियों 4: 6-7

बाइबल पाठ: मरकुस 6:45-53
Mark 6:45 तब उसने तुरन्त अपने चेलों को बरबस नाव पर चढाया, कि वे उस से पहिले उस पार बैतसैदा को चले जांए, जब तक कि वह लोगों को विदा करे।
Mark 6:46 और उन्हें विदा कर के पहाड़ पर प्रार्थना करने को गया।
Mark 6:47 और जब सांझ हुई, तो नाव झील के बीच में थी, और वह अकेला भूमि पर था।
Mark 6:48 और जब उसने देखा, कि वे खेते खेते घबरा गए हैं, क्योंकि हवा उनके विरुद्ध थी, तो रात के चौथे पहर के निकट वह झील पर चलते हुए उन के पास आया; और उन से आगे निकल जाना चाहता था।
Mark 6:49 परन्तु उन्होंने उसे झील पर चलते देखकर समझा, कि भूत है, और चिल्ला उठे, क्योंकि सब उसे देखकर घबरा गए थे।
Mark 6:50 पर उसने तुरन्त उन से बातें कीं और कहा; ढाढ़स बान्‍धो: मैं हूं; डरो मत।
Mark 6:51 तब वह उन के पास नाव पर आया, और हवा थम गई: और वे बहुत ही आश्चर्य करने लगे।
Mark 6:52 क्योंकि वे उन रोटियों के विषय में ने समझे थे परन्तु उन के मन कठोर हो गए थे।
Mark 6:53 और वे पार उतरकर गन्नेसरत में पहुंचे, और नाव घाट पर लगाई।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 17-19
  • मरकुस 6:30-56



बुधवार, 26 फ़रवरी 2020

देना



      जब मेरा बेटा, ज़ेवियर छः वर्ष का था, तब मेरी एक सहेली अपने छोटे बच्चे को लेकर हमारे घर मुझ से मिलाने आई, और ज़ेवियर ने उस बच्चे को अपने कुछ खिलौने देने चाहे। मैं अपने बेटे की उदारता देख कर प्रसन्न हुई; फिर ज़ेवियर ने एक दुर्लभ खिलौना भी उस बच्चे को देने का प्रयास किया, जिसे खरीदने के लिए मेरे पति ने कई शहरों में अनेकों दुकानों में खोजा था। उस खिलौने की बहुमूल्यता को समझते हुए, मेरी सहेली ने विनम्रता से लेने से मना किया; परन्तु फिर भी ज़ेवियर ने उसे उनके बच्चे के हाथ में रख दिया, और कहा, “मेरे पिता मुझे बहुत से खिलौने देते हैं कि मैं उन्हें साझा करूं।”

      यद्यपि मैं यह कहना चाहूँगी कि ज़ेवियर ने इस प्रकार से उदारता से देना मुझ से सीखा है; परन्तु सत्य यह है कि कई बार मैंने मेरे पास उपलब्ध संसाधनों को परमेश्वर तथा औरों से बचा कर रखा है। परन्तु जब मैं यह स्मरण करती हूँ कि मेरा स्वर्गीय पिता मेरी हर आवश्यकता को मुझे प्रदान करता है, तो मेरे लिए उन्हें साझा करना सहज हो जाता है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा दी कि वे उस पर उनके भरोसे को, उन्हें परमेश्वर से मिली वस्तुओं को लेवियों के साथ साझा करने के द्वारा प्रदर्शित करें और लेवी भी उन लोगों की सहायता करें जो आवश्यकता में पड़े हों। जब लोगों ने ऐसा नहीं किया, तो मलाकी नबी में होकर परमेश्वर ने उन से कहा कि वे परमेश्वर से चोरी कर रहे हैं (मलाकी  3:8-9)। परन्तु यदि वे स्वेच्छा से देते, यह दिखाते हुए कि वे परमेश्वर पर भरोसा करते हैं कि तो वह अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार उन्हें देगा और सुरक्षित रखेगा (पद 10-11), और फिर इससे अन्य लोग उन्हें परमेश्वर द्वारा आशीषित और धन्य लोग पहचानेंगे (पद 12)।

      हम चाहे अपने पैसों का ध्यान कर रहे हों, या अपने समय का, या उन वरदानों का जो परमेश्वर ने हमें दिए हैं, दान देना परमेश्वर की आराधना का एक तरीका हो सकता है। स्वेच्छा तथा उदारता से दान देना परमेश्वर पिता, जो स्वयं एक महान दानी है, की देखभाल में हमारे भरोसे को दिखाता है। - जोशील डिक्सन

निःसंकोच और उदारता से देना परमेश्वर में हमारे भरोसे को दिखता है।

और परमेश्वर सब प्रकार का अनुग्रह तुम्हें बहुतायत से दे सकता है जिस से हर बात में और हर समय, सब कुछ, जो तुम्हें आवश्यक हो, तुम्हारे पास रहे, और हर एक भले काम के लिये तुम्हारे पास बहुत कुछ हो। - 2 कुरिन्थियों 9:8

बाइबल पाठ: मलाकी 3:8-12
Malachi 3:8 क्या मनुष्य परमेश्वर को धोखा दे सकता है? देखो, तुम मुझ को धोखा देते हो, और तौभी पूछते हो कि हम ने किस बात में तुझे लूटा है? दशमांश और उठाने की भेंटों में।
Malachi 3:9 तुम पर भारी शाप पड़ा है, क्योंकि तुम मुझे लूटते हो; वरन सारी जाति ऐसा करती है।
Malachi 3:10 सारे दशमांश भण्डार में ले आओ कि मेरे भवन में भोजनवस्तु रहे; और सेनाओं का यहोवा यह कहता है, कि ऐसा कर के मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे लिये खोल कर तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीष की वर्षा करता हूं कि नहीं।
Malachi 3:11 मैं तुम्हारे लिये नाश करने वाले को ऐसा घुड़कूंगा कि वह तुम्हारी भूमि की उपज नाश न करेगा, और तुम्हारी दाखलताओं के फल कच्चे न गिरेंगे, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
Malachi 3:12 तब सारी जातियां तुम को धन्य कहेंगी, क्योंकि तुम्हारा देश मनोहर देश होगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।

एक साल में बाइबल: 

  • गिनती 15-16
  • मरकुस 6:1-29


मंगलवार, 25 फ़रवरी 2020

नींव



      बहुत वर्षों से हमारे शहर के लोग उस भूमि पर घर बनाते या खरीदते रहे हैं जहाँ भूस्खलन की संभावना बहुत अधिक है। कुछ को इस असुरक्षित भूमि के विषय पता था, किन्तु औरों को इसके विषय बताया ही नहीं गया। हमारे स्थानीय अखबार में इस सम्बन्ध में एक लेखा छपा जिसमें लिखा था, “चालीस वर्षों से भूवैज्ञानिकों की चेतावनियों और सुरक्षित गृह निर्माण के लिए बनाए गए शहर के नियमों की अवहेलना की जाती रही है।” लोगों को या तो बताया अथवा समझाया नहीं गया, या उन्होंने चेतावनियों को अनेदखा किया। उन घरों से दिखने वाला दृश्य बहुत सुन्दर है, परन्तु उनके नींव की भूमि किसी हादसे के घटित होने की प्रतीक्षा में है।

      प्राचीन इस्राएल में भी बहुत से लोगों ने मूर्तियों से फिरकर, परमेश्वर के पीछे चलने की परमेश्वर की चेतावनियों की अवहेलना की। परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम में उनकी इस अनाज्ञाकारिता के दुखद परिणाम दर्ज हैं। परन्तु इस अनाज्ञाकारिता के कारण उन पर आई परेशानियों और मुसीबतों में भी परमेश्वर क्षमा और आशा के सन्देश को उनको पहुँचाता रहा, यदि वे उसकी ओर मुड़ें और उसकी आज्ञाकारिता में चलें तो।

      यशायाह नबी ने कहा, “और उद्धार, बुद्धि और ज्ञान की बहुतायत तेरे दिनों का आधार होगी; यहोवा का भय उसका धन होगा” (यशायाह 33:6)।

      जैसा तब पुराने नियम के उस समय में था, वैसा ही आज भी है, और परमेश्वर हमें उस नींव के विषय विकल्प देता है, जिस पर हमें अपने जीवनों को बनाना है। हम अपनी लालसाओं का अनुसरण करते रह सकते हैं, या हम उसके वचन में दिए गए तथा प्रभु यीशु द्वारा सिखाए गए अनन्तकालीन सिद्धांतों का पालन कर सकते हैं। एडवर्ड मोटे ने कहा, “उस ठोस चट्टान, मसीह पर ही मैं खड़ा हूँ; उसके अतिरिक्त बाकी सब धंसती हुई रेत है।” – डेविड सी. मेक्कैसलैंड

जीवन के लिए प्रभु परमेश्वर ही हमारी सुदृढ़ नींव है।

उसने मुझे सत्यानाश के गड़हे और दलदल की कीच में से उबारा, और मुझ को चट्टान पर खड़ा कर के मेरे पैरों को दृढ़ किया है। - भजन  40:2

बाइबल पाठ: मत्ती 7:24-27
Matthew 7:24 इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्हें मानता है वह उस बुद्धिमान मनुष्य के समान ठहरेगा जिसने अपना घर चट्टान पर बनाया।
Matthew 7:25 और मेंह बरसा और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं, परन्तु वह नहीं गिरा, क्योंकि उस की नेव चट्टान पर डाली गई थी।
Matthew 7:26 परन्तु जो कोई मेरी ये बातें सुनता है और उन पर नहीं चलता वह उस निर्बुद्धि मनुष्य के समान ठहरेगा जिसने अपना घर बालू पर बनाया।
Matthew 7:27 और मेंह बरसा, और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं और वह गिरकर सत्यानाश हो गया।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 12-14
  • मरकुस 5:21-43



सोमवार, 24 फ़रवरी 2020

फलवन्त


      मेरे पिता ने मुझे खुरपी देते हुए कहा, “जहाँ उसे नहीं होना चाहिए, वहां पर उगने वाला हर पौधा ‘जंगली’ होता है” और मटर की क्यारी में अपने आप से उग रहे उस अकेले मक्की के पौधे को उखाड़ने के लिए कहा। मैं तो उस मक्की के पौधे को छोड़ना चाहता था, किन्तु मेरे पिता, जिनकी परवरिश किसानी करने वाले परिवार में हुई थी, ने कहा की उसे उखाड़ दूँ, क्योंकि वह अकेला पौधा कुछ लाभ नहीं देगा, वरन मटर के पौधों को दबाएगा और उनके पोषक तत्वों को व्यर्थ करेगा।

      मनुष्य पौधे नहीं होते हैं – हमारे पास अपने मन और भावनाएं होती हैं और परमेश्वर ने हमें स्वेच्छा भी दी है। परन्तु कभी-कभी हम परमेश्वर द्वारा दी गई इन बातों के अंतर्गत उस स्थान पर फलवन्त होने का प्रयास करते हैं, जहां परमेश्वर नहीं चाहता है कि हम हों।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में, हम इस्राएल के प्रथम राजा, राजा शाऊल, के योद्धा-राजकुमार योनातान के लिए देखते हैं कि वह भी वहाँ रहने का प्रयास कर सकता था जहाँ परमेश्वर किसी और को रखना चाहता था। योनातान के पास भावी राजा होने की आशा रखने के लिए सब कुछ था। परन्तु योनातान ने दाऊद पर परमेश्वर की आशीष को देखा, और उसने अपने पिता के घमंड और ईर्ष्या को भी पहचाना (1 शमुएल 18:12-15)। इसलिए, बजाए इसके कि उस गद्दी को थामे रखने के प्रयास करे जो कभी उसकी नहीं होती, योनातन दाऊद का परम मित्र बन गया, और उसके प्राणों की भी रक्षा की (19:1-6; 20:1-4)।

      कुछ लोग कहेंगे कि योनातन ने आवश्यकता से अधिक ही छोड़ दिया; परन्तु हम क्या चाहेंगे कि हमें कैसे स्मरण किए जाए? महत्वाकांक्षी शाऊल के समान जो अपने राज्य से चिपका रहा, किन्तु उसे बचा नहीं सका; या योनातन के समान, जिसने उस व्यक्ति का साथ दिया और उसके प्राणों की रक्षा की जो संसार के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह का सम्मानित पूर्वज हुआ?

      परमेश्वर की योजनाएं सदा ही हमारी अपने योजनाओं से बेहतर होती हैं। हम उसकी योजनाओं का प्रतिरोध करके अनुपयुक्त स्थान पर उगने वाला ‘जंगली पौधा’ हो सकते हैं, जो अन्ततः उखाड़ कर फेंका ही जाएगा। या हम उसके दिशा निर्देशों का पालन करते हुए, उसकी इच्छा के अनुसार उसके बगीचे के फलवन्त पौधे बन सकते हैं। वह यह निर्णय हम पर छोड़ देता है। - टिम गुस्ताफ्सन

परमेश्वर हमें निमंत्रण देता है कि उसके साथ मिलकर 
सुसमाचार को संसार के सभी स्थानों में पहुंचाएं।

मैं [प्रभु यीशु] दाखलता हूं: तुम डालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग हो कर तुम कुछ भी नहीं कर सकते। - यूहन्ना 15:5

बाइबल पाठ: 1 शमुएल 20:30-34
1 Samuel 20:30 तब शाऊल का कोप योनातन पर भड़क उठा, और उसने उस से कहा, हे कुटिला राजद्रोही के पुत्र, क्या मैं नहीं जानता कि तेरा मन तो यिशै के पुत्र पर लगा है? इसी से तेरी आशा का टूटना और तेरी माता का अनादर ही होगा।
1 Samuel 20:31 क्योंकि जब तक यिशै का पुत्र भूमि पर जीवित रहेगा, तब तक न तो तू और न तेरा राज्य स्थिर रहेगा। इसलिये अभी भेज कर उसे मेरे पास ला, क्योंकि निश्चय वह मार डाला जाएगा।
1 Samuel 20:32 योनातन ने अपने पिता शाऊल को उत्तर देकर उस से कहा, वह क्यों मारा जाए? उसने क्या किया है?
1 Samuel 20:33 तब शाऊल ने उसको मारने के लिये उस पर भाला चलाया; इससे योनातन ने जान लिया, कि मेरे पिता ने दाऊद को मार डालना ठान लिया है।
1 Samuel 20:34 तब योनातन क्रोध से जलता हुआ मेज पर से उठ गया, और महीने के दूसरे दिन को भोजन न किया, क्योंकि वह बहुत खेदित था, इसलिये कि उसके पिता ने दाऊद का अनादर किया था।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 9-11
  • मरकुस 5:1-20



रविवार, 23 फ़रवरी 2020

दया



      मेरे बच्चे आपस में झगड़ा कर के, एक दूसरे की शिकायत करने मेरे पास आए। मैंने दोनों को अलग ले जाकर बारी बारी से दोनों के पक्ष को सुना। क्योंकि दोषी दोनों ही थे, इसलिए हमारी बातचीत के अंत में मैनें दोनों से ही पूछा कि उनके अनुसार दूसरे की गलती के लिए उचित और सही दंड क्या होना चाहिए। दोनों ने ही एक दूसरे के लिए तुरंत ही कठोर दंड दिए जाने के लिए कहा। दोनों ही भौंचक्के रह गए जब मैंने उनके द्वारा सुझाया गया दंड, दूसरे की बजाए उन्हीं पर लागू कर दिया। यह होते ही, तुरंत दोनों इस बात को लेकर विलाप करने लगे कि उन्हें “अनुचित” दंड सहना पड़ रहा है। जब तक वह दंड दूसरे के लिए था, वह उचित था, परन्तु अपने ऊपर आते ही वही दंड तुरंत ही अनुचित हो गया।

      मेरे बच्चों ने परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब द्वारा बताए गए उस “दया रहित निर्णय” का उदाहरण प्रस्तुत किया था, जिसके विरुद्ध परमेश्वर का वचन सचेत करता है (याकूब 2:13)। याकूब हमें स्मरण दिलाता है कि धनी व्यक्तियों या स्वयं अपने प्रति पक्षपात करने के स्थान पर, परमेश्वर यही चाहता है कि हम औरों से भी वैसा ही प्रेम करें जैसा हम अपने आप से करते हैं (पद 8)। बजाए इसके कि हम औरों को स्वार्थ तथा लाभ के लिए प्रयोग करें, या उन की उपेक्षा करें जो हमारे काम का प्रतीत नहीं होता है, याकूब कहता है कि हम उन लोगों के समान बनें जो यह जानते हैं कि उन्हें परमेश्वर की ओर से कितना दिया गया है और कितना कुछ क्षमा किया गया है – और फिर इसी दया को औरों के प्रति भी दिखाएं।

      परमेश्वर ने हम पर उदारता से अपनी दया की है। औरों के प्रति अपने समस्त व्यवहार में, हम उस दया को स्मरण रखें जो हमें प्राप्त हुई है, और उसे दूसरों के प्रति भी दिखाएं। - कर्स्टन होल्मबर्ग

परमेश्वर की दया हमें दयालु होने के लिए प्रेरित करती है।

इसलिये यदि तुम मनुष्य के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा। और यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा न करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा न करेगा। - मत्ती 6:14-15

बाइबल पाठ: याकूब 2:1-13
James 2:1 हे मेरे भाइयों, हमारे महिमायुक्त प्रभु यीशु मसीह का विश्वास तुम में पक्षपात के साथ न हो।
James 2:2 क्योंकि यदि एक पुरूष सोने के छल्ले और सुन्‍दर वस्‍त्र पहिने हुए तुम्हारी सभा में आए और एक कंगाल भी मैले कुचैले कपड़े पहिने हुए आए।
James 2:3 और तुम उस सुन्‍दर वस्‍त्र वाले का मुंह देख कर कहो कि तू वहां अच्छी जगह बैठ; और उस कंगाल से कहो, कि तू यहां खड़ा रह, या मेरे पांव की पीढ़ी के पास बैठ।
James 2:4 तो क्या तुम ने आपस में भेद भाव न किया और कुविचार से न्याय करने वाले न ठहरे?
James 2:5 हे मेरे प्रिय भाइयों सुनो; क्या परमेश्वर ने इस जगत के कंगालों को नहीं चुना कि विश्वास में धनी, और उस राज्य के अधिकारी हों, जिस की प्रतिज्ञा उसने उन से की है जो उस से प्रेम रखते हैं
James 2:6 पर तुम ने उस कंगाल का अपमान किया: क्या धनी लोग तुम पर अत्याचार नहीं करते? और क्या वे ही तुम्हें कचहिरयों में घसीट घसीट कर नहीं ले जाते?
James 2:7 क्या वे उस उत्तम नाम की निन्‍दा नहीं करते जिस के तुम कहलाए जाते हो?
James 2:8 तौभी यदि तुम पवित्र शास्त्र के इस वचन के अनुसार, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख, सचमुच उस राज व्यवस्था को पूरी करते हो, तो अच्छा ही करते हो।
James 2:9 पर यदि तुम पक्षपात करते हो, तो पाप करते हो; और व्यवस्था तुम्हें अपराधी ठहराती है।
James 2:10 क्योंकि जो कोई सारी व्यवस्था का पालन करता है परन्तु एक ही बात में चूक जाए तो वह सब बातों में दोषी ठहरा।
James 2:11 इसलिये कि जिसने यह कहा, कि तू व्यभिचार न करना उसी ने यह भी कहा, कि तू हत्या न करना इसलिये यदि तू ने व्यभिचार तो नहीं किया, पर हत्या की तौभी तू व्यवस्था का उलंघन करने वाला ठहरा।
James 2:12 तुम उन लोगों के समान वचन बोलो, और काम भी करो, जिन का न्याय स्‍वतंत्रता की व्यवस्था के अनुसार होगा।
James 2:13 क्योंकि जिसने दया नहीं की, उसका न्याय बिना दया के होगा: दया न्याय पर जयवन्‍त होती है।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 7-8
  • मरकुस 4:21-41



शनिवार, 22 फ़रवरी 2020

सुरक्षित



      उड़ान के समय यदि वायु यान खराब मौसम के क्षेत्र से होकर निकलता है और उसके डावांडोल होने की संभावना होती है, तो उड़ान-परिचारिका घोषणा करती हैं, “यान के कैपटन ने सीट की पेटी बांधने का संकेत चालू कर दिया है। कृपया तुरंत अपनी सीट पर पहुँच कर सीट की पेटी बाँध कर सुरक्षित होकर बैठ जाएं।” यह घोषणा इसलिए करनी पड़ती है क्योंकि यदि यात्रियों ने पेटी बांधी हुई नहीं है, या चल फिर रहे हैं तो वायु यान के हिलने से वे चोटिल हो सकते हैं। परन्तु सीट में सुरक्षित बैठे रहकर वे इस खराब समय से सुरक्षित निकल सकते हैं।

      अधिकांशतः जीवन हमें हमारी और बढ़ने वाली परेशानियों के विषय चेतावनी नहीं देता है। परन्तु हमारा प्रेमी पिता परमेश्वर हमारी परिस्थितियों और संघर्षों को भली-भांति जानता है और हमारी देखभाल करता है। प्रभु परमेश्वर हमें कहता है कि हम अपनी सारी चिंताएं, दुःख, और भय उसके पास लाएं। परमेश्वर का वचन बाइबल हमें आश्वस्त करती है कि, “क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके; वरन वह सब बातों में हमारे समान परखा तो गया, तौभी निष्‍पाप निकला। इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे” (इब्रानियों 4:15-16)।

      परेशानियों और अनिश्चितता के समयों में, प्रार्थना में प्रभु परमेश्वर के निकट चले जाना ही हमारे लिए सर्वोत्तम होता है। वाक्यांश, “वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे” का अर्थ है कि उसकी उपस्थिति में रहकर हम परेशानियों की स्थिति में भी शान्त रह सकते हैं, क्योंकि हमारी चिंता और देखभाल उसके हाथों में है जो सभी से बड़ा और सामर्थी है। जब भी जीवन बोझिल लगने लगे, तब हम प्रार्थना में परमेश्वर के निकट हो सकते हैं, और उसमें सुरक्षित होकर बैठ सकते हैं। - बिल क्राउडर

यद्यपि हम जीवन की परीक्षाओं का पूर्वाभास तो नहीं पा सकते हैं, 
परन्तु हम पिता परमेश्वर से प्रार्थना अवश्य कर सकते हैं, 
क्योंकि जो कुछ भी होता है उसे वह जानता है।

किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी। - फिलिप्पियों 4:6-7

बाइबल पाठ: इब्रानियों 4:11-16
Hebrews 4:11 सो हम उस विश्राम में प्रवेश करने का प्रयत्न करें, ऐसा न हो, कि कोई जन उन के समान आज्ञा न मान कर गिर पड़े।
Hebrews 4:12 क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है, और जीव, और आत्मा को, और गांठ गांठ, और गूदे गूदे को अलग कर के, वार पार छेदता है; और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है।
Hebrews 4:13 और सृष्‍टि की कोई वस्तु उस से छिपी नहीं है वरन जिस से हमें काम है, उस की आंखों के साम्हने सब वस्तुएं खुली और बेपरदा हैं।
Hebrews 4:14 सो जब हमारा ऐसा बड़ा महायाजक है, जो स्‍वर्गों से हो कर गया है, अर्थात परमेश्वर का पुत्र यीशु; तो आओ, हम अपने अंगीकार को दृढ़ता से थामें रहे।
Hebrews 4:15 क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके; वरन वह सब बातों में हमारे समान परखा तो गया, तौभी निष्‍पाप निकला।
Hebrews 4:16 इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 4-6
  • मरकुस 4:1-20



शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2020

निकट



      मकड़ियाँ! मैं किसी भी ऐसे बच्चे को नहीं जानता हूँ जिन्हें वे पसन्द हैं; कम से कम रात को, और वो भी सोने के समय पर। मेरी बेटी सोने जाने की तैयारी कर रही थी, कि उसे एक मकड़ी, उसके बिस्तर के पास कहीं दिखाई दे गई। उसने चिल्ला कर मुझे आवाज़ लगाई – “डैडीईईई! मकड़ीईईईई!” मैं दौड़ कर उसके पास पहुँचा, परन्तु बहुत खोजने पर भी मुझे मकड़ी कहीं दिखाई नहीं दी। मैंने अपनी बेटी को आश्वस्त किया, “डरो मत। वह तुम्हें कुछ नहीं करेगी,” परन्तु उसे शान्ति नहीं हुई। जब तक की मैनें उससे यह नहीं कहा कि मैं उसके पास बना रहूँगा और देखता रहूँगा, वह बिस्तर में जाने के लिए तैयार नहीं हुई।

      जब मेरी बेटी बिस्तर में लेटकर सोने की तैयारी करने लगी, तो मैंने उसका हाथ पकड़ कर उससे कहा, “मैं तुम से बहुत प्यार करता हूँ; मैं यहीं तुम्हारे पास हूँ। परन्तु क्या तुम जानती हो कि प्रभु यीशु तुम्हें मम्मी और डैडी से भी अधिक प्यार करते हैं? वह सदा तुम्हारे निकट रहते हैं; इसलिए जब भी कभी भयभीत हो, तो प्रार्थना में उन्हें बुला सकती हो।” मेरी बात सुनकर वह आश्वस्त और शान्त हो गई, और थोड़ी ही देर में आराम से सो गई।

      परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बार-बार आश्वस्त करती है कि परमेश्वर सदा हमारे साथ बना रहता है (भजन 145:18; रोमियों 8:38-39; जेम्स 4:7-8), परन्तु कभी-कभी व्यावाहरिक जीवन में इसे स्वीकार करने में हम हिचकिचाते हैं। संभवतः इसीलिए पौलुस ने इफिसुस के मसीही विश्वासियों के लिए प्रार्थना की, कि उन्हें इस सत्य को समझने और मानने का उचित सामर्थ्य तथा बल मिले (इफिसियों 3:16)। पौलुस जानता था की हम जब भी भयभीत होते हैं, हम परमेश्वर के हमारे निकट होने के बोध को खो सकते हैं। परन्तु जिस प्रकार से उस रात को मैंने प्रेमपूर्वक अपनी बेटी के हाथ को थामे रखा, जब वह सोने लगी थी, उसी प्रकार से हमारा प्रभु परमेश्वर भी, बस एक प्रार्थना भर की दूरी पर, सदा हमारे निकट बना रहता है। - एडम होल्ज़

हमारे सभी भय के बावजूद, परमेश्वर सदा हमारे निकट बना रहता है।

जितने यहोवा को पुकारते हैं, अर्थात जितने उसको सच्चाई से पुकारते हें; उन सभों के वह निकट रहता है। - भजन 145:18

बाइबल पाठ: इफिसियों 3:14-19
Ephesians 3:14 मैं इसी कारण उस पिता के साम्हने घुटने टेकता हूं,
Ephesians 3:15 जिस से स्वर्ग और पृथ्वी पर, हर एक घराने का नाम रखा जाता है।
Ephesians 3:16 कि वह अपनी महिमा के धन के अनुसार तुम्हें यह दान दे, कि तुम उसके आत्मा से अपने भीतरी मनुष्यत्‍व में सामर्थ्य पाकर बलवन्‍त होते जाओ।
Ephesians 3:17 और विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे हृदय में बसे कि तुम प्रेम में जड़ पकड़ कर और नेव डाल कर।
Ephesians 3:18 सब पवित्र लोगों के साथ भली भांति समझने की शक्ति पाओ; कि उसकी चौड़ाई, और लम्बाई, और ऊंचाई, और गहराई कितनी है।
Ephesians 3:19 और मसीह के उस प्रेम को जान सको जो ज्ञान से परे है, कि तुम परमेश्वर की सारी भरपूरी तक परिपूर्ण हो जाओ।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 1-3
  • मरकुस 3