ब्रिटेन के संगीत दल ’माईक और मैकैनिकस’ ने १९८० में एक बहुत प्रभावशाली और लोकप्रीय गीत The Living Years रिकॉर्ड किया। इस गीत में गीतकार अपने पिता की मृत्यु का शोक मनाता है, क्योंकि उनके संबंध तनाव और खामोशी से भरे थे न कि एक दूसरे के साथ अपने मन की बातें बांटने से। गीतकार बहुत दुखी और खेदित मन से कहता है कि "जो कुछ मैं उनसे कहना चाहता था वह न कह सका; काश मैंने उनके जीते जी अपने मन की बातें उनसे कह दी होतीं।"
राज दाउद भी इसी प्रकार अपने बेटे अबसलोम से टूटे संबंधों के कारण खेदित हुआ। अबसलोम क्रोधित था कि उसकी बहिन तमार के बलात्कारी अमनोन को दाउद ने दंड नही दिया, इसलियेअ अबसलोम अम्नोन की हत्या करके भाग गया (२ शमुएल १३:२१-३४)। दाउद का सेनपति योआब जानता था कि दाउद अपने भगोड़े बेटे के लिये तरसता है, इसलिये उसने योजना बनाई और अबसलोम को वापस राज्य में ले आया। लेकिन दाउद और अबसलोम के संबंध कभी ठीक नहीं हो सके। अबसलोम के मन की कड़ुवाहट ने एक ऐसे संघर्ष को जन्म दिया जिसमें बाप-बेटा एक दूसरे के विरोधी हो गए और युद्ध में अबसलोम की मृत्यु हुई (२ शमुएल १८:१४)। राजा दाउद के लिये यह एक कटु विजय थी, जिसमें उसने अपने मरे हुए बेटे और उससे टूटे हुए संबंध के लिये विलाप किया। लेकिन कोई खेद या विलाप दाउद के दुख को कम नहीं कर सकता था। यदि समय रहते संबंध सुधार लिये होते तो यह उसे अब यह समय न देखना पड़ता।
दाउद के खेद से हम टूटे संबंधों को समय रहते ठीक करने के विष्य में सीख सकते हैं। बिगड़ी बात को बनाने का प्रयास कुछ समय के लिये कष्टदायी हो सकता है, लेकिन समय रहते कुछ न करने का खेद उससे कहीं अधिक दुखदायी और सारे जीवन सताने वाला होगा।
प्रभु यीशु ने सिखाया: "इसलिये यदि तू अपनी भेंट वेदी पर लाए, और वहां तू स्मरण करे, कि मेरे भाई के मन में मेरी ओर से कुछ विरोध है, तो अपनी भेंट वहीं वेदी के साम्हने छोड़ दे और जाकर पहिले अपने भाई से मेल मिलाप कर तब आकर अपनी भेंट चढ़ा।" (मत्ती ५:२३, २४)
जैसे परमेश्वर ने प्रभु यीशु मसीह में होकर हमारे पापों को क्षमा किया है, यदि प्रभु यीशु का प्रेम हमारे मनों में हो तो वह हमें भी सामर्थ देता है कि हम भी क्षमा कर सकें "सब में श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो, क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढ़ांप देता है।" ( १ पतरस ४:८) - बिल क्राउडर
तब राजा बहुत घबराया, और फाटक के ऊपर की अटारी पर रोता हुआ चढ़ने लगा और चलते चलते यों कहता गया, कि हाय मेरे बेटे अबसलोम ! मेरे बेटे, हाय ! मेरे बेटे अबसलोम ! भला होता कि मैं आप तेरी सन्ती मरता, हाय ! अबसलोम ! मेरे बेटे, मेरे बेटे !! - २ शमुएल १८:३३
बाइबल पाठ: २ शमुएल १८:३१-१९:४
तब कूशी भी आ गया, और कूशी कहने लगा, मेरे प्रभु राजा के लिये समाचार है। यहोवा ने आज न्याय करके तुझे उन सभों के हाथ से बचाया है जो तेरे विरुद्ध उठे थे।
राजा ने कूशी से पूछा, क्या वह जवान अर्थात अबसलोम कल्याण से है? कूशी ने कहा, मेरे प्रभु राजा के शत्रु, और जितने तेरी हानि के लिये उठे हैं, उनकी दशा उस जवान की सी हो।
तब राजा बहुत घबराया, और फाटक के ऊपर की अटारी पर रोता हुआ चढ़ने लगा? और चलते चलते यों कहता गया, कि हाय मेरे बेटे अबसलोम ! मेरे बेटे, हाय ! मेरे बेटे अबसलोम ! भला होता कि मैं आप तेरी सन्ती मरता, हाय ! अबसलोम ! मेरे बेटे, मेरे बेटे !!
तब योआब को यह समाचार मिला, कि राजा अबसलोम के लिये रो रहा है और विलाप कर रहा है।
इसलिये उस दिन की विजय सब लोगों की समझ में विलाप ही का कारण बन गयी, क्योंकि लोगों ने उस दिन सुना, कि राजा अपके बेटे के लिये खेदित है।
और उस दिन लोग ऐसा मुंह चुरा कर नगर में घुसे, जैसा लोग युद्ध से भाग आने से लज्जित होकर मुंह चुराते हैं।
और राजा मुंह ढांपे हुए चिल्ला चिल्ला कर पुकारता रहा, कि हाय मेरे बेटे अबसलोम ! हाय अबसलोम, मेरे बेटे, मेरे बेटे !
एक साल में बाइबल:
राज दाउद भी इसी प्रकार अपने बेटे अबसलोम से टूटे संबंधों के कारण खेदित हुआ। अबसलोम क्रोधित था कि उसकी बहिन तमार के बलात्कारी अमनोन को दाउद ने दंड नही दिया, इसलियेअ अबसलोम अम्नोन की हत्या करके भाग गया (२ शमुएल १३:२१-३४)। दाउद का सेनपति योआब जानता था कि दाउद अपने भगोड़े बेटे के लिये तरसता है, इसलिये उसने योजना बनाई और अबसलोम को वापस राज्य में ले आया। लेकिन दाउद और अबसलोम के संबंध कभी ठीक नहीं हो सके। अबसलोम के मन की कड़ुवाहट ने एक ऐसे संघर्ष को जन्म दिया जिसमें बाप-बेटा एक दूसरे के विरोधी हो गए और युद्ध में अबसलोम की मृत्यु हुई (२ शमुएल १८:१४)। राजा दाउद के लिये यह एक कटु विजय थी, जिसमें उसने अपने मरे हुए बेटे और उससे टूटे हुए संबंध के लिये विलाप किया। लेकिन कोई खेद या विलाप दाउद के दुख को कम नहीं कर सकता था। यदि समय रहते संबंध सुधार लिये होते तो यह उसे अब यह समय न देखना पड़ता।
दाउद के खेद से हम टूटे संबंधों को समय रहते ठीक करने के विष्य में सीख सकते हैं। बिगड़ी बात को बनाने का प्रयास कुछ समय के लिये कष्टदायी हो सकता है, लेकिन समय रहते कुछ न करने का खेद उससे कहीं अधिक दुखदायी और सारे जीवन सताने वाला होगा।
प्रभु यीशु ने सिखाया: "इसलिये यदि तू अपनी भेंट वेदी पर लाए, और वहां तू स्मरण करे, कि मेरे भाई के मन में मेरी ओर से कुछ विरोध है, तो अपनी भेंट वहीं वेदी के साम्हने छोड़ दे और जाकर पहिले अपने भाई से मेल मिलाप कर तब आकर अपनी भेंट चढ़ा।" (मत्ती ५:२३, २४)
जैसे परमेश्वर ने प्रभु यीशु मसीह में होकर हमारे पापों को क्षमा किया है, यदि प्रभु यीशु का प्रेम हमारे मनों में हो तो वह हमें भी सामर्थ देता है कि हम भी क्षमा कर सकें "सब में श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो, क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढ़ांप देता है।" ( १ पतरस ४:८) - बिल क्राउडर
टूटे संबंध ठीक किये जा सकते हैं, यदि प्रयास करने को तैयार हों तो।
तब राजा बहुत घबराया, और फाटक के ऊपर की अटारी पर रोता हुआ चढ़ने लगा और चलते चलते यों कहता गया, कि हाय मेरे बेटे अबसलोम ! मेरे बेटे, हाय ! मेरे बेटे अबसलोम ! भला होता कि मैं आप तेरी सन्ती मरता, हाय ! अबसलोम ! मेरे बेटे, मेरे बेटे !! - २ शमुएल १८:३३
बाइबल पाठ: २ शमुएल १८:३१-१९:४
तब कूशी भी आ गया, और कूशी कहने लगा, मेरे प्रभु राजा के लिये समाचार है। यहोवा ने आज न्याय करके तुझे उन सभों के हाथ से बचाया है जो तेरे विरुद्ध उठे थे।
राजा ने कूशी से पूछा, क्या वह जवान अर्थात अबसलोम कल्याण से है? कूशी ने कहा, मेरे प्रभु राजा के शत्रु, और जितने तेरी हानि के लिये उठे हैं, उनकी दशा उस जवान की सी हो।
तब राजा बहुत घबराया, और फाटक के ऊपर की अटारी पर रोता हुआ चढ़ने लगा? और चलते चलते यों कहता गया, कि हाय मेरे बेटे अबसलोम ! मेरे बेटे, हाय ! मेरे बेटे अबसलोम ! भला होता कि मैं आप तेरी सन्ती मरता, हाय ! अबसलोम ! मेरे बेटे, मेरे बेटे !!
तब योआब को यह समाचार मिला, कि राजा अबसलोम के लिये रो रहा है और विलाप कर रहा है।
इसलिये उस दिन की विजय सब लोगों की समझ में विलाप ही का कारण बन गयी, क्योंकि लोगों ने उस दिन सुना, कि राजा अपके बेटे के लिये खेदित है।
और उस दिन लोग ऐसा मुंह चुरा कर नगर में घुसे, जैसा लोग युद्ध से भाग आने से लज्जित होकर मुंह चुराते हैं।
और राजा मुंह ढांपे हुए चिल्ला चिल्ला कर पुकारता रहा, कि हाय मेरे बेटे अबसलोम ! हाय अबसलोम, मेरे बेटे, मेरे बेटे !
एक साल में बाइबल:
- यहेजेकेल २०, २१
- याकूब ५
very meaningful post. God bless you
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